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Thursday, November 11, 2010

बृहस्पतिवार, ११ नवम्बर २०१०खबरे समाचार पत्रों से जोधपुर प्रान्त की

बृहस्पतिवार, ११ नवम्बर २०१०खबरे समाचार पत्रों से जोधपुर प्रान्त की
पाली . केंद्र सरकार के कथित हिंदू दुष्प्रचार विरोधी अभियान की खिलाफत में पहली बार आरएसएस और संबंधित हिंदू संगठन सड़क पर उतरे और हिंदुत्व को चुनौती नहीं देने की चेतावनी दी। सूरजपोल पर सभा के बाद विशाल जनसमूह शहर के विभिन्न मार्गों से रैली निकालकर कलेक्ट्री पहुंचा और यहां एडीएम को राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र सौंपा। आरएसएस के देशव्यापी आह्वान के तहत बुधवार को शहर के सूरजपोल में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता आरएसएस के प्रांत संघचालक विजय कुमार ने केंद्र सरकार के हिंदू दुष्प्रचार अभियान की आलोचना करते हुए हिंदू की मर्यादा की परीक्षा नहीं लेने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने मर्यादा त्यागी थी तो रावण का नाश हो गया था।


केंद्र सरकार व उसके नेता आतंकवाद को हिंदुओं से जोडऩे का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। उन्हें पता नहीं कि देश के 85 करोड़ हिंंदू जब आतंकवादी बन गए तो कोई नेता नहीं बचेगा। आतंकवादी कौन है यह किसी बच्चे को भी पूछेंगे तो वह सीधा पाकिस्तान का नाम बताएगा। भारत की पहचान यहां का हिंदू धर्म,उसकी सहिष्णु संस्कृति है, जिसे देखने के लिए विदेशी आते हैं। देश में कहीं कोई घटना होती है तो किसी न किसी प्रकार से आरोपी को आरएसएस का कार्यकर्ता दर्शाया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि वोट बैंक के लिए हिंदू को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। हिंदू संत शंकराचार्य की दिवाली के दिन गिरफ्तारी, बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर के खिलाफ दुष्प्रचार, कंधमाल के स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की जघन्य हत्या, संघ के वरिष्ठ अधिकारी इंद्रेश कुमार, भैय्या जोशी पर आरोप लगाना इसी षड्यंत्र का नतीजा है।


हिंदू दुष्प्रचार कांग्रेस का इतिहास


एडवोकेट संपतमल गांधी ने कहा कि आरएसएस व हिंदुओं का दुष्प्रचार करना कांग्रेस का इतिहास है। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री काल में बदनीयती से आरएसएस पर प्रतिबंध लगाए गए, किंतु अंत में इन्हें मुंह की खानी पड़ी और प्रतिबंध हटाना पड़ा। संघ और इसके कार्यकर्ता दुष्प्रचार के षड्यंत्र से बिल्कुल भयभीत नहीं है। संघ पहले भी ऐसी मुसीबतों का सामना कर चुका है।
मांग नहीं विरोध पत्र

सभा समाप्ति के पश्चात जनसमूह रैली में परिवर्तित हो गया। रैली में शामिल युवा बैनर, झंडियां व विभिन्न नारों की तख्तियां लिए हुए थे। रैली सूरजपोल, सोमनाथ मंदिर, सर्राफा बाजार, राणा प्रताप चौक, पुराना बस स्टैंड से बांगड़ स्कूल के सामने होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। मार्ग भर में कार्यकर्ता गगनभेदी उद्घोष लगाते हुए चल रहे थे। कलेक्ट्रेट पर परमेश्वर जोशी ने कहा कि सरकार से हमारी कोई मांग नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जो हिंदू दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है उसको लेकर हमारा विरोध है। परमेश्वर जोशी ने विरोध पत्र पढ़कर सुनाया। विजयकुमार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम अरूण पुरोहित को 23 बिंदुओं वाला विरोध पत्र राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के नाम सौंपा।

जनप्रतिनिधि भी हुए शामिल


आरएसएस के विरोध प्रदर्शन में विधायक ज्ञानचंद पारख, केसाराम चौधरी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, संजना आगरी, पूर्व विधायक मदन राठौड़, पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे, सुरेंद्र गोयल, पूर्व सांसद पुष्प जैन, भाजपा महामंत्री महेंद्र बोहरा, राकेश भाटी, मूलसिंह भाटी सहित विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, शिव सेना व अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।


संविधान में भी राम

सभा में विजयकुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिंदुत्व को नीचा दिखाने के लिए कोई कसर नहीं रखी। केंद्रीय मंत्री ने तो भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था। उन्हें पता नहीं कि भारत में सर्वोच्च माने जाने वाले संविधान में भी भगवान श्रीराम व राम दरबार का उल्लेख है। यहां तक कि कांग्रेस जिस गांधी शब्द को पकड़ कर चल रही है वो महात्मा गांधी भी राम भक्त थे। देश का दुर्भाग्य है कि हिंदू नेता हिंदू धर्म को अपमानित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।


भारत का मुसलमान राष्ट्रभक्त

विजयकुमार ने कहा कि भारत का मुसलमान राष्ट्रभक्त है किंतु तथाकथित संगठन राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए उन्हें देशद्रोही बना रहे हैं। अफजल गुरु को फांसी इसलिए नहीं दी जा रही है कि वह एक मुसलमान है और इससे मुसलमान नाराज हो जाएगा। हकीकत यह है कि देश के राष्ट्रभक्त मुसलमान से उसका कोई संबंध नहीं है।

