Friday, June 21, 2013

डाॅ. अमर सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे: डाॅ. मुरली मनोहर जोषी

                  डाॅ. अमर सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे: डाॅ. मुरली मनोहर जोषी
वाराणसी, 21 जून। लोक लेखा समिति के अध्यक्ष एवं वाराणसी के सांसद डाॅ. मुरली मनोहर जोषी ने कहा कि संघ के वरिष्ठ प्रचारक डाॅ. अमर सिंह मेधावी, विष्लेषक और तीक्ष्ण बुद्धि के साथ गहरा चिन्तन करते हुए समस्याओं का सरल समाधान करते थे। डाॅ0 सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी और राष्ट्र सेवा के प्रति हमेशा समर्पित रहते थे। उनकी आत्मा को श्री चरणों में स्थान अवष्य मिलेगा, ऐसा विश्वास है। 
उक्त बाते उन्होंने सिगरा स्थित प्रान्त कार्यालय केषव निलय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित ‘श्रद्धाँजलि’ सभा में व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डाॅ. सिंह का अध्यात्म के प्रति गहरा लगाव था। विज्ञान के विद्यार्थी होने के कारण हर बात प्रमाण के साथ कहते थे। उनका जीवन हम सभी स्वयंसेवकों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।





क्षेत्र प्रचारक प्रमुख अषोक उपाध्याय ने कहा कि डाॅ. अमर सिंह हमारे अविभावक थे। हमेषा लोगों को हंसाते रहना उनका स्वभाव था। हर जगह मजाक-मजाक में बड़ी बात कह देते थे। षाखा के साथ कोई समझौता नहीं, षाखा उनके लिए प्राण थी। काषी प्रान्त के प्रान्त कार्यवाह डाॅ0 वीरेन्द्र जायसवाल ने कहा कि डाॅ. सिंह हमेषा प्रेरक प्रसंक सुनाते थे। आज वे षरीर से हमारेे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी पवित्र स्मृतियां हैं जो संघ कार्य के लिए प्रेरित करती रहेंगी।
काषी प्रान्त के संघचालक डाॅ0 विष्वनाथ लाल निगम ने कहा कि डाॅ. अमर सिंह अनेक दायित्वों का निर्वहन करते हुए समाज और देष सेवा के लिए पूरा जीवन समर्पित किया। प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संगठन मंत्री रामाषीष जी ने कहा कि छोटी-छोटी बातों में डा.ॅ अमर सिंह लोगों का मार्ग दर्षन करते थे। उनका पूरा जीवन भारतमाता के चरणों में समर्पित था। 
ग्राहक पंचायत के प्रदीप चैरसिया ने कहा कि डाॅ0 साहब स्नेह और प्रेरणा के प्रतिमूर्ति थे। साहित्य परिषद के डाॅ. उदय प्रताप सिंह ने कहा कि डाॅ. साहब का साहित्य से बहुत लगाव था। मालवीय मिषन के प्रो. जय प्रकाष लाल ने कहा कि डाॅ. अमर सिंह संघ की रीति और नीति सरल ढंग से स्वयंसेवकों के सामने रखते थे। संस्कृत भारती के प्रो. नागेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि डाॅ0 अमर सिंह पुन: राष्ट्र उत्थान के लिए भारत भूमि पर जन्म लेंगे।
इस कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या मे स्वयंसेवक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संघ के विभाग कार्यवाह दीनदयाल पाण्डेय ने किया। 

Tuesday, June 18, 2013

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डाॅ0 अमर सिंह का निधन, पंचतत्व में विलिन

        वाराणसी, 18 जून (विसंके.)। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं वर्तमान में क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य डाॅ0 अमर सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को मर्णिकाघाट पर पंचतत्व में विलिन हो गया। मुखाग्नि उनके भतीजे अजीत सिंह ने दी। वे अनेक वर्षो से हृदय की बीमारी से पीडि़त थे। सोमवार को रात्रि 9.05 बजे अचानक दर्द के बाद हृदयाघात होने से उनकी मौत हो गयी। वे लगभग 75 वर्ष के थे। अचानक अपने प्रचारक डाॅ. अमर सिंह के स्वर्गवासी हो जाने से पूरा संघ परिवार शोकाकुल है।
                                                         

                                       




                                   

        डाॅ अमर सिंह महान कर्मयोगी, ध्येयनिष्ठ व सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। उनके व्यक्तित्व से युवा, किशोर, तरुण व प्रौढ़ हर उम्र के स्वयंसेवक प्रभावित होते थे, उनका जीवन बड़ा ही सहज, सरल व विनोदप्रिय रहा। वे अपने चुटुकिले व हास्यभाव से गमगीन माहौल को भी सहज बना देते थे। उनके इस हास्य व्यवहार से ही युवा पीढ़ी उनसे ज्यादा प्रभावित थी। उनके अचानक निधन से संघ को अपूरणीय क्षति हुयी है।

  श्री सिंह 1969 में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में पी-एच.डी करने के बाद अपना पूरा जीवन मां भारती की सेवा के लिए समर्पित कर दिया और सन् 1970 में गोरखपुर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक निकल गये। वे मुलतः सुलतानपुर के सिंहौली गांव के रहने वाले थे। अपने चार भाइयों में वे सबसे बड़े थे तथा चार बहिनें भी थी। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय में होने के उपरान्त उच्च शिक्षा के लिए जौनपुर चले गये और तिलकधारी डिग्री काॅलेज से बी.एससी किया, उसके उपरान्त परास्नातक के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय चले गये और वहीं से परास्नातक व पी-एच.डी. करने के बाद संघ के प्रचारक निकले। वे संघ के महानगर, विभाग व सम्भाग प्रचारक के बाद प्रान्त सम्पर्क प्रमुख रहे। सन् 2000 में वे संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख बनेे। वे कुछ वर्षो तक विद्याभारती में भी संगठन मंत्री रहे।
     मई-जून माह में लगे संघ के प्रशिक्षण वर्ग में उन्होंने उन्नाव, बस्ती, सुलतानपुर, प्रयाग व फतेहपुर में अपने बौद्धिक से स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन भी किया। वे हृदय की बीमारी के बावजूद संघ कार्य के लिए निरन्तर गतिशील रहे।
    उनके अंतिम संस्कार में स्व0 श्री सिंह के भाई इन्द्रसेन सिंह, डाॅ0 शिवप्रताप सिंह व राजमणी सिंह व अन्य परिवार के लोग उपस्थित रहे। प्रमुख रुप से क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख अशोक उपाध्याय, काशी प्रान्त के प्रचारक श्री अभय कुमार, गोरक्ष प्रान्त के प्रान्त प्रचारक श्री अनिल जी, क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख श्री मिथीलेश जी, समग्र ग्राम विकास प्रमुख चन्द्रमोहन जी, विभाग प्रचारक रत्नाकर जी, सुनील जी, प्रयाग विभाग प्रचारक मनोज जी, विधायक श्यामदेव राय चैधरी, रविन्द्र जायसवाल, श्रीमती ज्योत्सना श्रीवास्तव, महापौर रामगोपाल मोहले, डाॅ0 दीनानाथ सिंह, मुकेश त्यागी, विभाग कार्यवाह दीनदयाल, डाॅ0 सुखदेव, बीएमएस के संगठन मंत्री अनुपम, समवैचारिक संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं समेत सैकड़ो स्वयंसेवक उपस्थित रहे।