Friday, November 2, 2012

काशी में ‘सक्षम’ का पंचम राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न


विकलांग व्यक्ति परिवार और समाज पर बोझ नहीं: सुहास राव हिरेमठ

वाराणसी, 27 अक्टूबर। निवेदिता शिक्षा सदन के भाउÿराव देवरस सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सेवा प्रमुख सुहासराव हिरेमठ ने सक्षम के पंचम राष्ट्रीय अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि विकलांग व्यक्ति, परिवार और समाज पर बोझ नहीं है, यदि उसकी योग्यता, क्षमता व प्रतिभा के विकास का अवसर मिले तो वह स्वावलंबी बनकर राष्ट्र के पुर्ननिर्माण में योगदान कर सकता है।

उन्होंने कहा कि सेवा में बड़ी शक्ति है। शारीरिक सक्षमता का होना अपने हाथ में नहीं है यह भगवान के हाथ में है। अन्तःकरण से समाज को जगाना सक्षम का कार्य हजै। व्यक्ति को बुद्धि, मर्यादा और व्यवहार से जीवन दृष्टि आती है। जो दूसरों के दुःख से द्रवित हो, वही महात्मा है। समाज दुःखी तो हम दुःखी, समाज सुःखी तो हम सुःखी उसी आस्था और भाव से हम सब कार्य करने वाले हैं। अन्त में उन्होंने विकलांगों के समायोजन की दिशा में समाज के लोगों से आगे आने का आह्वान किया।

समारोह के मुख्य अतिथि आरोग्य मन्दिर गोरखपुर के निदेशक डाॅ. विमल कुमार मोदी ने कहा कि संयमित दिनचर्या व खान-पान आरोग्य का मूलमंत्र है। उन्होंने सफेद खाद्य पदार्थों-चीनी, मैदा और नमक के कम उपयोग की सलाह दी। साथ ही दवाओं के अत्यधिक प्रयोग से बचने का भी सुझाव दिया।

अधिवेशन की विशिष्ट अतिथि रेखा सिंह चैहान ने कहा कि विकलांग को विकलांग कहने वाला स्वयं मानसिक रूप से विकलांग होता है आवश्यकता यह है कि यदि ग्राम पंचायत अक्षम लोगों के उन्नयन की जिम्मेदारी उठा लें तो विकलांगों की स्थिति में काफी सुधार हो सकता है।

शोभायात्रा: नेत्रदान हो संकल्प हमारा

गत 28 अक्टूबर को सायंकाल अधिवेशन मे आये प्रतिनिधियों की शोभायात्रा निकाली गयी जो निवेदिता, महमूरगंज, सिगरा तथा रथयात्रा होते हुए अधिवेशन स्थल पर समाप्त हुई । इस शोभायात्रा में प्रतिनिधियों के नारे लोगों के आकर्षण के केन्द्र में रहे- जीते-जीते रक्तदान, जाते-जाते नेत्रदान, क्या आप मरने के बाद दुनिया देखना चाहते हैं। नेत्रदान करें और करवायें। तुच्छदान है हीरे-मोती-श्रेष्ठ दान है नत्र ज्योति। नया है सबेरा नया है, गीत नेत्रदान हो सबकी रीत। शरीर है नश्वर अमर है आत्मा, नेत्रदान से मिलता परमात्मा। हम सबका ये नारा है, नेत्रदान हो संकल्प हमारा, नेत्रदान को अपने परिवार की परंपरा बनाएं स्वतः नेत्रदान करें और दूसरों को प्रेरित करें, नेत्रदान का संकल्प लें दृष्टि का उपहार दें। नेत्रदान के लिए यह शोभायात्रा निश्चित रूप से समाज को नया सन्देश देगा।

समापन: विकलांगों के नाम पर भ्रष्टाचार करने वालों को दण्डित किया जाय

गत 29 अक्टूबर को पंचम अधिवेशन के समापन अवसर पर सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. मिलिन्द कसबेकर ने कहा कि विकलांग केवल गलत सोच नहीं है बल्कि यह भ्रामक कल्पना है। महगाई की मार सबसे अधिक विकलांगों पर पड़ रही है। आज वर्तमान स्थिति ऐसी है जिसमें विकलांगों के जीवन-मरण का प्रश्न है। एक समय लखपति, करोड़पति का जबाना था, अब अरबपति और खरबपति का जबाना है। जिसमें लाखों करोड़ रूपये का घोटाला दिन-प्रतिदिन सामने आ रहा है।

अपने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कसबेकर ने कहा कि सक्षम की गतिविधियां आन लाईन है। विकलांगों को नौकरी की जानकारी दी जाय। अपने-अपने प्रान्तों में विकलांगों के हित में कार्य करने वाले संगठनों की सूची बनायी जाय। जरूरत मंद विकलांगों को नौकरी देने में मदद किया जाय। काशी में स्थित हनुमान प्रसाद पोद्वार अन्धविद्यालय की बड़ी ख्याति है। काशी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करायी जाय।

सक्षम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डाॅ. कमलेश ने कहा कि ‘सक्षम’ (समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मण्डल) राष्ट्रीय संगठन है जो विकालांगों के विकास लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन एवं सामाजिक विकास का कार्य कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देशभर में प्रतिवर्ष औसतन एक करोड़ लोगों की स्वभाविक मौत होती है। इनसे नेत्रदान के रूप में 35 हजार आंखें देश के 610 आईबैंकों को प्राप्त होती है। इन 35 में सिर्फ 14 हजार आंखों का ही प्रत्यारोपण हो पाता है। शेष आंखें बीमारियों से ग्रसित होती हैं, इसलिए उनका प्रत्यारोपण नहीं हो पाता है। समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) ने तय किया है कि नेत्रों की सुरक्षा और नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए देश में व्यापक प्रयास किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा चलाये जा रहे कार्यों की समीक्षा एवं भावी योजना बनाने के लिए अधिवेशन किया जाता है। काशी में सम्पन्न ‘सक्षम’ के पंचम राष्ट्रीय अधिवेशन में सरकार से तीन मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया-

1. विकालांगों को उनके आबादी के अनुसार मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाय।

2. विधान सभा, राज्यसभा और लोकसभा में विकलांग बन्धुओं का भी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करायी जाय।

3. विकलांगों को सहायता देने के नामपर भ्रष्टाचार करने वाली संस्थाओं को चिन्हित कर काली सूची में डाला जाय और जिम्मेदार लोगों को दण्डित किया जाय।

सक्षम के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीरामजी अग्रवाल ने संगठन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस समय 33 प्रान्तों के 104 जिलों में सक्षम की इकाईयां गठित हो चुकी हैं। इनमें यूपी के 32 जिले शामिल हैं। ‘सक्षम’ देश भर में 18 नेत्र बैंकों के जरिए 56 स्थानों पर नेत्रदान शिविरों का आयोजन करता है। कार्यक्रम के अतिथियों का परिचय अधिवेशन संयोजक यशोवर्धन त्रिपाठी एवं संचालन डाॅ. दयाल सिंह पवान ने किया। रमेश सावंत वन्देमातरम् से कार्यक्रम का समापन हुआ। इस वर्ष विकलांग सशक्तीकरण वर्ष मनाया जा रहा है अधिवेशन में लगभग 1000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। (प्रस्तुति: लोकनाथ, विसंकें, काशी)