सुल्तानपुर, 21 अक्टूबर : अमर कंटक के परम संत परमात्मानंद जी महराज ने कहा कि आज हिन्दू समाज का किसी को भय नहीं है। यही कारण है कि हमारी गौ माता को काटा जा रहा है। जिस दिन हिन्दू समाज का भय लोगों में होगा उसी दिन गोवध बंद हो जायेगा। गाय से खेती, खेती से किसान, किसान से गांव और गांव से देश बचेगा। इसलिए गाय, गांव औ किसान की सुरक्षा जरूरी है। वे आज खुर्शीद क्लब मैदान में विश्वमंगल गो ग्राम यात्रा के आगमन पर धर्म सभा को सम्बोधित कर रहे थे।
कुरुक्षेत्र से संतो के नेतृत्व में निकली विश्वमंगल गो ग्राम यात्रा बुधवार को जिला मुख्यालय पहुंची। जिसे जिले की सीमा पर कूरेभार में विहिप जिलाध्यक्ष नागेन्द्र सिंह, बजरंग दल प्रान्त संयोजक ओम प्रकाश पाण्डेय, डा।जेपी सिंह, भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रामभुवन मिश्र आदि दर्जनों प्रमुख लोगों ने अगवानी की। नगर में भी जगह-जगह श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में शामिल लोगों पर पुष्प वर्षा करके अगवानी की। खुर्शीद क्लब में धर्मसभा के दौरान संत परमात्मानन्द व क्षेत्र प्रमुख नवल किशोर ने भारतीय संस्कृति और गो रक्षा पर आमजनों को सचेत किया। क्षेत्र प्रमुख नवल किशोर ने कहा कि कृषि का आधार गोवंश हैं। इसे हमारे महापुरुषों ने पूजा है। सिक्खों ने गोरक्षा में बड़े बलिदान दिये हैं, लेकिन आज आजादी के बाद तीन हजार से छत्तीस हजार गोवध शालाएं हो गयी हैं। दो लाख में एक लाख गोवंश भारत में ही कटता है। रासायनिक खादों से उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कैंसर रोगी बढ़ रहे हैं। धर्मसभा को यात्रा संचालन समिति के अध्यक्ष डा.जेपी सिंह, ओम प्रकाश पाण्डेय, कृपाशंकर द्विवेदी, सुरेन्द्र सिंह, रतन सिंह आदि ने सम्बोधित किया। नगर संयोजक सुनील श्रीवास्तव धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस दौरान विभिन्न पंथों के प्रमुखों में कृष्ण लीला, जगत प्रताप सिंह, नामधारी रतन सिंह, कुलदीप सिंह, झण्डाबाबा, धर्मप्रकाश, हनुमानगढ़ी के पुजारी कृष्णकुमार शास्त्री, डा.पीपी पाण्डेय, युग निर्माण योजना के रामचन्द्र शुक्ल आदि मौजूद रहे। उधर, इलाहाबाद की ओर प्रस्थान करते वक्त जगह-जगह रामगंज, छीड़ा आदि क्षेत्रों में महिलाओं ने अगवानी की। मुसाफिरखाना संवादसूत्र के अनुसार विहिप नेता सुरेश तिवारी, गंगेश सिंह, सुरेन्द्र सिंह, शिवशंकर मिश्र, रुद्रदत्त त्रिपाठी, संतोष श्रीवास्तव, अरूणोदय त्रिपाठी, कन्हैया फौजी आदि ने विश्वमंगल गो यात्रा के दौरान विविध धार्मिक आयोजन किये। संचालक विशम्भर दयाल श्रीवास्तव ने गो सेवा पर व्याख्यान दिया।
राष्ट्रीय मुद्दा है गोमाता की रक्षा का सवाल : गोविन्दाचार्य
कुरुक्षेत्र से संतो के नेतृत्व में निकली विश्वमंगल गो ग्राम यात्रा बुधवार को जिला मुख्यालय पहुंची। जिसे जिले की सीमा पर कूरेभार में विहिप जिलाध्यक्ष नागेन्द्र सिंह, बजरंग दल प्रान्त संयोजक ओम प्रकाश पाण्डेय, डा।जेपी सिंह, भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री रामभुवन मिश्र आदि दर्जनों प्रमुख लोगों ने अगवानी की। नगर में भी जगह-जगह श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में शामिल लोगों पर पुष्प वर्षा करके अगवानी की। खुर्शीद क्लब में धर्मसभा के दौरान संत परमात्मानन्द व क्षेत्र प्रमुख नवल किशोर ने भारतीय संस्कृति और गो रक्षा पर आमजनों को सचेत किया। क्षेत्र प्रमुख नवल किशोर ने कहा कि कृषि का आधार गोवंश हैं। इसे हमारे महापुरुषों ने पूजा है। सिक्खों ने गोरक्षा में बड़े बलिदान दिये हैं, लेकिन आज आजादी के बाद तीन हजार से छत्तीस हजार गोवध शालाएं हो गयी हैं। दो लाख में एक लाख गोवंश भारत में ही कटता है। रासायनिक खादों से उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कैंसर रोगी बढ़ रहे हैं। धर्मसभा को यात्रा संचालन समिति के अध्यक्ष डा.