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Sunday, December 12, 2010

काशी बम्ब ब्लास्ट




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काशी बम्ब ब्लास्ट सभी फोटोग्राफ्स द्वारा सोनू सिंह




काशी बम्ब ब्लास्ट photographs द्वारा सोनू सिंह

Thursday, November 11, 2010

आरएसएस : स्वयंसेवकों ने चेताया सरकार को






आरएसएस : स्वयंसेवकों ने चेताया सरकार को



वाराणसी, नगर प्रतिनिधि : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर धरना देकर केंद्र सरकार को चेताया है कि वह संघ को बदनाम करने की साजिश से बाज आए। वर्ना उसे जनता सबक सिखाएगी। देश के विभिन्न हिस्सों में बीते वर्षो में हुए बम धमाकों से जुड़ाव का अपने ऊपर लग रहे आरोपों के प्रतिकार में संघ ने धरने का देशव्यापी आयोजन किया था। पहली मर्तबा सार्वजनिक रूप से सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे संघ के इस आयोजन में जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में लोग जुटे। इसमें तमाम ऐसे चेहरे दिखे जिनकी तीसरी पीढ़ी भी उनके साथ थी। भाजपा, विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ता, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खासे सक्रिय रहे। दोपहर एक बजे शुरू धरना तीन बजे खत्म हुआ। इस मौके पर अखिल भारतीय विद्वत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. कामेश्वर उपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए वर्ग व जाति संघर्ष करा रही है। इंद्रेश कुमार संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य हैं और उनको घेरकर लंकारूपी सरकार अपने खात्मे को आमंत्रण दे रही है। प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संगठन मंत्री रामाशीष सिंह ने कहा कि संघ राष्ट्रवादी संगठन है। पिछले 85 वर्षो का इतिहास इसका साक्षी है। वर्ष 1948 से संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस की ओर से चलाए जा रहे षड़यंत्र को आगे बढ़ाते हुए ही राहुल गांधी ने संघ की तुलना सिमी से की है। संघ के प्रांत कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल ने कहा कि राष्ट्रवादी संगठनों तथा संत-महापुरुषों को योजनाबद्ध ढंग से निशाना बनाकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने का कुटिल प्रयास किया जा रहा है। विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रजनीश शुक्ल ने कहा कि कमजोर इच्छाशक्ति वाली यह सरकार अपने काले कारनामों से जनता का ध्यान हटाने के लिए हिंदू समाज व संघ को अपमानित कर रही है। उसके इस घृणित कार्य से जनता व्यथित है। धरना को सफल बनाने में भाजपा की महानगर व जिला इकाइयां अपने अध्यक्ष क्रमश: श्री रामगोपाल मोहले व रामप्रकाश दूबे के नेतृत्व में पूरी सक्रियता से जुटी रही। इसका असर भी दिखा कि सत्ता से बाहर आने के बाद पहली बार संख्या हजारों में रही। इससे पूर्व भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक कुमार कोहली के नेतृत्व में विभिन्न शाखाओं के स्वयंसेवक महमूरगंज से वाहनों पर सवार होकर जुलूस की शक्ल में जिला मुख्यालय पहुंचे। धरना समाप्ति पर वहां पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट एसके शुक्ल को संघ के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन दिया। संचालन अरूण श्रीवास्तव ने व धन्यवाद ज्ञापन प्रो.सत्येंद्र मिश्र ने किया। कार्यक्रम में महापौर कौशलेन्द्र सिंह के साथ ही विधायक श्यामदेव राय चौधरी, ज्योत्सना श्रीवास्तव, अशोक धवन व केदारनाथ सिंह के साथ ही तमाम भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। www.jagran.com

सड़कों पर उतरा आरएसएस
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली भगवा आतंकवाद के आरोपों की तपिश से विचलित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पहली बार देश भर में सड़कों पर उतरा। उसने केंद्र सरकार के खिलाफ दो-दो हाथ करने का एलान किया है। संघ नेतृत्व ने दो टूक कहा है कि संघ पर आतंकवाद का ठप्पा लगाकर उसे बदनाम करने व हिंदू समाज को तोड़ने की इस साजिश को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धरना-प्रदर्शनों में भाजपा समेत उसके तमाम आनुषंगिक संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया। पहले भगवा आतंकवाद शब्द और फिर संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार के खिलाफ अजमेर की आतंकी घटना में आरोप पत्र लाए जाने के बाद संघ को इस तरह की आक्रामक भूमिका में आने के लिए मजबूर कर दिया। उसने कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ सड़कों पर भी सीधे-सीधे कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ जंग की घोषणा कर दी। संघ के इतिहास में यह पहला मौका है जबकि संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर साधारण स्वयंसेवक तक एक साथ सड़क की लड़ाई में उतरा है। मोहन भागवत ने लखनऊ में साफ-साफ लफ्जों में कहा कि अब चुप रहना ठीक नहीं है। यह संकट सिर्फ संघ पर ही नहीं है। यह देश की एकता, शांति पर हमला है। हम इसका मुकाबला करेंगे, न्यायालय में लड़ेंगे, जनता के बीच जाएंगे। जो लोग कुचक्र रच रहे हैं, उन्हें इसका पूरा जवाब दिया जाए, ऐसी व्यवस्था संघ करेगा। भाजपा ने भी संघ की इस जंग का खुला समर्थन किया है।
साजिश का मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
वरिष्ठ संवाददाता, इलाहाबाद : भगवा आंतकवाद के आरोपों के विरोध में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बुधवार को प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट के सामने हुए प्रदर्शन में संघ व इसके आनुषंगिक संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। मुख्य वक्ता काशी प्रांत के प्रांत संपर्क प्रमुख प्रो. गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को बदनाम करने की हर साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। देश की जनता कांग्रेस के इस घृणित अभियान को बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से संतों व आरएसएस को लांछित करने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। मनगढ़ंत आरोपों में संघ के कार्यकर्ताओं को फंसाया जा रहा है। हाल ही में कुछ बम विस्फोटों में वरिष्ठ प्रचारक इन्द्रेश कुमार व अन्य कार्यकर्ताओं का नाम घसीटने की कवायद इसी कड़ी में शामिल है। केन्द्र में सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार देश के खिलाफ साजिश रचने वालों को समर्थन दे रही है। विहिप के प्रांत संगठन मंत्री मनोज श्रीवास्तव ने संघ को बदनाम करने की कांग्रेस की साजिश का पर्दाफाश करने का आह्वान किया। स्वामी मध्वाचार्य ने कहा कि महात्मा गांधी ने संघ के कार्यो को सराहा था। आज कांग्रेस के पदाधिकारी संघ को सिमी जैसा आंतकवादी संगठन बता रहे हैं। राष्ट्रद्रोही व राष्ट्रभक्त में अंतर कांग्रेस की समझ में नहीं आ रहा है। कार्यक्रम में धाराराम यादव, भारतीय मजदूर संघ के गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव, प्रांत संघ चालक, डॉ. विश्वनाथ लाल निगम, डॉ. आनंद शंकर सिंह, अरविन्द, पं. केशरी नाथ त्रिपाठी, डॉ. नरेन्द्र सिंह गौर, उदयभान करवरिया, लक्ष्मी शंकर ओझा, पवन श्रीवास्तव, उमेश द्विवेदी आदि उपस्थित रहे। संचालन जिला संपर्क प्रमुख सौरभ श्रीवास्तव ने किया। प्रदर्शन के बाद संघ की ओर से एसीएम चतुर्थ को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। www.jagran.com

बृहस्पतिवार, ११ नवम्बर २०१०खबरे समाचार पत्रों से जोधपुर प्रान्त की

बृहस्पतिवार, ११ नवम्बर २०१०खबरे समाचार पत्रों से जोधपुर प्रान्त की
पाली . केंद्र सरकार के कथित हिंदू दुष्प्रचार विरोधी अभियान की खिलाफत में पहली बार आरएसएस और संबंधित हिंदू संगठन सड़क पर उतरे और हिंदुत्व को चुनौती नहीं देने की चेतावनी दी। सूरजपोल पर सभा के बाद विशाल जनसमूह शहर के विभिन्न मार्गों से रैली निकालकर कलेक्ट्री पहुंचा और यहां एडीएम को राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र सौंपा। आरएसएस के देशव्यापी आह्वान के तहत बुधवार को शहर के सूरजपोल में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता आरएसएस के प्रांत संघचालक विजय कुमार ने केंद्र सरकार के हिंदू दुष्प्रचार अभियान की आलोचना करते हुए हिंदू की मर्यादा की परीक्षा नहीं लेने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने मर्यादा त्यागी थी तो रावण का नाश हो गया था।


केंद्र सरकार व उसके नेता आतंकवाद को हिंदुओं से जोडऩे का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। उन्हें पता नहीं कि देश के 85 करोड़ हिंंदू जब आतंकवादी बन गए तो कोई नेता नहीं बचेगा। आतंकवादी कौन है यह किसी बच्चे को भी पूछेंगे तो वह सीधा पाकिस्तान का नाम बताएगा। भारत की पहचान यहां का हिंदू धर्म,उसकी सहिष्णु संस्कृति है, जिसे देखने के लिए विदेशी आते हैं। देश में कहीं कोई घटना होती है तो किसी न किसी प्रकार से आरोपी को आरएसएस का कार्यकर्ता दर्शाया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि वोट बैंक के लिए हिंदू को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। हिंदू संत शंकराचार्य की दिवाली के दिन गिरफ्तारी, बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ दुष्प्रचार, कंधमाल के स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की जघन्य हत्या, संघ के वरिष्ठ अधिकारी इंद्रेश कुमार, भैय्या जोशी पर आरोप लगाना इसी षड्यंत्र का नतीजा है।


हिंदू दुष्प्रचार कांग्रेस का इतिहास


एडवोकेट संपतमल गांधी ने कहा कि आरएसएस व हिंदुओं का दुष्प्रचार करना कांग्रेस का इतिहास है। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री काल में बदनीयती से आरएसएस पर प्रतिबंध लगाए गए, किंतु अंत में इन्हें मुंह की खानी पड़ी और प्रतिबंध हटाना पड़ा। संघ और इसके कार्यकर्ता दुष्प्रचार के षड्यंत्र से बिल्कुल भयभीत नहीं है। संघ पहले भी ऐसी मुसीबतों का सामना कर चुका है।
मांग नहीं विरोध पत्र

सभा समाप्ति के पश्चात जनसमूह रैली में परिवर्तित हो गया। रैली में शामिल युवा बैनर, झंडियां व विभिन्न नारों की तख्तियां लिए हुए थे। रैली सूरजपोल, सोमनाथ मंदिर, सर्राफा बाजार, राणा प्रताप चौक, पुराना बस स्टैंड से बांगड़ स्कूल के सामने होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। मार्ग भर में कार्यकर्ता गगनभेदी उद्घोष लगाते हुए चल रहे थे। कलेक्ट्रेट पर परमेश्वर जोशी ने कहा कि सरकार से हमारी कोई मांग नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जो हिंदू दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है उसको लेकर हमारा विरोध है। परमेश्वर जोशी ने विरोध पत्र पढ़कर सुनाया। विजयकुमार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम अरूण पुरोहित को 23 बिंदुओं वाला विरोध पत्र राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के नाम सौंपा।

जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल


आरएसएस के विरोध प्रदर्शन में विधायक ज्ञानचंद पारख, केसाराम चौधरी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, संजना आगरी, पूर्व विधायक मदन राठौड़, पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे, सुरेंद्र गोयल, पूर्व सांसद पुष्प जैन, भाजपा महामंत्री महेंद्र बोहरा, राकेश भाटी, मूलसिंह भाटी सहित विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, शिव सेना व अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।


संविधान में भी राम

सभा में विजयकुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिंदुत्व को नीचा दिखाने के लिए कोई कसर नहीं रखी। केंद्रीय मंत्री ने तो भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। उन्हें पता नहीं कि भारत में सर्वोच्च माने जाने वाले संविधान में भी भगवान श्रीराम व राम दरबार का उल्लेख है। यहां तक कि कांग्रेस जिस गांधी शब्द को पकड़ कर चल रही है वो महात्मा गांधी भी राम भक्त थे। देश का दुर्भाग्य है कि हिंदू नेता हिंदू धर्म को अपमानित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।


भारत का मुसलमान राष्ट्रभक्त

विजयकुमार ने कहा कि भारत का मुसलमान राष्ट्रभक्त है किंतु तथाकथित संगठन राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए उन्हें देशद्रोही बना रहे हैं। अफजल गुरु को फांसी इसलिए नहीं दी जा रही है कि वह एक मुसलमान है और इससे मुसलमान नाराज हो जाएगा। हकीकत यह है कि देश के राष्ट्रभक्त मुसलमान से उसका कोई संबंध नहीं है।

जातिवाद से ऊपर उठो

ठेठ मारवाड़ी अंदाज में जनसभा को संबोधित करते हुए संत सूरजनदास महाराज ने जातिवाद से ऊपर उठकर संगठित होने का आह्वान किया। हिंदुओं को विखंडित करने के षड्यंत्र करने के प्रति सचेत होने की बात कही। संघ के डॉ. श्रीलाल, शंकर भासा, जिनेंद्र जैन, प्रेमंचद माथुर, एडवोकेट श्रवणकुमार गोयल, नेमीचंद ने हिंदु दुष्प्रचार की निंदा करते हुए संघर्ष के लिए तैयार रहने के लिए कहा। उन्होंने हिंदुत्व जागृति का आह्वान किया।

Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-961257-1535112.html?HT3=


पाली । हिन्दुओं की पहचान पर आघात हो रहा है। उन्हें आतंककारी बताया जा रहा है। हिन्दू किसी भी सूरत में आतंककारी नहीं हो सकता। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने व्यक्त किए। वे बुधवार को संघ के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी धरना-प्रदर्शन के तहत सूरजपोल पर आयोजित जनसभा व रैली में जिले भर से शामिल हुए हिन्दूवादी संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी कोने में आतंकी घटना होती है तो उसमें पाकिस्तान का हाथ होता है। यह समूची दुनिया जानती है। हिन्दू कभी सोता नहीं है। जब-जब हिन्दुओं पर आघात हुआ वह जाग गया। रामसेतु, अमरनाथ की जमीन व राम के अस्तित्व सहित कई मामलों में आन्दोलन के बलबूते हिन्दू हितों की रक्षा की है। संघ प्रचारक इन्द्रेश का आतंककारी घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है। संघ का संबंध तो आईएसआई तक से जोडा गया, जो बेबुनियाद आरोप है। जिला संघ चालक डॉ. श्रीलाल ने कहा कि प्रज्ञा साध्वी का तीन बार नारको टेस्ट हुआ। उसमें कुछ नहीं निकला। विदेशी समाचार पत्र व समाचार एजेंसियां तोड मरोडकर समाचार पेश कर रही हैं।

