“जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है” का संदेश श्री राम से ही हम सभी को मिलता है
प्रयागराज।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रान्त प्रचारक रमेश जी ने कार्यकर्ताओं का
आह्वान करते हुए कहा कि धर्मनगरी प्रयागराज के साथ राष्ट्र को राममय बनाना है इसके लिए कार्यकर्ता
घर-घर संपर्क करें। राम और राष्ट्र अलग नहीं बल्कि एकाकार हैं। श्री राम
राष्ट्रभक्ति के प्रखर प्रेरणा स्रोत है। वे शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के प्रीतम
दास मेहता प्रेक्षा गृह में आयोजित प्रयागराज महानगर की कार्यकर्ता बैठक को
संबोधित कर रहे थे। प्रातः काल 7:00 बजे से शुरू हुई
इस महत्वपूर्ण बैठक में 1
से 15 जनवरी तक चलने वाले महा जन संपर्क अभियान की
रणनीति को अंतिम रूप दिया गया|
प्रांत प्रचारक ने कहा कि प्रत्येक परिवार के
जन-जन को श्रीराम से जोड़ें। जो राम से जुड़ेगा वह राष्ट्र से जुड़ेगा। यह अवसर
गंवाना नहीं है। प्रचंड संगठन शक्ति के साथ इस अभियान को सफल बनाना है। आगे कहा कि श्री राम केवल ईश्वर ही नहीं बल्कि
मर्यादा पुरुषोत्तम भी है। सनातन संस्कृति के लिए संपूर्ण समर्पण की प्रेरणा
हमें उन्हीं से मिलती है। उन्होंने
संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए एक समरस समाज की स्थापना का संदेश दिया है, जिस पर हम सभी को आगे बढ़ना है ।
श्रीराम आस्था विश्वास एवं राष्ट्र के प्रतीक है। “जननी और जन्मभूमि
स्वर्ग से भी महान है” का संदेश श्री राम से ही हम सभी को मिलता है। उन्होंने कहा
कि 72 बार के संघर्ष तथा साढे तीन लाख लोगों के बलिदान के
बाद श्रीराम लला मंदिर में प्रतिष्ठित होने जा रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक अवसर है। लोक
जागरण के लिए इसमें सभी कार्यकर्ता दिन रात एक करके अपनी पूरी ताकत झोंक दें। 1 से 15 जनवरी तक पूर्णकालिक कार्यकर्ता बनकर घर-घर
जनसंपर्क अभियान का एक नया कीर्तिमान बनाएं। उन्होंने याद दिलाया कि संघ का
कार्यकर्ता जब ठान लेता है तो असंभव को भी संभव बना देता है। जब धर्म, संस्कृति, राष्ट्र एवं भारतीय परंपरा संकट में पड़ती है, तब संघ
कार्यकर्ता सब कुछ छोड़कर पूरे दमखम के साथ मैदान में आ जाता है। आज वही समय आ गया
है। पूरी दुनिया संघ की ओर देख रही है। हमें लोक जागरण का एक नया कीर्तिमान बनाना
है। संघ एक दैवी संगठन है और इस समय आसुरी प्रवृत्तियों के विनाश के लिए संघावतार
हो चुका है। बलिदानों की एक लंबी परंपरा के कारण प्रखर राष्ट्रभक्ति का जागरण पूरे
देश में हो चुका है। मंदिर निर्माण का कार्य अब अंतिम चरण में है। 500 वर्षों के संघर्ष का परिणाम आंखों के सामने आने वाला है। देश का जनमानस
श्रीराम के साथ खड़ा है। निधि संग्रह अभियान में संघ कार्यकर्ताओं ने साढे पांच
लाख गांवों तक घर-घर संपर्क किया था| इस बार 6,70,000 गांव में घर-घर संपर्क का लक्ष्य तय किया गया है। हम इस लक्ष्य को
प्राप्त करके ही दम लेंगे।
कड़ाके की ठंड में सूर्योदय से पूर्व शुरू हुई इस बैठक में मंच पर विभाग कार्यवाह प्रो0 संजय सिंह उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त विभाग प्रचारक आदित्य जी, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. मुरारजी त्रिपाठी, घनश्याम जी, शिव प्रकाश संजीव जी, वीर कृष्ण, आशीष मोहन समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
जय श्री राम !! मेरे मन में है राम मेरे तन में है राम मेरे रोम रोम में राम है !!
ReplyDeleteराम ही मेरी जीवन पद्धति है
जय जय श्री सीताराम !!