जेपी सिंह, ओम प्रकाश पाण्डेय, कृपाशंकर द्विवेदी, सुरेन्द्र सिंह, रतन सिंह आदि ने सम्बोधित किया। नगर संयोजक सुनील श्रीवास्तव धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस दौरान विभिन्न पंथों के प्रमुखों में कृष्ण लीला, जगत प्रताप सिंह, नामधारी रतन सिंह, कुलदीप सिंह, झण्डाबाबा, धर्मप्रकाश, हनुमानगढ़ी के पुजारी कृष्णकुमार शास्त्री, डा.पीपी पाण्डेय, युग निर्माण योजना के रामचन्द्र शुक्ल आदि मौजूद रहे। उधर, इलाहाबाद की ओर प्रस्थान करते वक्त जगह-जगह रामगंज, छीड़ा आदि क्षेत्रों में महिलाओं ने अगवानी की। मुसाफिरखाना संवादसूत्र के अनुसार विहिप नेता सुरेश तिवारी, गंगेश सिंह, सुरेन्द्र सिंह, शिवशंकर मिश्र, रुद्रदत्त त्रिपाठी, संतोष श्रीवास्तव, अरूणोदय त्रिपाठी, कन्हैया फौजी आदि ने विश्वमंगल गो यात्रा के दौरान विविध धार्मिक आयोजन किये। संचालक विशम्भर दयाल श्रीवास्तव ने गो सेवा पर व्याख्यान दिया।
राष्ट्रीय मुद्दा है गोमाता की रक्षा का सवाल : गोविन्दाचार्य
वाराणसी। चर्चित चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने कहा है कि गोमाता की रक्षा का सवाल राजनीतिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दा है। 'विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा' को देश के लाखों मुसलमानों का भी समर्थन मिला है। राजनीति दलों व नेताओं में प्रतिबद्धता व समझ का अभाव है, यही कारण रहा कि वोट बैंक के चक्कर में गो माता की रक्षा का मुद्दा अब तक चुनावी एजेंडे में शामिल न हो सका। गाय-गंगा व गांव की रक्षा के लिए दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति व जनांदोलन की आवश्यकता है।
108 दिवसीय 'विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा' के काशी पहुंचने की पूर्व संध्या पर श्री गोविंदाचार्य बुधवार को लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में पत्रकारों से बात कर रहे थे। गो संरक्षण व गो संवर्द्धन के मुद्दे को जनांदोलन बनाए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सर्वतोन्मुखी हिंसक समृद्धि और पर्यावरण विनाश पर टिके आधुनिक विकास के विकल्प में विश्व के कल्याण के लिए राष्ट्रीय चेतना का जागरण और गांव-गांव में विद्यमान गो संस्कृति के संस्कारों को सुदृढ़ करना है। मेरा स्पष्ट मत है कि विश्व के संसाधनों की निर्मम लूट और साम्राज्यवादी शोषण पर आधारित विकास का वर्तमान मॉडल सम्पूर्ण विश्व के कल्याण में असमर्थ है। विकास के आधुनिक रूप ने पर्यावरण का विनाश किया है। जल, जंगल, जमीन और आकाश को प्रदूषित और क्षरित किया है। यात्रा के दौरान अब तक देश के पांच लाख मुसलमानों ने गो माता की रक्षा के अभियान को अपना समर्थन दिया है।
प्रेसवार्ता में श्री गोविंदाचार्य ने गोमाता की ओर से अनुरोध पत्र जारी किया। पत्र में विकास की अवधारणा मानव केंद्रित न होकर प्रकृति केंद्रित करने, मानवाधिकार के समान जमीन, जल, जंगल, जानवर, प्रकृति के भी अनुल्लंघनीय अधिकार, केंद्र में गो विकास मंत्रालय बनाने, हर प्रखंड में पंचायतों के अनुसार नंदीशाला स्थापित करने, पशु चिकित्सालय का हर न्याय-पंचायत तक विस्तार करने, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय हर जिले में स्थापित करने, गौ तस्करी के लिए विशेष दंड की व्यवस्था करने, मांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने, गाय के दूध का दाम बढ़ाने, कृषि भूमि का अधिग्रहण बंद करने तथा एक फसली या नकदी फसल की खेती पर दबाव घटाने की मांग की गई है।
इस दौरान सुरभि शोध संस्थान के प्रमुख सूर्यकांत जालान ने बताया कि विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का संदेश देश के लगभग दो लाख गांवों तक पहुंचेगा। यात्रा से जहां गो माता की रक्षा के लिए राजसत्ता पर दबाव बनेगा, वहीं अभियान से देशभर के लोगों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