रामद्वारा के संत सुरजनदास महाराज ने कहा कि हिन्दू की अपेक्षा समुदाय व जाति के नाम पर काफी संख्या में लोग एकत्र हो जाते हैं। हिन्दुओं को जातियों में बांट दिया। इस कारण हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। संघ के बाली जिला संघ चालक प्रेमचंद माथुर ने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के कारण आज भारत आजाद होकर भी मानसिक रूप से पराधीन है।

शिक्षा पद्धति में भारत माता को भूमि का टुकडा बताया तो गौरवशाली इतिहास को हटा कर मनगढंत इतिहास रचा गया। श्रेष्ठ जीवन मूल्यों तक को हटा दिया गया। कार्यक्रम को एडवोकेट श्रवण कुमार गोयल, शंकर भासा, जिनेन्द्र जैन, गुलबागसिंह खेडा, संघ कार्यकर्ता सम्पतमल गांधी, गीता सत्संग भवन के शांतानंद ने भी सम्बोधित किया।

Source : http://www.rajasthanpatrika.com/news/Pali/11112010/pali/76844


जालोर . देश की मौजूदा सरकार ना केवल आतंवादियों को शरण देकर उनकी सेवा कर रही है, बल्कि वह राष्ट्रवादी संगठनों को षड्यंत्रपूर्वक ऐसी घटनाओं के साथ जोड़कर उन्हें बदनाम कर रही है, जिसे देश की जनता अब और अधिक सहन नहीं कर सकती।

यह बात बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से इन घटनाओं के विरोध में आयोजित धरना-प्रदर्शन के दौरान मुख्य वक्ता विद्या भारती के शारीरिक प्रमुख दुर्गसिंह राजपुरोहित ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है और यह बात सभी लोग जानते हैं। इसके बढ़ते प्रभाव से घबराकर अब कांग्रेस ऐसा कुत्सित प्रयास कर रही है जिससे कि संगठन के प्रचारकों को बदनाम किया जा सके। इस धरना प्रदर्शन में जिलेभर से संघ के स्वयंसेवक, विद्यार्थी परिषद, भाजपा, विहिप और दुर्गावाहिनी की कार्यकर्ता शामिल हुई। ये सभी शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना स्थल पर पहुंचे। धरना के बाद एडीएम को राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र सौंपा गया। इससे पहले जिला प्रचार प्रमुख सुरेंद्र नाग ने विरोध पत्र का वाचन किया। दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुए प्रदर्शन के दौरान कलेक्टे्रट परिसर के बाहर मुख्य मार्ग पर काफी संख्या में स्वयंसेवक व कार्यकर्ता इक_ा हो गए। इस दौरान देशभक्ति गीतों व नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व जिला कार्यवाह मोहन परमार ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस राष्ट्रवाद को खत्म कर देना चाहती है उससे लगता है कि इस पार्टी को अपने परिवारवाद की समाप्ति का अहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंंद्र में बैठे मंत्री लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री उन्हें ऐसा करने से रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह देश के अपराधियों अफजल और कसाब को भी फांसी दिलाने से कतरा रहे हैं। इससे कांग्रेस को अपने वोट बैंक खिसकने का डर लगा रहता है। सह विभाग कार्यवाह खीमाराम ने कहा कि संघ और सीमी की तुलना करने वाले राहुल गांधी संघ के बारे में अल्प ज्ञान भी नहीं रखते हैं तो फिर बिना संघ को जाने वे कैसे इस प्रकार के आरोप लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार एटीएस का दुरूपयोग कर संघ को बदनाम कर रही हैं। संघ के जिन प्रचारक इंद्रेश कुमार पर आतंकवाद के आरोप लगाए गए हैं वे पिछले कई सालों से मुस्लिम लोगों के बीच रहकर राष्ट्रवाद का प्रचार कर रहे हैं। जिला संघ चालक श्रवण कुमार मोदी ने कहा कि संघ हमेशा अनुशासन, शांति और संस्कारों के लिए जाना जाता रहा है। देश पर कोई भी संकट आया हो संघ ने हमेशा उसका सामना करने में पूरा सहयोग किया है जिसे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी मानकर गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि संघ का प्रत्येक स्वयंसेवक देशभक्ति की भावना रखता है। धरना प्रदर्शन को सह जिला संघ चालक कैलाश अग्रवाल ने भी संबोधित किया।


कविता ने भरा जोश

धरना-प्रदर्शन के दौरान एक नन्हे से बालक सचिन की काश्मीर पर कविता ने सभी में जोश भर दिया। इस बालक ने कविता के माध्यम से काश्मीर के मौजूदा हालातों से लेकर राजनेताओं की भूमिका के बारे में बताया। इसी प्रकार संघ के छगनलाल ने देश भक्ति गीत की प्रस्तुति दी। आदर्श विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अजय गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन किया।

छाया रहा भ्रष्टाचार और परिवारवाद का मुद्दा



धरना प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार के मंत्रियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और कांग्रेस में परिवारवाद की भी जमकर आलोचना की। वक्ताओं ने कहा कि इस सरकार के मंत्री एक के बाद एक लगातार बड़े बड़े घोटाले कर रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस के नेता केवल एक परिवार को बढ़ावा दे रहे हैं और जिस प्रकार से संघ राष्ट्रवाद की बात करता है उससे कांग्रेस को परिवारवाद की समाप्ति का डर लग रहा है।


भाजपा भी हुई शामिल


धरना प्रदर्शन में भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हुए। कई बड़े नेताओं के नेतृत्व में ये कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंचे। भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग, आहोर के पूर्व विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह देवल, भाजपा जिलाध्यक्ष अमीचंद जैन, चिरंजीलाल दवे, पूर्व जिलाध्यक्ष भभूतराम सोलंकी, भाजपा महामंत्री रविंद्रसिंह बालावत, पालिका में नेता प्रतिपक्ष मंजू सोलंकी, नगर अध्यक्ष ओटाराम सोलंकी समेत मदन सोलंकी, सुरेंद्र जांगिड़, सूरजमल सुथार, भंवर प्रजापत, धुकाराम गहलोत, कैलाश वैष्णव, सुरेश सुंदेशा, प्रकाश राव, अशोक गुर्जर, एबीवीपी के गजेंद्रसिंह सिसोदिया, संजय राठौड़, मुकेश राजपुरोहित, महिपालसिंह मंडलावत, प्रवीणसिंह राजपुरोहित, अशोक चौधरी, अमन मेहता व श्रवणसिंह राठौड़ समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे.

Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-960062-1536035.html


नागौर अजमेर बम काण्ड में आरएसएस का नाम जोडऩे से खफा राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने बुधवार को यहां जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना देकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। बाद में संघ पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम का एक ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। इस धरने में जिलेभर के स्वयंसेवकों ने भाग लिया। धरना दोपहर से लेकर शाम तक जारी रहा।

इस अवसर पर धरनार्थियों को सम्बोधित करते हुए आरएसएस के बीकानेर विभाग के प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि संघ अपनी नित्य प्रति लगने वाली शाखाओं के माध्यम में आमजन में एक ही भाव जगाता है कि धरती हमारी माता है। हम इसके पुत्र है जिसका ऋण चुकाना असंभव है। संघ की तुलना किसी भी अन्य संगठन व राजैनतिक दलों से नहीं की जा सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय समय पर देश की कांग्रेसी सरकारों ने संघ के बढ़ते प्रभाव से घबराकर कभी संघ को राष्ट्र विरोधी बताकर तो कभी इसकी तुलना सिमी एवं अन्य आतंकी संगठनों से करके इसके खिलाफ दुष्प्रचार किया है मगर हिन्दू समाज ने सदैव संघ पर लगने वाले आरोपों को नकारा है। निम्बाराम ने स्पष्ट किया कि संघ की शाखाओं में आतंकी नहीं बल्कि राष्ट भक्त पैदा किए जाते हैं। संघ कभी भी स्वयंसेवकों को तोड़-फोड़ की शिक्षा नहीं देता है बल्कि वह लोगों को राष्ट्र से पे्रेम करने की शिक्षा देता है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संघ की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर राजनेताओं द्वारा मुसलमानों को भय दिखाकर वोट बटोरने के लिए संघ पर आए दिन तरह तरह के आरोप लगाए जाते रहे हैं। अजमेर बम काण्ड में आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इन्द्रेश कुमार का नाम घसीटा जा रहा है। उनकी राष्ट्रवादी मुस्लिम समाज में बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर कांग्रेस मीडिया के माध्यम से इन्हें बम कांड में घसीटा जा रहा है। निम्बाराम ने बताया कि पहले गांधी की हत्या के बाद नेहरू जी ने संघ पर प्रतिबंध लगाया मगर बाद में सच्चाई ज्ञात होने पर उन्होंने 1963 में संघ को दिल्ली की परेड़ में संघ के स्वयंसवेकों को पूर्ण गणवेश के साथ आमंत्रित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भगवा आतंकवाद कोई शब्द नहीं है सिर्फ हिन्दूओं को बदनाम करने की साजिश मात्र है। इस मौके पर संघ के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य वासुदेव प्रजापत ने कहा कि भारत कहीं विश्व गुरु नहीं बन जाए इस कारण लोग हिन्दू समाज को बांटना चाहते हैं। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे इस दुष्प्रचार का विरोध करें और आमजन को सचेत करें। कार्यक्रम में संत जानकीदास ने कहा कि संतों ने सदैव त्याग, प्रेम और बलिदान का पाठ पढ़ाया है। संत दादूदयाल व कबीर ने मुस्लिम व हिन्दू समाज में एकता के लिए सहिष्णुता दिखाई लेकिन राजनेता कभी श्ंाकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को गिरफ्तार करते हैं तो कभी बाबा रामदेव पर उनकी दवाओं में मानव खोपड़ी का चूरा मिलाने का आरोप लगाकर बदनाम करते हैं। कार्यक्रम में संघ के बीकानेर विभाग संघ संचालक श्रीगोपाल जोशी, विद्या भारती की बालिका शिक्षा राष्ट्रीय सह संयोजिका प्रमिला शर्मा, नारायण प्रसाद टाक ने भी विचार रखेें। जिला संघ चालक श्यामसुंदर रांदड ने सभी का आभार व्यक्त किया।

ये थे उपस्थित

कार्यक्रम में पूर्व सासंद भंवरसिंह डांगावास, जिला प्रमुख बिन्दू चौधरी, नागौर विधायक हबीबुरर्हमान, परबतसर विधायक मानसिंह किनसिरया, मेड़ता विधायक सुखाराम नेतडिय़ा, मकराना के पूर्व प्रधान श्रीराम भींचर, पूर्व विधायक हरीश कुमावत, डेगाना विधायक अजयसिह किलक, पालिकाध्यक्ष बिरदीचंद सांखला, मेड़ता पालिकाध्यक्ष अनिल थानवी, भाविप के शाखाध्यक्ष शिखरचंद सुराणा, अशोक चौधरी, मोहनराम चौधरी, रामाकिशन खींचड़, रूद्रकुमार शर्मा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के जहांगीर खान, इकबाल चौहान, नूर मोहम्मद गौरी, असलम सांई सहित अनेक लोग मौजूद थे।


हिन्दू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता


आरएसएस की ओर से यहां जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष दिए गए धरने में अधिकांश वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि हिन्दू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता और जो आतंकवादी है वह कभी हिन्दू नहीं हो सकता। वक्ताओं ने कहा कि हिन्दू धर्म तो वसुधैव कुटुम्बकम् की शिक्षा देता है। हिन्दू सहिष्णु है। चीटियों को दाना डालने वाला, सांपों को दूध पिलाने वाला हिन्दू समाज कभी भी कत्लेआम नहीं करता है। यह तो जीव मात्र की हत्या का विरोधी है जबकि आतंकवादी तो मासूम बच्चों तक की हत्याएं कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस आरएसएस के बढ़ते प्रभाव से घबराकर हिन्दुत्व को आतंकी घोषित करने में तुली हुई है जो गलत है।

Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-961054-1535272.html?HT3=


जोधपुर. भगवा आतंकवाद के नाम पर राजनीतिक दुष्प्रचार के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के देशव्यापी आह्वान के तहत बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया गया।

इसमें संघ व भाजपा की विचारधारा से जुड़े संगठनों सहित विभिन्न सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। संघ के स्वयंसेवकों सहित सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता डेढ़ बजे से ही धरनास्थल पर एकत्रित होना शुरू हो गए थे। दोपहर दो बजे से शुरू हुआ धरना शाम चार बजे शांति पाठ के साथ संपन्न हुआ। इससे पहले संघ के विभाग संघ चालक डॉ. शांतिलाल चौपड़ा की अगुवाई में नौ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन से मिला और उन्हें राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र (ज्ञापन) सौंपा।


विरोध पत्र देने वालों में महानगर संघ चालक कांतिलाल ठाकुर, जिला संघ चालक श्रीकृष्ण गहलोत,विहिप के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष भवानीलाल माथुर, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष घनश्याम ओझा, पूर्व महाधिवक्ता एनएम लोढ़ा, क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख नंदलाल व प्रांत प्रचार प्रमुख महेंद्र दवे शामिल थे। धरने का संचालन किशन गोपाल जोशी ने किया। धरनास्थल पर महानगर कार्यवाह शंभुसिंह, महानगर संपर्क प्रमुख पारसमल जैन, संस्कार भारती के ललितेश शर्मा व विद्या भारती के रमेशचंद्र शर्मा ने गीत प्रस्तुत किए।

जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी: धरनास्थल पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आरएसएस के प्रांत प्रचारक प्रमुख नंदलाल जोशी ने कहा कि हिंदू को आतंकवाद से जोड़ने की राजनीति करने वालों को देश की जनता ही सबक सिखाएगी। देश में अब हिंदू और मुस्लिम में अलगाव पैदा कर वोट की राजनीति करने वाले दलों की ज्यादा नहीं चलेगी। वोटों की राजनीति के चलते संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। भले ही किसी का इस संगठन से वैचारिक मतभेद हो, देश और समाज के लिए संघ द्वारा अब तक निभाई गई भूमिका को कोई भी नकार नहीं सकता।

भारतीय संस्कृति की गूंज पूरे विश्व में हैं, विश्व बंधुत्व का मंत्र केवल हिंदू ही दे सकता है। ऐसे में भला हिंदू आतंकवादी कैसे हो सकता है। प्रारंभ में प्रांत प्रचार प्रमुख महेंद्र दवे ने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकार सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक टूटने की आशंका से संघ व उसके कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है।


