काशी. वाराणसी में आयोजित राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की बैठक में संदेशखाली की घटना पर निषेध प्रस्ताव पारित किया गया| बैठक में राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शातक्का जी ने कहा कि “छत्रपति शिवाजी महाराज ने समाज के स्वत्व और स्वाभिमान का जागरण कर धैर्य और साहस से स्वराज्य के मार्ग की सभी बाधाओं का सामना किया. हम सब को भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज की सज्जन शक्ति को सक्रिय करने का कार्य करना है”. अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की बैठक के समारोप सत्र में उन्होंने कहा कि “भविष्य सज्जन शक्ती के हाथ में है, जिसके कारण भारत विश्व वंदनीय होगा”.
वाराणसी
में आयोजित बैठक को संकलित करते हुए प्रमुख कार्यवाहिका ए. सीताजी ने बैठक में
चर्चित कार्य स्थिति और आगे करने वाले कार्य की योजना की जानकारी दी. पर्यावरण
संवर्धन, परिवार प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य के
प्रति समाज जागरण के कार्य को अधिक गति से करने की बात कही.
बैठक में सन्देशखाली में
महिला उत्पीड़न की घटना के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया. बैठक में देश के 35 प्रांत से 115 प्रतिनिधि
उपस्थित रहे.
संदेशखाली की घटना पर निषेध प्रस्ताव
पश्चिम बंगाल के
संदेशखाली में हो रही महिलाओं की त्रासदी अत्यंत खेदजनक और गंभीर चिंता का विषय
है. दुर्भाग्य से राज्य की मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला होने के उपरांत भी वहाँ
महिलाओं के विरुद्ध हो रहे इन अपराधों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. जननी, जन्मभूमि और जगत जननी ऐसी मातृत्व की त्रिधाराओं की
विश्व में प्रतिस्थापना करने वाले शोनार बांगला में निरीह, निरपराध
महिलाओं का शोषण और दर्दनाक उत्पीड़न सर्वथा निंदनीय है.
पिछले कुछ वर्षों से २४
परगना जिले के इस सीमावर्ती क्षेत्र में सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न होता दिखाई
दे रहा है. अराजकता का माहौल, असामाजिक
तत्वों की सक्रियता, अवैध घुसपैठ और जनसंख्या को असंतुलित
करने के प्रयास राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत धोखादायक हैं. उच्चतम न्यायलय
की खंडपीठ, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग इन सभी कानून
व्यवस्था को बहाल रखने वाली संस्थाओं द्वारा कड़े शब्दों में लताड़े जाने के बाद
भी राज्य सरकार की ओर से कोई भी कार्यवाही न होना और अपराधियों को पकड़ने का
प्रयास भी न करना, बल्कि पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग
चढ़ाने का प्रयास करना राज्य सरकार की हीन मानसिकता का परिचायक है. राज्य प्रशासन
महिलाओं का रक्षण करने में और उनको सामाजिक न्याय दिलाने में असफल रहा है. महिलाओं
पर बर्बर बलात्कार और उनका निकृष्ट यौन उत्पीड़न करने के आरोपी शाहजहां शेख जैसे
अपराधियों को राज्य सरकार का आश्रय मिल रहा हो, ऐसा प्रतीत
हो रहा है.
सभ्य समाज का मस्तक लज्जा
से झुका देने वाली इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए राष्ट्र सेविका समिति का यह
‘अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल’ पश्चिम बंगाल सरकार की कड़ी आलोचना
करता है तथा उन पीड़ित महिलाओं के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए केंद्र
सरकार, पुलिस एवं जाँच एजेंसियों से निवेदन करता
है कि सभी अपराधियों को कठोरतम दंड दिया जाए. साथ ही पीड़ित महिलाओं के शारीरिक और
मानसिक उपचार की और उनके पुनर्वसन की व्यवस्था की जाए.
अमानवीय अत्याचार की भोग बनी अपनी पीड़ित भगिनी के कष्टों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए राष्ट्र सेविका समिति उन्हें यह आश्वासन देना चाहती है कि इस विषम स्थिति में हम आपके साथ हैं. अन्याय के प्रति निडर होकर आवाज उठाने के आपके साहस पर हमें गौरव है. इसी भावना को मन में रखकर पश्चिम बंगाल और देशभर की सेविकाएं अपनी इन बहनों की यथासंभव सहायता के लिए तत्पर हैं.