जातिवाद से ऊपर उठो

ठेठ मारवाड़ी अंदाज में जनसभा को संबोधित करते हुए संत सूरजनदास महाराज ने जातिवाद से ऊपर उठकर संगठित होने का आह्वान किया। हिंदुओं को विखंडित करने के षड्यंत्र करने के प्रति सचेत होने की बात कही। संघ के डॉ. श्रीलाल, शंकर भासा, जिनेंद्र जैन, प्रेमंचद माथुर, एडवोकेट श्रवणकुमार गोयल, नेमीचंद ने हिंदु दुष्प्रचार की निंदा करते हुए संघर्ष के लिए तैयार रहने के लिए कहा। उन्होंने हिंदुत्व जागृति का आह्वान किया।

Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-961257-1535112.html?HT3=


पाली । हिन्दुओं की पहचान पर आघात हो रहा है। उन्हें आतंककारी बताया जा रहा है। हिन्दू किसी भी सूरत में आतंककारी नहीं हो सकता। ये विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने व्यक्त किए। वे बुधवार को संघ के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी धरना-प्रदर्शन के तहत सूरजपोल पर आयोजित जनसभा व रैली में जिले भर से शामिल हुए हिन्दूवादी संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि विश्व के किसी भी कोने में आतंकी घटना होती है तो उसमें पाकिस्तान का हाथ होता है। यह समूची दुनिया जानती है। हिन्दू कभी सोता नहीं है। जब-जब हिन्दुओं पर आघात हुआ वह जाग गया। रामसेतु, अमरनाथ की जमीन व राम के अस्तित्व सहित कई मामलों में आन्दोलन के बलबूते हिन्दू हितों की रक्षा की है। संघ प्रचारक इन्द्रेश का आतंककारी घटनाओं से कोई लेना देना नहीं है। संघ का संबंध तो आईएसआई तक से जोडा गया, जो बेबुनियाद आरोप है। जिला संघ चालक डॉ. श्रीलाल ने कहा कि प्रज्ञा साध्वी का तीन बार नारको टेस्ट हुआ। उसमें कुछ नहीं निकला। विदेशी समाचार पत्र व समाचार एजेंसियां तोड मरोडकर समाचार पेश कर रही हैं।

रामद्वारा के संत सुरजनदास महाराज ने कहा कि हिन्दू की अपेक्षा समुदाय व जाति के नाम पर काफी संख्या में लोग एकत्र हो जाते हैं। हिन्दुओं को जातियों में बांट दिया। इस कारण हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। संघ के बाली जिला संघ चालक प्रेमचंद माथुर ने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति के कारण आज भारत आजाद होकर भी मानसिक रूप से पराधीन है।

शिक्षा पद्धति में भारत माता को भूमि का टुकडा बताया तो गौरवशाली इतिहास को हटा कर मनगढंत इतिहास रचा गया। श्रेष्ठ जीवन मूल्यों तक को हटा दिया गया। कार्यक्रम को एडवोकेट श्रवण कुमार गोयल, शंकर भासा, जिनेन्द्र जैन, गुलबागसिंह खेडा, संघ कार्यकर्ता सम्पतमल गांधी, गीता सत्संग भवन के शांतानंद ने भी सम्बोधित किया।

Source : http://www.rajasthanpatrika.com/news/Pali/11112010/pali/76844


जालोर . देश की मौजूदा सरकार ना केवल आतंवादियों को शरण देकर उनकी सेवा कर रही है, बल्कि वह राष्ट्रवादी संगठनों को षड्यंत्रपूर्वक ऐसी घटनाओं के साथ जोड़कर उन्हें बदनाम कर रही है, जिसे देश की जनता अब और अधिक सहन नहीं कर सकती।

यह बात बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से इन घटनाओं के विरोध में आयोजित धरना-प्रदर्शन के दौरान मुख्य वक्ता विद्या भारती के शारीरिक प्रमुख दुर्गसिंह राजपुरोहित ने कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है और यह बात सभी लोग जानते हैं। इसके बढ़ते प्रभाव से घबराकर अब कांग्रेस ऐसा कुत्सित प्रयास कर रही है जिससे कि संगठन के प्रचारकों को बदनाम किया जा सके। इस धरना प्रदर्शन में जिलेभर से संघ के स्वयंसेवक, विद्यार्थी परिषद, भाजपा, विहिप और दुर्गावाहिनी की कार्यकर्ता शामिल हुई। ये सभी शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना स्थल पर पहुंचे। धरना के बाद एडीएम को राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र सौंपा गया। इससे पहले जिला प्रचार प्रमुख सुरेंद्र नाग ने विरोध पत्र का वाचन किया। दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुए प्रदर्शन के दौरान कलेक्टे्रट परिसर के बाहर मुख्य मार्ग पर काफी संख्या में स्वयंसेवक व कार्यकर्ता इक_ा हो गए। इस दौरान देशभक्ति गीतों व नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व जिला कार्यवाह मोहन परमार ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस राष्ट्रवाद को खत्म कर देना चाहती है उससे लगता है कि इस पार्टी को अपने परिवारवाद की समाप्ति का अहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि केंंद्र में बैठे मंत्री लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री उन्हें ऐसा करने से रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह देश के अपराधियों अफजल और कसाब को भी फांसी दिलाने से कतरा रहे हैं। इससे कांग्रेस को अपने वोट बैंक खिसकने का डर लगा रहता है। सह विभाग कार्यवाह खीमाराम ने कहा कि संघ और सीमी की तुलना करने वाले राहुल गांधी संघ के बारे में अल्प ज्ञान भी नहीं रखते हैं तो फिर बिना संघ को जाने वे कैसे इस प्रकार के आरोप लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार एटीएस का दुरूपयोग कर संघ को बदनाम कर रही हैं। संघ के जिन प्रचारक इंद्रेश कुमार पर आतंकवाद के आरोप लगाए गए हैं वे पिछले कई सालों से मुस्लिम लोगों के बीच रहकर राष्ट्रवाद का प्रचार कर रहे हैं। जिला संघ चालक श्रवण कुमार मोदी ने कहा कि संघ हमेशा अनुशासन, शांति और संस्कारों के लिए जाना जाता रहा है। देश पर कोई भी संकट आया हो संघ ने हमेशा उसका सामना करने में पूरा सहयोग किया है जिसे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी मानकर गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि संघ का प्रत्येक स्वयंसेवक देशभक्ति की भावना रखता है। धरना प्रदर्शन को सह जिला संघ चालक कैलाश अग्रवाल ने भी संबोधित किया।


