Saturday, January 16, 2021

भारत को समरस समाज बनाने के लिए भुलाना होगा राग-द्वेष, लाना होगा सामाजिक समरसताः नागेंद्र


जौनपुर। भारत एक समरस समाज तभी बन सकता है जब आपसी मतभेद, जाति, राग-द्वेष को भुलाकर, मां भारती को परम वैभव तक पहुंचाने के लिए सभी लोग संगठित होकर कार्य करेंगे। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधि के सामाजिक सद्भाव के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन के दौरान सामाजिक समरसता, काशी प्रांत के संयोजक नागेंद्र जी ने कहा।

खुटहन खंड के राज गौरव महाविद्यालय में एक दिवसीय सामाजिक सद्भाव एवं भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे अनेकों उदाहरण है जिसमें विभिन्न महापुरुषों ने भारत में सद्भाव एवं समरसता की नींव रखी। हमारे आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम राम एवं भगवान कृष्ण है।

उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि 15 जनवरी से संघ के कार्यकर्ता देश के कोने कोने में जाकर निधि संग्रह हेतु निकलेंगे जो कि भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है, इसमें आप अपना यथा शक्ति निधि सहयोग दें।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महंत स्वामी राम लवट, महाराज ने कहा एकता में ही भारत का कल्याण हो सकता है। खंड संघचालक सुरेंद्र ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो अविनाश पाथर्डीकर, विभाग संयोजक, सामाजिक सद्भाव ने किया। कार्यक्रम के उपरांत सभी समाज के लोगों के साथ सहभोज किया।


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