महानगर संघ चालक कांतिलाल ठाकुर ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार एटीएस को हथियार के रूप में काम लेकर संघ को बदनाम करने में लगी है, लेकिन संघ की पद्धति व कार्यशैली को देश का हर व्यक्ति जानता है। इसके लिए हमें सफाई देने की आवश्यकता नहीं है। वीएचपी के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष भवानीलाल माथुर ने भी संबोधित किया। संबोधन के बीच में संघ कार्यकर्ता ललितेश बोहरा व रमेशजी ने देशभक्ति गीत सुनाए।

इनकी भी रही भागीदारी: इतिहास में पहली बार इस तरह के विरोध प्रदर्शन में एबीवीपी, वीएचपी, बीएमएस, भकिस, शिक्षक संघ (राष्ट्रीय), स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, विद्या भारती, भाजपा, भारत विकास परिषद, प्रज्ञा प्रवाह, अधिवक्ता परिषद, संस्कार भारती, भारतीय सिंधु सभा, सिख संगत समेत कई संगठन शामिल हुए।

Source:http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JOD-rss-umre-to-lay-workers-1537220.html


हिन्दुत्व पर चोट बर्दाश्त नहीं


बाड़मेर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आह्वान पर बुधवार को हजारों स्वयंसेवकों ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और आर एस एस की आतंकवादी संगठनों से तुलना करने पर केन्द्र सरकार व कांग्रेस की जमकर निंदा की गई। वक्ताओं ने चेतावनी दी की कि आर एस एस व हिन्दुत्व पर चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलक्ट्रेट के बाहर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर के जिला संघ चालक पुखराज गुप्ता ने कहा कि अगर आर एस एस को साम्प्रदायिक कहते हैं तो आज छत्तीस कौम की उपस्थिति ने इस बात को निराधार साबित किया है। संघ पचासी वर्षाें से सामाजिक एकता व राष्ट्रसेवा में सक्रिय है।


सामाजिक ताने-बाने एवं लोकतंत्र के शत्रुओं के विरूद्ध सक्रिय एवं खुले अभियान में रत रहने वाला यही एकमात्र गैर-सरकारी संगठन है। गुप्ता ने कहा कि संघ नब्बे करोड़ लोगों का परिवार है, जहां सभी धर्माें का आदर सत्कार होता है। आज उस संघ को गाली दी जा रही है, जिसने भारत के अभिन्न अंग कश्मीर को पाकिस्तानी चंगुल से छुड़ाने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। कार्यक्रम में प्रदेश मजदूर संघ के उपाध्यक्ष दाऊलाल गौड़ ने कहा कि अजमेर स्थित ख्वाजा साहब मस्जिद विस्फोट में जिस व्यक्ति का नाम लिया जा रहा है, उसी के लिए वहां इमाम ने खुदा को जाहिर नाजिर मानते हुए कहा था कि अगर आज मुसलमान का कोई हितैषी है तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है।

विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री विक्रान्त खण्डेलवाल ने कहा कि समझौतों पर समझौते कर देश के कई टुकड़े कर दिए गए और वही षड़यंत्र आर एस एस के साथ किया जा रहा है। ये षड़यंत्रकारी आज कश्मीर को देश से अलग कराने की साजिश कर रहे हैं। स्वामी प्रतापपुरी महाराज ने कहा कि आर एस एस वह संगठन है, जो राष्ट्र को समर्पित है। ऎसे संगठन को आतंकवाद से जोड़ना व इन्द्रेशकुमार जैसे समर्पित कार्यकर्ता को आतंकवादी गतिविधि से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। सभा को प्रान्त शारीरिक प्रमुख जोधपुर शहर गंगाविष्णु विश्नोई, जिला अध्यक्ष आदर्श शिक्षण समिति रिखबदास बोथरा, जिला प्रचारक श्यामसिंह, जिला संघ चालक बालोतरा सुरंगीलाल, विभाग संघ प्रचारक राजाराम ने भी सम्बोधित किया। विभाग संघ संचालक दुर्गेश सोनी ने आभार जताया। मंच संचालन पूनमचंद पालीवाल ने किया। सभा के बाद प्रतिनिधिमण्डल जिला कलक्टर से मिला, जिसने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।

Source : http://patrika.com/news.aspx?id=473558


बीकानेर। हिन्दू को आतंकवाद से जोड़ने के षड्यंत्र एवं दुष्प्रचार की राजनीति का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मंगलवार को कलक्ट्रेट कार्यालय के आगे धरना दिया। बाद में विरोध प्रदर्शन करते हुए एक शिष्टमण्डल ने कलक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। धरने में संघ से जुड़े पदाधिकारियों, स्वयंसेवकों, भाजपा तथा अन्य संगठनों ने भी हिस्सा लिया। उनकी टोलियां भारत माता की जय के नारे लगाती हुई विभिन्न मार्गो से होते हुए दोपहर करीब एक बजे धरना स्थल पर पहुंची। संघ के पदाधिकारी हिन्दू आस्था केन्द्रों और राष्ट्रवादी संगठनों को अपमानित एवं प्रताडित करने का आरोप लगाते हुए केन्द्र सरकार पर जमकर बरसे।

धरनार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रज्ञा प्रवाह के राजस्थान सह संयोजक गंगा विशन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देश चिंतन व देश सेवा में लगा हुआ है। यह विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। इसकी तुलना सिमी जैसे आतंकवादी संगठन से करना शर्मनाक है। महानगर संघचालक नरोत्तम व्यास ने कांग्रेस सरकार पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार पंजाब में आतंकवादियों का खात्मा किया गया था उसी तर्ज पर कश्मीर व अन्य स्थानों पर छुपे बैठे आतंकवादियों को मार गिराने की आवश्यकता है।

राजनीति से दूर धरना

धरने में भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। लेकिन उन्होंने उद्बोधन नहीं दिया। संघ से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि धरने को राजनीति से दूर रखा गया था। धरने में कोलायत विधायक देवी सिंह भाटी, खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, विधायक सिद्धि कुमारी व डॉ. गोपाल जोशी, शहर भाजपा अध्यक्ष शशि शर्मा, भाजपा के युधिष्ठर सिंह भाटी, मोहन सुराणा, विजय उपाध्याय सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित हुए।

Source : http://www.rajasthanpatrika.com/news/Bikaner/11112010/bikaner-news/76494


श्रीगंगानगर। भगवा आतंकवाद के राजनीतिक दुष्प्रचार से आहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बुधवार को गांधी चौक पर धरना देकर विरोध जताया। भाजपा सहित कई संगठनों का समर्थन होने से संघ इस आयोजन को शक्ति प्रदर्शन का रूप देने में सफल रहा। धरनास्थल पर सभा को संघ व भाजपा नेताओं ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि केन्द्र व राज्य सरकार राजनीतिक द्वेष भावना से राष्ट्रवादी संगठन की तुलना सिम्मी जैसे आतंककारी संगठन से कर रही है। संघ के नेता इन्द्रेश कुमार का नाम एक साजिश के तहत अजमेर दरगाह में बम विस्फोट की घटना के साथ जोड़ा गया है। लगभग दो घंटे तक चली सभा में वक्ताओं ने केन्द्र व राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ओछी हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी।

धरना समाप्त कर सभी लोग कलक्ट्रेट पहुंचे और वहां नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। बाद में संघ का शिष्टमंडल प्रो. कैलाश भसीन, गौरी शंकर गुप्ता व अमरचंद बोरड़ के नेतृत्व में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) से मिला और उन्हें राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन व विरोध पत्र सौंपा।

जिले भर से आए कार्यकर्ता

धरने में शामिल होने के लिए संघ व भाजपा के कार्यकर्ता जिले भर से आए। बड़ी संख्या में महिलाएं भी धरने पर बैठी। भाजपा व इसके प्रकोष्ठों के अलावा भारतीय मजदूर संघ, बजरंग दल, भारतीय किसान संघ, विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दुर्गा वाहिनी, सेवा भारती, वनवासी कल्याण परिषद व विद्या भारती सहित कई संगठनों का धरने को समर्थन था।
ये भी शामिल

संघ के धरने में विधायक राधेश्याम गंगानगर, पूर्व मंत्री कुंदनलाल मिगलानी, रायसिंहनगर पंचायत समिति प्रधान लालचंद, श्रीगंगानगर पंचायत समिति प्रधान बबलदीप कौर, सादुलशहर पंचायत समिति प्रधान मनदीप बराड़, पदमपुर नगर पालिका अध्यक्ष बहादरचंद नारंग, जिला परिषद सदस्य डॉ. बृजमोहन सहारण, महेश बुडानिया, विजेन्द्र पूनियां, भाजपा नेता रमेश राजपाल, हंसराज पूनिया, राजकुमार सोनी, दीप मेहता व रमजान अली चोपदार शामिल थे


हनुमानगढ़। आरएसएस व उसके संगठनों विश्व हिन्दू परिष्ाद, बजरंग दल व भाजपा कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार की कथित हिन्दू विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत बुधवार को कलेक्टरी के समक्ष धरना लगाया। इसमें जिले के संघ स्वयंसेवक और सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। धरना स्थल पर सभा में वक्ताओं एक स्वर में केन्द्र सरकार के नेताओं के हिन्दू व भगवा आतंकवाद जैसे बयानों की आलोचना की। इसे हिन्दू संस्कृति पर हमला बताते हुए प्रतिवाद किया गया।


संघ स्वयंसेवक सुबह ग्यारह बजे कलेक्टरी के समक्ष एकत्र होने लगे। दोपहर एक बजे बड़ी संख्या में स्वयंसेवक व कार्यकर्ता एकत्र हुए। इसके बाद धरना स्थल पर सभा शुरू हुई। इसमें संघ के विभाग प्रचारक विजयानंद, विभाग सह संघ चालक आत्माराम अग्रवाल, जिला संघ चालक मोमनचंद मित्तल, जिला सम्पर्क प्रमुख मनोज शर्मा, जिला शारीरिक प्रमुख रामस्वरूप व अन्य ने सम्बोघित किया। वक्ताओं ने कहा कि भारत को दुनिया ने विश्व गुरू माना है। यहां धर्म की हानि होने पर अवतार हुए हैं। सत्तासीन शासकों को ऋषि-महर्षियों का मार्गदर्शन मिला है लेकिन कांग्रेस शासन में संतों-राष्ट्रभक्तों पर अत्याचार हो रहे हैं। वक्ताओं का आरोप था कि कांग्रेस तुष्टिकरण की नीति के कारण संत-महात्माओं पर दोषारोपण कर रही है। उन्हें झूठे मामलों में फंसा कर अपमानित किया जा रहा है। जगद्गुरू शंकराचार्य व साध्वी प्रज्ञासिंह को जेल में डाला गया।

योग गुरू बाबा रामदेव पर आरोप लगाए जा रहे हैं। आसाराम बापू की जांच करवाई जा रही है। इसी कड़ी में राष्ट्र व संस्कृति के उत्थान में जुटे संघ प्रचारकों व स्वयंसेवकों पर आरोप लगा कर मामले बनाने का प्रयास हो रहा है। राष्ट्रवादी संगठन की तुलना आतंकवादी संगठन सिमी से की जा रही है। वर्ग विशेष को प्रसन्न करने के लिए न्यायालय के आदेश के बावजूद मंदिर निर्माण में बाधाएं खड़ी करने का प्रयास हो रहा है। संसद पर हमला करने वालों को फांसी टाली जा रही है। तुष्टिकरण के लिए पोटा कानून खत्म किया गया। गो हत्या व तस्करी रोकने के लिए बने कानून को हटा दिया गया। संघ ने देश में आपत्ति के दौरान बढ़-चढ़ कर कार्य किया।

धरने में संघ के प्रतिनिघि, पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप, विधायक अभिषेक मटोरिया, पूर्व विधायक डॉ. सुरेश चौधरी, विहिप जिलाध्यक्ष आशाराम शर्मा, भामसं जिलाध्यक्ष हरदेव जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष काशीराम गोदारा, भाजयुमो जिलाध्यक्ष विकास गुप्ता, भाजपा नेता जसपालसिंह, नगर परिषद के उप सभापति कालूराम शर्मा, डॉ. भारतभूषण शर्मा सहित साधु-संत भी शामिल हुए।

अनुशासन का परिचय

धरने में जिले के स्वयंसेवक व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। इसके बावजूद पूरा आंदोलन व्यवस्थित व अनुशासित रहा। कार्यक्रम की व्यवस्था को गणवेशधारी कार्यकर्ताओं ने संभाला। वाहनों को शिवमंदिर सिनेमा के पास रोका गया। लगभग तीन घंटा चले कार्यक्रम में पुलिस को हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ा।

देशभक्ति के नारे


धरना स्थल पर कार्यकर्ताओं ने ओजस्वी नारों से वातावरण को देशभक्तिमय बना दिया। उन्होंने 'संतों का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दूस्तान' जैसे नारे लगाए।

ज्ञापन का मसौदा


राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र सरकार हित साधने के लिए हिन्दू धर्माचार्यो, धर्मस्थलों, आस्था केन्द्रों व राष्ट्रवादी संगठनों का अपमान कर रही है। वोट की राजनीति के चलते आतंकवादियों को राहत के लिए कड़े कानून खत्म किए जा रहे हैं व सेना के अघिकारों में कटौती हो रही है। ज्ञापन के अनुसार टेलीफोन डायरी में मिले नंबरों के आधार पर राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

Source : http://www.rajasthanpatrika.com/news/Hanumangarh/11112010/hanumangarh-/76692


सिरोही। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आतंकवादी का कार्य सिर्फ आतंक फैलाना होता है। आज विश्व का कोई भी ऐसा देश अछूता नहीं है जो आंतकवादी गतिविधियों का हिस्सा न बना हो। यह कहना है राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक एवं सीमा जन कल्याण समिति के प्रांत प्रभारी नीमसिंह का। वे मंगलवार को आदर्श विद्या मंदिर सभागार में राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के देशव्यापी धरने प्रदर्शन कार्यक्रम को लेकर पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्टÑीय स्वयं सेवक का कार्य लोगों को जोड़ने का रहा है। संघ कभी आंतक का हिमायती नहीं रहा है। लेकिन, देश की कांग्रेस सरकार 1948 से महात्मा गांधी की हत्या से लेकर अब तक कई बार संघ को बदनाम करने की साजिशे रच चुकी है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह सर्वविदित है कि महात्मा गांधी की हत्या में न्यायालय ने राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ की भूमिका को सिरे से नकार कर उन्हें इस दोष से मुक्त किया। किन्तु, न्यायालय के निर्णय के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी समय-समय पर संघ पर इस तरह के लांछन लगाती रही है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में केन्द्रीय गृहमंत्री के हिन्दु आतंकवाद व भगवा आतंकवाद के बयान से देश में आतंकवाद की धर्म एवं जाति के आधार पर परिभाषित कर मुस्लिम वोटों की तुष्टिकरण करने का खेल खेला जा रहा है। अभी हाल में ही कांग्रेस पार्टी के राष्टÑीय महासचिव राहुल गांधी द्वारा राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ की तुलना सिमी से किए जाने पर देशभर का बहुसंख्यक हिन्दु समाज आहत हुआ है। सिमी को कांग्रेस पार्टी की ही केन्द्रीय सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने पर प्रतिबंधित किया हुआ है।


