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Wednesday, March 18, 2020

समाज में विघटन पैदा करने का प्रयास करने वाले जिहादी–वामपंथी गठजोड़ पर कार्रवाई हो

कार्यकारी मंडल की बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राम मंदिरसीएएअनुच्छेद 370 पर पारित किए प्रस्ताव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर संघ ने अपना मत स्पष्ट किया. कार्यकारी मंडल में तीनों विषयों पर प्रस्ताव पारित किए गए. इसके संबंध में सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में जानकारी दी. Covid19 को लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइज़री को ध्यान में रखते हुए प्रतिनिधि सभा को स्थगित कर दिया गया था. लेकिन कार्यकारी मंडल की कार्रवाई को पूरा किया गया. संघ के 95 वर्ष के इतिहास में पहली बार हुआ है कि प्रतिनिधि सभा की बैठक इस प्रकार स्थगित की गई हो.

नागरिकता संशोधन अधिनियम
कार्यकारी मंडल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 पर पारित प्रस्ताव में कहा कि यह भारत का नैतिक व संवैधानिक दायित्व है. साथ ही समाज में विघटन पैदा करने का प्रयास करने वाली शक्तियों की निंदा की. प्रस्ताव में कहा कि जिहादीवामपंथी गठजोड़, कुछ विदेशी शक्तियों तथा सांप्रदायिक राजनीति करने वाले स्वार्थी राजनैतिक दलों के समर्थन से, समाज के एक वर्ग में काल्पनिक भय एवं भ्रम का वातावरण उत्पन्न करके देश में हिंसा तथा अराजकता फैलाने का कुत्सित प्रयास कर रहा है. अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल इन कृत्यों की कठोर शब्दों में निंदा करता है तथा संबंधित सरकारों से यह माँग करता है कि देश के सामाजिक सौहार्द एवं राष्ट्रीय एकात्मता को खंडित करने वाले तत्वों की समुचित जाँच कराकर उपयुक्त कार्रवाई करें.
कार्यकारी मंडल ने समाज के सभी वर्गों से कुत्सित प्रयासों को विफल करने का आग्रह किया. प्रस्ताव के माध्यम से सभी से आह्वान किया कि समाज के सभी वर्ग, विशेषकर जागरूक एवं जिम्मेदार नेतृत्व इस विषय को तथ्यों के प्रकाश में समझे एवं समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने और राष्ट्रविरोधी षड्यंत्रों को विफल करने में सक्रिय भूमिका निभाए.
श्रीराम जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण
कार्यकारी मंडल ने श्रीराम मंदिर पर पारित प्रस्ताव में कहा कि श्रीराम जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक है. संघ ने लंबे समय से लंबित मामले पर निर्णय देने पर मा. सर्वोच्च न्यायालय का अभिनंदन किया गया है. साथ ही न्यायालय में श्रीराम लला के पक्ष में समर्पण, निष्ठा, विद्वता के साथ तथ्यों को रखने वाले अधिवक्ताओं का भी अभिनंदन किया गया है. कार्यकारी मंडल ने समाज का भी अभिनंदन किया है. प्रस्ताव में कहा कि आनंद का विषय है कि समाज के किसी भी वर्ग ने इस निर्णय को अपनी जय या पराजय के रूप में न लेते हुए इसे देश, न्याय व संविधान की विजय के रूप में स्वीकार किया. कार्यकारी मंडल इस परिपक्वतापूर्ण व्यवहार के लिए संपूर्ण देश के नागरिकों का अभिनन्दन करता है. कार्यकारी मंडल ने विश्व इतिहास के इस महानतम आंदोलन के ज्ञात-अज्ञात बलिदानियों का पुण्यस्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
अनुच्छेद 370 व जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन
कार्यकारी मंडल ने अनुच्छेद 370 पर पारित तीसरे प्रस्ताव में सरकार के निर्णय का स्वागत किया. कार्यकारी मंडल ने कहा कि भारतीय संविधान के समस्त प्रावधान देश के सभी क्षेत्रों में समान रूप से लागू होने अपेक्षित थे, परन्तु विभाजन के तुरंत पश्चात् पाकिस्तानी आक्रमण की तात्कालिक एवं असाधारण परिस्थिति में अनुच्छेद 370 को एक अस्थायी प्रावधान के रूप में संविधान में जोड़ा गया. कालान्तर में अनुच्छेद 370 की आड़ में बड़ी संख्या में संविधान के अनुच्छेदों को जम्मू-कश्मीर राज्य में या तो लागू ही नहीं किया गया अथवा संशोधित रूप में लागू किया गया. राष्ट्रपति के आदेशों द्वारा अनुच्छेद 35A जैसे प्रावधानों को मनमाने रूप से संविधान में जोड़ने जैसे कदमों के कारण अलगाववाद के बीज बोये गए. इन संवैधानिक विसंगतियों के कारण अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, गोरखा, महिला, सफाई कर्मचारी तथा पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी आदि घोर भेदभाव का सामना कर रहे थे. जम्मू एवं लद्दाख क्षेत्र को राज्य विधानसभा में आनुपातिक प्रतिनिधित्व तथा संसाधनों के आवंटन और निर्णयप्रक्रिया में समुचित सहभागिता से वंचित कर दिया गया था. इन सभी गलत नीतियों के कारण हमने देखा कि राज्य में सर्वत्र कट्टरवाद व आतंकवाद की व्याप्ति तथा राष्ट्रीय शक्तियों की पूर्ण उपेक्षा दिखाई देने लगी.
कार्यकारी मंडल ने आशा व्यक्त की कि अब विस्थापितों एवं शरणार्थियों की अपेक्षाओं की भी शीघ्र पूर्ति होगी. कश्मीर घाटी के विस्थापित हिन्दू समाज के सुरक्षित एवं सम्मानपूर्ण पुनर्वसन की प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र प्रारम्भ होगी.
कार्यकारी मंडल ने गत 70 वर्षों के दौरान देश की एकता एवं संप्रभुता की रक्षा के लिए शौर्य एवं प्रतिबद्धता का परिचय देकर अलगाववाद एवं आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष को जारी रखने वाले तथा अपने प्राण न्योछावर करने वाले सेना तथा सुरक्षा बलों के हजारों जवानों व अन्य विभूतियों को कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धासुमन अर्पित किये.
श्रोत - विश्व संवाद केन्द्र, भारत