आज भारत में गोवंश समाप्तप्राय : अशोक सिंघल
प्रयाग, अक्तूबर २१ – विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने कहा है कि भारत में निरंतर बढ रही गो हत्या का परिणाम ही है कि आज गोवंश समाप्ति की कगार पर है । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए प्रयाग में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही । उन्होंने कहा कि गोवंश की हत्या हिन्दू समाज की संस्कृति की हत्या के समान है । सिंघल ने गोवंश को कृषि का आधार बताते हुए कहा कि आज की खेती आधुनिक उपकरणों द्वारा की जा रही है, ट्रैक्टर द्वारा खेतों की जुताई एवं रासायनिक खादों की उपयोगिता ने हमारी कृषि को कमजोर किया है, जिसके कारण आज का किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है ।
अशोक सिंघल ने कहा कि लगभग बीस हजार गाय की हत्य भारत में नित्य हो रही है, जो कि अत्यंत दुखद है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक हुन्दू को संकल्प करने की आवश्यकता है कि गोवंश को कसाइयों के हाथों न बिकने दें । उन्होंने विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा को आजादी के बाद अब तक का सबसे बडा लोकजागरण आंदोलन बताते हुए लोगों से गोवंश के पालन व संरक्षण की अपील की ।
शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती ने गाय को स्नेह की देवी की संज्ञा देते हुए कहा कि गाय भगवस्वरूपा, मातृस्वरूपा एवं धातृस्वरूपा है । उन्होंने कहा कि जब तक भारत में गोवंश की हत्या नही रुकेगी भारत का विकास संभव नहीं है । उन्होंने कहा कि गोसंरक्षण कानून की अपेक्षा सरकार से करना निरर्थक है । अतः देश को, समाज को जागृत होकर गोवंश के संरक्षण हेतु आगे आना होगा । शंकराचार्य ने कहा कि मथुरा, प्रयाग, आगरा आदि अनेक स्थानों पर जहाँ गाय के महत्व का वर्णन किया गया है वहाँ पर गो हत्या होना अत्यंत निंदनीय है । उन्होंने कहा कि अनार्थिक गायों को गलत हाथों में बेचकर हम सभी गोहत्या के पाप के भागीदार बन रहें हैं, अतः यह आवश्यक है कि गाय को हम गलत हाथों में न बेचें । उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू अपनी धर्म संस्कृति की रक्षा गोहत्या को रोक कर ही कर सकता है ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह आयोध्या से चलकर शाम प्रयाग पहुंची, यहाँ पर कार्यकर्ताओं द्वारा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया । जगह जगह चौराहों पर लोगों ने स्वागत कार्यक्रमों द्वारा यात्रा के साथ चल रहें साधु संतों को माल्यार्पण कर स्वागत किया । गो ग्राम यात्रा इससे पहले सुल्तानपुर, प्रतापगढ होते हुए प्रयाग पहुंची ।
108 दिवसीय 'विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा' के काशी पहुंचने की पूर्व संध्या पर श्री गोविंदाचार्य बुधवार को लंका स्थित विश्व संवाद केंद्र में पत्रकारों से बात कर रहे थे। गो संरक्षण व गो संवर्द्धन के मुद्दे को जनांदोलन बनाए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सर्वतोन्मुखी हिंसक समृद्धि और पर्यावरण विनाश पर टिके आधुनिक विकास के विकल्प में विश्व के कल्याण के लिए राष्ट्रीय चेतना का जागरण और गांव-गांव में विद्यमान गो संस्कृति के संस्कारों को सुदृढ़ करना है। मेरा स्पष्ट मत है कि विश्व के संसाधनों की निर्मम लूट और साम्राज्यवादी शोषण पर आधारित विकास का वर्तमान मॉडल सम्पूर्ण विश्व के कल्याण में असमर्थ है। विकास के आधुनिक रूप ने पर्यावरण का विनाश किया है। जल, जंगल, जमीन और आकाश को प्रदूषित और क्षरित किया है। यात्रा के दौरान अब तक देश के पांच लाख मुसलमानों ने गो माता की रक्षा के अभियान को अपना समर्थन दिया है।