यदि आरएसएस की तुलना सिमी से राहुल गांधी करते है तो केन्द्र सरकार राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ को प्रतिबंधित क्यों नहीं करती? उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी राष्टÑद्रोह गतिविधियों में लिप्त रहने वाले जम्मू-कश्मीर के गिलानी एवं समाज सेवी अरूधंती रॉय के खिलाफ कड़ी कार्यवाही न कर उनकी सभाओं को संरक्षित करने का कार्य करती है। जबकि वे लोग खुलेआम सभाओं में अपने उद्बोधन के दौरान जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय होना मानते ही नहीं है। उन्होंने अभी हाल में ही अजमेर बम काण्ड में राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ की भूमिका को लेकर संघ के प्रचारक देवेन्द्र कुमार गुप्ता को अभियुक्त बनाया है तथा संघ के केन्द्रीय समिति के सदस्य इन्द्रेश कुमार का नाम भी इसमें जोड़ा है। हालांकि, यह अभी तक सिद्ध नहीं हुआ।
संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने देवेन्द्र कुमार गुप्ता को संघ की समस्त जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है तथा जांच एजेंसियों को हरसंभवसहयोग देने का आश्वासन दिया है। किन्तु, कांग्रेस पार्टी के इशारे पर बार-बार संघ का नाम इन गतिविधियों में लिप्त कर संघ को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, जिसे राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि धरने के बाद जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्टÑपति को विरोध पत्र भेजा जाएगा।
सिरोही जिले में जिला मुख्यालय पर स्थानीय रामझरोखा मैदान में दोपहर एक बजे करीब दस हजार से अधिक संघ के कार्यकर्त्ता, संघ से जुडेÞ हुए संगठन एवं संघ की विचारधारा रखने वाले लोग इसमें भाग लेंगे। इस अवसर पर राजस्थान प्रांत के सहसम्पर्क प्रमुख प्रकाशचन्द्र गुप्ता मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करेंगे। साथ में रविधाम के संत सत्यानन्द महाराज एवं स्थानीय संत तीर्थगीरी महाराज भी उपस्थित रहेंगे।

Source: http://dainiknavajyoti.com/hindi/news_details.php?newsid=25570


सिरोही । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाघिकारी इंद्रेशकुमार को अजमेर ब्लास्ट मामले में घसीटने, संघ को भगवा आतंकवाद की संज्ञा व सिमी के समान मानकर बदनाम करने के कथित षडयंत्र के विरोध में बुधवार को आरएसएस व समर्थित संगठनों ने धरना-प्रदर्शन किया। रामझरोखा मैदान में आयोजित सभा में जिलेभर से लोग उमडे।

हालांकि, सभा के आयोजन को लेकर संघ को कई संगठनों ने मंगलवार को ही समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। उसमें व्यापार संगठन भी शामिल रहा। इसके बावजूद सवेरे संघ के कार्यकर्ताओं ने भोंपू प्रचार व दुपहिया वाहनों की रैली निकालकर प्रतिष्ठान बंद करवाए। इस दौरान सुरक्षा के तौर पर पुलिस जाब्ता तैनात किया गया।

केंद्र पर कुर्सी पसंद होने का आरोप

रामझरोखा मैदान में सभा को सम्बोघित करते हुए संघ के राजस्थान सह प्रमुख चन्द्रप्रकाश गुप्ता ने आरोप लगाया कि केन्द्र में कुछ लोगों को कुर्सी पसंद है, देश नहीं। भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों का उपयोग कर संघ के लोगों को बदनाम किया जा रहा है। ऎसे लोगों को देश की युवा शक्ति सबक सिखाएगी। रविधाम के सत्यानंद महाराज ने कहा कि देश सम्प्रदाय निरपेक्ष हो सकता है, धर्मनिरपेक्ष नहीं। जहां धर्म नहीं है वह देश नहीं कहलाता। प्रचारक निंबसिंह ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की नीति अपनाकर आतंककारियोें को बचाने का आरोप लगाया। इसे देश के साथ धोखाधडी करार दिया। लहरभारती महाराज, तीर्थगिरी महाराज व संघ के जितेन्द्र रावल समेत कइयों ने सम्बोघित किया।

निकाली रैली

संबोधन कार्यक्रम के बाद राजमाता धर्मशाला से रैली निकाली गई। जो पुन: रामझरोखा मैदान में विसर्जित हुई। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। एसडीएम प्रहलादसहाय नागा, डीएसपी केसरीचंद जांदू, कोतवाल लाभूराम विश्नोई, बरलूट एसएचओ देवीचंद ढाका, पिण्डवाडा थानाघिकारी देवाराम चौधरी व शिवगंज थानाघिकारी अचलसिंह देवडा आदि तैनात रहे। बाद में एक प्रतिनिघि मंडल ने अतिरिक्त जिला कलक्टर महिपालसिंह उ"ावल को राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र सौंपा।

Source : http://www.rajasthanpatrika.com/news/Sirohi/11112010/sirohi/76839



Posted by Vishwa Samvad Kendra Jodhpur at १०:२१ पूर्वाह्न 0 comments

Saturday, October 9, 2010

देश को तो राम ही चला रहा है

देश को तो राम ही चला रहा है
देश को तो राम ही चला रहा है . यह हकीकत ही है वरना न जाने क्या हो इस देश के साथ किसी को खबर भी नहीं लगे.
जिस किसी को देखो तो अपना ही राग अलाप रहा है जैसे की वो खुद ही सबसे बड़ा समजदार जानकर है भारत की इस पुण्यभूमि पर. देश का क, ख, ग ... की जानकारी है नहीं और दिखावा ऐसा की बस पूछो मत . खुली बहस का निमंत्रण दे दिया हो तो मुह की खानी पड़ेगी इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाइये.

किसकी तुलना किससे और कैसे की जाये इसकी क्लास तो पहले हो जाती तो किरकिरी तो नहीं होती बाबा की.

मीडिया कैसे कार्य करता किसी से छुपा नहीं है , वो दिखलाओ जो हकीकत है नहीं दिखलाओ वो जिसे हकीकत में बदलना हो . इन्होने तो यह समझ ही लिया की इस देश की नई तस्वीर लिखने का ठेका हमें ही मिल गया है.

बहुत जल्द समझ में आने वाला है कि बाबा के बस में नहीं है कुछ भी , कुछ यस सर , यस मेडम कहने वालो का जमावड़ा खीच रहा है इस पार्टी को वरना कोंग्रेस ऐ से जेड बन जाएगी. और फिर विपक्षी दल भी तो जुदा जुदा है अपने अपने समीकरणों से. समाजवादी विचारधारा को तो कभी का त्याग दिया जे पी आन्दोलन वालो ने.

कभी पाक की धमकी कभी चीन की घुड़की अमेरिका का दोहरापन कुछ भी तो पक्ष में नहीं हमारे. कैसी विदेश नीति है और कैसी देश की नीति कोई भी अपने से ऊपर आने की नहीं सोच रहा है . नक्सल अपना जलवा दिखा ही रहा है और कश्मीर का रंग तो किसी से छुपा है ही नहीं .

उमर कहा के है ? यह समझ में मुश्किल से ही आएगा काहे को पाकिस्तान की चिंता मिया उमर को सता रही है ? धारा ३७० हटाओ सब समझ में आ जायेगा कश्मीर के ठेकेदारों को .
मिया उमर आप भारत में ही है ना ? ऐसा कैसा दबाव आया कि अलगाववादियों कि राग अलापने लगे. आपका यह चेहरा पहले ही सामने आ जाता तो ज्यादा अच्छा रहता.

अरुणाचल प्रदेश में ही नहीं पूर्वी राज्यों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो इस देश पर भारी मुसीबत आने वाली है . पाक के नापाक इरादों को अमली जामा आइ एस आई के द्वारा पहनाया जा रहा है .

जब तक तुष्टिकरण से ऊपर नहीं उठेंगे इस देश का भला होना मुश्किल है. इसी लिए तो में कह रहा हूँ इस देश का मालिक राम ही है.