कविता ने भरा जोश

धरना-प्रदर्शन के दौरान एक नन्हे से बालक सचिन की काश्मीर पर कविता ने सभी में जोश भर दिया। इस बालक ने कविता के माध्यम से काश्मीर के मौजूदा हालातों से लेकर राजनेताओं की भूमिका के बारे में बताया। इसी प्रकार संघ के छगनलाल ने देश भक्ति गीत की प्रस्तुति दी। आदर्श विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अजय गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन किया।

छाया रहा भ्रष्टाचार और परिवारवाद का मुद्दा



धरना प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार के मंत्रियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और कांग्रेस में परिवारवाद की भी जमकर आलोचना की। वक्ताओं ने कहा कि इस सरकार के मंत्री एक के बाद एक लगातार बड़े बड़े घोटाले कर रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस के नेता केवल एक परिवार को बढ़ावा दे रहे हैं और जिस प्रकार से संघ राष्ट्रवाद की बात करता है उससे कांग्रेस को परिवारवाद की समाप्ति का डर लग रहा है।


भाजपा भी हुई शामिल


धरना प्रदर्शन में भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल हुए। कई बड़े नेताओं के नेतृत्व में ये कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंचे। भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग, आहोर के पूर्व विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, पूर्व जिला प्रमुख नारायणसिंह देवल, भाजपा जिलाध्यक्ष अमीचंद जैन, चिरंजीलाल दवे, पूर्व जिलाध्यक्ष भभूतराम सोलंकी, भाजपा महामंत्री रविंद्रसिंह बालावत, पालिका में नेता प्रतिपक्ष मंजू सोलंकी, नगर अध्यक्ष ओटाराम सोलंकी समेत मदन सोलंकी, सुरेंद्र जांगिड़, सूरजमल सुथार, भंवर प्रजापत, धुकाराम गहलोत, कैलाश वैष्णव, सुरेश सुंदेशा, प्रकाश राव, अशोक गुर्जर, एबीवीपी के गजेंद्रसिंह सिसोदिया, संजय राठौड़, मुकेश राजपुरोहित, महिपालसिंह मंडलावत, प्रवीणसिंह राजपुरोहित, अशोक चौधरी, अमन मेहता व श्रवणसिंह राठौड़ समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे.

Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-960062-1536035.html


नागौर अजमेर बम काण्ड में आरएसएस का नाम जोडऩे से खफा राष्ट्रीय स्वयंसेवक ने बुधवार को यहां जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना देकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। बाद में संघ पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम का एक ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। इस धरने में जिलेभर के स्वयंसेवकों ने भाग लिया। धरना दोपहर से लेकर शाम तक जारी रहा।

