Wednesday, February 5, 2020

श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को स्वीकृति

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा ट्रस्ट का नाम
मंदिर निर्माण से संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह लोकसभा में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर ट्रस्ट के गठन की जानकारी दी.
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और अन्य विषयों के लिए योजना तैयार की है. इसी के तहत आज मंत्रीमंडल की बैठक में स्वायत्त ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया. ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा. नवगठित ट्रस्ट अयोध्या में भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण व उससे संबंधित अन्य विषयों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अयोध्या में 5 एकड़ भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित करने का अनुरोध उत्तर प्रदेश सरकार से किया गया, जिस पर राज्य सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्राण वायु में, भारत के आदर्शों में, भारत की मर्यादाओं में, भगवान श्री राम की महत्ता, और अयोध्या की ऐतिहासिकता से, अयोध्या धाम की पवित्रता से, हम सभी भली भांति परिचित हैं. अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण, वर्तमान और भविष्य में राम लला के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. सरकार ने फैसला किया है कि अयोध्या कानून के तहत अधिगृहित संपूर्ण भूमि (67 एकड़) को नवगठित ट्रस्ट को हस्तांरित किया जाए.
उन्होंने कहा कि 09 नवंबर को श्री राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद सभी देशवासियों ने अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर पूर्ण विश्वास जताते हुए बहुत ही परिपक्वता का उदाहरण दिया था. देशवासियों के परिपक्व व्यवहार की प्रशंसा करता हूं. हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं, हमें वसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः का दर्शन देती हैं, इसी भावना के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं. भारत में हर पंथ के लोग, हम सभी एक बृहद परिवार के ही सदस्य हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट में बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. 
                                                                                                        साभार- विश्व संवाद केंद्र, भारत

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