Monday, October 25, 2021

संपूर्ण समाज में देशभक्ति का भाव जगाना ही अमृत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य

काशी। काशी प्रांत के गांव-गांव तक अमृत महोत्सव का संदेश पहुंचा कर देशभक्ति का ज्वार जगाने की व्यापक रणनीति तैयार कर ली गई है। अमृत महोत्सव आयोजन समिति की काशी प्रांत की एक दिवसीय कार्यशाला में काशी प्रांत के सभी जिलों से आए डेढ सौ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। पूर्वांचल में स्वतंत्रता संघर्ष के गढ के रूप में प्रसिद्ध  रहे वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के केंद्रीय ग्रंथालय  के हाल में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्रीमान अनिल जी की उपस्थिति में रविवार को कार्य योजना  को अंतिम रूप दिया गया।

प्रज्ञा प्रवाह के पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार के क्षेत्र संगठन मंत्री रामाशीष जी एवं प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी के दीप प्रज्वलन के बाद दो सत्रों में चली इस कार्यशाला में श्रीमान अनिल जी ने महोत्सव के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संपूर्ण समाज में देशभक्ति का भाव जगाना ही अमृत महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है। यह कार्य अकेले सरकार के प्रयासों से नहीं हो सकता। संपूर्ण समाज की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि 7 नवंबर तक सभी जिलों में तथा उसके पश्चात खंड एवं न्याय पंचायत स्तर की समितियों का गठन का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जनसभाओं को संबोधित करने वाले वक्ताओं के चयन में पूरी सावधानी बरती जाए। आम जनता तक सहज एवं सरल भाषा में अपनी बात पहुंचाने वाले वक्ता ही जनसभाओं को संबोधित करने के लिए भेजे जाएं। जनसभाओं में जन भावना का पूरा ध्यान रखते हुए झोपड़पट्टी में रहने वाले वंचित समाज के बंधुओं को भी कार्यक्रमों से सीधा जोड़ा जाए क्योंकि स्वतंत्रता संघर्ष में गांव के गरीबों का  योगदान किसी से कम नहीं था। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कारगिल की लड़ाई में भेड़ चराने वाले लोगों की ओर से सेना को दी गई सूचना का उदाहरण प्रस्तुत किया।

प्रांत प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने संपूर्ण अभियान की व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर से 16 दिसंबर तक चलने वाले इस व्यापक अभियान में जनसभाएं, रथयात्रा,  भारत माता पूजन, भारत माता की आरती तथा बड़े पैमाने पर जिलों में वंदे मातरम के सामूहिक गान के कार्यक्रम होंगे ।

हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने पौरुष पराक्रम से देश को जिस तरह झकझोरने का काम किया था अमृत महोत्सव में भी कार्यकर्ता उसी तरह देश भक्ति का भाव जागृत करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकारी प्रयासों से सामाजिक संगठनों का काम ज्यादा  असरकारी होगा। इस व्यापक अभियान के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना है इसे सभी को ध्यान में रखना होगा। स्वतंत्रता संघर्ष के ऐसे पहलुओ को उजागर करना होगा जिन्हें राजनीतिक हितों के लिए जानबूझकर जनता से छिपाया गया। सच्चे इतिहास की जानकारी जनता को देनी होगी।

 अभियान के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी 155 ब्लॉकों 104 नगरों सभी महाविद्यालयों विश्वविद्यालयों में चलाया जाएगा जिला खंड एवं ग्राम समितियों में 25 से 35 समर्पित कार्यकर्ताओं की मजबूत कार्यकारिणी होगी। समिति में 7 महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने का उन्होंने आग्रह किया| उन्होंने कहा कि सभी समितियों के गठन का कार्य 25 अक्टूबर तक अवश्य पूरा कर लिया जाए| 19 नवंबर को वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की जयंती के दिन सभी जिलों के जिला मुख्यालयों, खंड नगर एवं न्याय पंचायत केंद्रों पर एक साथ उद्घाटन के कार्यक्रम एक निश्चित समय पर होंगे। यह कार्यक्रम 2 घंटे तक चलेंगे।

  20 से 30 नवंबर तक जिलों में तिरंगा यात्रा निकाली जाएंगी| इसके पश्चात न्याय पंचायतो, ग्राम पंचायतों एवं बस्ती में यह यात्रा एक साथ निकलेगी। इस दौरान इस अभियान से कोई भी गांव-नगर एवं बस्ती अछूती न रहे इसका पूरा ध्यान कार्यकर्ताओं को रखना होगा। अभियान के दौरान स्टीकर हैंड बिल तथा पत्रक घर-घर बांटे जाएंगे। तिरंगा यात्रा के बाद 15 दिनों तक सभी जिलों के जिला केंद्रों, नगरों सभी खंडों तथा गांव में भारत माता की भव्य झांकी निकाली जाएगी तथा सामूहिक आरती होगी। 16 दिसंबर को अब तक सेना की ओर से आयोजित होने वाले विजय दिवस को गांव-गांव में मनाया जाएगा। इसी दिन 1971 में पाकिस्तान ने आत्म समर्पण किया था। अभियान के अंतर्गत महानगरों में एक साथ सामूहिक वंदे मातरम गायन के कार्यक्रम  होंगे।

प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संगठन मंत्री रामाशीष जी ने कार्यशाला में कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स्व का जागरण नहीं हो सका। यह अभियान स्वराज्य, स्वदेशी, स्व धर्म, स्वावलंबन एवं स्व के प्रगटीकरण के लिए चलाया जाएगा। लोगों को सही इतिहास की जानकारी दी जाएगी तथा स्वतंत्रता के लिए संघ के योगदान के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे अमृत महोत्सव में इतिहास का मंथन कर उसमें से अमृत निकालें जिससे समाज में सद्भाव बढे और स्वतंत्रता की रक्षा हो सके। जनसभाओं में स्थानीय स्तर पर स्वतंत्रता के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया उनके योगदान की चर्चा करें। गौ संरक्षण, देशभक्ति तथा संघ के योगदान की अवश्य चर्चा करें। कार्यालय के द्वितीय सत्र में प्रतिनिधियों ने अपने अपने सुझाव रखे।

कार्यशाला का संचालन सह प्रांत कार्यवाह डॉ राकेश जी ने किया। इतिहास संकलन समिति के डॉ आनंद शंकर सिंह, पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो0 ओमप्रकाश सिंह, विश्व संवाद केंद्र, काशी के डॉ हेमंत कुमार, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ0 मुरारजी त्रिपाठी, प्रांत बौद्धिक प्रमुख डॉ सत्यपाल तिवारी समेत अनेक प्रतिनिधियों ने अपने विशेष सुझाव रखे। कार्यशाला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विद्या भारती प्रज्ञा प्रवाह आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विशेष रूप से भाग लिया। 

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