कृषकों के उत्पादों को जल्द बाजार तक पहुंचाने के उद्देश्य से तथा इसके माध्यम से किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ रेलवे ने किसान रेल शरू की है. देश के कुछ हिस्सों में विशेष ट्रेनों का संचालन कर दूध और सब्जियों को लोकल मंडियों से देश के स्थापित बाजारों तक भेजने के लिए किया जा रहा है. इसके विस्तार के क्रम में रेलवे पूर्वांचल के जिलों से किसान रेल संचालित करने की योजना पर काम कर रही है.
किसान
रेल योजना को पूर्वांचल के जिलों में क्रियान्वित करने का शुभारंभ बलिया और आसपास
के क्षेत्र से करने की तैयारी है. बलिया और आसपास के जिलों में सब्जियों की
पैदावार बहुतायत में होती है. सब्जियों के उत्पादक औने-पौने दाम पर लोकल बाजारों
में फल सब्जियों को बेच देते हैं. क्षेत्र में होने वाले कृषि उत्पादन को ध्यान
में रख कर, रेलवे कृषि उत्पादों को
सुरक्षित, भरोसेमंद तरीके से यातायात सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए किसान
रेल संचालित करने जा रही है. सुविधा से किसान अपनी उपज को देश की बड़ी मंडियों तक
भेजकर मुनाफा कमा सकते हैं.
रेलवे ने
साल 2024 तक माल ढुलाई को दोगुना करने का लक्ष्य
रखा है. पूर्वोत्तर रेलवे ने सितंबर माह में रिकॉर्ड लोडिंग कर वर्ष 2019 सितंबर माह की तुलना में 80 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. इसके
लिए बिज़नेस डेवलपमेंट यूनिट गठित की गई है. इस यूनिट से मिले सुझावों के आधार पर
वाराणसी मंडल ने भी बलिया रेलवे स्टेशन से ‘किसान
रेल’ चलाने की योजना बनाई है. इसके लिए यूनिट लगातार किसानों और
व्यापारियों के संपर्क में है.
रेल माल
ढुलाई में 30 फ़ीसदी तक
रियायत भी दे रही है, जिससे
ज्यादा से ज्यादा किसानों को योजना से जोड़ा जा सके. किसान स्पेशल ट्रेन चलाने की
मांग और महत्वपूर्ण सुझाव देने के लिए किसान और कृषि व्यवसाय से जुड़े लोगों से
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक संजीव शर्मा ने सुझाव मांगा है.
श्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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