Thursday, November 11, 2021

वाराणसी – शव दफनाने के लिए नट समुदाय के समक्ष मतांतरण की शर्त रखी


वाराणसी जनपद में नट समाज के लोगों पर कन्वर्जनका दबाव बनाया जा रहा था. नट समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें शव दफनाने से रोका गया. शव दफनाने के लिए शर्त रखी गई थी कि शव तभी दफन करने दिया जाएगा, जब वे लोग कन्वर्जनस्वीकार करेंगे. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को दफन करवाया और विवाद करने वालों को सख्त चेतावनी दी.

वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्र के थाना फूलपुर अंतर्गत रामपुर गांव में गत 29 अक्तूबर को एक महिला सुशीला देवी की मृत्यु हो गई थी. अगले दिन मृतका के पति सचाऊ नट अपने समुदाय के लोगों के साथ शव को दफनाने के लिए गए. नट समुदाय के लोग मृत्यु होने पर शव को दफनाते हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार, नट समुदाय के लोगों को गांव के मुसलमानों ने शव को दफनाने से रोक दिया. मुसलमानों की तरफ से नट समुदाय के लोगों पर कन्वर्जनका दबाव बनाया गया. यह कहा गया कि कन्वर्जनके बाद ही शव को दफनाने दिया जाएगा.

घटना की जानकारी जब हिन्दू संगठनों को हुई तो पुलिस को सूचना दी गई. घटना स्थल पर पहुंच कर पुलिस ने अंतिम संस्कार करवाया.

हिन्दू जागरण मंच के गौरीश सिंह के अनुसार, ‘कन्वर्जनके लिए दबाव बनाया जा रहा था, जो लोग कन्वर्जनका दबाव बना रहे थे. वो भी पहले नट समुदाय में थे. बाद में उन लोगों ने कन्वर्जन कर लिया था. अब वो लोग चाह रहे थे कि नट समुदाय के अन्य लोग भी कन्वर्जनकर लें. पुलिस को दिए शिकायत पत्र में कहा गया है कि भू-समाधि जहां पर दी जाती है. वह उनकी परम्परागत भूमि है.

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