Thursday, January 14, 2021

अयोध्या में राम मंदिर सच्चे अर्थों में राष्ट्र मंदिर होगा

विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि भगवान श्रीराम लाखों लोगों की आकांक्षाओं, विश्वास और आदर्शों के प्रतीक हैं. इसलिए उनका मंदिर पूरे समाज का होना चाहिए, यह किसी एक व्यक्ति का नहीं होना चाहिए. इसीलिए इस मंदिर को आम जनता के योगदान से बनाने का निर्णय लिया गया है. यह राम मंदिर नहीं, बल्कि राष्ट्र मंदिर होगा.

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी से शुरू होगा. इस उपलक्ष्य में पुणे में कुछ संपादकों और पत्रकारों के साथ मिलिंद परांडे से अनौपचारिक बातचीत का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष मनोहर कुलकर्णी, कार्यवाह रवींद्र घाटपांडे और निधि संग्रहण अभियान के प्रांत प्रमुख मिलिंद देशपांडे उपस्थित थे.

उन्होंने कहा, “यह निधि समर्पण अभियान देश के इतिहास में अभूतपूर्व स्तर का अराजनीतिक अभियान होगा. देश के 6 लाख गांवों में से 5 लाख गांवों तक पहुंचना इस अभियान का लक्ष्य है और 35 से 40 लाख कार्यकर्ता पूरे देश में इसके अंतर्गत यात्रा करेंगे. इसके माध्यम से करोड़ों परिवारों तक पहुंचेंगे और अभी से ही जनता का उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि बाबर द्वारा श्रीराम मंदिर को ध्वस्त किए जाने के बाद हिन्दू समाज ने लगातार इसके पुनर्निर्माण के लिए लड़ाई जारी रखी. इस संघर्ष की निरंतरता कभी नष्ट नहीं हुई. श्रीराम न केवल भक्ति के प्रतीक हैं, बल्कि सांस्कृतिक-सामाजिक आदर्शों के भी प्रतीक हैं. इसलिए यह केवल एक संप्रदाय या पंथ का मंदिर नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक सचेत प्रयास किया गया है कि हर कोई इसमें योगदान दे. इसलिए विश्व हिन्दू परिषद ने न्यास से अनुरोध किया कि चूंकि लाखों हिन्दुओं की आस्था श्रीराम से जुड़ी हुई है, इसलिए पूरे समाज को इसमें शामिल होना चाहिए. यह श्रीराम किसी के देवता होने की बात नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक प्रतीक होगा. यह सिर्फ राम मंदिर नहीं बल्कि राष्ट्र मंदिर होगा क्योंकि हमारे पास राष्ट्र की अवधारणा भू-राजनीतिक नहीं, बल्कि भू-सांस्कृतिक है. इसके कारण, सभी संप्रदाय और धर्म इस कार्य में शामिल रहे हैं.

उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीराम के जन्मस्थान पर मंदिर का कुल क्षेत्रफल 70 एकड़ होगा और यह तय किया गया है कि इस निर्माण के लिए सरकार से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा. उन्होंने विभिन्न शंकाओं का स्पष्ट रूप से समाधान भी किया.

विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष मनोहर कुलकर्णी ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, “वर्तमान समय संक्रमण का समय है. कोरोना महामारी के बाद कुछ सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं और कोरोना पर एक टीका भी विकसित किया गया है. श्रीराम मंदिर का निर्माण उसी सकारात्मक घटनाओं की एक कड़ी है. 

श्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

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