Monday, October 4, 2010

Thursday, July 29, 2010

List of anti Hindu personalities and their intricate connections

Posted: 20 Jul 2010 09:47 AM PDT

Suzanna Arundhati Roy is niece of Prannoy Roy (CEO of NDTV)
Prannoy Roy sits Council on Foreign Relations' International Advisory Board.
Mukesh D. Ambani also sits on CFR's International Advisory Board.
Mukesh is MD, Reliance Industries Ltd.
Prannoy Roy married to Radhika Roy
Radhika Roy is sister of Brinda Karat (CPI(M))
Brinda Karat married to Prakash Karat (CPI(M) - General Secretary)
Prakash was part of debating club in Madras (Chennai).
N.Ram, P.Chidambaram & Mythili Shivaraman were part of this group.
This group started a magazine "Radical Review".
CPI(M)'s senior member of Politburo and Parliamentary Group Leader is Sitaram Yechury.
Sitaram Yechury is married to Seema Chisthi.
Seema Chisthi is the Resident Editor of Indian Express
Burkha Dutt works at NDTV
Prabha Dutt was mother of Burkha Dutt.
Prabha Dutt was a chief reporter for Hindustan Times.
Rajdeep Sardesai was Managing Editor at NDTV
Rajdeep Sardesai married to Sagrika Ghose
Sagarika Ghose is daughter of Bhaskar Ghose.
Bhaskar Ghose was Director General of Doordarshan.
Sagarika Ghose's aunt is Ruma Pal.
Ruma Pal is former justice of Supreme Court.
Sagarika Ghose's another aunt is Arundhati Ghose.
Arundhati Ghose was India's permanent representative/ambassador to United Nations.
Rajdeep is now Editor-in-Chief at CNN-IBN
CNN-IBN is a tie up between GBN (Global Business Network) and Turner International.
GBN is a Network 18 company.
CNN is one of Turner International's asset.
Sagarika also works at CNN-IBN as senior editor and as an anchor.
Dilip D'Souza was member of PIPFD
Dilip D'Souza's father was Joseph Bain D'Souza.
J.B.D'Souza was former Maharastra Chief Seccretary and activist.
Teesta Setalva member of PIPFD
Teesta Setalvad married to Javed Anand
Teesta and Javed run Sabrang Communications.
Javed Anand is General Secretary of Muslims for Secular Democracy { ?? }
Javed Akhtar is spokesperson for Muslims for Secular Democracy
Javed Akhtar married to Shabana Azmi
Karan Thapar owns ITV
ITV produces shows for BBC
Karan Thapar's father was General Pran Nath Thapar COAS during 1962 war, when India lost under his watch.
Karan Thapar was very good friend of Benazir Bhutto and Asif Ali Zardari.
Benazir Bhutto was Pakistan's Prime Minister.
Benazir Bhutto's father was Zulfikar Ali Bhutto.
Z.A.Bhutto served as Pakistan's President.
A.A.Zardar is the current Pakistani's President.
Karan Thapar's Mama was married to Nayantara Sahgal.
Nayantar Sahgal is daughter of Vijayalakshmi Pandit.
Vijayalakshmi Pandit was sister of Jawharlal Nehru.
Medha Patkar is a leading spokesperson for Narmada Bacho Andolan.
NBA was helped by Patrick McCully of International Rivers (formerly Internal Rivers Network.)
Angana Chatterjee was on the board of IRN
Dipti Bhatnagar was an Intern/Volunteer at IRN.
Dipti Bhatnagar is an activist at NBA.
Dr. Angana Chatterjee part of PROXSA
PROXSA mother-ship of FOIL
ASHA endorsed by FOIL
Sandeep Pandey co-founder of Asha for education (ASHA)
Dr. Angana Chatterjee is married to Richard Shapiro
Richard Shapiro is Director and Associate Professor of the Grad. Anthropology Prgm at CIIS
Shubh Mathur co-wrote a letter with Angana on 'Humanitarian Crisis in J&K'
Biju Matthew is co-founder of FOIL.
Vijay Prasad is co-founder of FOIL.
Vijay Prasa co-authored with Angana Chatterjee and wrote against IDRF.
ASHA has association with AID
AID works with FOSA
FOSA started by a Pakistani - Ali Hasan Cemendtaur.
Amitava Kumar associated with FOIL
FOIL & FOSA opposed California Text Book Edits.
California Text Book Edits was opposed by Michael Witzel.
M.Witzel is Wales Professor of Sanskrit at Harvard University.
Rahul Bose is brother-in-law of Khalid Ansari.
Khalid Ansari is the Chairman of Mid-Day Group of Publication based in Mumbai.
Khalid Ansari is Chairman of M.C.Media Ltd.
M.C.Media Ltd. has a join-venture with BBC for FM radio brodcasting.
Khalid Ansari's father was Abdul Hameed Ansari.
A.H.Ansari was a freedom fighter and active Congressman.
Dr.John Dayal worked as a journalist with the N.Delhi edition of Mid-Day.
Narasimhan Ram is the Editor-in-Chief of 'The Hindu'.
N.Ram was part of a CPI(M) debating club along with Prakash Karat
N.Ram's first wife was Susan.
Susan, an Irish, was in charge of Oxford University Press publications in India.
N.Ram and Susan's daughter is Vidya Ram.
Vidya Ram is a journalist.
N.Ram is now married to Mariam.
N.Ram, Jennifer Arul and K.M.Roy participated in closed door Catholic Bishops Conference of India in Thrissur, Kerala.
Jennifer Arul is the Resident Editor and Bureau Chief in South India for NDTV.
Jennifer Arul is Chief Operating Office for Astro Awani - Indonesian news and information channel.
K.M.Roy was a reporter in �The Hindu�
K.M.Roy is the General Editor of the group of the �Mangalam� Publications.
Mangalam Group of Publications was started by M.C.Varghese
K.M.Roy received the �All India Catholic Union Lifetime Award�
All India Catholic Union�s National Vice President is Dr.John Dayal.
Dr.John Dayal is also Secretary General of All India Christian Council (AICC)
AICC�s President is Dr. Joseph D�souza
Dr. Joseph D�souza founded Dalit Freedom Network (USA)
Dr.Joseph D�Souza participated in the inaugural Religious Freedom Day
The Religious Freedom Day was attended by former Republican Sentor Rick Santorum
AICC claims Confederation of SC/ST Organizations (India) as a sister organization.
AICC claims Christian Solidarity Worldwide (UK) as a sister organization.
AICC claims Release International (UK) as a sister organization.
Release International states it supplies bibles and literature to meet the need of growth and evangelism.
Dalit Freedom Network�s partner�s with Operation Mobilization India.
OM India�s South India Regional Director is Kumar Swamy
Kumar Swamy is the State President of Communal Harmony Committee.
Kumar Swamy serves with Karnataka State Human Rights Commission.
OM India�s North India Regional Director is Moses Parmar.
Moses Parmar serves as North India Public Relations officer of the All India Christian Council (AICC)
OM seeks to plant and strengthen churches in areas of the world where Christ is least known.
OM ministries work with Dalit-Bahujan people in India.
Operation Mercy Charitable Company (OMCC) grew out of OM India
OMCC works with Dalit Freedom Network.
DFN has Dr. Kancha Illaiah on its Advisory Board.
Dr. Kancha Illaiah is a Professor in Osmania University, Hyderbad.
DFN has William Armstrong on its Advisory Board.
William Armstrong is a former US Senator from Colarado (Republican).
William Armstrong is currently the President of Colorado Christian University.
Colorado Christian University�s one of the strategic objective is to share the love of Christ around the World.
DFN has Udit Raj on its Advisory Board.
Udit Raj claims Joseph Pitts as a great friend of India.
Joseph Pitts is a Republican US Congressman from Pennsylvannia.
Joseph Pitts sent a letter to Condoleezza Rice, Secretary of State �USA, requesting USA to deny visa to N.Modi.
Joseph Pitts has led a Congressional delegation to Pakistan & India.
Joseph Pitts is Founder and Co-Chairman of the �Kashmir Forum�.
Joseph Pitts along with Congressman John Conyers introduced legislation condemning actions of N.Modi.
John Conyers is Congressman from Michigan�s 14th congressional district.
The 14th district contains Dearbon, a major city.
Dearbon has the largest Arab Americans for a city of its size.
Udit Raj is member of National Integration Council, Government of India.
Udit Raj is National Chairman of Buddha Education Foundation.
Udit Raj is National Chairman of All India Confederation of SC/ST Organizations.
Udit Raj leads Dalit International Foundation
Udit Raj leads Lord Buddha Club.
Udit Raj was part of an international Steering Committee on Kashmir
Majid Tramboo promoted the Steering Committee.
DFN has Baroness Caroline Cox on its Advisory Board.
Baroness Caroline Cox is Deputy Speaker, House of Lords, England.
Suhasini Haidar is daughter of Subramanian Swamy
Suhasini Haidar is daughter-in-law of Salman Haidar
Salman retired as Foreign Secretary in 1996.
Salman was later appointed as High Commissioner to the UK.
Salman was also India's ambassador to China.
Salman has written weekly columns for "The Statesman".
Salman was Minister/Deputy permanent representation of India at UN.
Salman directed South Asian Political Initiative, a Ford Foundation funded project.
Nadira Alvi married V S Naipaul
Nadira Alvi, a journalist, is sister of recently assassinated Maj Gen Amir Faisal Alvi, the ex-chief of Pakistan's elite SSG
�Resalat� is a Tehran-based Persian daily.
�Ettela�at� is another Tehran-based Persian daily.
�Resallat� and �Ettela�at�signed MoU with �Siyasat� and �Munif�
Siyasat and Munif are Hyderbad, Andhra Pradesh based dailies.
Toseeh is another Persian daily.
Toseeh has tied up with Vaarta.
Vaarta is one of the dailies from A.G.A.Publications Pvt Ltd.
A.G.A Publications Pvt Ltd is one of the companies in Sanghi Group
Sanghi Group was co-promoted by Gireesh Sanghi with his brothers.
Gireesh Sanghi is Congress M.P, Rajaya Sabha
Gireesh Sanghi is All India Vaish Federation National President.
Mahendra Mohan Gupta is on the Advisory Board of AIVF
Mahendra Mohan Gupta is Chairman of Dainik Jagran Group
Ramoji Group is headed by Ramoji Rao
Ramoji Rao is Founder & Chairman of Eenadu
Eenadu is the largest Telugu news daily in Andhra Pradesh.
Ramoji Group also owns ETV Network.
ETV Network produces content in Telugu, Bangla, Marathi, Kannada, Oriya, Gujarati, Urdu & Hindi.
Ramoji is reported to be close to Chandra Babu Naidu and supported of Telugu Desam Party.
Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd�s parent company is Ramoji Group.
Blackstone Group is reported to have invested Rs600 crore in UEL.
Deccan Chronicle Holdings Ltd brings out The Deccan Chronicle newspaper.
DCHL also brings out �Andhra Bhoomi� a telugu newspaper.
DCHL also brings out �Asian Age�.
DCHL became a publishing parter of �The New York Times�.
DCHL began publishing �The International Herald Tribune�
T.Venkatram Reddy is the Chairman of DCHL.
T.Venkatram Reddy is fromer MP, Rajhya Sabha from Congress.
M.J.Akbar was Editor-in-Chief of Deccan Chronicle and Asian Age.
M.J.Akbar is Founder and Chairman of the fortnightly the Covert.
M.J. Akbar worked at �Times of India�, �Sunday� & �The Telegraph�
M.J.Akbar was an Congress MLA from 1989 to 1991.
M.J.Akbar joined The Brookings Institution, Washington in 2006, as a Visiting Fellow on U.S. Policy Towards the Islamic World.
M.J.Akbar was a member of the �Forum of Islamic Scholars and Intellectual� held in Makkha al-Mukaramma in 2005.
M.J.Akbar�s wife is Mallika Joseph.
Mallika Joseph worked at Times of India.
Y.S.Rajasekhara Reddy is the Chief Minister of Andhra Pradesh.
YSR Reddy is from the Congress party (INC).
YSR Reddy�s father, Raja Reddy, setup a degree college and a Polytechnic in Pulivendula.
YSR Reddy has said that his one year study at Andhra Loyola College (ALC), a Jesuit institution, influenced him so much that he handed over the Pulivendula colleges to the Loyola Group.
The YS family has established several educational institutions in Andhra Pradesh.
YSR Reddy�s daughter is Sharmila.
Sharmila married Anil Kumar, Anil Kumar converted to Christianity after the marriage.
Anil Kumar set up �Anil World Evangelism� and is an active Evangelist.
YSR Reddy�s son is YS Jagan Mohan Reddy.
YS Jagan is a youth Congress Leader.
YS Jagan is Chairman of Jagati Publications Pvt. Ltd.
Bhumna Karunakara Reddy is close to YSR Reddy.
Karunakara Reddy is the Chairman of Tirumala Tirupati Devasthanam.
JPPL publishes the newspaper Sakshi.
Chandra Babu Naidu has claimed that Lanco group was forced to invest in JPPL.
L. Sridhar is alleged to have made the investment from Lanco Group.
L Sridhar is Lanco Infratech�s Vice Chairman
L Sridhar�s brother is L.Rajagopal.
L.Rajagopal joined Congress in 2003.
L Rajagopal is the son-in-law of P.Upendra.
P.Upendra is a former Minister from Congress.
Lanco Group�s Chairman is L. Rajagopal
Andhra Prabha is a telugu newspaper started in 1938.
Andhra Prabha is owned by The New Indian Express Group.
Andhra Jyothi is a telugu newspaper.
Andhra Jyothi�s Managing Director is Vemuri Radhakrishna.
SUN TV Network is owned by Kalanidhi Maran.
Kalanidhi Maran is the Chairman & Managing Director of SUN TV Network.
SUN TV network owns: Sun TV, Gemini TV, Teja TV, Surya TV, Kiran TV, Udaya TV, Surjo TV among other channels.
Kalanidhi Maran owns the tamil daily �Dinakaran�.
Dinakaran was started by a former DMK Minister K.P.Kandasamy.
Kalanidhi Maran�s brother is Dayanidhi Maran.
Dayanidhi Maran was Minister of Communications and IT in the UPA government.
Kalanidhi Maran�s father was Murasoli Maran.
Murasoli Maran was a Union Minister from the DMK party.
Murasoli Maran edited a tamil daily �Murasoli�.
Murasoli Maran was an editor to �The Rising Sun� a English weekly.
Murasoli Maran as a publisher published the following tamil magazines: Kungumam, Muththaram, Vannathirai & Sumangali.
Murasoli Maran�s uncle is M.Karunanidhi.
M.Karunanidhi is Chief Minister of Tamil Nadu, from the DMK party.
M.Karunanidhi launched Kalaignar TV in 2007.
M.K.Azhagiri owns Kalaignar TV.
M.K.Azhagiri is M.Karunanidhi�s son.
M.K.Stalin is another son of the M.Karunanidhi..
M.K.Stalin was named after Joseph Stalin.
Joseph Stalin was the authoritarian leader of the Soviet Union.
M.K.Stalin is the Minister for Rural Development and Local Administration in Tamil Nadu.
Kanimozhi is one of the daughters of M.Karunanidhi.
Kanimozhi was a sub-editor for the �The Hindu�.
Kanimohi was Editor in Charge of �Kungumam� a tamil weekly.
Kanimozhi became a Rajya Sabha member in 2007.
Kanimozhi conducted programs in SUN TV and Vijay TV.
Kanimozhi�s second husband G.Aravindan is Singapore based Tamil literary figure.
Dina Thanthi a tamil daily was founded bu Si.Pa.Aditanar.
Aditanar�s second son is Sivanthi Athithan.
Sivanthi Athithan owns Dina Thanthi.
Aditanar had launced the tamil evening daily �Malai Murasu�.
Aditanar set up Malar Publications Ltd.
Malar Publications Ltd. Brings out the tamil evening newspaper Malai Malar.
Balasubramanian Adityan son of Sivanthi Athithan managers Malar Publications Ltd.
B.Adityan set up �Air Media Network Pvt Ltd� (AMN)
AMN is into cable distribution, content productions and broadcasting.
AMN owns AMN TV
AMN has produced content for FM radio, All India Radio, Doordarshan, Vijay TV.
Dina Mani is a tamil newspaper.
Dina Mani is owned by The New Indian Express Group. (NIEG)
NIEG owns Kannadaprabha, Andhraprabha, Malaylamvarikha, Indiavarta and Expressbuzz.
NIEG also owns Cinemaexpress & Tamilanexpress
STAR Vijay TV is a tamil TV channel.
Vijay TV is owned by STAR TV
STAR TV is owned by News Corporation based in Hong Kong.
News Corporation is owned by Rupert Murdoch.
Fox Entertainment Group is a subsidiary of News Corporation.
FEG owns Fox News Channel, in USA.
Fox News is a conservative, pro-church Republican Party channel in US
News Corporation owns the The Wall Street Journal
Jaya TV is a tamil TV channel.
Jaya TV is owned by Jaya Network.
Jaya Network is owned by J.Jayalalitha
Jayalalitha was the former Chief Minister of Tamil Nadu (AIADMK party)
Makkal TV is owned by Makkal Tholaikatchi
Act Now for Harmony and Democracy�s (ANHAD) Founding and Managing Trustee is Shabnam Hashmi
Shabnam�s father was a freedom fighter.
Shabnam went to USSR on a cultural exchange scholarship for six years.
Shabham is married to Gauhar Raza.
KN Panikkar is a Founding trustee of ANHAD
Panikkar is an Indian Marxist Historian.
Panikkar was the Vice Chancellor of Sree Sankarcharya Sanskrit University, Kalady, Kerala.
Panikkar received Homi Bhabha Senior Fellowship.
Panikkar was awarded Padma Bhushan.
Harsh Mander is a Founding trustee of ANHAD
Harsh Mander is a Human Rights activist, author and was in the IAS.
Harsh Mander was close to Ajit Jogi
Harsh Mander, born into Sikh faith, was in-charge of the relief camps in Indore during the 1984 riots.
Harsh Mander served as Managing Director of SC/ST Finance Corporation.
Harsh Mander was the Director of ActionAid India.
Ajit Jogi was the Chief Minister of Chhatisgarh.
Ajit Jogi is from the Congress party (INC).
It is claimed that after Ajit Jogi, a tribal Christian became the CM the rate of Christian conversions has gone up.
Harsh Mander received the 2002 �Rev. M.A.Thomas National Human Rights Award�
Rev M.A.Thomas National Human Rights Award was awarded by �Vigil India Movement.
Shubha Mudgal is a trustee of ANHAD
Shubha�s parents Skand and Jaya Gupta were professors of English literature at Allahabad University.
Shubha�s grand-father Prof. P.C.Gupta was also a professor at Allahabad University.
Shubha�s first husband was Justice Mukul Mudgal of Delhi High Court.
Shubha is currently married to Aneesh Pradan, a tabla player.
Shubha received Padma Shri.
Shubha has received several awards in the field of music.
Kamla Bhasin is a trustee of ANHAD
Kamla is an Indian feminist.
Kamla was a lecturer in the Orientation Centre of the German Foundation for Developing Countries, Bad Honnef, West Germany.
Kamla was the Development Secretary of Seva Mandir, Udaipur.
Saeed Akhtar Mirza is a trustee of ANHAD
Saeed Mirza is a writer and director in Hindi films and television.
Saeed Mirza�s father is Akhtar Mirza
Akhtar Mirza was a noted film script writer.
Asianet Communications Limited (ACL) has a majority stake in Asianet TV.
ACL is owned by Jupiter Entertainment Ventures Limited (JEVL).
JEVL is a subsidiary of Jupiter Capitals Ltd.
The other media outlets of ACL are: Asianet News, Asianet Plus, Best FM 95, Asianet Suvarana, Suvarna News, Asianet Sitara and Sitara News.
Rajeev Chandrasekhar is the Chairman & Editor-in-chief.
Rajeev Chandrasekar entered Rajya Sabha in 2006.
Rajeev Chandrasekar�s uncle is M.K.Narayanan
M.K.Narayanan is National Security Advisor
M.K.Narayanan headed the Intelligence Bureau from 1987 to 1990.
Malayalam daily, Mathrubhumi, is owned by M P Virendrakumar
Virendrakumar is a MP through Janata Dal (Secular), from Kerala
In Kerala, Deva Gowda's Janata Dal (Secular) party is a constituent of Left Democratic Front
Latest Editor of Mathrubhumi is Kesava Menon
Kesava Menon was the Associate Editor of The Hindu before taking up this position
Shashi Tharoor is an Indian Diplomat.
Shashi is the son of late Chandran Tharoor.
Chandran was a journalist working for Amrita Bazar Patrika of Calcutta.
Chandran headed "The Statesman" in 1959.
Shashi Tharoor is going to contest as INC (Congress) candidate in 2009.
Ishaan and Kanishk are twin sons of Shashi.
Ishaan lives in Hong Kong and works for "Time" magazine.
Kanishk lives in London and works for "OpenDemocracy".
Shobha Tharoor Srinivasan is a sister of Shashi.
Smita Tharoor is another sister of Shashi.
Ragini Tharoor Srinivasan is daughter of Shobha.
Ragini is the editor of "India Currents".
Shobha writes in "India Currents"
India Currents is an Indian American monthly.
Shashi's first wife was Tilottama Mukherji from Kolkata.
Tilottama was/is a journalist and scholar.
Sahshi's second wife is Christ Giles, a Canadian.
Christa is Deputy Secretary of the United Nations Disarmament Commission.
Mukundan Unni was Shashi's maternal uncle.
Tharoor Parameswar was Chandran Tharoor's elder brother.
Parameswar was the founder publisher of the Indian edition of "Reader's Digest".
Param resurrected & presided the Advertising Club of Bombay.
Param was also the Advertising Manager of Amrita Bazar Patrika.
Shobhana Bhartia is the Chairperson and Editorial Director of Hindustan Times group
Shobhana is the daughter of KK Birla; grand daughter of GD Birla.
KK Birla joined INC (Congress) party in 1984.
KK Birla was later elected Rajya Sabha member in 1984.
Shobhana is married to Shyam Sunder Bhartia
Shyam is the Chariman of Jubliant Organosys Ltd, a Pharma company
Shyam is the son of late Mohan Lal Bhartia.
Shamit Bhartia and Priyavrat Bhartia are their sons
Shamit is a Director at the Hindustan Times group.
Shobhana was nominated for Rajya Sabha in 2006.
Shobhana is politically affiliated to INC (Congress).
She was nominated by UPA headed by Sonia Gandhi.
Shobhana was a 2005 Padma Shree award. This was after UPA formed the government in 2004.
Priyavrat is a Director at the Hindustan Times group.
Shamit heads franchises of Dominoes Pizza and Hot Breads.
Shamit also looks after the chain store �Monday to Sunday�
Shobhana is a close family friend of Scindias.
Late Madhavrao Scindia was a Minister from the INC (Congress) party.
Jyotiraditya Scindia is Madhavrao�s son.
Jyotiraditya is a MP from the INC (Congress) party.
Karan Thapar writes a weekly column in Hindustan Times.
Vir Sanghvi writes two columns �Counter Point� and �Rude Food�
Barkha Dutt writes the column �Third Eye�
Sonal Kalra is a editor of HT City a supplement of Hindustan Times and writes a column.
- Joseph Bain D'Souza was CEO of a housing project in which Mrinal Gore, PB Samant and Suresh Narvekar were trustees.
- N. Ram was a founder of Students Federation of India, CPI(M)'s student wing.
- N. Ram's niece is married to Dayanidhi Maran.
- Joseph D'Souza is the head of All India Christian Council.
- Dalit Freedom Network operates out of a church in Colorado. Melody Divine is part of DFN and Melody Divine works for Arizona Congressman Trent Franks.
- Joseph D'Souza is listed in Pat Robertson's 700 club, a group for fundamentalist Christians.
- Dalit Freedom Network is a member of the Evangelical Council for Financial Accountability.
Source:
http://www.india-forum.com/forums/index.php?showtopic=2209&s=28d9cbb8c490a32d8cca799cd169d763