Tuesday, March 17, 2020

मोबाइल ऐप ‘समर्थ’ से शिक्षित किए जाएँगे दिव्यांग बच्चे

तकनीक का सराहनीय प्रयोग 
दिव्यांग, बौद्धिक दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने व उनकी शिक्षा का अनूठा प्रयास

दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम उठाया है। ‘समर्थ’ नाम से एक ऐसे मोबाइल ऐप को बनाया गया है, जो दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों शिक्षित करने में सहायता करेगा। इस ऐप के द्वारा प्रदेश के ऐसे दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों का चिन्हित किया जाएगा जो विद्यालय जाने में असमर्थ हैं और घर पर ही रहते हैं। ऐसे बच्चों का पूरा विवरण ऐप पर एकत्र कर ऑनलाइन किया जाएगा।
मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत वाराणसी में हुए मण्डलीय कार्यशाला में शामिल राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनन्द के अनुसार विभाग तकनीक का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर दिव्यांग, बौद्धिक दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को मुख्य धारा से जोड़कर उनकी शिक्षा को बेहतर करने के साथ-साथ दूसरे बच्चों के अन्दर भी दिव्यांगों के लिए सम्मान का भाव पैदा करना है।

बच्चों की बौद्धिक क्षमता के अनुसार  एनसीईआरटी तैयार करेगा पाठ्यक्रम 
बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए उनकी बौद्धिक क्षमता के अनुसार  एनसीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार करेगा। प्राथमिक कक्षाओं के लिए वर्ष 2020-21 व 2021-22 तक पाठ्यपुस्तक तैयार करने की योजना है। पढ़ाई के आलावा भी उनका विकास किया जा सके इसके लिए भी कार्य किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों को आवश्यक उपकरण भी वितरित किये जाने की योजना है। जिसमें छात्रों को मोबिलिटी केन, ब्रेल किट, स्मार्ट केन, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, मल्टी सेंसरी इंटरीग्रेटेड एजुकेशन किट और हियरिंग एड वितरित किये जाएंगे।

