- तीन वर्ष में पांच गुना हो गया शहद का उत्पादन
- व्यवसाय को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने में जुटी सरकार
काशी / व्यापार चाहे कोई भी हो, आवश्यकता होती है उसे सही दिशा और गति देने की.
तीन वर्ष पहले काशी में मधुमक्खी पालन करने वाले गिने-चुने किसान थे. जब सरकार ने
इसे बढ़ावा देना शुरू किया तो आज इस व्यवसाय से जुड़े किसानों की संख्या दिन पर दिन
बढ़ रही है. इसके साथ ही उत्पादन में भी लगातार वृद्धि हो रही है. इस व्यापार के
लिए किसानों को लगातार मिल रहे प्रशिक्षण और मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को
बॉक्स पर दिए जा रहे सब्सिडी के परिणामस्वरूप तीन वर्ष पूर्व जिले में शहद का उत्पादन जो 2 हजार किलो था, अब वो बढ़कर 10 हजार किलो तक पहुँच गया है.
इस व्यवसाय से किसानों को 6 लाख रूपये की वार्षिक आमदनी
भी हो रही है.
40 फीसद सब्सिडी
सरकार किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रोत्साहित करने के
साथ-साथ पूरी तरह से आर्थिक सहयोग करने में भी जुटी है. मधुमक्खी पालन बॉक्स
खरीदने के लिए केन्द्र सरकार 40 फीसद तक किसानों को सब्सिडी दे रही है, जबकि बॉक्स की कीमत सिर्फ 4 हजार रूपये है. किसानों को
बॉक्स पर सब्सिडी के लिए यूपी एग्रीकल्चर के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना
होगा. ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए किसान कचहरी स्थित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय
से भी संपर्क कर सकता है.
एपिस मैलिफेरा प्रजाति का पालन सर्वाधिक
देश में पाई जाने वाली पांच प्रकार की मधुमक्खियों में से
सर्वाधिक एपिस मैलिफेरा (इटेलियन मधुमक्खी) नामक प्रजाति का पालन काशी में अधिक
किया जाता है. मधुमक्खियों की यह प्रजाति औसतन 1400 अंडे प्रतिदिन देती है. ऐसे में इटेलियन
मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों का कारोबार में वृद्धि होती है.
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