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Sunday, March 6, 2016

हिन्दू समाज को समरस बनाने के लिए समानता की नहीं समरसता की जरूरत – अभय जी

sangeet sameti (2)इलाहाबाद (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत के प्रांत प्रचारक अभय जी ने कहा कि हिन्दू समाज को समरस बनाने के लिए समानता नहीं समरसता की जरूरत है. सभी के पूर्वज एक ही हैं, सभी सहोदर है. अभय जी रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर प्रयाग संगीत समिति रामबाग में आयोजित सेवा भारती की संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि रविदास का जन्म समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए हुआ और उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को एक रास्ते पर चलने का संदेश दिया. वह एक महान संत थे, रामानन्द के परम शिष्य थे. सभी संतों ने  हिन्दू समाज को एकजुट करने के लिए काफी प्रयास किया.
उन्होंने कहा कि अमीर-गरीब, छोटा बड़ा और ताकतवर और कमजोर एवं जीवन व मौत यह भी सृष्टि की एक प्रक्रिया है. आज देश में समानता की आवश्यकता नहीं है. आज जरूरत है समरसता अर्थात आकर्षण की. जब तक हममें एक दूसरे के प्रति चाहत (आत्मीयता) नहीं होगी, तब तक हमारे देश का विकास सम्भव नहीं है. हम सभी एक ही पिता की संतान हैं. हमारे समाज में जो कुरीतियां आयी हैं, उसे विदेशी ताकतों ने अपनी-अपनी नीति के अनुसार समय-समय पर गलत तरीके ऐसे साहित्य के माध्यम से प्रचारित किया. हमारे हिन्दू समाज में पहले लिखने की कोई परम्परा नहीं थी. सभी अपने पूर्वजों के नाम से अपनी पहचान बनाते गये और उसी ने समाज में दूरी पैदा कर दी. कभी ऐसी हालत हो गई कि लोग अपने गोत्र भी भूल गये और वह पूर्वजों के नाम से ही अपनी पहचान बताते रहे. जिसका परिणाम यह हुआ कि विभिन्न जातियां उत्पन्न हो गईं. लेकिन सच यही है कि हम सभी कश्यप की ही संतान हैं. कश्यप के पहले भी हम एक थे और कश्यप के बाद भी हम एक ही पूर्वज की संतान हैं. प्रकृति में जो चल रहा है, वह सदैव चलता रहेगा. यदि सभी स्त्री एक सामान हो जाएं या पुरूष समान हो जाएं या फिर दुनिया में केवल स्त्री ही रह जाए, या पुरूष ही रहें तो पूरी सृष्टि विनाश के कगार पर पहुंच जाएगी. सभी एक सामान नहीं हो सकते है. ऐसा कोई कहता है, यह मिथ्या है. यह संसार विकार्षण से नहीं आकर्षण से संचालित हो रहा है. सभी एक दूसरे के पूरक हैं.
sangeet sameti (1)संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि कौशाम्बी के सांसद विनोद सोनकर ने कहा कि समाज को एक साथ मिलकर रहना चाहिए. यह संदेश देने का प्रयास संत रविदास जी ने पूरे समाज में किया. उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया, जिससे हमारा हिन्दू समाज एक साथ खड़ा हो जाए ताकि विनाशकारी शक्तियों से लड़ने में कामजोर न हो. संगोष्ठी का उद्घाटन जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द महाराज ने दीप प्रज्ज्वलन से किया और संत रविदास को श्रद्धासुमन अर्पित किया. मंच का संचालन सेवा भारती के प्रयाग महानगर के विभाग सेवा प्रमुख सुरेश जी ने किया. संगोष्ठी में समाज की सेवा में लगे डाक्टर कमलाकर, डॉ. डीके शुक्ला, मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. (  Posted date: February 23, 2016 )

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने देशद्रोहियों पर मांगी कड़ी कार्रवाई

