Wednesday, October 11, 2023

जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि का भजे सो हरि का होई, यही है सनातन परम्परा - डॉ. सुरेंद्र जैन

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में विहिप की चार प्रांतों से निकली शौर्य यात्रा का हुआ भव्य समापन

काशी| विश्व हिन्दू परिषद् के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि हम ऋणी हैं उस समाज के जिन्होंने मैला ढ़ोना स्वीकार किया, लेकिन अपना धर्म छोड़ना स्वीकार नहीं किया| हम ऋणी हैं उस समाज के जिन्होंने चमड़ें की जूती काटनी स्वीकार की, लेकिन सिकंदर लोदी के अत्याचारों के बावजूद राम का नाम लेना नहीं छोड़ा| जैन, बौद्ध, सिख हिन्दू समाज के अविभाज्य अंग हैं| जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि का भजे सो हरि का होई, यही सनातन परम्परा है| वे विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल द्वारा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में मंगलवार को आयोजित विशाल शौर्य सभा को संबोधित कर रहे थे|

     उन्होंने कहा कि काशी में सनातन संस्कृति प्राचीन काल से बेहद समृद्ध रही है। भारत में मुस्लिम आक्रांताओं ने बार- बार हिंदू और सनातन संस्कृति को मिटाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह खुद ही मिटते चले गए। हिन्दुत्व भारत की आत्मा में रचा बसा है। इसे मिटाने की सोच रखने वाले आगे भी स्वयं मिट जाएंगे। विशाल सभा को संबोधित करते हुए डॉ जैन ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर शान से बन रहा है। अब तो ऐसा लग रहा है कि काशी में भी नन्दी का इंतजार अब खत्म होने वाला है,  क्योंकि बाबा विश्वनाथ जी अपनी धरती को कभी छोड़ने वाले कदापि नहीं है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ हिंदू विरोधी  हमसे पूछते हैं कि आखिर हिंदुत्व या सनातन कितनी पुरानी संस्कृति है तो उनकी मूढ़ता पर हंसी आती है। दरअसल उन्हें जर्मनी के उस वैज्ञानिक से सीख लेनी चाहिए जिसने अपनी पुस्तक में लिखा है सनातन संस्कृति इतिहास लिखे जाने के बहुत पहले से ही विद्यमान है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को इजराइल में आतंकी संगठन हमास के हमले से भी सीख लेनी होगी। ऐसे लोग कभी भी आपके लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं इसलिए सर्वदा सतर्क और संगठित रहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में कुछ लोग आतंकी संगठन हमास का समर्थन करते दिख रहे, यह कदापि भारत हितैषी नहीं हो सकते। उन्होंने काशी की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता पर चर्चा करते हुए बताया कि काशी नगरी बाबा भोले के त्रिशूल पर बसी है। वेद, पुराणों में इसका जिक्र है। यह वही धरती है जहां जैन धर्म के चार तीर्थंकर हुए तो भगवान बुद्ध ने पांच शिष्य को धर्म का उपदेश दिया। काशी में ही महान संत रविदास हुए तो कबीर दास की जन्मस्थली भी काशी है। उन्होंने दयानिधि, स्टालिन समेत कई ऐसे लोगों को निशाने पर लिया जो हिंदुत्व के खिलाफ बोलते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के पूर्वज भी हिंदुत्व और सनातन की ही पूजा करते थे आज भले वोट के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हरियाणा के नूंह जैसी घटना फिर दोहराई गई तो इस बार हिंदू समाज भी इसका करारा जवाब देगा। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने बंटवारे के वक्त खुद कहा था कि यदि धर्म के आधार पर बंटवारा हो रहा है तो फिर यह पूर्ण ईमानदारी से होना चाहिए। लेकिन उसे वक्त गांधी और नेहरू के अड़ जाने से ऐसा न हो सका। यदि अंबेडकर की बात मान ली गई होती तो आज भारत की तस्वीर ही अलग होती। इस अवसर पर मौजूद शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने आगत अतिथियों और यात्रा में शामिल लोगों को आशीर्वचन दिया। कहा कि हिन्दू समाज ने शौर्य जागरण किया| अब आपको अपने महापुरुषों के शौर्य को, अपने शौर्य को जागृत रखना है|

संत रविदास मंदिर के महंत भारत भूषण महाराज ने कहा कि मुग़ल आक्रांताओं ने भारत के हिंदुओं पर बहुत जुर्म ढाया है, तब हिंदू समाज भी एकत्रित नहीं था। उन्होंने कहा कि अपने संस्कृति को समझो, प्रेम करो। हम बिखरे हुए हैं, बाहर की शक्तियां हमें तोड़ने में लगी हुई है। हमें सभी समाज के साथ मिलकर जाति भेद से ऊपर उठकर काम करना है। इस देश में दो तरह के लोग गुलाम है। एक मानसिक रूप से, दूसरे सामाजिक रूप से। सामाजिक रूप से वो हैं जिन्हें हम छोटा समझते हैं। मानसिक रूप से वो है जो ये कहते हैं कि वह छोटा है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कुछ लोग इजराइल में क्रूर हमला करने वाले आतंकी संगठन हमास का भारत में समर्थन कर रहे हैं ऐसे लोग तो भारत हितैषी कदापि नहीं हो सकते। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और उसके समर्थक नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि जातिगत जनगणना के बहाने हिंदुओं को अलग-अलग बांटने का कुचक्र रचा जा रहा है, ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए। देश के हिंदू उनकी चाल को समझ रहे हैं| ऐसे झांसे में कदापि आने वाले नहीं है। इजराइल में आतंकियों ने जिस तरह का बर्ताव किया वह पूरे विश्व को चिंता में डाल गया। महिलाओं बच्चों की नृस्ंश हत्या हुईं तो अस्सी साल की बुजुर्ग महिला समेत तमाम इजरायली युवतियों का जबरन चीर हरण किया गया। ऐसे विधर्मियो और कट्टरवादियों के क्रूर करतूतों से आज पूरे विश्व में स्थिति बेहद विकट है।

     विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र जी ने कहा की देश में हिंदुओं के खिलाफ विधर्मी लगातार षड्यंत्र रचते रहते हैं। हिंदू समाज को चेतना जागृत कर स्वयं से मजबूत होना होगा। याद रहे कोई सत्ता या सरकार हिंदुओं की रक्षा नहीं कर सकती हमें अपने बल पर खुद भी लड़ना होगा। अन्नपूर्णा मंदिर के महत्व शंकरपुरी महाराज ने कहा कि अब भी समय है हिंदुओं संगठित और एक हो जाओ वरना पश्चाताप करोगे। समारोह का संचालन क्षेत्रीय सत्संग प्रमुख दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने किया। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नागेंद्र पांडेय, मेयर अशोक तिवारी, क्षेत्रीय सेवा प्रमुख राधेश्याम द्विवेदी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं प्रांत अध्यक्ष कविंद्र प्रताप सिंह, काशी प्रांत के संगठन मंत्री नितिन जी, प्रांत मंत्री कृष्ण गोपाल जी, काशी प्रांत के सह विशेष सम्पर्क प्रमुख सत्य प्रकाश सिंह, प्रांत संयोजक सत्य प्रताप सिंह, प्रांत प्रचार प्रमुख अश्वनी मिश्रा, सह प्रचार प्रमुख डॉ. लोकनाथ पांडेय, काशी महानगर अध्यक्ष कन्हैया सिंह, जिला अध्यक्ष राजेश पांडेय आदि उपस्थित रहे।





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