जौनपुर।
पथ संचलन शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम नहीं है, अपितु राष्ट्र के प्रति सब कुछ समर्पित करने का भाव है। उक्त विचार राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ काशी प्रान्त प्रचारक रमेश जी ने व्यक्त किया| वे राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ जौनपुर द्वारा राज कालेज मैदान में आयोजित सामाजिक एकता एवं सामाजिक
समरसता के उद्देश्य से आयोजित पथ संचलन को संबोधित कर रहे थे|
उन्होंने
संघ का इतिहास बताते हुए कहा कि परम पूजनीय डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार जी ने विजय
दशमी के दिन संघ की स्थापना की थी और हिन्दू समाज को एकत्रित करने का संकल्प लिया।
आज यह संगठन वट वृक्ष बनकर दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन चुका है।
स्वयंसेवक अपने लिये नहीं, अपनों के लिये जीता
है। उन्होंने कहा कि 98 साल की साधना के पश्चात् संगठन 99वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और एक वर्ष पश्चात् यह भारतवर्ष का पहला
संगठन होगा जो राष्ट्रहित में कार्य करता हुआ अपने 100 वर्ष
पूरा करेगा।
उन्होंने
कहा कि भारतवर्ष के स्वतंत्र होने के पश्चात् संघ द्वारा राष्ट्रहित में निरंतर
किये गये कार्यों का यह परिणाम हुआ कि 26 जनवरी 1963 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर
लाल नेहरू द्वारा गणतंत्र दिवस के परेड में स्वयंसेवकों को बुलाकर उनका अभिवादन
किया गया। आने वाले समय में भारतवर्ष जगद्गुरू और प्रबल राष्ट्र के रूप में
स्थापित होगा।
उद्बोधन
के पश्चात पथ संचलन का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयंसेवक अनुशासन
व धैर्य का परिचय देते हुए द्वारा राज कालेज के मैदान से सब्जी मण्डी, कोतवाली, चहारसू, अटाला मस्जिद,
किला होते हुए पुनः राज कालेज के मैदान में पथ संचलन को विराम दिया
गया।
कार्यक्रम में प्रान्त प्रचारक प्रमुख रामचन्द्र जी, प्रान्त सम्पर्क प्रमुख दीनदयाल जी, प्रान्त कार्यालय प्रमुख जगदीश जी, विभाग प्रचारक अजीत जी, जिला कार्यवाह रजनीश, जिला प्रचारक रजत जी, ज्ञान प्रकाश सिंह, शिवप्रकाश, डा. नितेश, जी, मंगलेश्वर आदि उपस्थित रहे।
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