P1790907वाराणसी (विसंकें). जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली में देश विरोधी नारों, देश को बांटने की साजिश और भारत की बर्बादी तक जंग जारी रखने के मंसूबे पालने वालों के खिलाफ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच काशी प्रांत, मुस्लिम महिला फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने विवेकानंद चौराहे पर तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. हाथों में तिरंगा और होठों पर भारत माता की जय के नारों के साथ मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतर कर जेएनयू में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. संगठन के कार्यकर्ताओं ने जेएनयू की सब्सिडी बंद करने, देशद्रोहियों की नौकरी छीनने, डिग्री रद्द करने की मांग सरकार से की. विवेकानंद चौराहे पर जुटे लोगों ने जेएनयू के गद्दार छात्रों के खिलाफ नारे लगाए.
प्रतिनिधियों ने जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने और देश के खिलाफ युद्ध की साजिश रचने वालों को संस्थान से निकालने की मांग की तथा सरकार से आग्रह किया कि इन्हें किसी भी सरकारी संस्थान या महत्वपूर्ण कंपनी में नौकरी न दी जाए. ये लोग नौकरी में आते ही संस्थान के दस्तावेज भी पाकिस्तान को सौंप सकते हैं.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि जेएनयू में भारत की बर्बादी के नारे लगने से हर भारतीय का हृदय छलनी हो गया है. भारत विरोधी नारे हम सहन नहीं करेंगे. जिन लोगों ने पाकिस्तान जिंदाबाद कहा है, उनकी नागरिकता छीनी जाए, ये वही लोग हैं जो हाफिज सईद के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं. गद्दार छात्रों का चेहरा सबके सामने आ चुका है, इन्हें जेल में डाला जाये.
P1790879मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि अफजल गुरू आतंकवादी था, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने पर उसे फांसी दी गई, जो उसका समर्थन करते हैं वे देशद्रोही हैं. जेएनयू के छात्र चंद पैसों और स्मैक के लिये पाकिस्तान के हाथ बिककर भारत के टुकड़े करने की साजिश करते हैं और मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं. जेएनयू में गद्दारों का संगठित गैंग है, जो अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश के विरुद्ध अभियान चलाता है.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच काशी प्रांत के संरक्षक डॉ. हेमंत गुप्ता ने कहा कि देश के सीने में छुरा घोंपने वाले गद्दारों को माफ नहीं करना चाहिये. गद्दारों की बर्बादी और बेदखली तक यह अभियान चलता रहेगा. गद्दारों को फौरन जेल में डालकर यह संदेश देना चाहिये कि किसी कीमत पर देशद्रोही गतिविधियों को सहन नहीं किया जाएगा. प्रदर्शन के दौरान मो. अजहरुद्दीन, अर्चना भारतवंशी, संजीदा बेगम, नजमा परवीन, अभिनव सिंह, कहकशां अंजुम, श्याम नारायण मिश्रा, प्रीती पांडेय, शबनम बीबी, नजबुन, वारिस अली, शम्स परवीन, मदीना, शाहजहां सहित अन्य उपस्थित थे. (Posted date: February 15, 2016)
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गीता के उपदेशों को जीवन में धारण करना समय की आवश्यकता – डॉ. मोहन भागवत जी

