प्रयागराज. सबसे बड़ा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक
और सामाजिक समागम महाकुम्भ 2025, प्रयागराज में 40 करोड़ भक्तों के एकत्रित होने का अनुमान है. दिव्य-भव्य महाकुम्भ के सफल
आयोजन के लिए सरकार के साथ विविध संगठन भी प्रयासरत हैं.
इस
संबंध में विश्व हिन्दू परिषद शिविर की कार्य योजना पर प्रकाश डालते हुए विश्व
हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री संगठन मिलिंद परांडे जी ने प्रेस वार्ता में
बताया कि शिविर में 13 जनवरी से 28 फरवरी तक संगठन की गतिविधियाँ संचालित होंगी, जिसमें
पूरे देश के 150 संप्रदायों के धर्मगुरु पूज्य संत शामिल
होंगे.
केंद्रीय
मार्गदर्शक मंडल की बैठक में कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, मतांतरण, हिन्दू
जन्म दर, घटती हिन्दू जन्म दर पर चर्चा और मार्गदर्शन
प्राप्त होगा. शिविर में युवा संत सम्मेलन, साध्वी संत
सम्मेलन का आयोजन होगा. साथ ही भारत के दक्षिण हिस्से से बड़ी मात्रा में इस वर्ष
संत आचार्य गंगा स्नान के लिए पधारेंगे, साथ में उत्तर पूर्व
प्रांत से बड़ी संख्या में संतों का आगमन होगा. देश-विदेश के बौद्ध मत के बड़े
आचार्य एवं विश्व हिन्दू परिषद की सेवा में लगे लोगों का आगमन होगा. जनजातीय
विस्तार वनांचल समाज का आगमन भी बड़ी संख्या में होगा.
सामाजिक
समरसता की दृष्टि से समाज के सभी वर्गों का आगमन बड़ी संख्या में होगा. वि.हि.प के
माध्यम से गौ रक्षा एवं गौ संवर्धन के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं, कार्यकर्ताओं का बड़ा सम्मेलन आयोजित होगा. हम पहले हिन्दू हैं, भाव रखने वाले सभी जातियों के बीच कार्य करने वाले हजारों कार्यकर्ता,
संस्थाओं का सम्मेलन शिविर में आयोजित होगा. कुटुम्ब प्रबोधन,
लव जिहाद, हिन्दू संस्कारों का क्षरण, महिला सम्मान स्त्री शक्ति, ऐसे विचारों को लेकर एक
विशाल माता-भगिनी सम्मेलन आयोजित होगा.
देश
भर में हिन्दू समाज का मतांतरण रोकने के लिए तथा जो अन्य मजहब के लोगों को हिन्दू
धर्म में लौटाना चाहते हैं, इनके स्वागत के कार्य
में जुटे हजारों कार्यकर्ताओं का सम्मेलन, वेद तथा संस्कृत
प्रचार के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं, कार्यकर्ताओं
का सम्मेलन आयोजित होगा. वि.हि.प शिविर में दिन प्रतिदिन कुंभ स्नान, गंगा स्नान करने वाले सामान्य भक्त गणों एवं धर्माचार्यों की सेवा प्रसाद
का आयोजन शिविर के माध्यम से निरंतर किया जाएगा. महाकुम्भ मेले में प्रतिदिन सीता
रसोई भंडारा का आयोजन भी होगा.
प्रेस वार्ता में मिलिंद जी के साथ क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र जी और काशी प्रान्त अध्यक्ष कविन्द्र प्रताप सिंह जी भी उपस्थित रहे.