Tuesday, July 13, 2010

भारत में ग़रीबों की संख्या बढ़ी

भारत में ग़रीबों की संख्या बढ़ी
भारत सरकार ने कहा है कि ग़रीब लोगों की संख्या का फिर से आकलन करने पर पता चला है कि पहले लगाए गए अनुमान की तुलना में ग़रीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों की संख्या 10 करोड़ अधिक है.
सरकारी आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2004 में ग़रीबी रेखा के नीचे जी रहे लोगों की संख्या 27.5 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 37.2 प्रतिशत के क़रीब हो गई है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जिन लोगों को प्रतिदिन 1.25 डॉलर (लगभग 55 रुपए) से कम पर गुज़ारा करना पड़ रहा है वो ग़रीबी रेखा से नीचे आते हैं.
भारत सरकार उन लोगों को ग़रीबी रेखा से नीचे मानती है जिनको आवश्यक पोषक तत्वों की ज़रुरत के लिए कम से कम एक वक़्त खाना न मिल पा रहा हो.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन ने कहा है, "योजना आयोग ने ग़रीबी के नए आँकड़ों को स्वीकार कर लिया है."
ये आँकड़े ऐसे समय में आए हैं जब सत्तारूढ़ यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने सरकार से कहा है कि वह खाद्य सुरक्षा विधेयक में संशोधन करके इसका लाभ अधिक महिलाओं, बच्चों और ज़रुरतमंदों तक पहुँचाने का प्रयास करें.
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नई परिस्थितियों में सरकार को ग़रीबों को भोजन उपलब्ध करवाने में कितना पैसा अधिक ख़र्च करना पड़ेगा.
एक अनुमान है कि दुनिया के ग़रीबों की एक तिहाई आबादी भारत में रह रही है.

Thursday, June 24, 2010


03 जून 2010 आईबीएन-7 स्पेनिश लेखक जेवियर मोरो की किताब ‘द रेड साड़ी’ सोनिया गांधी की जिंदगी पर आधारित है। ये किताब भारत में आने से पहले ही विवादों से घिर गई है। कांग्रेस पार्टी को किताब की कुछ पंक्तिओं पर ऐतराज है और कांग्रेस चाहती है कि देश में किताब पर पाबंदी लगा दी जाए। कांग्रेस की तरफ से इस किताब के लेखक को कानूनी नोटिस भी भेजा गया है। मोरो की कलम से लिखी सोनिया गांधी की जिंदगी पर आधारित ये किताब स्पेन में 2008 से ही बिक रही है। अब इसके अंग्रेजी अनुवाद को भारत में बेचने की तैयारी च रही है। मोरो ने राजीव गांधी की बर्बर हत्या के बाद के पलों को सोनिया गांधी की नजरों से देखने की कोशिश की है। वो लिखते हैं ‘कि राजीव की मौत से सोनिया को झकझोर कर रख दिया और उसके बाद ही वो सब कुछ समेट कर वापस अपने मुल्क जाने की सोचने लगीं।’ जाहिर है सोनिया गांधी की ये छवि उनकी मौजूदा छवि से मेल नहीं खाएगी। कांग्रेस के नेता ये नहीं चाहेंगे कि सोनिया गांधी की एक ऐसी छवि जनता के बीच जाए जो पति की हत्या के बाद बहादुरी से हालात का सामना करने के बजाय, पति के ही देश को अपना देश बनाकर उनकी यादों को यहीं संजोने, अपने बच्चों को यहीं बड़ा करने के बजाय वापस अपने मुल्क लौट जाने की सोचने लगी थीं। आज राजीव का सपना पूरा हुआ: सोनिया गांधी ‘द रेड साड़ी’ किताब का इटालवी, फ्रेंच और डच भाषा में अनुवाद हो चुका है। मोरो का दावा है कि अब तक उनकी किताब ‘एल साड़ी रोज़ा’ की करीब ढाई लाख प्रतियां बिक भी चुकी हैं। ज़ाहिर है सोनिया की जिंदगी अतर्राष्ट्रीय ‘बेस्टसेलर’ के दर्जे में पहुंच रही हैं। लेकिन किताब पर तूफान सिर्फ राजीव गांधी की हत्या के बाद के पलों पर ही नहीं उठ रहा है बल्कि कांग्रेस की नाराजगी किताब में दर्ज सोनिया की शुरुआती जिंदगी के कई पन्नों पर भी है। यानि सोनिया का बचपन और इटली में बिताए गए कई अहम पल। साफ है कांग्रेस सोनिया के नाम के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करने वाली। इसलिए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोरो को कानूनी नोटिस थमा दिया है। ये किताब नहीं एक तूफान है। कांग्रेस को डर है कि इसमें लिखी कुछ बातें अगर दुनिया के सामने आ गईं तो विरोधियों को बोलने का मौका मिल जाएगा। कांग्रेस पार्टी ये नहीं चाहेगी कि सोनिया की जिंदगी के कुछ अनछूए पहलू दुनिया के सामने आए। इसलिए कांग्रेस इस किताब को भारत में नहीं आने देना चाहती।
जयपुर.पहले ‘जयपुर फुट’, फिर ‘भोपाल में आधी रात’ और अब ‘द रेड सारी’। लाल साड़ी (स्पेनिश नाम- एल सारी रोज़ो) जेविएर मोरो की वह ताजा पुस्तक है, जिसने कांग्रेस के भीतर आतंक की लहर सी छेड़ दी है। पुस्तक में कांग्रेसियों को सत्ता का भूखा बताया गया है।। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी तक ने लेखक को कानूनी नोटिस भेजकर पुस्तक के भारत में प्रकाशन से रोका है। पुस्तक तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतंगमय उपनिषद वाक्य से शुरू की गई है। इसके बाद कहानी शुरू होती है 24 मई 1991 के दिन से, जब राजीव गांधी का अंतिम संस्कार किया जा रहा था।लाल साड़ी ही क्यों?राजीव की हत्या के बाद जब सोनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद ठुकरा दिया तो कांग्रेसी नेता उनके पास गए और उनके घर में लगी उनकी एक तस्वीर की तरफ इशारा किया। सोनिया जी, इस फोटो को देखो। देखो ये लाल साड़ी, जो आपने शादी के दिन पहनी थी, इसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चरखे पर कातकर तैयार किया था। इसी संदर्भ को उठाते हुए लेखक ने पुस्तक का नाम लाल साड़ी (द रेड सारी) रखा।इस पर सोनिया ने जवाब दिया : हां, लेकिन यह मत भूलो कि मैं एक विदेशी हूं। इस पर कांग्रेसी नेताओं ने तर्क दिया : मैडम, आप ऐनी बिसेंट को याद कीजिए। कांग्रेस की प्रमुख नेता। उन्होंने पार्टी का नेतृत्व राष्ट्रीय स्तर पर किया था। वे आयरिश थीं। आप इटली की हैं तो क्या हुआ? विचार बुरा नहीं है। लेकिन सोनिया बोलीं : आई एम सॉरी। आप गलत दरवाजा खटखटा रहे हैं।पुस्तक के विवादित अंशएक पुजारी ने सोनिया को राजीव गांधी के अंतिम संस्कार में शामिल होने से यह कहकर रोक दिया था कि विधवाओं को ऐसे में दूर रहना होता है। और फिर वे तो दूसरे धर्म की हैं।सोनिया जब पहली बार राजीव के साथ भारत आईं तो वे यह जानकर हैरान रह गईं कि इस देश में सती प्रथा जैसी बर्बर कुरीतियां हैं।राजीव की हत्या के तत्काल बाद सोनिया ने अपनी बहन अनुष्का से आशंका जताई कि यह कुकृत्य इंदिरा के हत्यारे सिखों, गांधीजी की हत्या करने वाले हिंदू कट्टरपंथियों या कश्मीर के मुस्लिम अतिवादियों जैसों में से किसी का हो सकता है।सोनिया ने राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद सुरक्षा कम किए जाने पर बेहतर सुरक्षा के लिए दबाव बनाया तो राजीव बोले : अगर वे तुम्हें मारना ही चाहते हैं तो मारकर ही रहेंगे।राजीव की हत्या के तत्काल बाद सोनिया की मां ने फोन करके उन्हें कहा : बेटी तुम्हें इटली वापस लौट आना चाहिए। सोनिया खुद भी सोचने लगीं थी कि अब यहां रुकने का मतलब ही क्या है?-राजीव गांधी सुरक्षा को लेकर पहले ही चिंतित थे। एक बार उन्होंने बच्चों को मास्को के अमेरिकन स्कूल में भर्ती कराने का फैसला कर लिया था, लेकिन सोनिया बच्चों को अपने पास ही रखना चाहती थीं।-सोनिया ने कांग्रेसी नेताओं को फटकारा था : ये तो इंदिरा गांधी दबाव नहीं डालतीं तो राजीव भी राजनीति में नहीं आते। वे पायलट ही अच्छे थे। ऐसा होता तो आज वे हमारे बीच होते।-कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें अध्यक्ष पद के लिए बार-बार जिम्मेदारी के लिए कहा तो सोनिया बोलीं : जिम्मेदारी? इस परिवार को ही बार-बार अपना खून देकर इस देश के लिए अपनी जिम्मेदारी क्यों निभानी चाहिए? क्या आपका दिल इंदिरा और राजीव के खून से भी नहीं भरा है? क्या अभी आप और भी चाहते हैं?कांग्रेसी नेता : आप ही भारत हैं। आपके परिवार के बिना हम कुछ भी नहीं। आपके ही हाथों में आज गांधी-नेहरू का वो दीपक है, जो देश को अंधेरे में रोशनी दिखा सकता है।कांग्रेसी नेताओं पर तीखे कटाक्ष कांग्रेसी नेताओं ने सोनिया के दुख की घड़ी में भी ये नहीं सोचा कि उनके सीने में एक इनसान का दिल धड़क रहा है। उन्होंने बिना एक क्षण भी विलंब किए, सोनिया के जरिए अपने व्यक्तिगत सत्ता को सुरक्षित करने की चिंता की।-भारत में सत्ता ऐसा चुंबक है, जिससे बचना किसी के लिए संभव नहीं। कांग्रेसी नेता इतने चालाक निकले कि उन्होंने सोचा तारीफों के जरिए सोनिया गांधी अंतत: मान ही जाएंगी। अपने लिए न सही, अपने बच्चों के लिए और अपने गांधी-नेहरू परिवार के नाम के लिए।-सोनिया गांधी बचपन से ही दमे की मरीज है। उन्होंने अपने कुत्ते का नाम स्टालिन रखा था।-सोनिया की मां पाओला एक पुलिस वाले की बेटी हैं और वे अपने दादा का बार संचालित करती थीं।
http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JAI-red-sari-terrorized-by-congress-1028709.html

