Thursday, August 6, 2020

मंदिर हमारी राष्ट्रीय भावना और करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का प्रतीक बनेगा

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ बुधवार को विधिवत पूजन के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से हुआ. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भगवत उपस्थित रहे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने भारत की मिट्टी में जन्मे 36 पंथ संप्रदायों के प्रमुख संत-महात्माओं को कार्यक्रम में आमंत्रित किया था. प्रधानमंत्री ने आज प्रातः अयोध्या पहुंचने के पश्चात हनुमान गढ़ी में दर्शन किये, तत्पश्चात रामलला के दर्शन कर साष्टांग प्रणाम किया. उसके बाद मुख्य पंडाल में पहुंचे तथा पूजन विधि में भाग लिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे ट्रस्ट ने ऐतिहासिक पल के लिए आमंत्रित किया. मेरा आना स्वभाविक थाआज इतिहास रचा जा रहा है. आज पूरा भारत राममय हैहर मन दीपमय है. राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्रामसदियों का इंतजार समाप्त हो रहा है. बरसों तक रामलला टेंट में रहे थेलेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा.

उन्होंने कहा कि गुलामी के कालखंड में आजादी के लिए आंदोलन चला है, 15 अगस्त का दिन उस आंदोलन का और बलिदानियों की भावनाओं का प्रतीक है. ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक पीढ़ियों ने प्रयास किया हैआज का ये दिन उसी तप-संकल्प का प्रतीक है. राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण-तर्पण-संघर्ष-संकल्प था. राम हम सभी के भीतर हैंघुलमिल गए हैं. भगवान राम की शक्ति देखिएइमारतें नष्ट हो गईं और क्या कुछ नहीं हुआ. अस्तित्व मिटाने का प्रयास हुआलेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं. हनुमान जी के आशीर्वाद से राम मंदिर बनने का काम शुरू हुआ हैये मंदिर आधुनिकता का प्रतीक बनेगा. ये मंदिर हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगाकरोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा.


उन्होंने कहा कि देश के लोगों के सहयोग से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ हैजैसे पत्थर पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनावैसे ही घर-घर से आई शिलाएं श्रद्धा का स्रोत बन गई हैं. ये न भूतो न भविष्यति है. भारत की ये शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है. अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारतीय संस्कृति का दर्शन देगाअनंतकाल तक मानवता को प्रेरणा देगा. सबके रामसबमें राम और जय सिया राम. देश में जहां भी प्रभु राम के चरण पड़े हैंवहां पर राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है. शास्त्रों में कहा गया है कि पूरी पृथ्वी पर श्रीराम जैसा कोई शासक हुआ ही नहीं हैकोई भी दुखी ना हो, कोई भी गरीब ना हो, नर और नारी समान रुप से सुखी हों.

राम का आदेश है कि बच्चोंबुजुर्ग और वैद्यों की रक्षा करनी चाहिएजो हमें कोरोना ने भी सिखा दिया है. साथ ही अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है. हमारा देश जितना ताकतवर होगाउतनी ही शांति भी बनी रहेगी. राम की यही नीति और रीति सदियों से भारत का मार्ग दर्शन करती रही हैमहात्मा गांधी ने रामराज्य का सपना देखा था. राम समयस्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते और सोचते हैं. राम परिवर्तन-आधुनिकता के पक्षधर हैं.

भारत के दर्शन-आस्था-आदर्श-दिव्यता में राम ही हैं. तुलसी के राम सगुण राम हैं,  नानक-तुलसी के राम निर्गुण राम हैं. भगवान बुद्ध-जैन धर्म भी राम से जुड़े हैं. तमिल में कंभ रामायण है,  तेलुगुकन्नड़,  कश्मीर सहित अलग-अलग हिस्से में राम को समझने के अलग-अलग रुप हैं. राम सब जगह हैंराम सभी में हैं. विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या इंडोनेशिया में हैवहां पर भी रामायण का पाठ होता है. कंबोडियाश्रीलंकाचीनईराननेपाल सहित दुनिया के कई देशों में राम का नाम लिया जाता है.

इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त अतिथियों तथा संतों का स्वागत किया. भारत सरकार की गाइडलाइन्स के तहत सीमित संख्या में अतिथियों के साथ संपन्न हुआ. भारत की लोकतांत्रित प्रणाली, न्यायिक प्रणाली के कारण पांच शताब्दी पुराना यह मामला शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हुआ. अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के सपने को देखते हुए हमारी कई पीढ़ियां गुजर गईं. हम संघर्ष करते रहे. प्रधानमंत्री की सूझबूझ और दूरगामी सोच के चलते यह संभव हो पाया. इस संघर्ष में कई लोगों ने अपना सबकुछ बलिदान कर दिया.

मंदिर निर्माण का कार्य श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा किया जाएगा, लेकिन अवधपुरी की धरती भव्य और समृद्धशाली बनेगी. हम सबके लिए यह दिन उमंग, उत्साह और भावनात्मक भरा दिन है. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज गौरवान्वित होने का अवसर मिला. राम मंदिर का सपना सच हो रहा है.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख महंत नृत्यगोपाल दास जी ने कहा कि लोग हमसे पूछते कि मंदिर कब बनेगाहमने कहा था जब एक ओर मोदी है और दूसरी ओर योगी है,  तो अब नहीं बनेगा तो कब बनेगा. अब लोगों को तन-मन-धन से मंदिर निर्माण में जुटना चाहिए और काम को आगे बढ़ाना चाहिए. दुनिया में रह रहे प्रत्येक हिन्दू की यही इच्छा थी. मंदिर का निर्माण एक नए भारत का निर्माण हैइसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए.

श्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत 

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