Monday, May 8, 2023

समाज के ताने बाने को बनाये रखना तथा समाज को सही दिशा देना ही वास्तविक पत्रकारिता - डॉ. मनमोहन वैद्य

काशी। उत्तम पत्रकारिता का उद्देश्य भारत की संस्कृति एवं भारत की मौलिकता को बनाये रखना है। समाज के ताने बाने को बनाये रखना तथा समाज को सही दिशा देना वास्तविक पत्रकारिता का अर्थ है पत्रकार धर्म का पालन करते हुए सारा समाज हमारा है, इस भावना के प्रति प्रमाणिकता रखना सच्ची पत्रकारिता है। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी कृषि प्रेक्षागृह में व्यक्त किया। वे रविवार को विश्व संवाद केन्द्र, काशी द्वारा आयोजित आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयन्ती एवं पत्रकार सम्मान समारोह में "संवेदनशील पत्रकारिता की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका" विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।

आद्य पत्रकार देवर्षि नारद के सन्दर्भ में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नारद जी का त्रिलोक में हर और संचार एवं संवाद था। उनकी पत्रकारिता पर देव-दानव एवं मानव सभी को इतना विश्वास था कि रनिवास तक भी उनके आने-जाने पर कोई रोक नहीं थी। भारत की जीवन दृष्टि आध्यात्म पर आधारित है। जीवन में जितनी कलाएं हैं, उतने ही देवता हैं। परन्तु स्वामी विवेकानन्द की नारद भक्ति स्तोत्र पुस्तक में देवर्षि नारद को श्रेष्ठ कहा गया है। भारत के आध्यात्मिक संस्कृति के सन्दर्भ में चर्चा करते हुए डॉ. वैद्य जी ने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब यह भारत की परम्परा नहीं है, क्योंकि यमुना भी गंगा में मिल जाती हैं और अन्त में केवल गंगा ही सागर में मिलती हैं। अतः भारत की संस्कृति गंगा है। पत्रकारों के उत्तम गुणों के सन्दर्भ में मुख्य वक्ता ने कहा कि सही सूचना जनमानस में पहुंचाना तथा हर सूचना की प्रमाणिकता तय करना उत्तम संवाददाता का कार्य है। भारतीय जनमानस की सेवा भावना की चर्चा करते हुए डॉ. वैद्य जी ने कहा कि भूकम्प अथवा बाढ़ के समय सारा विश्व सेवा कार्य में बढ़ चढ़कर भाग लेता है, परन्तु कोविड काल में भारत वर्ष ही एकमात्र ऐसा देश रहा जहां सेवा कार्य हेतु कोरोना योद्धा सड़कों पर उतरें। इस काल में पत्रकारिता की सकारात्मक भूमिका प्रशंसनीय रही। उन्होंने कहा कि भगवद्भक्ति की स्थापना तथा प्रचार के लिए नारद जी का आविर्भाव हुआ है। उन्होंने कठिन तपस्या से ब्रम्हर्षि पद प्राप्त किया है। देवर्षि नारद धर्म के प्रचार तथा लोककल्याण हेतु सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। इसी कारण सभी युगों में, सब लोकों में, समस्त विद्याओं में, समाज के सभी वर्गों में नारद जी का सदा से प्रवेश रहा है। मात्र देवताओं ने ही नहीं वरन् दानवों ने भी उन्हें सदैव आदर दिया है। समय-समय पर सभी ने उनसे परामर्श लिया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कृषि वैज्ञानिक प्रो. दिनेश चन्द्र राय ने कहा कि देवर्षि नारद ने महर्षि बाल्मिकी को रामायण की रचना के लिए प्रेरित किया। विश्व संवाद केन्द्र की भूमिका का वर्णन करते हुए कहा कि वर्तमान युग में समाज जागरण का अद्भुत कार्य इस संस्था के माध्यम से हो रहा है। देवर्षि नारद जयन्ती के आयोजन द्वारा श्रेष्ठ पत्रकारिता को सम्मानित कर समाज कार्यों में पत्रकारिता के महत्व को बढ़ाने का कार्य हो रहा है। अध्यक्षता करते हुए विश्व संवाद केन्द्र काशी न्यास के अध्यक्ष प्रो.बिशन किशोर ने कहा कि देवर्षि नारद सृष्टि में सौहार्द बनाये रखने की भूमिका का निर्वहन करते थे। देवर्षि नारद की छवि परिहास की नहीं अपितु ज्ञान के प्रतीक की हैं। कार्यक्रम प्रस्थापना करते हुए संस्थापक सचिव डॉ. वीरेन्द्र जायसवाल ने कहा कि यथा जनता तथा तंत्र यह लोकतंत्र की पहचान है, इसको सन्दर्भित करने का कार्य पत्रकारों का है क्योंकि समाज निर्माण में और समाज परिवर्तन में पत्रकारिता की भूमिका रहती है। अतः जितनी सकारात्मक पत्रकारिता होगी, उतनी समाज और लोकतंत्र में संवेदना आयेगी आयोजित सम्मान समारोह में पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले चयनित सात पत्रकारों एवं एक कर्मयोगी समेत आठ लोगों को स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र एवं अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया गया। जिनमें श्री अशोक कुमार सिंह (वरिष्ठ संवाददाता, दैनिक जागरण) श्री आलोक कुमार त्रिपाठी (सीनियर सब एडिटर, अमर उजाला), श्रीमती कुमुद सिंह चतुर्वेदी (ब्यूरो चीफ, नेशनल व्हील्स) श्री आशुतोष सिंह (मुख्य संवाददाता, टाइम्स नाउ भारत), श्री नवीन पाण्डे (संवाददाता, एबीपी गंगा न्यूज), श्री नरेन्द्र नाथ मिश्र (सम्पादक, सोच विचार), श्री विजय शंकर गुप्ता (छायाकार, हिन्दुस्थान समाचार एजेन्सी) श्री अवधेश मिश्र ( कर्मयोगी) सम्मिलित हैं। मुख्य अतिथि को न्यास के उपाध्यक्ष डॉ. हेमन्त गुप्त, कार्यक्रम संयोजक सुरेश बहादुर ने स्मृति चिह्न अंगवस्त्रम अध्यक्ष बिशन किशोर ने भेंट किया।

कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन महामना मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा एवं भारत माता व आद्य पत्रकार देवर्षि नारद के चित्र पर मार्ल्यापण कर किया गया। स्वस्तिवाचन वेंकट रमन घनपाठी द्वारा किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष की अनुमति से सचिव प्रदीप कुमार चौरसिया ने कार्यक्रम आरम्भ किया। कुलगीत सुश्री मालविका एवं सुश्री अंजलि द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम से हुआ।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुमकुम पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक सुरेश बहादुर सिंह ऐड द्वारा किया गया। 






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