Friday, April 15, 2022

भारतीय संविधान की चर्चा डॉ. अंबेडकर के बिना अधूरी - डॉ पीयूष

 आंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर अधिवक्ता परिषद ने किया संगोष्ठी का आयोजन

प्रयागराज| भारतीय संविधान की चर्चा डॉक्टर अंबेडकर के बिना अधूरी है. जब कभी भी संविधान की बात आती है तो उनकी चर्चा अवश्य होती है| उक्त विचार डॉ.अम्बेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर अधिवक्ता परिषद हाई कोर्ट इकाई द्वारा आयोजित संगोष्ठी "लोकतंत्र में डॉ.अंबेडकर की भूमिका" को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रयागराज विभाग प्रचारक डॉ पीयूष ने व्यक्त किया| उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र महापुरुषों से मिलकर बनता है. ऐसे ही महापुरुष डॉ अम्बेडकर है जिन्होंने समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम किया|

कार्यक्रम में प्रयागराज हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में प्रतिभा है तो समाज उसे आगे बढ़ाता है| अम्बेडकर ऐसी एक प्रतिभा थे जिनको उस वक्त के समाज ने प्रोत्साहित किया| जिसका परिणाम है उनके जैसा व्यक्तित्व हमको मिला| वे न सिर्फ संविधान के बल्कि अर्थशास्त्र और समाज के भी गंभीर चिंतक थे|  अधिवक्ता परिषद के प्रदेश महासचिव शीतल गौड़ ने कहा कि अम्बेडकर ने किसी एक वर्ग के लिए नहीं बल्कि सर्व समाज के लिए काम किया| उन्होंने समाज के पिछड़ों, वंचितों को आगे बढ़ाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काम किया| उनके पास 32 विषयों में डिग्रियां थी| उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा|

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे अधिवक्ता परिषद हाईकोर्ट इकाई के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता बीपी श्रीवास्तव ने कहा कि अंबेडकर ने हर तरह का जीवन जिया है| डॉ.अंबेडकर का व्यक्तित्व ऐसा रहा की उन पर कोई उंगली नहीं उठा सकता| उन्होंने संविधान के माध्यम से एक ऐसे समाज की संरचना की जिसमें हर किसी को मौलिक अधिकार प्राप्त है| संगोष्ठी का शुभारंभ वह डॉक्टर अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया| कार्यक्रम में अलोक त्रिपाठी, आशुतोष त्रिपाठी, सत्य प्रकाश सिंह. अतुल शाही, सत्यम पाण्डेय, लब्ध प्रतिष्ठ मिश्र, अलोक कृष्ण त्रिपाठी, ज्योति सिंह, सूर्य प्रकाश मौर्य आदि उपस्थित रहें| धन्यवाद ज्ञापन अजय कुमार मिश्र एवं संचालन आलोक मिश्र ने किया|

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