पिछले वर्ष की अपेक्षा देशभर में 3000 शाखाएं बढ़ीं – भय्याजी जोशी

युवा शक्ति को आगे लाने के लिए प्रशिक्षण देगा संघ
लगभग 70 हजार गांवों में चल रहा संघ का काम
15 लाख स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देकर सामाजिक परिवर्तन के कार्य में सक्रिय करेगा संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने बेंगलुरु में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि अगले वर्ष के लिए हमारी कुछ योजना है. हमने पूरे देश में 18 से 25 वर्ष तथा 26 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के लगभग एक लाख युवाओं को चिन्हित किया है. कार्य को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए हमने इन्हें सुदृढ़ करने तथा इनकी भूमिका सुनिश्चित करने का विचार किया है. युवा चुनौतियों का सामना करते हुए जिम्मेदारी संभाल सकते हैं, युवा पीढ़ी को आगे आना चाहिए, इस दृष्टि से उनके प्रशिक्षण के संबंध में विचार किया है. उन्होंने बताया कि संघ के इतिहास में पहली बार है, कि प्रतिनिधि सभा की बैठक को स्थगित करना पड़ा है. आज तक ऐसा नहीं हुआ था.

उन्होंने कहा कि संघ कार्य 95 वर्ष से चल रहा है. इस दौरान काफी लोग संघ प्रवाह से गुजरे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए गत दो साल में 15 लाख स्वयंसेवकों का सर्वेक्षण (आयु, शिक्षण, कार्य, रुचि के अनुसार) किया है. इन सब लोगों का सोशल रिफॉर्म (सामाजिक परिवर्तन) में कैसे उपयोग हो सकता है, इसके लिए योजना बनाकर उनके प्रशिक्षण का विचार किया जा रहा है. आने वाले वर्षों में चरणबद्ध ढंग से योजना को पूरा करेंगे.

उन्होंने कहा कि देशभर में लगभग 39 हजार स्थानों पर प्रतिदिन 63 हजार शाखाएं लगती हैं, इसके अलावा 28 हजार स्थानों पर साप्ताहिक मिलन और मासिक मंडली चलती हैं. यानि लगभग 70 हजार स्थानों/गांवों में संघ का कार्य है. इसके अलावा 10 हजार स्थानों पर नियमित संघ का काम तो नहीं है, लेकिन हम कुछ बताते हैं तो वह करते हैं. तो इस प्रकार 80 हजार स्थानों पर हमारा काम है. पिछले वर्ष के मुकाबले शाखाओं में 3000 की बढ़ोत्तरी हुई है. इसी प्रकार देशभर में आयोजित संघ शिक्षा वर्गों (20 25 दिन के) में 15 हजार स्वयंसवकों ने प्रशिक्षण लिया.

भय्याजी जोशी ने बताया कि बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किए गए हैं. पहला, रामजन्मभूमि के पक्ष में जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, उसके लिए सरकार तथा न्यायालय का अभिनंदन करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया है. आंदोलन में बलिदान देने वाले व संघर्ष करने वाले लोगों का स्मरण करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया है. दूसरा, ऐतिहासिक निर्णय पार्लियामेंट ने आर्टिकल 370 के लिए लिया. संसद ने 370 को निरस्त किया है, इसलिए हमने सरकार का अभिनंदन करने के लिए प्रस्ताव पास किया है. तीसरा, सीएए में संशोधन करने की आवश्यकता थी, जिससे बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिले. सरकार ने कानून पारित किया, इसके लिए भी हम सरकार का अभिनंदन करते हैं.

ग्राम विकास के लक्ष्य से हमने एक हजार गांवों को चिन्हित किया है. इनमें से 300 गांवों में अच्छी गति से कार्य चल रहा है. ग्राम विकास के लिए पांच बिन्दुओं शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक समरसता और स्वावलंबन को आधार बनाकर काम करते हैं.

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि संघ औपचारिक और अनौपचारिक दोनों प्रकार के प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन करता है. केवल औपचारिक प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षण नहीं हो सकता. भारत की परिवार व्यवस्था विश्व में अनोखी है. यह कॉंस्टीट्यूट नहीं है, नेचुरल है. हम मानते हैं कि बहुत से श्रेष्ठ गुण संस्कार, विचार बच्चों को माता-पिता से ही परिवार में प्राप्त होते हैं. इसलिए परिवार को सुदृढ़ बनाने के लिए जागरूकता लानी है, इसके लिए कुटुंब प्रबोधन का कार्य है.

