महामना मालवीय जी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक श्री गुरूजी की श्रधांजलि के कुछ अंश -
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी का मै अल्पांश में ही क्यों न हो कृपा पात्र रहा हूँ अल्पांश में कहने का कारण यह है की उनकी कृपा का महासागर मेरे चारो ओर उमड़ते रहे हुए भी मै अपनी सीमित क्षमता के कारण उसका कुछ अंश ही ग्रहण कर सका।
No comments:
Post a Comment