प्रतापगढ़/कुण्डा। संघ का शताब्दी वर्ष हिंदुओं की एकजुटता की गांठ को मजबूत करने का एक कालखण्ड है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संकल्पना का एकमात्र उद्देश्य मानव मात्र का कल्याण रहा है। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने व्यक्त किया।
प्रतापगढ़ नगर के अर्जुन बस्ती में आयोजित श्री विजयादशमी उत्सव, शस्त्र पूजन व पथ संचलन का कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सुभाष जी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 100 वर्ष पूर्ण कर चुका है इस यात्रा में संघ ने समाज को परिष्कृत करने के लिए विविध प्रकार के उपक्रम किए। वास्तव में हिमालय के उत्तर में बसा हुआ यह राष्ट्र पूरे विश्व को शैक्षिक दृष्टि से एवं आध्यात्मिक दृष्टि से तथा तकनीकी दृष्टि से प्राचीन काल से ही दिशा देने का काम करता रहा है। यही नहीं हिंदुस्तान का वैदिक कालीन विचार व इसके पूर्व के कॉल खंडो में भी ऋषियों ने मुनियों ने देशकाल परिस्थित के अनुसार राष्ट्र की उन्नति में अग्रणी भूमिका निभाई है। किसी समय में भारत पूरी दुनिया का गुरु था। भारत ने ही पूरे विश्व को शून्य और रेखा गणित देकर समृद्ध किया। विगत के कॉल खंडो में हिंदू समाज विभिन्न जातियों में बिखरा हुआ था जिसका कारण था कि हमारा देश हजारों वर्ष तक पराधीनता की बेड़ियो में जकड़ा रहा। इन्हीं कारणों से डॉक्टर हेडगेवार जी ने संघ की शाखा चलाने का निर्णय लिया। जिसका उद्देश्य था भारतीय संस्कृति के अनुसार एवं भारतीय वातावरण के अनुसार व्यक्ति का निर्माण हो सके तभी देश और राष्ट्र की उन्नति संभव है।
कुण्डा जिले के लालगंज नगर में आयोजित विजयदशमी उत्सव पर स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान राम की विजय धर्म की विजय थी। भगवान राम की विजय सत्य की विजय थी और संगठित शक्ति की विजय थी। भगवान राम की सेना में एक अच्छा नियोजन था जिसके कारण रावण का संघार किया। डॉक्टर हेडगेवार ने इतिहास का अवलोकन किया था और उन्होंने यह सोचा कि देश कभी पराधीन ना हो इसलिए हमें हिंदू समाज के संगठन की आवश्यकता है यही कारण है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई। संघ का उद्देश्य है धर्म की जय हो यानी भारत के रहने वाले लोग धर्म के अनुसार अपनी संस्कृति के अनुसार अपना आचरण करेंगे और आलस्य को त्याग कर ,सत्य के मार्ग पर चलना और सब के हित का चिंतन करना तभी विश्व का कल्याण हो सकता है। सर्वे भवंतु सुखिना की भावना सभी के मन मस्तिष्क में होनी चाहिए। इसलिए हमें व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की तरफ बढ़ना चाहिए तभी हम भारत के वैभव को स्थापित कर सकते हैं। शताब्दी वर्ष में नागरिक कर्तव्य, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण तथा स्व का जागरण जैसे विषयों को लेकर हमे समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में काम करने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर महेंद्र मिश्रा ने किया। विभाग कार्यवाह हरीश जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला कार्यवाह हेमंत कुमार, विभाग प्रचार प्रमुख प्रभा शंकर पांडे, जिला प्रचार प्रमुख अंकुर श्रीवास्तव, नगर कार्यवाह अंकित आदि उपस्थित रहे।
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