सीएए पर पूछे प्रश्न के उत्तर में कहा कि दुर्भाग्य से यह राष्ट्रीय विषय राजनीतिक विषय बन गया. राजनीतिक कारणों के चलते कई नेता समाज में भ्रम पैदा करने का काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री बार-बार लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि कानून को समझें, लेकिन कुछ लोग समाज में भ्रम पैदा कर रहे हैं. वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं. सभी राजनीतिक दलों को सरकार का समर्थन करना चाहिए, और यदि कोई संशय है तो उसे स्पष्ट करना चाहिए.

सीएए का समर्थन करने वाली शक्ति भी बहुत बड़ी है तथा कई संगठनों ने जागरूकता को लेकर अभियान चलाया है. हम उनके साथ हैं. सभी राजनीतिक दलों, व मीडिया को भी सकारात्मक अभियान का साथ देना चाहिए. केवल भाजपा नहीं, हम सभी राजनीतिक दलों से इसे समझने का आग्रह कर रहे हैं. भाजपा सत्ता में है तो उसे पहल करते हुए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए.

Monday, March 16, 2020

पुनर्जीवित हो उठी त्रेता युग की तमसा नदी!

सरकारी प्रयास सिर्फ कागजों का पेट भरने के लिए नहीं होते। सही मंशा से उनका उपयोग हो तो व्यवस्था की तस्वीर बदल जाती है। कुछ समय पहले तक विलुप्त होने के शोक में डूबी त्रेतायुग की ‘तमसा नदी’ अब गवाह के रूप में प्रवाहमान है। जिस सरकारी मद यानी मनरेगा को नाकामी के स्मारक का तमगा मिला, भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है, उसी के दम पर तमस नदी में नई जान फूंक दी गयी। पुनरुद्धार के बाद तमसा आज न केवल दोबारा कल-कल करती बह रही है बल्कि जलीय जीवों, परिंदों को भी पोष रही है। सिंचाई का बेहतरीन साधन बन चुकी है। यही नहीं, अयोध्या में हुए इस प्रयास से केन्द्र सरकार भी गदगद है। ऐसे में राष्ट्रीय पुरस्कार की दौड़ में शामिल करने के साथ ही तमसा  के पुनर्जीवन को दम तोड़ती देश की अन्य नदियों के लिए नजीर बनाने के बारे में शिद्दत से सोचा जा रहा है।

तमसा का इतिहास
अयोध्या में पौराणिक तमसा नदी की कुल लम्बाई 151 किलोमीटर है। इसमें करीब 25 किलोमीटर दायरा ऐसा था, जो करीब-करीब विलुप्त था और मैदान के रूप में तब्दील हो चुका था। तमसा नदी जिले में कुल दस ब्लाकों से होकर गुुजरती है। रास्ते में करीब 77 गांव भी पड़ते हैं। मवई विकासखण्ड के लखनीपुर गांव के सरोवर को नदी का उद्गम माना जाता है।

सरयु में संगम 
तमसा नदी बाराबंकी जिले के कुछ हिस्सों से होती हुई अयोध्या के रूदौली, अमानीगंज, सोहावल, मिल्कीपुर, मसौैधा, बीकापुर, तारून आदि ब्लाॅक क्षेत्र से गुजरती हुई अंबेडकरनगर जाती है। तमसा कुल 264 किलोमीटर का सफर तय कर आजमगढ़ तक पहुंच कर पुण्य सलिला सरयू से मिलती है।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुुओं का डेटाॅल से हाथ धुलाकर कराया जा रहा प्रवेश


कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने सावधानी बरतना प्रारम्भ कर दिया है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं का हाथ डेटाल से धुलवाकर ही मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा है। इस कार्य के लिए सेवादारों की भी तैनीती की गयी है। 

मंदिर परिसर में कर्मचारियों एवं सुरक्षाबलों को भी हाथ धोकर ही मंदिर में आने का निर्देश दिया गया है। हेल्प डेस्क पर सभी के लिए मास्क अनिवार्य करते हुए काउंटरों पर हर आधे घण्टे पर साफ-सफाई करने की व्यवस्था की गई है।