इस अवसर पर धरनार्थियों को सम्बोधित करते हुए आरएसएस के बीकानेर विभाग के प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि संघ अपनी नित्य प्रति लगने वाली शाखाओं के माध्यम में आमजन में एक ही भाव जगाता है कि धरती हमारी माता है। हम इसके पुत्र है जिसका ऋण चुकाना असंभव है। संघ की तुलना किसी भी अन्य संगठन व राजैनतिक दलों से नहीं की जा सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय समय पर देश की कांग्रेसी सरकारों ने संघ के बढ़ते प्रभाव से घबराकर कभी संघ को राष्ट्र विरोधी बताकर तो कभी इसकी तुलना सिमी एवं अन्य आतंकी संगठनों से करके इसके खिलाफ दुष्प्रचार किया है मगर हिन्दू समाज ने सदैव संघ पर लगने वाले आरोपों को नकारा है। निम्बाराम ने स्पष्ट किया कि संघ की शाखाओं में आतंकी नहीं बल्कि राष्ट भक्त पैदा किए जाते हैं। संघ कभी भी स्वयंसेवकों को तोड़-फोड़ की शिक्षा नहीं देता है बल्कि वह लोगों को राष्ट्र से पे्रेम करने की शिक्षा देता है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संघ की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर राजनेताओं द्वारा मुसलमानों को भय दिखाकर वोट बटोरने के लिए संघ पर आए दिन तरह तरह के आरोप लगाए जाते रहे हैं। अजमेर बम काण्ड में आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इन्द्रेश कुमार का नाम घसीटा जा रहा है। उनकी राष्ट्रवादी मुस्लिम समाज में बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर कांग्रेस मीडिया के माध्यम से इन्हें बम कांड में घसीटा जा रहा है। निम्बाराम ने बताया कि पहले गांधी की हत्या के बाद नेहरू जी ने संघ पर प्रतिबंध लगाया मगर बाद में सच्चाई ज्ञात होने पर उन्होंने 1963 में संघ को दिल्ली की परेड़ में संघ के स्वयंसवेकों को पूर्ण गणवेश के साथ आमंत्रित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भगवा आतंकवाद कोई शब्द नहीं है सिर्फ हिन्दूओं को बदनाम करने की साजिश मात्र है। इस मौके पर संघ के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य वासुदेव प्रजापत ने कहा कि भारत कहीं विश्व गुरु नहीं बन जाए इस कारण लोग हिन्दू समाज को बांटना चाहते हैं। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे इस दुष्प्रचार का विरोध करें और आमजन को सचेत करें। कार्यक्रम में संत जानकीदास ने कहा कि संतों ने सदैव त्याग, प्रेम और बलिदान का पाठ पढ़ाया है। संत दादूदयाल व कबीर ने मुस्लिम व हिन्दू समाज में एकता के लिए सहिष्णुता दिखाई लेकिन राजनेता कभी श्ंाकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती को गिरफ्तार करते हैं तो कभी बाबा रामदेव पर उनकी दवाओं में मानव खोपड़ी का चूरा मिलाने का आरोप लगाकर बदनाम करते हैं। कार्यक्रम में संघ के बीकानेर विभाग संघ संचालक श्रीगोपाल जोशी, विद्या भारती की बालिका शिक्षा राष्ट्रीय सह संयोजिका प्रमिला शर्मा, नारायण प्रसाद टाक ने भी विचार रखेें। जिला संघ चालक श्यामसुंदर रांदड ने सभी का आभार व्यक्त किया।

ये थे उपस्थित

कार्यक्रम में पूर्व सासंद भंवरसिंह डांगावास, जिला प्रमुख बिन्दू चौधरी, नागौर विधायक हबीबुरर्हमान, परबतसर विधायक मानसिंह किनसिरया, मेड़ता विधायक सुखाराम नेतडिय़ा, मकराना के पूर्व प्रधान श्रीराम भींचर, पूर्व विधायक हरीश कुमावत, डेगाना विधायक अजयसिह किलक, पालिकाध्यक्ष बिरदीचंद सांखला, मेड़ता पालिकाध्यक्ष अनिल थानवी, भाविप के शाखाध्यक्ष शिखरचंद सुराणा, अशोक चौधरी, मोहनराम चौधरी, रामाकिशन खींचड़, रूद्रकुमार शर्मा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के जहांगीर खान, इकबाल चौहान, नूर मोहम्मद गौरी, असलम सांई सहित अनेक लोग मौजूद थे।


हिन्दू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता


आरएसएस की ओर से यहां जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष दिए गए धरने में अधिकांश वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि हिन्दू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता और जो आतंकवादी है वह कभी हिन्दू नहीं हो सकता। वक्ताओं ने कहा कि हिन्दू धर्म तो वसुधैव कुटुम्बकम् की शिक्षा देता है। हिन्दू सहिष्णु है। चीटियों को दाना डालने वाला, सांपों को दूध पिलाने वाला हिन्दू समाज कभी भी कत्लेआम नहीं करता है। यह तो जीव मात्र की हत्या का विरोधी है जबकि आतंकवादी तो मासूम बच्चों तक की हत्याएं कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस आरएसएस के बढ़ते प्रभाव से घबराकर हिन्दुत्व को आतंकी घोषित करने में तुली हुई है जो गलत है।

Source : http://www.bhaskar.com/article/RAJ-OTH-961054-1535272.html?HT3=


जोधपुर. भगवा आतंकवाद के नाम पर राजनीतिक दुष्प्रचार के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के देशव्यापी आह्वान के तहत बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया गया।

इसमें संघ व भाजपा की विचारधारा से जुड़े संगठनों सहित विभिन्न सामाजिक और व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। संघ के स्वयंसेवकों सहित सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता डेढ़ बजे से ही धरनास्थल पर एकत्रित होना शुरू हो गए थे। दोपहर दो बजे से शुरू हुआ धरना शाम चार बजे शांति पाठ के साथ संपन्न हुआ। इससे पहले संघ के विभाग संघ चालक डॉ. शांतिलाल चौपड़ा की अगुवाई में नौ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन से मिला और उन्हें राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र (ज्ञापन) सौंपा।


विरोध पत्र देने वालों में महानगर संघ चालक कांतिलाल ठाकुर, जिला संघ चालक श्रीकृष्ण गहलोत,विहिप के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष भवानीलाल माथुर, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष घनश्याम ओझा, पूर्व महाधिवक्ता एनएम लोढ़ा, क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख नंदलाल व प्रांत प्रचार प्रमुख महेंद्र दवे शामिल थे। धरने का संचालन किशन गोपाल जोशी ने किया। धरनास्थल पर महानगर कार्यवाह शंभुसिंह, महानगर संपर्क प्रमुख पारसमल जैन, संस्कार भारती के ललितेश शर्मा व विद्या भारती के रमेशचंद्र शर्मा ने गीत प्रस्तुत किए।

