श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान भगवान श्रीराम की पूजी गई प्रतिमा आज भी काशी के मणिकर्णिका घाट स्थित श्री नरसिंह मठ में रखी हुई है. अयोध्या में मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ १४ अक्टूबर १९८४ को पूजा कर श्रीराम-जानकी की प्रतिमा के साथ यात्रा निकाली गयी. साधू संतों से भरी यात्रा गाँव, कस्बे, शहर में जन-जागरण करते हुए अयोध्या पहुंची थी. उस समय विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री अशोक सिंघल ने प्रतिमा को काशी के नरसिंह मठ में रखने का निर्देश दिया था. आज भी नियमित रूप से भोग-अर्चन एवं पूजन वैदिक बटुक के द्वारा किया जाता है. आज तक प्रत्येक पूर्णिमा पर श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ श्रीराम महायज्ञ का आयोजन किया जाता रहा है.
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