Friday, November 12, 2021

अमृत महोत्सव : नकारात्मक शक्तियों के चक्रव्यूह को अभिमन्यु की तरह भेदकर विजय प्राप्त करनी होगी – रमेश जी

 

प्रयागराज। अमृत महोत्सव के माध्यम से गांव नगर बस्ती में एक बार फिर स्वतंत्रता आंदोलन जैसी ही देश प्रेम की उमंग एवं जज्बा उत्पन्न करने के लिए मजबूत संगठनात्मक ढांचा तैयार कर लिया गया है। 19 नवंबर से अभियान को पूरे जोर शोर से चलाने के लिए समितियों का गठन कर पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंप दी गई। नैनी स्थित माधव ज्ञान केंद्र इंटर कॉलेज में शुक्रवार को प्रयाग विभाग के संघ विचार परिवार की बैठक में जिला,  नगर, ब्लॉक तथा बस्ती स्तर की समितियों का गठन कर दिया गया तथा पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई। बैठक में विचार परिवार के डेढ़ दर्जन संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

नयी वैचारिक क्रांति के लिए आगे आयें 

दो सत्रों में संपन्न हुई इस बैठक के उद्घाटन सत्र मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश जी ने पूरे महीने भर चलने वाले इस विशेष अभियान की विस्तार से जानकारी दी तथा कार्यकर्ताओं में जम कर जोश भरा।

उन्होंने आह्वान किया कि एक नई वैचारिक क्रांति के लिए कार्यकर्ता आगे आये। अपने ओजस्वी उद्बोधन में उन्होंने आगे कहा कि लंबे संघर्ष के बाद देश को स्वतंत्रता तो मिल गई लेकिन “स्व” के जागरण का काम अधूरा रह गया। स्वतंत्रता की वर्षगांठ के इस 75 वें पड़ाव पर इस अधूरे काम को पूरा करने के लिए कार्यकर्ताओं को कमर कस कर अपने कार्य क्षेत्र में उतरना होगा। नकारात्मक शक्तियां कौरवों की तरह चक्रव्यूह की रचना कर रही है| अभिमन्यु की तरह चक्र भेदन कर विजय प्राप्त करनी होगी। इस दिशा में सरकारी प्रयास भी चल रहे हैं किंतु हमारे कार्यकर्ताओं के प्रयास समाज में ज्यादा असरकारी होंगे। उन्होंने  याद दिलाया कि स्वराज तो मिल गया किंतु स्वदेशी, स्वधर्म, स्वावलंबन, स्वदेशी का भाव पूरी तरह तिरोहित हो गया। स्वतंत्रता के लिए देशभर में आंदोलन हुए लेकिन स्वतंत्रता का शेहरा एक परिवार के सर पर बांध दिया गया। शेष को गुमनामी के अंधेरे में धकेल दिया दिया। इस अभियान में गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से देश को परिचित कराया जाएगा। देश को सही इतिहास की जानकारी दी जाएगी। गौरवशाली अतीत का बोध कराया जाएगा तथा स्वतंत्रता आंदोलन में संघ के योगदान की जानकारी देते हुए राष्ट्रभाव का जागरण किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्रता संघर्ष 1857 से नहीं बल्कि 1498 से 1947 तक चला तब देश को स्वतंत्रता मिली।

काशी प्रांत के सभी जिलों में एक साथ 19 नवंबर को इसका एक साथ उद्घाटन होगा। इसके पश्चात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। गांव-गांव, नगर-नगर हर बस्ती में भारत माता पूजन सामूहिक आरती के माध्यम से पूरे वातावरण में देशभक्ति की मिठास घोली जाएगी।  इस अभियान में वंदे मातरम का सामूहिक गान, शिक्षण संस्थाओं में स्वतंत्रता आंदोलन को लेकर वाद विवाद क्विज एवं निबंध प्रतियोगिता तथा प्रश्न मंच आदि के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रांत प्रचारक जी ने अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के प्रस्तावों की जानकारी दी तथा संत रविदास गुरु गोविंद सिंह छत्रपति शिवाजी जैसे महापुरुषों के योगदान की चर्चा की। संघ परिवार के गतिविधि आयाम की ओर से समाज परिवर्तन के लिये किये जा ‌रहे कार्यक्रमो और समाज पर पड रहे सकारात्मक प्रभाव की भी चर्चा की।

द्वितीय सत्र मे जिला, भाग, नगर की अमृत महोत्सव समिति का विधिवत गठन कर संगठनात्मक ढांचा तैयार कर लिया गया| संघ के सह प्रांत कार्यवाह प्रो. राज बिहारी जी ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे इस अवसर का उपयोग कर आजादी के आंदोलन की सच्ची कहानी लोगों को बताएं। पूरे देश को एक सूत्र तथा एक विचार में जोड़ना ही इस अभियान का लक्ष्य है। संचालन विभाग कार्यवाह संजीव जी ने किया।

संघ विचार परिवार की इस बड़ी बैठक में विहिप, विद्या भारती, विद्यार्थी परिषद, अधिवक्ता परिषद, सक्षम, भारतीय मजदूर संघ, आरोग्य भारती, प्रज्ञा प्रवाह, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, संस्कार भारती, गंगा समग्र, सेवा भारती, राष्ट्रीय सिख संगत, राष्ट्रीय सेविका समिति, सेवा समर्पण संस्थान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिलों के कार्यवाह, संघचालक के अतिरिक्त विभाग प्रचारक डॉक्टर पीयूष जी, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉक्टर मुरारजी त्रिपाठी, प्रांत सेवा प्रमुख नागेंद्र जी, सत्य विजय जी, अधिवक्ता परिषद के प्रांतीय महामंत्री शीतल जी एडवोकेट आदि की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।

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