Friday, March 12, 2021

पाकिस्तान को GAVI के तहत मिलेगी भारत निर्मित कोरोना वैक्सीन

कोरोना संकट में भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ ही विश्व के अन्य देशों की सहायता की. अब कोरोना वैक्सीन बनने के बाद भारत वैश्विक दायित्व की पूर्ति कर रहा है. भारत अकेला ऐसा देश हैजिसने विश्व के दर्जनों देशों को वैक्सीन उपलब्ध करवाई है.

पाकिस्तान एकमात्र SAARC देश हैजिसने भारत से कोरोना वैक्सीन की मांग नहीं की. लेकिनअब पाकिस्तान को भी अंतरराष्ट्रीय एलायंस GAVI के तहत भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन की 45 मिलियन डोज़ निःशुल्क मिलने वाली हैं, GAVI भारत से प्राप्त वैक्सीन के माध्यम से गरीब देशों में टीकाकरण बढ़ाने के लिए काम करता है.

वैक्सीन ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन (गावी) के तहत पाकिस्तान को मिलेगी. पाकिस्तान ने सितंबर 2020 में गावी के साथ समझौता किया था. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित कोविशील्ड की कुछ खुराक मार्च के अंत तक पाकिस्तान को पहुंचा दी जाएगी. वहींपूरी 45 मिलियन खुराक पाकिस्तान को जून तक मिल जाएगी. कोरोना वैक्सीन खरीदने में असमर्थ पाकिस्तान को इन कोरोना वैक्सीन से बड़ी राहत मिलेगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैक्सीन की सहायता से पाकिस्तान अपनी 4.5 करोड़ आबादी के लिए टीकाकरण शुरू करेगा. पाकिस्तान राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के सचिव आमिर अशरफ ख्वाजा ने बताया कि पाकिस्तान को भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की खुराक इस महीने मिलेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अधिकारियों ने पीएसी को बताया कि पाकिस्तान का टीकाकरण कार्यक्रम मुख्य तौर पर गावी के जरिये मिलने वाली मुफ्त वैक्सीन पर निर्भर है.  क्योंकि चीन निर्मित वैक्सीन कैनसिनो की कीमत पाकिस्तानी मुद्रा में प्रति व्यक्ति करीब दो हजार रुपये (13 डॉलर) पड़ेगी. रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान ने अभी तक चार टीकोंसिनोफ्राम (चीन)ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (ब्रिटेन)स्पूतनिक-वी (रूस) और कैनसिनो बायो (चीन) का पंजीकरण किया है.

भारत लगातार अलग-अलग देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका की प्रशंसा हो रही है. संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ने भारत के इस कदम की प्रशंसा कर चुके हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जितनी भी डींगें हांकते रहेंलेकिन पाकिस्तान की खस्ता हालत की जानकारी सभी को है. सहायता के लिए दर-दर हाथ फैलाता हैपर भारत से सहयोग लेने में कतराता है… 

स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

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