गीता के उपदेशों को जीवन में धारण करना समय की आवश्यकता – डॉ. मोहन भागवत जी

गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
कुरुक्षेत्र (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने आप में परिवर्तन लाना होगा. और इसके लिए पवित्र ग्रन्थ गीता के उपदेशों को आचरण में धारण करना होगा. पवित्र ग्रन्थ गीता के उपदेश पूरे विश्व के लिये आवश्यक हैं और आज समय की आवश्यकता भी है कि महान ग्रन्थ गीता के संदेश को हम जीवन में धारण करें.
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम का संतजनों की उपस्थिति में शिलान्यास करने के पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक जी ने आदर्श गृहस्थ, वीर जवानों हार न मानो सहित दो अन्य पुस्तकों का विमोचन भी किया. संस्थानम का निर्माण कार्य तीन साल में पूर्ण होगा.
सरसंघचालक जी ने कहा कि भारत मां के पुत्रों में भाईचारा और सद्भावना बरकरार रहे, इसके लिए गीता के संदेशों को अपने आचरण में लाना जरूरी है. देश को आगे ले जाना है तो इसके लिये सभी के सांझे सहयोग की जरूरत है. अगर भारत को फिर से विश्व गुरू बनाना है तो आपसी मनमुटाव को भुलाकर अपने आप में परिवर्तन लाना होगा. गीता के 11वें अध्याय के 13वें श्लोक के एक – एक शब्द को अपने जीवन में धारणा है. इसके साथ ही गीता के 12वें अध्याय भक्ति को भी ग्रहण करना है. गीता का 11वां अध्याय ज्ञान का संदेश देता है, वहीं 12वां अध्याय भक्ति का संदेश देता है. उन्होंने कहा कि भक्ति को मन में धारण करने के लिये स्वयं में नारायण देखना है, सभी को अपना मित्र मानना है और द्वेष को समाप्त करना है. स्वतंत्र देश में एक-एक गुण पर चितंन कर अपने जीवन में धारण करना है. भक्ति से ही कर्म सुंदर होता है.
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
स्वामी ज्ञानान्द जी महाराज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह एक बड़ा शोध केंद्र बनेगा. इस अवसर पर देश भर से आए हुए संत और अन्य महानुभव मंच पर उपस्थित थे. गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि चरित्र, परंपरा का सम्मान, बच्चों को संस्कारवान व युवाओं को सही मार्ग  केवल गीता के उपदेशों से ही मिल सकता है. उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान घर-घर पहुंचे तथा पूरे विश्व को एक बार फिर से कुरूक्षेत्र की पावन धरा से गीता का संदेश मिले, इसके लिये ही गीता ज्ञान संस्थानम का निर्माण किया जा रहा है.
राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि महर्षि अरविंद जी ने भी दूरगामी सोच का परिचय देते हुए भविष्यवाणी की थी कि 21वीं शताब्दी में भारत विश्वगुरु बनने की तरफ अग्रसर होगा और उसका आधार गीता बनेगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा की पावन धरा कुरूक्षेत्र में गीता ज्ञान संस्थानम की स्थापना होने से हरियाणा का गौरव पूरे विश्व में बढ़ेगा.
कार्यक्रम में स्वामी गुरु शरणानंद महाराज, हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, बाबा स्वामी रामदेव, स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज, रमेश ओझा, स्वामी वेदांतानंद महाराज, बाबा भूपेन्द्र सिंह, स्वामी परमात्मानंद, स्वामी सत्यानद आदि ने संबोधित किया.
भूल को पीछे छोड़ समाज बढ़े आगे
मंच से योग गुरू बाबा रामदेव जी की वाणी में हरियाणा में गत दिनों बिगड़े हालात पर पीड़ा झलक रही थी. उन्होंने कहा कि गौरव बनाने में समय लगता है, जबकि धूमिल क्षण भर में हो जाता है. हरियाणा ने देश और दुनिया को बहुत कुछ दिया है, परंतु जो भूल हुई है, हमें उससे आगे चलना होगा. उन्होंने बल देते हुए कहा कि इंसानियत की कीमत पर हमें कुछ नहीं चाहिये, हम जाति पंथ में बंधे हुए नहीं हैं. जाति मजहब का अवलंबन कमजोर लोग लेते हैं. योग्यता अर्जित कर स्थान बनाने पर समाज स्वयं सम्मान देता है. मैंने कभी जाति प्रांत का नाम नहीं लिया, बस योग साधना की है, जिससे लोगों ने मुझे प्यार से गले लगाया है. सामाजित भाईचारा बनाने के लिये संत शक्ति आगे आकर समाज का मार्गदर्शन करे. बाबा रामदेव जी ने हरियाणा की सेवा में अपना समय और पतंजलि उत्पादों से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा हरियाणा के हालात ठीक करने में खर्च करने की घोषणा की.
मेरठ से आए नेत्रहिन बच्चों ने गीता श्लोक सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. राजस्थान के भरतपुर से आई बेटी अमृत्या ने गीता के श्लोक सुनाए, जिसे पूरे 700 श्लोक कंठस्थ थे. कुरूक्षेत्र के राजकीय स्कूल की छात्राओं ने हरियाणवी लोकगीत गाकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया. दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने बेटियों पर कविता सुनाकर सबकी आंखें नम कर दीं.
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र
गीता ज्ञान संस्थानम कुरूक्षेत्र