प्रेसवार्ता में श्री गोविंदाचार्य ने गोमाता की ओर से अनुरोध पत्र जारी किया। पत्र में विकास की अवधारणा मानव केंद्रित न होकर प्रकृति केंद्रित करने, मानवाधिकार के समान जमीन, जल, जंगल, जानवर, प्रकृति के भी अनुल्लंघनीय अधिकार, केंद्र में गो विकास मंत्रालय बनाने, हर प्रखंड में पंचायतों के अनुसार नंदीशाला स्थापित करने, पशु चिकित्सालय का हर न्याय-पंचायत तक विस्तार करने, पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय हर जिले में स्थापित करने, गौ तस्करी के लिए विशेष दंड की व्यवस्था करने, मांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने, गाय के दूध का दाम बढ़ाने, कृषि भूमि का अधिग्रहण बंद करने तथा एक फसली या नकदी फसल की खेती पर दबाव घटाने की मांग की गई है।
इस दौरान सुरभि शोध संस्थान के प्रमुख सूर्यकांत जालान ने बताया कि विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का संदेश देश के लगभग दो लाख गांवों तक पहुंचेगा। यात्रा से जहां गो माता की रक्षा के लिए राजसत्ता पर दबाव बनेगा, वहीं अभियान से देशभर के लोगों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
आज भारत में गोवंश समाप्तप्राय : अशोक सिंघल
प्रयाग, अक्तूबर २१ – विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने कहा है कि भारत में निरंतर बढ रही गो हत्या का परिणाम ही है कि आज गोवंश समाप्ति की कगार पर है । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए प्रयाग में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही । उन्होंने कहा कि गोवंश की हत्या हिन्दू समाज की संस्कृति की हत्या के समान है । सिंघल ने गोवंश को कृषि का आधार बताते हुए कहा कि आज की खेती आधुनिक उपकरणों द्वारा की जा रही है, ट्रैक्टर द्वारा खेतों की जुताई एवं रासायनिक खादों की उपयोगिता ने हमारी कृषि को कमजोर किया है, जिसके कारण आज का किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है ।
अशोक सिंघल ने कहा कि लगभग बीस हजार गाय की हत्य भारत में नित्य हो रही है, जो कि अत्यंत दुखद है । उन्होंने कहा कि प्रत्येक हुन्दू को संकल्प करने की आवश्यकता है कि गोवंश को कसाइयों के हाथों न बिकने दें । उन्होंने विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा को आजादी के बाद अब तक का सबसे बडा लोकजागरण आंदोलन बताते हुए लोगों से गोवंश के पालन व संरक्षण की अपील की ।
शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती ने गाय को स्नेह की देवी की संज्ञा देते हुए कहा कि गाय भगवस्वरूपा, मातृस्वरूपा एवं धातृस्वरूपा है । उन्होंने कहा कि जब तक भारत में गोवंश की हत्या नही रुकेगी भारत का विकास संभव नहीं है । उन्होंने कहा कि गोसंरक्षण कानून की अपेक्षा सरकार से करना निरर्थक है । अतः देश को, समाज को जागृत होकर गोवंश के संरक्षण हेतु आगे आना होगा । शंकराचार्य ने कहा कि मथुरा, प्रयाग, आगरा आदि अनेक स्थानों पर जहाँ गाय के महत्व का वर्णन किया गया है वहाँ पर गो हत्या होना अत्यंत निंदनीय है । उन्होंने कहा कि अनार्थिक गायों को गलत हाथों में बेचकर हम सभी गोहत्या के पाप के भागीदार बन रहें हैं, अतः यह आवश्यक है कि गाय को हम गलत हाथों में न बेचें । उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू अपनी धर्म संस्कृति की रक्षा गोहत्या को रोक कर ही कर सकता है ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह आयोध्या से चलकर शाम प्रयाग पहुंची, यहाँ पर कार्यकर्ताओं द्वारा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया । जगह जगह चौराहों पर लोगों ने स्वागत कार्यक्रमों द्वारा यात्रा के साथ चल रहें साधु संतों को माल्यार्पण कर स्वागत किया । गो ग्राम यात्रा इससे पहले सुल्तानपुर, प्रतापगढ होते हुए प्रयाग पहुंची ।
No comments:
Post a Comment