तकनीक का सराहनीय प्रयोग
दिव्यांग, बौद्धिक दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने व उनकी शिक्षा का अनूठा प्रयास
दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम उठाया है। ‘समर्थ’ नाम से एक ऐसे मोबाइल ऐप को बनाया गया है, जो दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों शिक्षित करने में सहायता करेगा। इस ऐप के द्वारा प्रदेश के ऐसे दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों का चिन्हित किया जाएगा जो विद्यालय जाने में असमर्थ हैं और घर पर ही रहते हैं। ऐसे बच्चों का पूरा विवरण ऐप पर एकत्र कर ऑनलाइन किया जाएगा।
मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत वाराणसी में हुए मण्डलीय कार्यशाला में शामिल राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनन्द के अनुसार विभाग तकनीक का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर दिव्यांग, बौद्धिक दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को मुख्य धारा से जोड़कर उनकी शिक्षा को बेहतर करने के साथ-साथ दूसरे बच्चों के अन्दर भी दिव्यांगों के लिए सम्मान का भाव पैदा करना है।
बच्चों की बौद्धिक क्षमता के अनुसार एनसीईआरटी तैयार करेगा पाठ्यक्रम
बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए उनकी बौद्धिक क्षमता के अनुसार एनसीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार करेगा। प्राथमिक कक्षाओं के लिए वर्ष 2020-21 व 2021-22 तक पाठ्यपुस्तक तैयार करने की योजना है। पढ़ाई के आलावा भी उनका विकास किया जा सके इसके लिए भी कार्य किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों को आवश्यक उपकरण भी वितरित किये जाने की योजना है। जिसमें छात्रों को मोबिलिटी केन, ब्रेल किट, स्मार्ट केन, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, मल्टी सेंसरी इंटरीग्रेटेड एजुकेशन किट और हियरिंग एड वितरित किये जाएंगे।
दिव्यांग, बौद्धिक दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने व उनकी शिक्षा का अनूठा प्रयास
दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम उठाया है। ‘समर्थ’ नाम से एक ऐसे मोबाइल ऐप को बनाया गया है, जो दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों शिक्षित करने में सहायता करेगा। इस ऐप के द्वारा प्रदेश के ऐसे दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों का चिन्हित किया जाएगा जो विद्यालय जाने में असमर्थ हैं और घर पर ही रहते हैं। ऐसे बच्चों का पूरा विवरण ऐप पर एकत्र कर ऑनलाइन किया जाएगा।
मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत वाराणसी में हुए मण्डलीय कार्यशाला में शामिल राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनन्द के अनुसार विभाग तकनीक का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर दिव्यांग, बौद्धिक दिव्यांग एवं मूक बधिर बच्चों को मुख्य धारा से जोड़कर उनकी शिक्षा को बेहतर करने के साथ-साथ दूसरे बच्चों के अन्दर भी दिव्यांगों के लिए सम्मान का भाव पैदा करना है।
बच्चों की बौद्धिक क्षमता के अनुसार एनसीईआरटी तैयार करेगा पाठ्यक्रम
बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए उनकी बौद्धिक क्षमता के अनुसार एनसीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार करेगा। प्राथमिक कक्षाओं के लिए वर्ष 2020-21 व 2021-22 तक पाठ्यपुस्तक तैयार करने की योजना है। पढ़ाई के आलावा भी उनका विकास किया जा सके इसके लिए भी कार्य किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों को आवश्यक उपकरण भी वितरित किये जाने की योजना है। जिसमें छात्रों को मोबिलिटी केन, ब्रेल किट, स्मार्ट केन, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, मल्टी सेंसरी इंटरीग्रेटेड एजुकेशन किट और हियरिंग एड वितरित किये जाएंगे।
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