जनता कांग्रेस को सबक सिखाएगी: धरनास्थल पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आरएसएस के प्रांत प्रचारक प्रमुख नंदलाल जोशी ने कहा कि हिंदू को आतंकवाद से जोड़ने की राजनीति करने वालों को देश की जनता ही सबक सिखाएगी। देश में अब हिंदू और मुस्लिम में अलगाव पैदा कर वोट की राजनीति करने वाले दलों की ज्यादा नहीं चलेगी। वोटों की राजनीति के चलते संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। भले ही किसी का इस संगठन से वैचारिक मतभेद हो, देश और समाज के लिए संघ द्वारा अब तक निभाई गई भूमिका को कोई भी नकार नहीं सकता।

भारतीय संस्कृति की गूंज पूरे विश्व में हैं, विश्व बंधुत्व का मंत्र केवल हिंदू ही दे सकता है। ऐसे में भला हिंदू आतंकवादी कैसे हो सकता है। प्रारंभ में प्रांत प्रचार प्रमुख महेंद्र दवे ने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकार सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक टूटने की आशंका से संघ व उसके कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है।


महानगर संघ चालक कांतिलाल ठाकुर ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार एटीएस को हथियार के रूप में काम लेकर संघ को बदनाम करने में लगी है, लेकिन संघ की पद्धति व कार्यशैली को देश का हर व्यक्ति जानता है। इसके लिए हमें सफाई देने की आवश्यकता नहीं है। वीएचपी के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष भवानीलाल माथुर ने भी संबोधित किया। संबोधन के बीच में संघ कार्यकर्ता ललितेश बोहरा व रमेशजी ने देशभक्ति गीत सुनाए।

इनकी भी रही भागीदारी: इतिहास में पहली बार इस तरह के विरोध प्रदर्शन में एबीवीपी, वीएचपी, बीएमएस, भकिस, शिक्षक संघ (राष्ट्रीय), स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, विद्या भारती, भाजपा, भारत विकास परिषद, प्रज्ञा प्रवाह, अधिवक्ता परिषद, संस्कार भारती, भारतीय सिंधु सभा, सिख संगत समेत कई संगठन शामिल हुए।

Source:http://www.bhaskar.com/article/RAJ-JOD-rss-umre-to-lay-workers-1537220.html


हिन्दुत्व पर चोट बर्दाश्त नहीं


बाड़मेर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आह्वान पर बुधवार को हजारों स्वयंसेवकों ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और आर एस एस की आतंकवादी संगठनों से तुलना करने पर केन्द्र सरकार व कांग्रेस की जमकर निंदा की गई। वक्ताओं ने चेतावनी दी की कि आर एस एस व हिन्दुत्व पर चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलक्ट्रेट के बाहर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर के जिला संघ चालक पुखराज गुप्ता ने कहा कि अगर आर एस एस को साम्प्रदायिक कहते हैं तो आज छत्तीस कौम की उपस्थिति ने इस बात को निराधार साबित किया है। संघ पचासी वर्षाें से सामाजिक एकता व राष्ट्रसेवा में सक्रिय है।


सामाजिक ताने-बाने एवं लोकतंत्र के शत्रुओं के विरूद्ध सक्रिय एवं खुले अभियान में रत रहने वाला यही एकमात्र गैर-सरकारी संगठन है। गुप्ता ने कहा कि संघ नब्बे करोड़ लोगों का परिवार है, जहां सभी धर्माें का आदर सत्कार होता है। आज उस संघ को गाली दी जा रही है, जिसने भारत के अभिन्न अंग कश्मीर को पाकिस्तानी चंगुल से छुड़ाने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। कार्यक्रम में प्रदेश मजदूर संघ के उपाध्यक्ष दाऊलाल गौड़ ने कहा कि अजमेर स्थित ख्वाजा साहब मस्जिद विस्फोट में जिस व्यक्ति का नाम लिया जा रहा है, उसी के लिए वहां इमाम ने खुदा को जाहिर नाजिर मानते हुए कहा था कि अगर आज मुसलमान का कोई हितैषी है तो वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है।

विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री विक्रान्त खण्डेलवाल ने कहा कि समझौतों पर समझौते कर देश के कई टुकड़े कर दिए गए और वही षड़यंत्र आर एस एस के साथ किया जा रहा है। ये षड़यंत्रकारी आज कश्मीर को देश से अलग कराने की साजिश कर रहे हैं। स्वामी प्रतापपुरी महाराज ने कहा कि आर एस एस वह संगठन है, जो राष्ट्र को समर्पित है। ऎसे संगठन को आतंकवाद से जोड़ना व इन्द्रेशकुमार जैसे समर्पित कार्यकर्ता को आतंकवादी गतिविधि से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। सभा को प्रान्त शारीरिक प्रमुख जोधपुर शहर गंगाविष्णु विश्नोई, जिला अध्यक्ष आदर्श शिक्षण समिति रिखबदास बोथरा, जिला प्रचारक श्यामसिंह, जिला संघ चालक बालोतरा सुरंगीलाल, विभाग संघ प्रचारक राजाराम ने भी सम्बोधित किया। विभाग संघ संचालक दुर्गेश सोनी ने आभार जताया। मंच संचालन पूनमचंद पालीवाल ने किया। सभा के बाद प्रतिनिधिमण्डल जिला कलक्टर से मिला, जिसने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया।

