Sunday, March 25, 2012

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को बांटने की साजिश : अशोक सिंघल



काशी , 24 मार्च। महामना पं. मदनमोहन मालवीय की प्रतिमा के करीब लंका स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बचाओ समिति के बैनर तले आयोजित सभा को संबोधित करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के संचालक मंडल के संरक्षक श्री अशोक सिंघल ने कहा कि सरकार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को को बांटने की साजिश रच रही है। यह साजिश महामना की भावनाओं पर कुठाराघात है। निश्चित रूप से शैक्षणिक विकास के क्रम में आईआईटी बनना चाहिए किंतु काषी हिन्दू विष्वविद्यालय को बांटने की कीमत पर नहीं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को अखण्ड रखा जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संस्थान को आई.आई.टी. में अपग्रेड किया जाय और चल एवं अचल सम्पत्ति आई.आई.टी. में निहित करने से तत्काल रोका जाए। आई.आई.टी. सहित सम्पूर्ण विश्वविद्यालय कुलपति के अधिकार क्षेत्र में हो।
जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुब्रहृण्यम स्वामी ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभाजन से जुड़ा कोई भी कानून किसी भी कीमत पर पास नहीं होने दिया जाएगा। यदि सरकार पास भी कर दिया तो उसे कोर्ट से खारिज करा देंगे। स्वामी ने छात्रों व प्रबुद्धजनों का आहृवान किया कि वह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अस्तित्व की लड़ाई को लड़ने के लिए एकजुट होकर आगे आएं। उन्होंने कहा कि समस्त काशी हिन्दू विश्वविद्यालय भारत सरकार के द्वारा 2009 में गठित प्रो. यषपाल कमेटी द्वारा प्रस्तुत किये गये विश्वविद्यालयों के समग्र षिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किये जाने के सुझााव का श्रेष्ठ उदाहरण है, को समस्त रूप से उच्चीकृत किया जाये। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ही आई.आई.टी. की गवर्निंग बाडी हो। इसके लिए आई.आई.टी. अधिनियम 1961 की धाराओं में परिवर्तन किया जाये।
उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकों में गांधी परिवार के सदस्यों सहित राजनेताओं से करोड़ों डालर कालाधन जमा है। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विदेशों में काला धन जमा करने वालों का नाम उजागर नहीं कर रही है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की गरिमा व अस्तित्व के सवाल पर कहा कि आईआईटी जरूर बने किंतु काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की सीमा अक्षुण्ण रहनी चाहिए। महामना के परिसर से निकला हुआ विद्यार्थी मालवीय जी भाव-भावना से प्रभावित होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ललित बहादुर सिंह ने किया। सभा को संबोधित करने व भाग लेने वालों में विहिप के प्रांत संगठन मंत्री मनोज श्रीवास्तव, छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री भूपेन्द्र प्रताप सिंह रिण्टू, अम्बरीष सिंह, संजय तिवारी, शेपा के चेयरमैन नवीन रूंगटा, डायरेक्टर प्रवीण रूंगटा, छात्रनेता विप्लेन्द्र प्रताप सिंह, इंजिनियर अशोक यादव शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय विद्वत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डाॅ. कामेश्वर उपाध्याय ने किया। -प्रस्तुति: लोकनाथ/ विश्व संवाद केन्द्र, 63 माधव मार्केट लंका, वाराणसी-221005

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बचाओं संघर्ष समिति का आह्वान-
हम सभी चाहते हैं शिक्षा का विकास, आई.आई.टी. बने किन्तु-
1. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अधिन हो। कुलपति ही इसका मुखिया हो।
2. सरकार चाहे तो कोई और आईआईटी का निर्माण कहीं और कर ले। इसके लिए स्विस बैंक से पैसा वापस लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
3. जमीन की आवश्यकता पड़े तो गरीब किसान की जमीन हड़पने में सरकार को महारत हासिल है।
4. यदि किसी छात्र-अध्यापक की जिन्दगी आईआईटी के बिना दाॅव पर अटकी हो तो प्रेम से महामना का परिसर छोड़कर किसी भी आईआईटी में जा सकते हैं।
5. सुनियोजित तरीके से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की सम्प्रभुता-अखंडता को नष्ट करने का राष्ट्रविरोधियों के कुचक्र को कभी सफल नहीं होने देंगे।

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