Sunday, November 22, 2020

आत्मनिर्भरता एवं स्वावलंबन की चुनौती को स्वीकार करें स्वयंसेवक

 संघ ने किया आत्मनिर्भरता एवं स्वावलंबन का आह्वान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल, (पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र) की बैठक में पर्यावरण संरक्षण व वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बदलते परिवेश में स्वयंसेवक को और अधिक गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ कार्य करने का आह्वान किया गया. सेवा के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता और स्वावलम्बन को कार्य का आधार बनाना चाहिए. पानी को पैदा नहीं कर सकते, लेकिन बचा सकते हैं, वृक्षों को लगाया जा सकता है, इसलिए अधिकाधिक पौधारोपण करने और प्लास्टिक के उपयोग से बचने पर जोर दिया गया. बैठक में संघकार्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ आगामी कार्यक्रमों पर विचार किया गया. स्वदेशी, कुटुंब प्रबोधन जैसे सामाजिक सरोकार के विषयों पर चिंतन किया गया.

स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर, नेहरू नगर में संघ की दो दिवसीय बैठक चल रही है. बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी व सरकार्यवाह सुरेश जी जोशी, सह सरकार्यवाह (दत्तात्रेय जी होसबले, डॉ कृष्ण गोपाल जी, डॉ. मनमोहन जी वैद्य, मुकुंद जी), 2 अखिल भारतीय अधिकारी (सुरेश चंद्र जी अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख, राजकुमार मटाले जी, अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख) सहित 3 प्रान्तों के 20 प्रतिनिधि उपस्थित हैं.

सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने कहा कि कोरोना के कारण सामाजिक परिवेश में परिवर्तन आया है. इस बदलते परिवेश में स्वयंसेवकों को अपनी कार्य भूमिका बदलने की आवश्यकता है. बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना के कारण ऑनलाइन व परिवार शाखाओं को अब अपने पूर्व स्वरूप में आना चाहिए. शाखाओं को कोरोना संबंधी सावधानियों के साथ शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए खुले मैदानों में लगाने की बात की गई. राष्ट्रभक्ति, सेवा, संस्कार की भावना मजबूत करने के लिए साप्ताहिक कुटुंब-बैठकें प्रारम्भ करने का आह्वान किया गया. भारत की प्राचीन कुटुम्ब परंपरा में परस्पर स्नेह व सामंजस्य विशेषता रही है.

सरकार्यवाह सुरेश जोशी जी (भय्याजी) के अनुसार पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय की मांग है. उन्होंने कहा कि जब पर्यावरण संरक्षण का विषय आता है तो जल प्रबंधन, जल के दुरुपयोग की रोकथाम, प्लास्टिक उपयोग पर रोक जैसे जागरूकता अभियान चलाने होंगे. समाज में अधिक से अधिक पौधारोपण की अलख जगानी होगी. सभी प्रान्तों ने अपने यहां चल रहे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों व अभियानों की जानकारी बैठक में दी.

बैठक में स्वदेशी निर्मित समान के उपयोग से भारत को आर्थिक रूप से सशक्त करने की अवधारणा को साकार किया जा सकता है. इसलिए छोटे उद्योग, ग्रमीण कुटीर उद्योग का सहयोग करने की बात कही गई.

विशेष उल्लेखनीय कार्य

मेरठ प्रांत – कोरोना महामारी के दौरान किए गए सेवा कार्य

कोरोना संकट के समय मेरठ प्रान्त में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा 1,12,943 राशन किट और 19,74,381 भोजन पैकेट का वितरण किया गया.

लॉकडाउन में 1,28,652 मास्क,10,100 पैकेट काढ़ा और 48,665 लीटर सेनेटाइजर का वितरण संघ द्वारा किया गया.

– 4,132 घुमंतू जातियों के परिवारों को भी संघ के स्वयंसेवकों ने सहायता पहुंचायी.

– 663 यूनिट रक्तदान स्वयंसेवकों ने किया.

दिल्ली से निकले 2,24,310 प्रवासी मजदूरों को भी स्वयंसेवकों ने सहायता पहुंचायी.

इस पूरे सेवाकार्य में 6,703 स्वयंसेवक लगे.

कोरोना काल में बहुत सारे लोगों के नौकरी काम-धंदे बंद हो जाने के कारण बहुत आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा है. ऐसे कठिन समय में उनको इस कष्ट से बाहर निकलने के लिए स्वरोजगार हेतु कौशल विकास का एक प्रयास किया गया.

ब्रज प्रांत कोरोना महामारी के दौरान किए गए सेवा कार्य

आगरा में रोजगार भारती द्वारा 08 नवंबर को रोजगार प्रोत्साहन मेले का आयोजन किया गया.

यह मेला युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से लगाया गया था. मेले में बड़ी संख्या में उद्यमी, स्वरोजगार उपलब्ध कराने वाली ईकाइयां, बैंक के अधिकारी व अपना उद्यम शुरू करने के इच्छुक युवक आए थे.

मेले का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संघचालक सूर्य प्रकाश टोंक ने किया. इस मौके पर प्रान्त प्रचारक हरीश जी व क्षेत्र सेवा प्रमुख गंगाराम जी और रोजगार भारती के संरक्षक पूरन डाबर उपस्थित रहे.

मेले में सक्षम डाबर द्वारा तैयार ठेले, जिसमें साईकिल पर चाय की दुकान, साईकिल पर गोलगप्पे की दुकान, जिनके माध्यम से युवक कम पैसे में अपना रोजगार शुरू कर सकता है.

रोजगार प्रोत्साहन मेले में रोजगार के इच्छुक 1200 से अधिक युवक युवतियों ने पंजीकरण कराया.

– 15 वर्षीय बालिका गार्गी का सम्मान किया. गार्गी ने 15 वर्ष की आयु में मोम के दीपक बनाना प्रारम्भ किया. एक सप्ताह में 30 हजार से अधिक दीपक बिक गए. गार्गी अपने काम में 20 महिलाओं को रोजगार दे रही है.

कार्यक्रम में 40 से अधिक महिला उद्यमियों का सम्मान किया गया. रामबाग सेवा बस्ती के रहने वाले दो दिव्यांग भाईयों बुद्ध प्रकाश और सत्य प्रकाश को ठेला प्रदान किया गया. दोनों दिव्यांग भाई नानखटाई बेचने का कार्य करते हैं.

प्रकृति वन्दन कार्यक्रम में सभी स्वयंसेवकों ने पूर्ण उत्साह से भाग लिया.

उत्तरांचल प्रांत कोरोना महामारी के दौरान किए गए सेवा कार्य

उत्तराखण्ड में संघ द्वारा 11,67,555 भोजन पैकेट और 68,055 परिवारों को राशन किट का वितरण किया गया.

कोरोना से बचाव के लिए 1,09,252 मास्क वितरण और 15,466 लीटर सेनेटाइजर का छिड़काव किया गया.

उत्तराखण्ड के स्वयंसेवकों ने 422 यूनिट रक्तदान ​किया.

सम्पूर्ण सहायता कार्य में 4,226 स्वयंसेवक लगे.

प्रतिवर्ष होने वाली कार्यकारी मंडल की बैठक इस बार राष्ट्रीय स्तर पर न होकर क्षेत्र स्तर पर हो रही है. आज बैठक का पहला दिन था. यह बैठक गुरुवार दोपहर तक चलेगी.

श्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत

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