Source : http://patrika.com/news.aspx?id=473558


बीकानेर। हिन्दू को आतंकवाद से जोड़ने के षड्यंत्र एवं दुष्प्रचार की राजनीति का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मंगलवार को कलक्ट्रेट कार्यालय के आगे धरना दिया। बाद में विरोध प्रदर्शन करते हुए एक शिष्टमण्डल ने कलक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। धरने में संघ से जुड़े पदाधिकारियों, स्वयंसेवकों, भाजपा तथा अन्य संगठनों ने भी हिस्सा लिया। उनकी टोलियां भारत माता की जय के नारे लगाती हुई विभिन्न मार्गो से होते हुए दोपहर करीब एक बजे धरना स्थल पर पहुंची। संघ के पदाधिकारी हिन्दू आस्था केन्द्रों और राष्ट्रवादी संगठनों को अपमानित एवं प्रताडित करने का आरोप लगाते हुए केन्द्र सरकार पर जमकर बरसे।

धरनार्थियों को सम्बोधित करते हुए प्रज्ञा प्रवाह के राजस्थान सह संयोजक गंगा विशन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ देश चिंतन व देश सेवा में लगा हुआ है। यह विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। इसकी तुलना सिमी जैसे आतंकवादी संगठन से करना शर्मनाक है। महानगर संघचालक नरोत्तम व्यास ने कांग्रेस सरकार पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार पंजाब में आतंकवादियों का खात्मा किया गया था उसी तर्ज पर कश्मीर व अन्य स्थानों पर छुपे बैठे आतंकवादियों को मार गिराने की आवश्यकता है।

राजनीति से दूर धरना

धरने में भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। लेकिन उन्होंने उद्बोधन नहीं दिया। संघ से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि धरने को राजनीति से दूर रखा गया था। धरने में कोलायत विधायक देवी सिंह भाटी, खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, विधायक सिद्धि कुमारी व डॉ. गोपाल जोशी, शहर भाजपा अध्यक्ष शशि शर्मा, भाजपा के युधिष्ठर सिंह भाटी, मोहन सुराणा, विजय उपाध्याय सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित हुए।

Source : http://www.rajasthanpatrika.com/news/Bikaner/11112010/bikaner-news/76494


श्रीगंगानगर। भगवा आतंकवाद के राजनीतिक दुष्प्रचार से आहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बुधवार को गांधी चौक पर धरना देकर विरोध जताया। भाजपा सहित कई संगठनों का समर्थन होने से संघ इस आयोजन को शक्ति प्रदर्शन का रूप देने में सफल रहा। धरनास्थल पर सभा को संघ व भाजपा नेताओं ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि केन्द्र व राज्य सरकार राजनीतिक द्वेष भावना से राष्ट्रवादी संगठन की तुलना सिम्मी जैसे आतंककारी संगठन से कर रही है। संघ के नेता इन्द्रेश कुमार का नाम एक साजिश के तहत अजमेर दरगाह में बम विस्फोट की घटना के साथ जोड़ा गया है। लगभग दो घंटे तक चली सभा में वक्ताओं ने केन्द्र व राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ओछी हरकतों से बाज आने की चेतावनी दी।

धरना समाप्त कर सभी लोग कलक्ट्रेट पहुंचे और वहां नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। बाद में संघ का शिष्टमंडल प्रो. कैलाश भसीन, गौरी शंकर गुप्ता व अमरचंद बोरड़ के नेतृत्व में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) से मिला और उन्हें राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन व विरोध पत्र सौंपा।

जिले भर से आए कार्यकर्ता

धरने में शामिल होने के लिए संघ व भाजपा के कार्यकर्ता जिले भर से आए। बड़ी संख्या में महिलाएं भी धरने पर बैठी। भाजपा व इसके प्रकोष्ठों के अलावा भारतीय मजदूर संघ, बजरंग दल, भारतीय किसान संघ, विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, दुर्गा वाहिनी, सेवा भारती, वनवासी कल्याण परिषद व विद्या भारती सहित कई संगठनों का धरने को समर्थन था।
ये भी शामिल

संघ के धरने में विधायक राधेश्याम गंगानगर, पूर्व मंत्री कुंदनलाल मिगलानी, रायसिंहनगर पंचायत समिति प्रधान लालचंद, श्रीगंगानगर पंचायत समिति प्रधान बबलदीप कौर, सादुलशहर पंचायत समिति प्रधान मनदीप बराड़, पदमपुर नगर पालिका अध्यक्ष बहादरचंद नारंग, जिला परिषद सदस्य डॉ. बृजमोहन सहारण, महेश बुडानिया, विजेन्द्र पूनियां, भाजपा नेता रमेश राजपाल, हंसराज पूनिया, राजकुमार सोनी, दीप मेहता व रमजान अली चोपदार शामिल थे


हनुमानगढ़। आरएसएस व उसके संगठनों विश्व हिन्दू परिष्ाद, बजरंग दल व भाजपा कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार की कथित हिन्दू विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत बुधवार को कलेक्टरी के समक्ष धरना लगाया। इसमें जिले के संघ स्वयंसेवक और सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। धरना स्थल पर सभा में वक्ताओं एक स्वर में केन्द्र सरकार के नेताओं के हिन्दू व भगवा आतंकवाद जैसे बयानों की आलोचना की। इसे हिन्दू संस्कृति पर हमला बताते हुए प्रतिवाद किया गया।