Thursday, June 10, 2010

सरकार्यवाह श्री. भैया जी जोशी की प्रेसवार्ता

सरकार्यवाह श्री. भैया जी जोशी की नागपुर में 23/5/2010, रविवार को दोपहर में हुई प्रेसवार्ता का शब्दांकन
अभी इस समय जनगणना की तैयारी चल रही है। इसमें दो-तीन विषय हैं, जिन्हें मैं आपके सामने रखना उचित समझता हूँ। एक, इसी समय नेशनल पापुलेशन रजिस्टर बनाने की बात शुरू हुई है, यह तो बनेगा पर इसमें जो विदेशी नागरिक भारत के अन्दर बसते हैं, अवैध रूप से बसे हुए हैं, उनकी जानकारी भी इसमें आने की संभावना है। संघ का निवेदन है कि, माँग है सरकार के सामने कि इस नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को और जो बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र दिया जायेगा उसके लिए इसे आधार न मानें। 2003 में उस समय की सरकार ने एक नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजन्स तैयार करने का निर्णय किया था, हमारी माँग है कि उसी को लागू किया जाये। और यह जो पहचान पत्र दिया जायेगा, जो नागरिकता का कानून है उसको आधार बनाकर ही दिया जाये। अन्यथा सम्भावना है कि बहुत से विदेशी नागरिकों को भी पहचान पत्र मिलेगा। इससे, हमें लगता है कि देश की अखण्डता और सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है, खतरा बन सकता है।
उसी के साथ-साथ एक और विषय जो मैं आपके सामने रखना उचित समझता हूँ कि जनगणना में जातिगणना की माँग भी चल रही है। अपने जो संविधान निर्माता डा. बाबा साहब अम्बेडकर जी और उनके समान ही विचार करने वाले लोगों ने जातिविहीन समाज की कल्पना की है। इस प्रकार जाति आधारित गणना उस भावना को छेद देने वाली है, ऐसा लगता है। संविधान ने आरक्षण के संदर्भ में- शेड्यूल्ड कास्ट्स, शेड्यूल्डस ट्राइब्स, यह जो सूत्र दिये हैं, इस प्रकार की जाति आधारित गणना करने से उन सूत्रों को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता रहेगी तो ऐसा निर्णय होगा। हम अनुभव करते हैं कि कई प्रकार की संस्थाओं के द्वारा, व्यक्तियों के द्वारा, संगठनों के द्वारा सामाजिक समरसता और एकता बनाये रखने के लिए कई प्रकार के प्रयास चल रहे हैं। हमारा मानना है कि इस प्रकार की गणना करने से उन सारे प्रयत्नों को दुर्बलता होगी। इसलिए इस संदर्भ में भी बहुत कुछ विचार करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम पहले से ही जाति भावना से ऊपर उठकर समाज विचार करे, संगठित हो, ऐसा रहा है। समग्र समाज का संगठन करने का काम कई वर्षों से रहा है। उसमें हम मानते हैं कि इस प्रकार की भावनाएँ यदि विकसित होती हैं। तो कुल मिलाकर यह सामाजिक ताना-बना खतरे में आ सकता है। ठीक है कि हिन्दू समाज का ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ जिसको माना जाता है, जिसे ओ. बी. सी. कहा जाता है, उनके आरक्षण के संदर्भ में जो प्रावधान करने की बात है, उस पर अलग प्रकार से विचार हो, उसके मानदण्ड अलग से निर्धारित किए जायें। आज सारे देश में उसमें कोई समानता है, ऐसा दिखाई नहीं देता है। तो इस संदर्भ में भी बहुत गम्भीरता से विचार करने की आवश्यकता ध्यान में आती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाते, हमारी मांग है कि इसकी राष्ट्रीय स्तर पर बहस हो। भिन्न-भिन्न प्रकार के यह प्रश्न सामाजिक सद्भाव के प्रश्न हैं, सामाजिक जीवन से जुड़े हुए प्रश्न हैं और इसलिए भिन्न-भिन्न प्रकार के सामाजिक समूहों से भी इसकी एक व्यापक बहस चलनी चाहिए, विचार-विमर्श होना चाहिए। और कोई भी निर्णय करने के पूर्व ऐसी सारी प्रक्रिया हो और उसके बाद निर्णय होना उचित रहेगा, ऐसा संघ मानता है। विशेष रूप से दो बातें, नेशनल पापुलेशन रजिस्टर बनाते समय विदेशी नागरिकों के संदर्भ में, उनके पहचान का प्रावधान नहीं है, तो निश्चित किया जाए। और मल्टी परपज आइडेन्टिटी कार्ड को देते समय भी इस पर विचार होना चाहिए। कानून बना हुआ है 2003 में, उसको ध्यान में लाकर इसको लागू करें और उसके आधार पर ही पहचान पत्र देना चाहिए। और जाति के बारे में अपनी बातें मैंने आपके सामने रखी।

प्रश्न 1. कुछ संघ परिवार के लोग हैं, वह बढ़चढ़कर ऐसी डिमांड कर रहे हैं। ............... गोपीनाथ मुंडे जो हैं .............?
उत्तर - राजनैतिक दल क्या सोचें और क्या कहें......... मैंने संघ की राय आपके सामने रखी।

प्रश्न 2. अपने जो लोग हैं, पोलिटिकल आर्डर में, उन तक विचार नहीं पहुँचा है ?
उत्तर - उनकी अपनी एक सोच है, उनका एक राजनैतिक क्षेत्र है, उसमें वे जैसा चाहें, उचित समझें, करें।इन प्रश्नों को उनके सामने रखा जायेगा। हमने आज तक, संघ की जो रीति है, संघ की जो सोच है, उसको आपके सामने रखा है। हम चाहते हैं कि देश इसके कारण, समरसता और एकात्मता के जो प्रयास हैं, जातिविहीन समाज की जो कल्पना है, उसको इसके कारण ठेस पहुँचने वाली है।

प्रश्न 3. इस सामाजिक सच्चाई को आप स्वीकार करेंगे कि आज भी समाज में विवाह आदि संबंध लेके तमाम चीजें जाति के आधार पर ही होती हैं। आजादी के बाद भी जातियों को लेकर डेमोग्राफी हुई है, उसमें OBC को लेकर आँकड़े अलग-अलग हैं। सुप्रीम कोर्ट भी इस संबंध में यह कह चुका है कि हमारे पास इसका कोई एक फिगर नहीं है, तो अगर कोई एक्जैक्ट साइंटिफिक फिगर निकाली जाती तो उसमें क्या विरोध हो सकता है?
उत्तर - हमारा विरोध नहीं। मैंने कहा है इसमें कि, इसके बारे में भिन्न भिन्न प्रकार की बहस हो और सामाजिक समूहों की राय इसमें ली जाए और फिर इसका निर्णय करें। हमने कहा है कि मापदण्ड निर्धारित किए जायें, OBC के आरक्षण के विरोध का तो सवाल ही नहीं आता।

प्रश्न 4. कास्ट -बेस्ड सेंसस नहीं होना चाहिए ये आपका कहना है ?
उत्तर - हाँ, कास्ट-बेस्ड नहीं होना चाहिए । ओ. बी. सी. का मतलब ही ‘अदर बैकवर्ड क्लास’ है तो क्लास के आधार पर ही इसे सेटल्ड भी किया जाए, इस पर विचार किया जाए।

प्रश्न 5. सेंसस की तैयारी चली, यह चालू भी हो गई, एक राउंड हो भी रहा है, आप इतना लेट अभी ........ संघ इतना ........?
उत्तर - इसकी बहस अभी शुरू हुई है। 1930 से लेकर आज तक कभी कास्ट को लेकर सेंसस नहीं हुआ है, पहली बार यह मांग उठी है। जब पहली बार यह मांग उठी......

प्रश्न 6 नहीं, SC, ST, तो पूछा जाता है .....
उत्तर - तो उतना ही, .........., कैटेगरी ही पूछी है, कास्ट नहीं पूछी। शेड्यूल्ड कास्ट पूछा है, शेड्यूल्ड ट्राइब पूछा है, उसका कोई संबंध नहीं है। आज सभी की जातियाँ जानने की कोशिश हो रही है।
प्रश्न 7 संसद में यह बात निकली है, पार्टीयों में कन्सेन्सस हो गया है। उसके काफी दिन बाद, एक महीने बाद यह....?
उत्तर - उसमें दो प्रकार के ओपिनियन आ रहे हैं। कोई विरोध करने वाले भी उसी प्रकार खड़े हैं, सभी दलों में से हैं। कास्ट के अनुसार जनगणना करना, उसका विरोध करने वाले भी हैं।

प्रश्न 8. मैं सीधे-सीधे एक प्रश्न यह पूछना चाहता हूँ कि क्या भा. ज. पा. से चर्चा हुई है, नहीं हुई है तो क्या चर्चा कर रहे हैं?
उत्तर - भा. ज. पा. से इस बारे में चर्चा करने की हमको बहुत ज्यादा आवश्यकता है। संघ ने इस बारे में जो सोचा है, प्रारंभ से जो चिंतन हमारा है, उसको मैंने आपके सामने रखा।

प्रश्न 8. आपका अर्थ है कि केवल कैटेगरी पूछी जाये? एस. सी., एस. टी ............?
उत्तर - एस. सी., एस. टी. पूछने का तो विरोध है ही नहीं, वह संविधान में दिया हुआ अधिकार है। उसके बारे में स्थिति स्पष्ट है।
एस. सी., एस. टी. , ओ. बी. सी. पूछने का विरोध नहीं ? ...
उत्तर - हाँ, ओ. बी. सी. का कोई स्टैण्डर्ड कहाँ बना हुआ है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग जातियाँ हैं। किस आधार पर ओ. बी. सी. का काउंटिंग किया जाये? उसका कोई निर्धारण नहीं किया है। इसलिये हमने माँग की है कि जरा इसके मानदण्ड निर्धारित करें और बाद में करें।

प्रश्न 10. मानदण्डों के बारे में आपका कोई सुझाव है क्या?
उत्तर - नहीं हमारा कोई सुझाव नहीं है। जब चर्चा चलेगी, तब इसके बारे में सोचकर बतायेंगे।

प्रश्न 11. यानि आप कहते हैं कि पहले बहस हो, उसमें जो निकले, उस पर ही?
उत्तर - उसी से। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी बहस होनी चाहिए। इस प्रकार के बड़े कार्य की बात आप करने जा रहे हो और इसकी चर्चा कहीं पर नहीं हुई है। हमारी इच्छा है, हमारी अपेक्षा है कि शासन राष्ट्रीय स्तर पर इसकी बहस चलाये, भिन्न-भिन्न प्रकार के सामाजिक समूहों से चर्चा करे। विचार-विमर्श करके इस बारे में निर्णय हो। उचित वही होगा, सबकी राय ली जाये।

प्रश्न 12. एक दूसरा मुद्दा है, अवैध रूप से बसे हुए विदेशी नागरिकों को पहचान पत्र देने का प्रावधान नहीं है, इसमें ओरिजिनल एक्ट है और एक आई. एम. डी. टी. एक्ट भी है?

उत्तर - नहीं, यह जो नेशनल पापुलेशन रजिस्टर बन रहा है, उसमें नहीं है। उसके आधार पर वह आइडेन्टिटी कार्ड देते हैं तो समस्या है। आइडेन्टिटी कार्ड देते समय इस पर विचार किया जाय।

प्रश्न 13. अवैध रूप से आकर बसे हुए जो लोग हैं, 3.5 करोड़ - 4 करोड़ उनकी संख्या बतायी जाती है?
उत्तर - सभी आज इसको स्वीकार करते हैं कि बहुत से अवैध विदेशी नागरिक हैं भारत में। उनकी भी इसमें अगर ........ नेशनल सिटिजन्स में आ जाते हैं तो खतरा है। चलिए, धन्यवाद आपका।
With Regards
Praful
vsk

