Tuesday, June 16, 2020

काशी का अक्षत बना कौटिल्य, श्रीमद्भागवत गीता समेत पांच दर्शन और नौ उपनिषद कंठस्थ

काशी का कैथी गाँव श्री मार्कंडेय महादेव तीर्थ स्थल के कारण प्रसिद्ध है किन्तु अब इसका महत्व ११ वर्षीय बालक ने और भी बढ़ा दिया है. कैथी ग्राम का बालक अक्षत की प्रतिभा हर किसी को आश्चर्य चकित करती है. उसकी मेधा देखकर लोग उसे काशी का कौटिल्य मानने लगे है. अक्षत को श्रीमद्भागवत गीता ही नहीं नौ उपनिषद और पांच दर्शन पूरी तरह कंठस्थ हैं. अक्षत का वेड अध्ययन के क्षेत्र में विशेष पहचान बनना शुरू हो चूका है.
कक्षा छः के छात्र अक्षत योगगुरु स्वामी रामदेव द्वारा संचालित पतंजली गुरुकुलम हरिद्वार में अध्ययनरत है. पिछले वर्ष मार्च २०१९ में उसने प्रवेश लिया था. १४ महीने के अध्ययन में ही अक्षत की यह प्रतिभा उसके असाधारण क्षमता को दर्शाता है. स्वामी रामदेव भी अक्षत की इस प्रतिभा की प्रशंसा कर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि मात्र १९ घंटे में अक्षत ने पांच दर्शन कंठस्थ किये हैं जो एक विश्व कीर्तिमान है. अक्षत के पिता अरुण पाण्डेय का कहना है कि अक्षत बचपन से ही एक बार किसी पाठ को पढ़ लेता है तो वह उसे पूरी तरह कंठस्थ हो जाता है. उसकी इस प्रतिभा को देखते हुए ही उसे घर से दूर रखकर गुरूकुलम में शिक्षा-दीक्षा के लिए भेजने का कठिन निर्णय लिया गया है. 

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