नई
दिल्ली. कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर विश्व के विभिन्न देश भारत की ओर आशा भरी
दृष्टि से देख रहे हैं. इसी क्रम में कोरोना वैक्सीन के लिए दुनिया के 12 देशों ने भारत से मदद मांगी है. नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर
वीके पॉल ने शनिवार को एक मंत्रियों के उच्च स्तरीय समूह की 22वीं बैठक में कहा कि भारत को 12 देशों से
कोरोना वायरस (कोविड -19) महामारी
के खिलाफ वैक्सीन के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ. वीके
पॉल ने बैठक के दौरान भारत में ट्रायल कर रहे वैक्सीन कैंडिडेट, कंपनियां, डोज बनने
और वैक्सीन स्टोर के लिए शर्तों के बारे में सूचित किया. उन्होंने जनसंख्या व योजना
के बारे में भी बताया, जिन्हें
वैक्सीन आने के बाद वैक्सीन दिया जाएगा. इसी बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
हर्षवर्धन ने कहा कि देश के विज्ञानी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोरोना के खिलाफ
स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रहे हैं और अगले 6 से 7 महीने
में करीब 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने
की क्षमता होगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही कुछ वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की
मंजूरी दे दी जाएगी.
डॉ. हर्षवर्धन GoM के
चेयरमैन भी हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में एक करोड़ से कुछ ज्यादा
संक्रमित मामले अब तक पाए गए हैं, जिनमें
से 95 लाख 50 हजार से
अधिक मरीज पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं. भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में
शामिल है, जहां मरीजों के उबरने की दर सबसे ज्यादा है. भारत में वर्तमान
में यह दर 95.46 फीसदी है. अक्तूबर और नवंबर में
त्योहारों के बावजूद नए मामलों में तेजी नहीं आई. साथ ही लोगों से किसी भी तरह की
लापरवाही नहीं बरतने की अपील भी की.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी किए गए
बयान में कहा गया कि निरंतर एवं व्यापक जांच से कोरोना संक्रमण की दर कम हो रही
है.
श्रोत- विश्व संवाद केंद्र, भारत
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