आईसीएमआर और भारत बायोटेक मिलकर कोरोना की दवा बना रहे हैं तथा 15 अगस्त को दवा की लॉंचिंग
की तैयारी है. भारत में कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ह्यूमन टेस्ट शुरू होने जा रहा
है. जिसके लिए पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर में स्कूल में अध्यापक एवं राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक चिरंजीत धीवर को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद
(आईसीएमआर) की ओर से बुलावा आया है. उन्हें अभी ये नहीं बताया गया है कि ट्रायल
किस तारीख से शुरू होगा, लेकिन चिरंजीत को इसके लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. आईसीएमआर के
भुवनेश्वर या पटना सेंटर पर टेस्ट किए जाने की बात कही गई है. चिरंजीत ने कोरोना
की दवा के ह्यूमन ट्रायल के लिए स्वयं को प्रस्तुत किया था, जिसमें उनका चयन हुआ है.
आईसीएमआर द्वारा दवा का ट्रायल कोरोना संक्रमित और गैर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों
पर किया जाएगा. 07 जुलाई (मंगलवार) से मानव शरीर पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया जाना है. देश
में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7 लाख 18 हजार 872 हो गई है.
चिरंजीत ने बताया कि आईसीएमआर पटना के सेंटर से रविवार को उनके पास फोन आया और
कहा गया कि जल्दी ही टेस्ट के लिए उनकी जरूरत होगी. चिरंजीत ने अप्रैल में
आईसीएमआर को एक अनुरोध भेजा था. जिसमें कहा था कि मैं वैक्सीन के लिए क्लीनिकल
ट्रायल से गुजरना चाहता हूं.
चिरंजीत वैक्सीन लेने के लिये तैयार हैं. चिरंजीत ने कहा कि टेस्ट इंसान पर
होना है. आखिर किसी न किसी को आगे आकर जोखिम उठाना पड़ता है. फिर मैं क्यों नहीं.
तो ये मानव जाति और देश की सेवा के लिए एक कोशिश है. मैं मानसिक रूप से इसके लिए
तैयार हूं. मुझे कोई तनाव नहीं है. उनका कहना है कि संघ से प्रेरित होकर वह मानव
सेवा के लिए आगे आए हैं.
चिरंजीत के पिता तपन धीवर ने कहा कि मुझे विश्वास है कि कोरोना का टीका मिल
जाएगा और जो काम मेरा बेटा कर रहा है, उसके लिए सब उसकी तारीफ करेंगे.
श्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत
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