Saturday, March 14, 2020

अयोध्या: काशी के 22 विद्वान रामलला को कराएंगे विराजमान

राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारी जारेशोर से चल रही है। इस दौरान निर्माण कार्य तक रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान करने की तैयारी भी तेज कर दी गयी है। नए भवन व प्रस्थान से लेकर दर्शन मार्ग का भूमि शुद्धिकरण पूजन और नवरात्र में कलश स्थापना के लिए वैदिक विद्वानों को बुलाया जाएगा। इस दौरान होने वाले विभिन्न अनुष्ठानों का शुभारम्भ 20 मार्च से ही हो जाएगा। इन अनुष्ठानों को सम्पन्न कराने काशी से भी 22 विद्वानों का दल अयोध्या जाएगी। अयोध्या में रामनवमी पर राममंदिर की खुशी मेें उत्सव मनाने की तैयारी भी चल रही है।

अयोध्या में मस्जिद के पक्षकार इक़बाल करेंगे रामलला के दर्शन

अयोध्या में खेली गयी भाईचारे और सौहार्द की होली
मो. इकबाल के आवास पर होली की मिठाई लेकर पहुंचे महंत परमहंसदास 
हम सदैव रामलला के आदर करने वालों में रहे हैं- मो. इकबाल

अयोध्या प्रकरण में मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल अंसारी 27 मार्च  को वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान रामलला के दर्शन करेंगे. अयोध्या में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हिन्दू मुस्लिम सौहार्द को लेकर अक्सर एक नया उदाहरण देखने को मिल रहा है. रामनगरी में  एक ओर मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल अंसारी अनेक मंदिरों में पहुँच भाईचारे और सौहार्द की होली खेले तो  तपस्वी छावनी के महंत परमहंसदास उनके आवास पर होली की मिठाई लेकर पहुंचे. 

हम सदैव रामलला के आदर करने वालों में रहे हैं
मो. इकबाल के आवास पर ही यह तय हुआ कि 25 मार्च को रामलला के वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान होने के बाद  27 मार्च को मो. इकबाल रामलला के दर्शन करेंगे. इस अवसर पर महंत परमहंसदास ने कहा कि यह साधारण मिठाई नही है, बल्कि इसमें भाईचारा और आत्मिक एकता की मिठास घुली है. मो. इकबाल ने स्वागत करते हुए कहा कि रामचंद्रदास परमहंस और अब्बू (हाशिम अंसारी) भले ही एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे थे पर वे आपस में एक अच्छे मित्र भी थे और हमें इस विरासत पर गर्व है. उन्होंने कहा कि हम सदैव रामलला के आदर करने वालों में रहे हैं.

काशी : वायु प्रदुषण के तीन नए निगरानी केन्द्र स्थापित होंगे

बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता पर निगरानी बनाये रखने के लिए वाराणसी में तीन नये निगरानी केन्द्र स्थापित किये जाएंगे। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह के अनुसार शहर की वायु की गुणवत्ता की जानकारी हर क्षण मिल सके इसलिए लंका, गोदौलिया और मैदागिन क्षेत्र में निगरानी केन्द्र स्थापित किये जाएंगे। इससे यह पता चल सकेगा कि वायु प्रदूषण की स्थ्ति किस क्षेत्र में, किस समय, कैसी है। इससे तेजी से वायु प्रदूषण फैलाने में वाले तत्वों के बारे में पता लगाना आसान हो जाएगा। वाराणसी में वर्तमान में अर्दली बाजार में निगरानी केन्द्र कार्य कर रहा है। 

Friday, March 13, 2020

आपकी सावधानी कोरोना को देगी मात, भयभीत न हों, सावधानी बरतें

  • आपकी सावधानी, आपकी सुरक्षा है
  • काशी में प्रशासन सतर्क, सुरक्षा को लेकर तैयारी तेज

चीन के वुहान प्रान्त से शुरू कोरोना वायरस का असर विश्व के अनेक देशों के बाद अब भारत में भी दिखना प्रारम्भ हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय इससे निबटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को वैश्विक बीमारी बताते हुए महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस के इलाज के लिए पूरा विश्व एकजुट होकर काम कर रहा है। इस बीमारी से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। इससे सुरक्षा के लिए घबराने के बजाय आपको सावधानी बरतना होगा। आपकी सावधानी ही आपकी सुरक्षा है।