Wednesday, April 7, 2010

प्रस्ताव

प्रस्ताव - 1विश्व मंगल गो ग्राय यात्रा: गोवंश रक्षण व ग्राम विकास की सार्थक पहल
पूज्य साधु-संतों द्वारा विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा के सफल आयोजन पर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा देश भर केे सभी साधु-संतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए इस यात्रा को मिले अपूर्व जन-सहयोग के लिए देश की जनता एवं विविध सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों का हार्दिक अभिनंदन करती है। विकास की वर्तमान अवधारणा से पर्यावरण को हो रही क्षति से आज जब सम्पूर्ण विश्व गम्भीर रूप से चिन्तित है, ऐसे में इस यात्रा ने प्रकृति के अनुकूल और गोवंश व ग्राम केन्द्रित विकास की वैकल्पिक कार्य योजना के क्रियान्वयन की आवश्यकता को पुनः बल प्रदान किया है।28 सितम्बर 2009 से 17 जनवरी 2010 के बीच आयोजित इस यात्रा की मुख्य व उपयात्राओं के अन्तर्गत देश के 4.11 लाख ग्रामों में सम्पर्क हुआ है। कुल 2.34 लाख स्थानों पर हुई सभाओं में लगभग डेढ़ करोड़ जनता उपस्थित रही है। गोवंश रक्षा की माँग के समर्थन में लगभग साढ़े आठ करोड़ नागरिकों के हस्ताक्षर हुए हैं, जिनमें सभी मत-पंथों के लोगों सहित बड़ी संख्या में विविध दलों के सांसद व विधायक भी सम्मिलित हैं। प्रतिनिधि सभा का मानना है कि इतने विशाल हस्ताक्षर अभियान से यह स्पष्ट हो जाता है कि गोवंश रक्षा के पक्ष में कितना व्यापक जन समर्थन है। यह केन्द्र व राज्य सरकारों को उनके दायित्व का स्मरण कराता है कि वे गोवंश रक्षण एवं गौ केन्द्रित ग्राम विकास की व्यापक कार्य योजना के क्रियान्वयन की पहल व प्रयास करें। रासायनिक कृषि की अलाभकारिता, स्वास्थ्य पर संकट व उससे बंजर होती भूमि, गाँवों में शिक्षा-चिकित्सा जैसी जीवन की मौलिक सुविधाओं के अभाव एवं सिंचाई हेतु जल की कमी जैसे कारणों से गाँवों से बढ़ते पलायन को देखते हुए पहली प्राथमिकता ग्राम विकास की होनी चाहिये। इस हेतु सरकार को गाँवों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, चिकित्सा व परिवहन आदि सुविधाओं का विस्तार और कुटीर, लघु व ग्रामोद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसरों का विकास करना चाहिये। सन्तुलित फसल चक्र, जैविक, प्राकृतिक व पर्यावरण सम्पोषक कृषि, पारम्परिक जल स्रोतों व नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास द्वारा ही स्वावलम्बी ग्राम व्यवस्था के माध्यम से सम्पूर्ण आर्थिक व पर्यावरणीय संकटों का समाधान सम्भव है। इस हेतु ग्रामों की भू-सम्पदा, जल सम्पदा, वन सम्पदा, गौ सम्पदा व अन्य जीव सम्पदा की सुरक्षा व समन्वित विकास की दिशा में अविलम्ब कदम उठाए जाने चाहिये। साथ ही देश खाद्यान्न के विषय में आत्म निर्भर बना रहे, इसलिए कृषि भूमि के क्षेत्रफल में कमी न आने पाये, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये। पंचगव्य से दैनिक उपयोग के विविध उत्पाद व औषधियों के निर्माण से ग्रामीण जनता की आय में वृद्धि की जा सकती है। इसी प्रकार गोबर गैस व बैल-चलित ऊर्जा उत्पादन संयंत्र से ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है। गौ केन्द्रित ग्राम विकास से गाँवों को समृद्धि की ओर ले जाया जा सकता है। इसलिए इस सम्पूर्ण गोै आधारित विज्ञान व प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान, इसका व्यापक प्रसार व पाठ्यक्रम में समावेश होना चाहिये। भारत में पिछले कुछ वर्षों में सामाजिक कार्यकर्ताओं व वैज्ञानिकों ने इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय पहल की है, जिसके कारण गोशालाओं के पारंपरिक उत्पादों के साथ-साथ पंचगव्य आधारित विविध नवीन उत्पादों तथा उपकरणों के विकास के प्रयास भी चल रहे हंै। इन सब प्रयासों से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि भारतीय मूल के गोवंश के अद्भुत गुणों को देखते हुए उसकी रक्षा, विकास तथा नस्ल सुधार के प्रयास अत्यंत लाभकारी होंगे। प्रतिनिधि सभा का मत है कि इन सभी प्रयासों को और अधिक समन्वित व संगठित करने की आवश्यकता है। कई प्रदेशों द्वारा जैविक कृषि हेतु किए जा रहे आरम्भिक प्रयासों को और भी अधिक व्यापक करना चाहिए। गोशालाओं को प्रति गाय, प्रतिदिन की दर से देय अनुदान सम्बन्धी पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय का निर्णय भी सभी राज्यों के लिये गोवंश रक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय कदम होगा।हमारे संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतों में गोहत्या रोकने के निर्देश के साथ ही पर्यावरण, जल-स्रोतों एवं वन्य जीवों के संरक्षण व संवर्द्धन को शासन व नागरिकों का कत्र्तव्य बतलाते हुए प्राणी मात्र पर करुणा का निर्देश दिया है। गुजरात सरकार के सम्पूर्ण गोवंश की हत्या पर रोक लगाने के लिए बने कानून का सर्वोच्च न्यायालय की सात सदस्यीय पीठ ने अपने 2005 के ऐतिहासिक निर्णय में समर्थन कर इन नीति निर्देशक सिद्धांतों को बल प्रदान किया है। आज जिन राज्यों में गोवंश रक्षण सम्बन्धी कानून हैं, उन्हें और अधिक प्रभावी बनाते हुए उनका समुचित क्रियान्वयन किया जाना चाहिये। कर्नाटक सरकार द्वारा हाल ही में प्रस्तुत गोरक्षा सम्बन्धी विधेयक सभी राज्यों के लिए अनुकरणीय प्रारूप सिद्ध हो सकता है। केन्द्र सरकार को भी गोवंश के मांस-निर्यात पर दिए जा रहे अनुदान को समाप्त करते हुए उसके निर्यात एवं गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाना चाहिए। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का स्पष्ट मत है कि संविधान के नीति निर्देशक सिद्धान्तों, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय तथा विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा में हुई जनभावनाओं की प्रबल अभिव्यक्ति के उपरान्त भी यदि केन्द्र तथा राज्य सरकारें अपना कत्र्तव्य नहीं निभाती हैं तो यह जनतंत्र तथा संविधान की भावनाओं की अक्षम्य अवहेलना होगी। प्रतिनिधि सभा केन्द्र तथा सभी राज्य सरकारों से आग्रह करती है कि वे - 1. सम्पूर्ण गोवंश की हत्या बंदी के कानून का विधेयन कर, उसके प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देते हुए पड़ोसी देशों में हो रहे गोवंश के निर्यात व तस्करी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।2. भारतीय नस्ल के गोवंश को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर, उसकी नस्लीय शुद्धता को बनाए रखने के सभी सम्भव प्रयास करें।3. गोशालाओं, देशी गोवंश, गोचर भूमि, गोबर गैस जनित व बैल-चालित ऊर्जा उत्पादन, जैविक व प्राकृतिक कृषि एवं पंचगव्य चिकित्सा जैसे गो-संवर्द्धन के विविध आयामों के विकास के लिए पहल करें।4. देश के ग्राम स्वावलम्बी व समृद्ध हों, इस हेतु वहाँ शिक्षा, चिकित्सा व परिवहन आदि की पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध कराएँ और भू व जल संरक्षण के सभी उपायों सहित ग्रामोद्योगों एवं ऊर्जा के नवकरणीय स्रोतों के प्रचुर विकास के प्रयास करंे। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा समस्त देश-वासियों और विशेषकर स्वयंसेवकों से आवाहन करती है कि ग्राम विकास एवं गोवंश रक्षा हेतु इस यात्रा में दिये गये संदेश ”चलें गाँव की ओर, चलें गाय की ओर, चलें प्रकृति की ओर“ को सक्रियतापूर्वक क्रियान्वित कर सार्थक करें।
प्रस्ताव - २ जम्मू - कश्मीर: स्थायी समाधान के लिए राष्ट्रीय सहमति का सम्मान करें
पिछले कुछ वर्षों से जम्मू-कश्मीर राज्य की परिस्थितियाँ जिस गलत दिशा में जा रही हैं, उस पर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा चिंता व्यक्त करती है। राज्य तथा केन्द्र सरकारों द्वारा उठाए हुए कदम उसे और अधिक स्वायत्तता एवं पृथकतावाद की ओर ढकेल रहे हैं।अ.भा.प्र.सभा जम्मू-कश्मीर सरकार की लोकतंत्र विरोधी, अनुसूचित जाति विरोधी, मानवाधिकार विरोधी, महिला विरोधी एवं अलगाववाद समर्थक मानसिकता की घोर निंदा करती है। यह एक विडम्बना है कि सरकार विधानसभाजैसी लोकतांत्रिक संस्थाओं का निर्लज्जतापूर्वक दुरुपयोग करते हुए कुछ राजनीतिक दलों के साथ मिलकर, राज्य के राष्ट्रभक्त लोगों के प्रति विद्वेष की राजनीति चला रही है। कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित, ससम्मान व गरिमा के साथ घर वापसी की कोई संभावना दिखाई नहीं देने से उनकी वेदनाओं का कहीं कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा है। पश्चिमी पाकिस्तान से आए दो लाख शरणार्थी, छम्ब से विस्थापित एक लाख लोग एवं पाक व्याप्त कश्मीर से आए आठ लाख विस्थापित अब भी दशकों की उपेक्षा एवं मूलभूत अधिकारों से अपवंचना की यातना झेल रहे हैं। राज्य की अनुसूचित जाति के हिन्दुओं ने लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद ही आरक्षण का अधिकार प्राप्त किया है। अब राज्य सरकार पिछले दरवाजे से उन्हें उनके इन विधिक अधिकारों से वंचित करने के लिए कानून बना रही है, जिससे जम्मू क्षेत्र की अनुसूचित जातियाँ घाटी में आरक्षण से लाभ नहीं उठा पाएँगी।राजनीतिक सत्ता लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग अलगाववादी शक्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए कर रही है। वह ऐसी ‘आत्म-समर्पण नीति’ की बात कर रही है जिसके अन्तर्गत 20 वर्ष पूर्व पाकिस्तान जा चुके आतंकवादियों को घाटी में पुनर्वास के प्रस्ताव के साथ वापस लाया जाएगा। वह उस मृत प्राय विधेयक - पर्मानेंट रेजिडेंट सर्टिफिकेट (डिस्क्वालिफिकेशन) बिल-को पुनर्जीवित करने की बात कर रही है जिसके अन्तर्गत राज्य की उन महिलाओं की नागरिकता समाप्त करने का प्रस्ताव है जो शेष भारत के किसी व्यक्ति से विवाह करेंगी। ऐसा कदम न केवल महिलाओं के मूल अधिकारों के विरुद्ध है अपितु अन्र्तराष्ट्रीय अधिनियमों ;बवदअमदजपवदेद्ध का भी उल्लंघन होगा। अ.भा.प्र.सभा कश्मीर समस्या के प्रति केन्द्र सरकार के दृष्टिकोण व कार्यवाइयों की निंदा करती है। इनसे जम्मू-कश्मीर सरकार के भीतर तथा बाहर विघटनकारी शक्तियों को ही मदद मिली है। प्रधानमंत्री द्वारा गठित कार्यदल के अध्यक्ष जस्टिस सगीर अहमद की रिपोर्ट में अनुच्छेद 370 को स्थायी करने, राज्य विधानसभा द्वारा राज्यपाल के चुनाव तथा राज्य को और अधिक स्वायत्तता देने जैसी बातों का खुला समर्थन अलगाववादी स्वरों को ही बल प्रदान करता है।केन्द्रीय गृहमंत्री के इस वक्तव्य से कि जम्मू-कश्मीर समस्या ”एक विशिष्ट राजनीतिक समस्या है जिसके विशेष समाधान की आवश्यकता है“ अंतर्निहित भ्रम एवं परिस्थिति की कम समझ का पता चलता है। प्रतिनिधि सभा यह दुहराती है कि जम्मू-कश्मीर समस्या मूलतः सीमा पार से पाकिस्तान के प्रोत्साहन एवं सहयोग से चलने वाला आतंकवाद है। इसके साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र सरकार इस समस्या का समाधान ‘गुपचुप कूटनीति’ ;फनपमज कपचसवउंबलद्ध के माध्यम से करना चाहती है। प्रतिनिधि सभा आग्रह करती है कि सरकार जम्मू-कश्मीर पर पारदर्शिता बरते।अ.भा.प्रतिनिधि सभा इस बात पर गहरा दुःख प्रकट करती है कि केन्द्र सरकार की दुर्बलतापूर्ण नीति ने पृथकतावादियों तथा उनके आकाओं के मनोबल को बढ़ाने का ही काम किया है। हुर्रियत तथा अन्य भारत विरोधी गुटों के नेताओं को फरवरी 2010 में दिल्ली में पाक विदेश सचिव से भेंट करने की अनुमति दी गई, उन्हें पाक दूतावास के भोज में भाग लेने दिया गया और उन्हें इस्लामी राष्ट्र संघ (ओ.आई.सी.) की बैठक में भाग लेने के लिए विदेश जाने तक की भी अनुमति दी गई। प्रतिनिधि सभा यह जानना चाहती है कि ऐसी घोर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अनुमति देने के पीछे सरकार की क्या विवशता रही है।इस ढुलमुल रवैये के कारण विगत कुछ माह में घाटी में हिंसा तथा आतंकवाद की घटनाएँ बढ़ी हैं। सेना ने भी माना है कि घुसपैठियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों ने ‘आन्दोलनात्मक आतंकवाद’ के रूप में पाक प्रायोजित नए कुचक्र का उल्लेख किया है। आक्रामक प्रदर्शनकारियों के हाथों विगत कुछ महीनों में 1500 से अधिक सी.आर.पी.एफ. के जवान घायल हुए हैं तथा उनके 400 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा राज्य में हमारे सुरक्षा बलों के मनोबल को गिराने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त करती है। घाटी से 35000 जवानों की वापसी ने सुरक्षा बलों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। झूठे शोपियान बलात्कार कांड तथा श्रीनगर फायरिंग जैसी घटनाओं में सुरक्षा बलों को फँसाने के प्रयासों से सशस्त्र बलों का मनोबल और अधिक गिर रहा है। यह रवैया इस गंभीर स्तर तक पहुँच गया है कि बी.एस.एफ. के एक कमाण्डेण्ट को आतंकवादी भीड़ पर अश्रु गैस के गोले दागने का आदेश देने के आरोप में गिरफ्तार कर जम्मू- कश्मीर पुलिस को सौप दिया गया। प्रतिनिधि सभा का आग्रह है कि केन्द्र सरकार को भारत-पाक संबंधों के बारे में अपनी नीति को सुसंगत व स्पष्ट करना चाहिए। गिलगिट-बालुचिस्तान को अपने देश का पांचवाँ प्रांत घोषित करने के निर्णय से पाकिस्तान की बढ़ती हठवादिता का पता चलता है। भारत सरकार को इस पर गहरी आपत्ति दर्ज करनी चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र पाक अधिकृत कश्मीर का भाग है और इसीलिए हमारे देश का अंग है। यह सभा सरकार को 22 फरवरी 1994 के संसद के उस सर्वसम्मत प्रस्ताव का स्मरण कराना चाहती है जिसमें पाक अधिकृत कश्मीर के भारत में सम्पूर्ण वापसी का संकल्प व्यक्त किया गया था।अ. भा. प्रतिनिधि सभा सरकार का आवाहन करती है कि वह जम्मू-कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए इस प्रस्ताव में व्यक्त राष्ट्रीय सहमति का अनुगमन करे। इस संदर्भ में सरकार को निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए:1. जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय अन्तिम तथा किसी प्रकार की समझौता-वार्ता से परे है।2. जम्मू-कश्मीर के लिए पृथक संविधान व झण्डा भारत की अखण्डता के विरुद्ध है। यह हमारे संविधान की भावना, लोकतांत्रिक हितों तथा जनता के मूलभूत अधिकारों के भी विरुद्ध है। इसलिए इसे समाप्त होना ही चाहिए। 3. हमारे संविधान में शामिल किया गया अनुच्छेद 370 एक ‘अस्थाई व संक्रमणकालीन व्यवस्था’ थी। परन्तु समाप्त होने के स्थान पर यह आज भी अलगाववादी तत्त्वों का हथियार बना हुआ है।4. समर्पण नीति, खुली सीमाएँ, ए.एफ.एस.पी. (आम्र्ड फोर्सेज स्पेशल पाॅवर्स) एक्ट को हटाने जैसे प्रश्नों को पाक-अफगान सीमा पर घट रही घटनाओं तथा भारत की सुरक्षा पर हो़ने वाले उनके प्रभावों जैसे व्यापक संदर्भों में देखा जाना चाहिए।5. जम्मू-कश्मीर से सेना की वापसी एवं सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने से हमारी आंतरिक व अंतर्राष्ट्रीय स्थिति कमजोर पड़ेगी। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा सरकार को चेतावनी देती है कि जम्मू-कश्मीर के बारे में कोई भी गलत निर्णय या समझौता राष्ट्र सहन नहीं करेगा।