Monday, November 14, 2011

नक्सली युवक हिंसा छोड़ें और राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ें : श्री श्री रविशंकर


Loknath Vns द्वारा 11 नवंबर 2011 को 19:28 ब जे पर

चन्दौली, 8 नवम्बर। विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु तथा आर्ट आफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर ने कहा कि नक्सली युवक हिंसा छोड़कर समाज के विकास के लिए राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ें क्योंकि व्यवस्था परिवर्तन में हिंसा बाधक है।

यह उद्गार जमसोती (चन्दौली) में स्थित महुआ बाबा सेवा आश्रम में यूथ फार नेशन की ओर से स्थापित वनवासी स्वावलंबन केंद्र का उद्घाटन करने के बाद विराट वनवासी समागम को संबोधित करते हुए श्री श्री ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने वनगमन किया इसके पीछे वन क्षेत्र का स्वच्छ पर्यावरण, स्वच्छ गांव और वनवासियों की मानवीयता और विश्वास अहम था और जहाँ विश्वास होता है वही ईश्वर होता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वनवासी क्षेत्र में विकास के साथ ही स्कूल, कालेज, अस्पताल, शुद्ध पानी तथा सड़कों की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के हर बच्चे को शिक्षा देने के लिए हम संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि दिलों में दर्द है, लेकिन व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में हिंसा का रास्ता बाधक है। इसलिए नक्सली युवक बंदूक छोड़कर राष्ट्र और विकास के साथ ही समाज की मुख्यधारा से जुड़े।

इस अवसर पर उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि रसायनमुक्त खेती से ही रोगरहित समाज का निर्माण संभव है। इसलिए वे दालों, जड़ी बूटी, बागवानी और सब्जियों की खेती पर जोर दें। उन्होंने कहा कि यह प्रजाति जैविक रूप से पैदा की जा सकती है तथा इसकी उत्पादन दर अधिक है। श्रीश्री ने कहा कि महुआ बाबा का आश्रम क्षेत्र में आध्यात्म की अलख के साथ ही मानव सेवा का केंद्र बन गया है। इसकी सेवा का लाभ वनवासियों को मिलता है। इसलिए इस आश्रम की सुविधाओं के विस्तार के लिए वे भरपूर सहयोग देंगे। इस दौरान श्रीश्री ने महुआ बाबा आश्रम के संचालक श्री गोविंद बाबा और विख्यात लोकगीत गायक रामजन्म बागी को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।

प्रस्तुति : लोकनाथ, वाराणसी

विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु तथा आर्ट आफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर, महुआ बाबा आश्रम के संचालक श्री गोविंद बाबा

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