Monday, February 17, 2020

चन्दौली की पहचान अब पंडित दीनदयाल जी के नाम से, पंडित जी की सबसे ऊँची प्रतिमा का अनावरण, स्मृति उपवन का लोकार्पण

  • ३७० और सीएए पर दबाव स्वीकार नहीं 
 
प्रचारक बनकर आजीवन राष्ट्र सेवा में स्वयं को समर्पित करने वाले मां भारती के सपूत, राष्ट्रवादी विचारधाराओं के लिए प्रेरणा श्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की सबसे ऊँची प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चन्दौली जनपद में किया गया।  उन्होंने एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में पड़ाव में बन रहे स्मृति उपवन में प्रथम फेज के निर्माण का लोकार्पण  भी किया।

६३ फीट ऊँची प्रतिमा 
पंडित जी की प्रतिमा की ऊंचाई 63 फीट है। यह सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसे दीनदयाल स्मृति स्थल में स्थापित किया गया है। इसमें वैदिक उद्यान व एंफीथिएटर ग्राउंड भी बनाया गया है। पूरी परियोजना में 39.74 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

पर्यटन का केन्द्र बनेगा स्मृति स्थल 
काशी विश्वनाथ की धरती की गाथा युगों-युगों से गाई जाती रही है। यहाँ पर विश्वनाथ धाम भी बन रहा है। चंदौली की पहचान अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से भी होगी। पड़ाव चौराहे पर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल पर्यटन का केंद्र बिन्दु बनेगा।

३७० और सीएए पर दबाव स्वीकार नहीं 
देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में चल रहे विरोध से सरकार झुकने के लिए तैयार नही हैं । सरकार अपने इस  फैसले पर अडिग है। प्रधानमंत्री ने कहा, अनुच्छेद-370 का फैसला हो या नागरिकता संशोधन कानून का, दोनों देशहित में जरूरी थे, इन पर पुनर्विचार का सवाल ही पैदा नहीं होता है। इन फैसलों के लिए देश के लोगों ने वर्षो इंतजार किया। चंदौली में पं.दीनदयाल स्मृति स्थल पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा-दुनियाभर के सारे दबाव के बावजूद, इन फैसलों पर हम कायम रहे और रहेंगे। उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट की चर्चा भी की और विश्वास दिलाया कि मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट तेजी से काम करेगा।
देशभर में हो रहे सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सीएए पूरे देश में 10 जनवरी से लागू हो चुका है। वहीं पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा की थी और 31 अक्टूबर को इसे कानूनी जामा भी पहना दिया गया था।

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