इस संक्रमण से बचने के लिए सावधानी -
  • कृपया भीड़़ वाले स्थानों से दूरी बनाएं रखें
  • स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें
  • अनावश्यक यात्राओं से बचें
  • अपने हाथों को साबुन व पानी से हमेशा धोएं
  • सेनेटाइजर का प्रयोग करें
  • हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करें 
  • खांसतें व छींकते समय रूमाल का प्रयोग का प्रयोग करें
  • बाहर से आने पर हाथ-पैर को साबुन से अच्छी तरह धूलें
  • सर्दी, जुकाम, खांसी अथवा बुखार पीड़ित व्यक्ति से कम से कम दो मीटर की दूरी बनाएं रखें
  • चेहरे, आंख व नाक को बार-बार न छुएं
  • हर एक घण्टे पर गर्म पानी पीयें, फ्रिज के पानी से बचें 
  • सुपाच्य भोजन के साथ अधिक पानी पियें
  • हल्की सर्दी, जुकाम, बुखार अथवा खांसी से पीड़ित हो तो तुरन्त इलाज कराएं 
  • पंखा व एसी चलाकर अभी न सोयें 
  • अंडे और मांस के सेवन से बचें 
  • मच्छरो से बचें, पूरी बांह का कपड़ा पहनें

काशी : सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क, तैयारी तेज
कोरोना वायरस को लेकर काशी में प्रशासन सतर्क है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन स्थानों को अतिसुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। विभाग द्वारा डिवीजनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, नार्थ इंस्टर्न रेलवे मण्डूवाडीह में 100 बेड, आरएफपीटीसी शिवपुर में 38 बेड, सीएचसी शिवपुर में 20 बेड आरक्षित किए गये है।  इन स्थानों पर 14 दिन तक ऐसे व्यक्तियों को रखा जाएगा हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित 14 देशों से लौटें है। इसके अलावा कोरोना वायरस के पुष्ट अथवा संदिग्ध के सम्पर्क में रहे हैं व पुष्ट मरीज के निवास से ग्रामीण क्षेत्र में तीन किमी. व शहरी क्षेत्र में एक किमी. के दायरे में निवास कर रहे हैं और उनमें कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं। बाबतपुर स्थित हवाई अड्डा पर उतरने वाले विदेश से आए लोगों पर पैनी नजर है। प्रशासन ने लोगों से यह अपील की है कि कोरोना वायरस से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सजग रहने की आवश्यकता है।

क्या है कोरोना वायरस ?
कोरोना वायरस, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। 

Saturday, March 7, 2020

काशी में मनाई गई रंगभरी एकादशी के बाद रंगभरी द्वादशी, भक्तों ने निभाई अनूठी परम्परा

देशभर में लोग बहुप्रतीक्षित पर्व होली को बड़े उत्साह से मनाते हैं। धीरे-धीरे यह पर्व विदेशों में भी लोकप्रिय होने लगा है। भारतभर में इस दिन की प्रतीक्षा लोग बड़े उत्साह से करते हैं। लेकिन भगवान शिव की नगरी काशी में यह महापर्व लोग एकादशी से ही अनूठी परम्परा के अनुसार मनाना प्रारम्भ कर देते हैं। इसीलिए काशी की होली विश्व प्रसिद्ध होली मानी जाती है।

चिता भस्म और भभूत के साथ निभाई अनोखी होली खेलने की परम्परा 
काशी में एकादशी के दिन महादेव भगवान शंकर देवी-देवता और गन्धर्व के साथ गुलाल की होली खेलने के बाद द्वादशी के दिन अपने भक्तों के बीच होली खेलने की परम्परा है। इसी परम्परा को जीवित रखते हुए काशीवासियों ने रंगभरी एकादशी मनाने के बाद दूसरे दिन द्वादशी की तिथि पर रंगभरी द्वादशी की होली खेली। इस दिन बाबा के भक्तों ने महाश्मशान मणिकर्णिकाघाट और हरिश्चन्द्र घाट पर चिता भस्म और भभूत के साथ अभिभूत करने वाली अनोखी होली खेलने की परम्परा निभाई। देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने खेलने के पूर्व महाश्मशान नाथ की आरती की गई। लोगों ने इस समय चल रहे वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस से विश्व की रक्षा के लिए भोलेनाथ से प्रार्थना भी की। 

Wednesday, March 4, 2020

पुलवामा हमले में पिता के साथ बेटी भी करती थी आतंकियों की मदद, एनआईए ने किया गिरफ्तार