संघ स्वयंसेवक सुबह ग्यारह बजे कलेक्टरी के समक्ष एकत्र होने लगे। दोपहर एक बजे बड़ी संख्या में स्वयंसेवक व कार्यकर्ता एकत्र हुए। इसके बाद धरना स्थल पर सभा शुरू हुई। इसमें संघ के विभाग प्रचारक विजयानंद, विभाग सह संघ चालक आत्माराम अग्रवाल, जिला संघ चालक मोमनचंद मित्तल, जिला सम्पर्क प्रमुख मनोज शर्मा, जिला शारीरिक प्रमुख रामस्वरूप व अन्य ने सम्बोघित किया। वक्ताओं ने कहा कि भारत को दुनिया ने विश्व गुरू माना है। यहां धर्म की हानि होने पर अवतार हुए हैं। सत्तासीन शासकों को ऋषि-महर्षियों का मार्गदर्शन मिला है लेकिन कांग्रेस शासन में संतों-राष्ट्रभक्तों पर अत्याचार हो रहे हैं। वक्ताओं का आरोप था कि कांग्रेस तुष्टिकरण की नीति के कारण संत-महात्माओं पर दोषारोपण कर रही है। उन्हें झूठे मामलों में फंसा कर अपमानित किया जा रहा है। जगद्गुरू शंकराचार्य व साध्वी प्रज्ञासिंह को जेल में डाला गया।

योग गुरू बाबा रामदेव पर आरोप लगाए जा रहे हैं। आसाराम बापू की जांच करवाई जा रही है। इसी कड़ी में राष्ट्र व संस्कृति के उत्थान में जुटे संघ प्रचारकों व स्वयंसेवकों पर आरोप लगा कर मामले बनाने का प्रयास हो रहा है। राष्ट्रवादी संगठन की तुलना आतंकवादी संगठन सिमी से की जा रही है। वर्ग विशेष को प्रसन्न करने के लिए न्यायालय के आदेश के बावजूद मंदिर निर्माण में बाधाएं खड़ी करने का प्रयास हो रहा है। संसद पर हमला करने वालों को फांसी टाली जा रही है। तुष्टिकरण के लिए पोटा कानून खत्म किया गया। गो हत्या व तस्करी रोकने के लिए बने कानून को हटा दिया गया। संघ ने देश में आपत्ति के दौरान बढ़-चढ़ कर कार्य किया।

धरने में संघ के प्रतिनिघि, पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप, विधायक अभिषेक मटोरिया, पूर्व विधायक डॉ. सुरेश चौधरी, विहिप जिलाध्यक्ष आशाराम शर्मा, भामसं जिलाध्यक्ष हरदेव जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष काशीराम गोदारा, भाजयुमो जिलाध्यक्ष विकास गुप्ता, भाजपा नेता जसपालसिंह, नगर परिषद के उप सभापति कालूराम शर्मा, डॉ. भारतभूषण शर्मा सहित साधु-संत भी शामिल हुए।

अनुशासन का परिचय

धरने में जिले के स्वयंसेवक व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। इसके बावजूद पूरा आंदोलन व्यवस्थित व अनुशासित रहा। कार्यक्रम की व्यवस्था को गणवेशधारी कार्यकर्ताओं ने संभाला। वाहनों को शिवमंदिर सिनेमा के पास रोका गया। लगभग तीन घंटा चले कार्यक्रम में पुलिस को हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ा।

देशभक्ति के नारे


धरना स्थल पर कार्यकर्ताओं ने ओजस्वी नारों से वातावरण को देशभक्तिमय बना दिया। उन्होंने 'संतों का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दूस्तान' जैसे नारे लगाए।

ज्ञापन का मसौदा


राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र सरकार हित साधने के लिए हिन्दू धर्माचार्यो, धर्मस्थलों, आस्था केन्द्रों व राष्ट्रवादी संगठनों का अपमान कर रही है। वोट की राजनीति के चलते आतंकवादियों को राहत के लिए कड़े कानून खत्म किए जा रहे हैं व सेना के अघिकारों में कटौती हो रही है। ज्ञापन के अनुसार टेलीफोन डायरी में मिले नंबरों के आधार पर राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

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सिरोही। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आतंकवादी का कार्य सिर्फ आतंक फैलाना होता है। आज विश्व का कोई भी ऐसा देश अछूता नहीं है जो आंतकवादी गतिविधियों का हिस्सा न बना हो। यह कहना है राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक एवं सीमा जन कल्याण समिति के प्रांत प्रभारी नीमसिंह का। वे मंगलवार को आदर्श विद्या मंदिर सभागार में राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के देशव्यापी धरने प्रदर्शन कार्यक्रम को लेकर पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्टÑीय स्वयं सेवक का कार्य लोगों को जोड़ने का रहा है। संघ कभी आंतक का हिमायती नहीं रहा है। लेकिन, देश की कांग्रेस सरकार 1948 से महात्मा गांधी की हत्या से लेकर अब तक कई बार संघ को बदनाम करने की साजिशे रच चुकी है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह सर्वविदित है कि महात्मा गांधी की हत्या में न्यायालय ने राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ की भूमिका को सिरे से नकार कर उन्हें इस दोष से मुक्त किया। किन्तु, न्यायालय के निर्णय के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी समय-समय पर संघ पर इस तरह के लांछन लगाती रही है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में केन्द्रीय गृहमंत्री के हिन्दु आतंकवाद व भगवा आतंकवाद के बयान से देश में आतंकवाद की धर्म एवं जाति के आधार पर परिभाषित कर मुस्लिम वोटों की तुष्टिकरण करने का खेल खेला जा रहा है। अभी हाल में ही कांग्रेस पार्टी के राष्टÑीय महासचिव राहुल गांधी द्वारा राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ की तुलना सिमी से किए जाने पर देशभर का बहुसंख्यक हिन्दु समाज आहत हुआ है। सिमी को कांग्रेस पार्टी की ही केन्द्रीय सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने पर प्रतिबंधित किया हुआ है।


