Sunday, February 19, 2023

नाद के देवता शिव की नगरी में स्वयंसेवकों ने किया घोष वादन

काशी। रविवार को अखिल भारतीय घोष दिवस के अवसर पर काशी महानगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोष विभाग द्वारा  नमो घाट पर स्वयंसेवकों द्वारा घोष वादन हुआ।

स्वयंसेवकों ने घोष वादन करते हुए बंशी पर तिलंग भूप और शिवरंजनी रचना प्रस्तुत की। शंख पर श्रीराम किरण और सोनभद्र रचना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भगवा ध्वज लगाया गया। उसके बाद 50 स्वयंसेवकों ने विभिन्न रचनाएं प्रस्तुत की।

इस अवसर पर काशी प्रांत के शारीरिक शिक्षण प्रमुख संतोष जी ने कहा कि संघ की स्थापना के समय ही डॉक्टर साहब का मन अपने अलग घोष दल की स्थापना करने हेतु था। ऐसे में गोविंद राव देशमुख जी ने डॉक्टर साहब का भरपूर सहयोग किया। मार्कंडेय राव और हरी विनायक दातेय जी का नाम संघ के प्रारंभिक घोष वादकों में आता है। 1982 के एशियाड में भारतीय नौसेना ने संघ द्वारा तैयार शिवराजः की धुन बजाई थी।

उन्होंने कहा कि संगच्छध्वं संवदध्वं के मंत्र की सार्थकता घोष द्वारा तब सिद्ध होती है जब सामान्य स्वयंसेवक घोष की धुन पर कदमताल करते हुए आगे बढ़ता है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय संघ सेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में अयोध्या में 10000 स्वयंसेवकों के साथ घोष वादन करेगा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से काशी उत्तर भाग के मा. संचालक हेमंत गुप्ता जी, सुरेंद्र जी, प्रभात आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र जी एवं धन्यवाद ज्ञापन विपिन जी द्वारा किया गया। 

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