युवती इंशा तारिक की फाइल फोटो 
टिप्पर चालक तारिक अहमद की फाइल फोटो

14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले की जांच में कई राज बारी बारी खुलने लगे। एनआईए की जांच में एक और राज का खुलासा हुआ। जांच के दौरान किए गये पूछताछ में पता चला कि हमले की साजिश में पिता के साथ पुत्री भी साजिशकर्ता की भूमिका में संलिप्त रही। इस रहस्योद्घाटन के बाद एनआईए ने पुलवामा के हकरपोरा निवासी टिप्पर चालक तारिक अहमद और उसकी बेटी इंशा तारिक को गिरफ्तार कर 10 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है।


हमले तक युवती आत्मघाती हमलावर के सम्पर्क में थी :
जांच में सामने आया कि आत्मघाती हमलावर आदिर डार ने इसी टिप्पर चालक के घर वीडियों बनाया था। यह घर पहले भी कई जैश कमांडरों का ठिकाना भी रहा है। पिता-पुत्री के संलिप्तता के बारे में 28 फरवरी को गिरफ्तार हुए आतंकवादी संगठन जैश के आतंकी शाकिर अहमद मागरे ने पूछताछ में बताया। पिता तारिक अहमद आतंकियों को ले जाने में सहयोग करता था और बेटी उसके साथ आतंकियों के ठहरने की व्यवस्था और उन्हें सुरक्षा बलों से बचाने में मदद करती थी। गिरफ्तार जैश आतंकी शाकिर अहमद ने बताया कि पुलवामा हमले तक युवती आत्मघाती हमलावर आदिल और उसके हैण्डलर के सम्पर्क में थी। 

काशी : उत्खनन में मिले गुप्तकालीन शिव मंन्दिर का गर्भगृह

वाराणसी के बभनियांव क्षेत्र में खत्ती संख्या एक में सात दिन से उत्खनन के दौरान का कार्य चल रहा है। मंगलवार को उत्खनन के सातवें दिन जमीन से 115 सेमी नीचे गुप्तकालीन शिव मंन्दिर का गर्भगृह मिला है। इसके मध्य में मुख आकृति वाला जटाधारी शिवलिंग व सीध में चार-पांच मीटर दूर एक शिवलिंग मिल चुका है। उत्खनन के पांचवें दिन मिला फर्श प्रदक्षिणा पथ का संकेत दे रहा है। अनुमान यह लगाया जा रहा है कि यहां केवल एक मंदिर ही नहीं बल्कि बड़े क्षेत्र में मंदिरों के संकुल भी रहे होंगे।

उत्खनन दल के सह निदेशक प्रो. अशोक सिंह के अनुसार क्षेत्र में मिले अब तक के धार्मिक पुरावशेषों के अनुसार यदि यहां इस महानकाल के मंदिर होने की पुष्टि हो गई, तो यह सिर्फ काशी ही बल्कि प्रदेश के लिए भी ऐतिहासिक उपलब्ष्धि होगी

अब तक मिले पुरावशेष
सात दिन से चल रहे इस उत्खनन के दौरान अब तक चौथी-पांचवी शताब्दी का लोढ़ा, लौह धातु, मिट्टी के बर्तन, मृद स्तम्भ, खिलौने, मिट्टी के रेशेदार ठोस टुकड़े, पूजा कलश आदि मिल चुके हैं।

Tuesday, March 3, 2020

अयोध्या : काशी के पौधे बिखेरेंगे श्रीराम की बगिया में हरियाली

श्रीराम मंदिर ट्रस्ट को भेंट स्वरूप दिए जायेंगे 1500 पौधे 

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और देवाधिदेव भगवान शंकर का आपसी स्नेह सर्वविदित है। अब इनकी नगरी भी आपस में एक दूसरे से जुड़ने वाली है। प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में राममंदिर निर्माण की तैयारी जोरशोर से चल रही है। ऐसे में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से मंदिर परिसर को हरियालीयुक्त बनाने के लिए पौधे भेजे जाएंगे।

मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए व्याकुल मण्डुवाडीह निवासी अशोक मौर्य का परिवार मंदिर परिसर में छाया और हरियाली के लिए प्रयासरत है। यह परिवार अपने नर्सरी से 1500 पौधे भगवान श्रीराम के चरणों में अर्पित करेगी। मंदिर परिसर में शुद्ध वातावरण और हरियाली के उद्देश्य से भेजे जाने वाले ये पौधे छायादार, फलदार, शोभायुक्त और सुगन्धित गुणों वाले होंगे।