सरकार को पत्र लिखकर संगठन ने नेशनल टॉय पॉलिसी बनाने का किया अनुरोध
दुनिया में कोई भी व्यापार छोटा नहीं है, आवश्यकता है तो
उसे सही दिशा और गति देने की। खिलौना बच्चों के मनोरंजन का एक साधन मात्र है लेकिन
व्यापारिक रूप से इसके विस्तार को दिखा जाए तो वह बहुत बड़ा व्यापार है। दुनिया
में खिलौनों का व्यापार 7 लाख करोड़ का है। राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार मंडल ने
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर नेशनल टॉय पॉलिसी
बनाने का अनुरोध करते हुए संगठन ने कहा है कि भारत में खिलौनों का बाजार बहुत बड़ा
है लेकिन टॉय पॉलिसी न होने से ढेर सारी अड़चनें आ रही है। राष्ट्रीय जन उद्योग
व्यापार संगठन के वरिष्ठ राष्ट्रीय संगठन मंत्री व वाराणसी व्यापार मंडल के
अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 30
अगस्त को मन की बात में टॉय की बात की थी, इसके बाद अब भारत
खिलौनों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाग लेने को आतुर है।
हालांकि इसके लिए सरकारी स्तर पर कुछ तैयारियां करनी होगी। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के अनुसार इस समय वैश्विक स्तर पर देखें तो खिलौनों का बाजार करीब सात लाख करोड़ रुपए का है। इसमें इस समय भारत की हिस्सेदारी बेहद कम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 30 अगस्त के अपने मन की बात में कहा था कि भारतीय खिलौना निर्माता अच्छी क्वालिटी के टॉय बनाएं ताकि खिलौनों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की हिस्सेदारी मजबूत हो सके। प्रधानमंत्री की प्राथमिकता को देखते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय शीघ्र ही नेशनल टॉय पॉलिसी बनायें। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री ने भारतीय खिलौना क्षेत्र को सरकार ने प्राथमिकता पर ले लिया है। अब सिर्फ नीति बनाया जाना बाकी है। नि:संदेह भारतीय खिलौना क्षेत्र काफी विरासत परंपरा विविधता और युवा आबादी के साथ समृद्ध है। यह गुणवत्ता वाले उच्चतम मानकों के खिलौनों के उत्पादन करने में सक्षम है, जो न केवल घरेलू बाजार की आवश्यकता को पूरा करने बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक प्रभावशाली हिस्सेदारी भी दर्ज कर सकता है। वर्तमान समय में अब टॉयज की पसंदगी भी बदल रही है। कुछ समय पहले तक मेकेनिकल टॉयज की पूछ थी। अब उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक टॉयज ग्राहकों की पसंद बन गए हैं हालांकि भारतीय टॉयज इंडस्ट्री में इलेक्ट्रॉनिक टॉयज बनाने की आवश्यक बुनियादी ढांचा है तब भी नई एवं उच्च तकनीक और विभिन्न प्रकार के डिजाइन के टॉय बनाने के लिए एक पॉलिसी तो होनी चाहिए। इसी पॉलिसी के द्वारा सरकार टॉय निर्माताओं को सहयोग दे सकती है।
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