Saturday, April 17, 2021

संकट में सहयोगी बन रही स्वयंसेवकों द्वारा संचालित हेल्पडेस्क

मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते सक्रमण के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पीड़ितों एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए हेल्पडेस्क स्थापित किया है. इसके माध्यम से स्वयंसेवक लोगों की सहयता करने, जरूरी सामान उपलब्ध कराने एवं स्वास्थ्य परामर्श उपलब्ध करवाने का कार्य कर रहे हैं. मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और विदिशा सहित अन्य शहरों में स्वयंसेवकों ने हेल्पडेस्क शुरू किया है.

भोपाल महानगर में हेल्पडेस्क पर सर्वाधिक फ़ोन कॉल

भोपाल में कोरोना हेल्पडेस्क के साथ काम करने वाले कार्यकर्ता बताते हैं कि प्रतिदिन लगभग 100 से अधिक फोन कॉल उन्हें प्राप्त हो रहे हैं. ज्यादातर लोग अस्पताल में बेड की उपलब्धता और स्वास्थ्य परामर्श के लिए बात कर रहे हैं. हम यथासंभव उनकी सहायता कर रहें हैं. हमने अपने साथ शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सकों को जोड़ा है, जो लोगों को परामर्श दे रहे हैं. इसके साथ ही अस्पताल में मरीज के साथ अटेंडेंट को भोजन आदि उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है.

भोपाल के कार्यकर्ता भावेश श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्हें सुबह से लेकर देर रात तक प्लाज्मा की व्यवस्था कराने हेतु संपर्क कर रहे हैं. इसके लिए वह अपने कार्यकर्ताओं से संपर्क करके जरूरतमंद व्यक्तियों को प्लाज्मा, भोजन और दवाइयों की व्यवस्था करने में जुटे हैं.

रात 12 बजे बच्चे को उपलब्ध कराया दूध

बीती रात एक परिवार ने फोन किया और बताया कि उनके घर में पति-पत्नी दोनों कोविड पॉजिटिव हैं. बच्चा भूख की वजह से परेशान हो रहा है. उसके लिए दूध की व्यवस्था करनी है. कार्यकर्ताओं ने अपने सहयोगी कार्यकर्ताओं से संपर्क करके रात 12:00 बजे ही उस छोटे बच्चे को दूध उपलब्ध कराया.

ग्वालियर हेल्पडेस्क पर भी आ रहे फोन

भोपाल की तरह ही ग्वालियर में भी कोरोना हेल्पडेस्क का संचालन स्वयंसेवकों द्वारा किया जा रहा है. नितिन अग्रवाल ने बताया कि उनके पास प्रतिदिन 20 से 25 फोन सहायता के लिए आ रहे हैं, जिनमें अधिकतर लोग प्लाज्मा संबंधी मदद मांग रहे हैं. ऐसे में कार्यकर्ताओं द्वारा प्लाज्मा डोनेट करने वाले लोगों की सूची बनाकर, उनसे संपर्क करके जरूरतमंद व्यक्ति को तुरंत ही प्लाज्मा उपलब्ध करा दिया जाता है. कुछ नागरिक हेल्पडेस्क के माध्यम से भोजन की व्यवस्था और अपने घरों के सेनेटाइजेशन कराने की भी मदद मांग रहे हैं.



स्रोत- विश्व संवाद केन्द्र, भारत

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