Tuesday, September 22, 2020

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में लगेंगे सात प्रकार के पत्थर

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का नए सिरे से निर्माण कर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के रूप में परिवर्तित किये जाने का कार्य तेजी से चल रहा है. लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था. किन्तु पुनः प्रारंभ होने के बाद अब तक 13 फीसद कार्य पूरा किया जा चुका है. 

धाम परिसर को सजाने के लिए सात प्रकार के पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा. इन पत्थरों में लाल बलुआ पत्थर के आलावा मकराना, बालेश्वर, मन्डोना, कोटा, ग्रेनाईट और कंक्रीट स्टोन शामिल है. इन सभी पत्थरों का प्रयोग अलग-अलग स्थानों पर किया जाएगा. धाम के निर्माण में सबसे ज्यादा लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग किया जाएगा जो धाम में प्रस्तावित सभी भवनों के पिलर बनाने के लिए लगेगा. चुनार की पहाड़ियों से निकालकर इस पत्थर को अहमदाबाद में तराशा जा रहा है. राजस्थान के मकराना से लाये जा रहे पत्थरों से फ्लोरिंग की जाएगी. बालेश्वर पत्थर को उड़ीसा से मंगाकर लगाया जाएगा. इस पत्थर को धाम के सभी भवनों के दीवारों के बाहरी साथ पर लगाया जाएगा. बालेश्वर पत्थर की विशेषता है कि इसमें डिज़ाइन और इतिहास के लेखन में आसानी होता है. 

घाट किनारे सीढ़ियों पर जोधपुर और जैसलमेर में बनने वाले मंडाना स्टोन को लगाया जाएगा. लाल बलुआ की तरह दिखने वाला यह पत्थर गंगा किनारे गंगा का पानी पहुँचने वाले स्तःनों पर लगाया जाएगा. डिज़ाइन के लिए उपयोगी विभिन्न रंगों में उपलब्ध होने वाला कोटा स्टोन राजस्थान के कोटा से मंगाई जाएगी. वैदिक केन्द्र और संग्रहालय समेत खास भवनों के निर्माण में ग्रेनाइट पत्थर लगाए जाएँगे. कंक्रीट पत्थर का प्रयोग कॉरिडोर के सामान्य तरह के निर्माण में किया जाएगा.

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