वाराणसी, 6 मई। आदि पत्रकार देवर्षि नारद भू-लोक, देवलोक एवं पाताल लोक में सृष्टि के आदि संचारक है। इन तीनों लोकों की समस्याओं को विष्णु एवं भगवान शिव तक पहुंचाने वाले देवर्षि नारद समाजसेवा के लिए प्रतिबद्ध थे। चराचर जगत की समस्या का संचार ही नहीं करते थे अपितु उसके समाधान के लिए प्रयास भी करते थे। वे आधुनिक पत्रकारिता के लिए प्रेरक एवं सत्यान्वेषी थे। वे पौराणिकता के लिए प्रेरणा थे। वे पौराणिक पात्र नहीं जीवन्त हैं। पत्रकार समाज को चेताने का काम करता है। पत्रकार हमारे जीवन के श्रेष्ठ आदर्शो पर चिन्तन, आचरण करते हैं। पत्रकार को देवर्षि नारद से प्रेरणा लेकर जीवन को संचालित करना चाहिए।
उक्त उद्गार निवेदिता शिक्षा सदन के भाऊराव देवरस सभागार में विश्व संवाद केन्द्र, काशी द्वारा आदि पत्रकार देवर्षि नारद जयन्ती (ज्येष्ठ कृष्ण द्वितीया) की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार-सम्मान समारोह एवं संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पाचंजन्य के सम्पादक श्री बलदेवभाई शर्मा ने व्यक्त किये। उन्होंने ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा और पत्रकारिता के दायित्व’’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा कि आजादी के बाद हमारा नजरिया राजनीति के चलते बदल गया। आतंकवाद, नक्शलवाद एवं मतान्तरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। ऐसे में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। पुराने पत्रकारों ने राष्ट्रवाद की अलख जगाये रखा। पत्रकारिता का सबसे बड़ा दायित्व राष्ट्रवाद की ज्योति को जलाये रखना है। मीडिया में विदेशी पूंजी निवेश तेजी से बढ़ रहा है। बाहर की पूँजी से संचालित मीडिया को राष्ट्रीय लेकिन वैश्वीकरण और विदेशी पूंजी के निवेशन ने पत्रकारिता लक्ष्य में बदलाव ला दिया।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डाॅ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर देश चिन्तित है। देश आन्तरिक सुरक्षा के गम्भीर संकट का सामना कर रहा है। अंग्रेजों ने देश को धर्म, समाज, जातपात वर्ग आदि कई टुकड़ों में बांटने का षड्यंत्र किया। ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर विंस्टन चर्चिल इस षड्यंत्र के पीछे थे लेकिन तीन साल पहले उसी ब्रिटेन के वित्तमंत्री ने भारत दौरे के बाद कहा कि किसी भी आपदा के समय यह देश एकसूत्र में बंध जाता है और संकट से जल्दी ही उबर जाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता समाज के पीछे देखने वाली आँख है। समाज ने जो नहीं देखा उसे आगे लाने का काम पत्रकार करता है। पत्रकार इतिहास में जाकर खोज करता है और भूतकाल से समाचार निकालकर समाज के सामने रखता है।
आधुनिक युग में कम्प्यूटर, इण्टरनेट, फेसबुक, ट्विटर से त्वरित गति से दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक समाचार सम्प्रेषित हो जाता है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए सांसद डाॅक्टर मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भौतिकतावाद एवं बाजारीकरण के चलते पत्रकारिता के मूल्यों एवं सिद्धान्तों में गिरावट आयी है। प्रौद्योगिकी एवं बाजारवाद से राष्ट्रीय सुरक्षा पर संकट बड़ा है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब खबर दी नहीं जायेगी बल्कि बेची जायगी तब संकट बढ़ेगा तथा राष्ट्र की सुरक्षा प्रभावित होगी। सांस्कृतिक मान्यताएं खत्म होगी तो राष्ट्रीय संकट बढ़ेगा। जो आनेवाले संकट का संदेश देते हैं वे पत्रकार नारदतुल्य आदरणीय हैं। आर्थिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय मुद्दे पर मीडिया की भूमिका प्रगतिशील होनी चाहिए।
इस अवसर पर आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह में नगर के छः पत्रकारों डाॅ. वशिष्ठ नारायण सिंह, कुमार अजय, अरुण मिश्र, बद्री विशाल, सुश्री नीलिमा दीक्षित एवं लोकनाथ को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। पाणिनी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने वैदिक मंगलाचरण सुनील पाण्डेय ने पौराणिक मंगलाचरण एवं सरस्वती वंदना निवेदिता स्कूल की छात्राओं ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर हिमालच प्रदेश के पूर्व राज्यपाल विष्णु सदाशिव, अमर उजाला के स्थानीय सम्पादक डाॅ. तीर विजय सिंह, संघ के क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण जी, प्रान्त प्रचारक अभय कुमार, महामना मदनमोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. ओमप्रकाश सिंह, प्रो. धनंजय पाण्डेय, प्रो. दीनबन्धु पाण्डेय, डाॅ. हंसनारायण सिंह ‘राही’ आयकर बार कौंसिल के अध्यक्ष श्री हर्ष सिंह, नागेन्द्र कुमार, विधायक श्यामदेव नारायण चैधरी, रवीन्द्र जायसवाल एवं ज्योत्सना श्रीवास्तव, केदारनाथ सिंह, डाॅक्टर आनन्द प्रभा सिंह, राधेमोहन त्रिपाठी, डाॅ. ज्ञान प्रकाश, डाॅ. माधवी तिवारी, प्रो. आद्या प्रसाद पाण्डेय, डाॅ. वीणा पाण्डेय, डाॅ. अनिल तिवारी, अजय परमार, ओम राहुल सिंह, प्रभाशंकर त्रिपाठी, ओंकार सिंह आदि लोग मौजूद थे। विषय प्रस्तावना विश्व संवाद केन्द्र के सचिव डाॅ. वीरेन्द्र जायसवाल तथा अतिथियों का स्वागत सनातन धर्म इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य डाॅ. हरेन्द्र कुमार राय ने किया। समारोह का संचालन वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. अत्रि भारद्वाज एवं धन्यवाद ज्ञापन विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. विशन किशोर ने किया।
विश्व संवाद केन्द्र, काशी