यदि आरएसएस की तुलना सिमी से राहुल गांधी करते है तो केन्द्र सरकार राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ को प्रतिबंधित क्यों नहीं करती? उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी राष्टÑद्रोह गतिविधियों में लिप्त रहने वाले जम्मू-कश्मीर के गिलानी एवं समाज सेवी अरूधंती रॉय के खिलाफ कड़ी कार्यवाही न कर उनकी सभाओं को संरक्षित करने का कार्य करती है। जबकि वे लोग खुलेआम सभाओं में अपने उद्बोधन के दौरान जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय होना मानते ही नहीं है। उन्होंने अभी हाल में ही अजमेर बम काण्ड में राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ की भूमिका को लेकर संघ के प्रचारक देवेन्द्र कुमार गुप्ता को अभियुक्त बनाया है तथा संघ के केन्द्रीय समिति के सदस्य इन्द्रेश कुमार का नाम भी इसमें जोड़ा है। हालांकि, यह अभी तक सिद्ध नहीं हुआ।
संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने देवेन्द्र कुमार गुप्ता को संघ की समस्त जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है तथा जांच एजेंसियों को हरसंभवसहयोग देने का आश्वासन दिया है। किन्तु, कांग्रेस पार्टी के इशारे पर बार-बार संघ का नाम इन गतिविधियों में लिप्त कर संघ को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, जिसे राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि धरने के बाद जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्टÑपति को विरोध पत्र भेजा जाएगा।
सिरोही जिले में जिला मुख्यालय पर स्थानीय रामझरोखा मैदान में दोपहर एक बजे करीब दस हजार से अधिक संघ के कार्यकर्त्ता, संघ से जुडेÞ हुए संगठन एवं संघ की विचारधारा रखने वाले लोग इसमें भाग लेंगे। इस अवसर पर राजस्थान प्रांत के सहसम्पर्क प्रमुख प्रकाशचन्द्र गुप्ता मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करेंगे। साथ में रविधाम के संत सत्यानन्द महाराज एवं स्थानीय संत तीर्थगीरी महाराज भी उपस्थित रहेंगे।

Source: http://dainiknavajyoti.com/hindi/news_details.php?newsid=25570


सिरोही । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाघिकारी इंद्रेशकुमार को अजमेर ब्लास्ट मामले में घसीटने, संघ को भगवा आतंकवाद की संज्ञा व सिमी के समान मानकर बदनाम करने के कथित षडयंत्र के विरोध में बुधवार को आरएसएस व समर्थित संगठनों ने धरना-प्रदर्शन किया। रामझरोखा मैदान में आयोजित सभा में जिलेभर से लोग उमडे।

हालांकि, सभा के आयोजन को लेकर संघ को कई संगठनों ने मंगलवार को ही समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। उसमें व्यापार संगठन भी शामिल रहा। इसके बावजूद सवेरे संघ के कार्यकर्ताओं ने भोंपू प्रचार व दुपहिया वाहनों की रैली निकालकर प्रतिष्ठान बंद करवाए। इस दौरान सुरक्षा के तौर पर पुलिस जाब्ता तैनात किया गया।

केंद्र पर कुर्सी पसंद होने का आरोप

रामझरोखा मैदान में सभा को सम्बोघित करते हुए संघ के राजस्थान सह प्रमुख चन्द्रप्रकाश गुप्ता ने आरोप लगाया कि केन्द्र में कुछ लोगों को कुर्सी पसंद है, देश नहीं। भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों का उपयोग कर संघ के लोगों को बदनाम किया जा रहा है। ऎसे लोगों को देश की युवा शक्ति सबक सिखाएगी। रविधाम के सत्यानंद महाराज ने कहा कि देश सम्प्रदाय निरपेक्ष हो सकता है, धर्मनिरपेक्ष नहीं। जहां धर्म नहीं है वह देश नहीं कहलाता। प्रचारक निंबसिंह ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की नीति अपनाकर आतंककारियोें को बचाने का आरोप लगाया। इसे देश के साथ धोखाधडी करार दिया। लहरभारती महाराज, तीर्थगिरी महाराज व संघ के जितेन्द्र रावल समेत कइयों ने सम्बोघित किया।

निकाली रैली

संबोधन कार्यक्रम के बाद राजमाता धर्मशाला से रैली निकाली गई। जो पुन: रामझरोखा मैदान में विसर्जित हुई। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। एसडीएम प्रहलादसहाय नागा, डीएसपी केसरीचंद जांदू, कोतवाल लाभूराम विश्नोई, बरलूट एसएचओ देवीचंद ढाका, पिण्डवाडा थानाघिकारी देवाराम चौधरी व शिवगंज थानाघिकारी अचलसिंह देवडा आदि तैनात रहे। बाद में एक प्रतिनिघि मंडल ने अतिरिक्त जिला कलक्टर महिपालसिंह उ"ावल को राष्ट्रपति के नाम विरोध पत्र सौंपा।

Source : http://www.rajasthanpatrika.com/news/Sirohi/11112010/sirohi/76839



Posted by Vishwa Samvad Kendra Jodhpur at १०:२१ पूर्वाह्न 0 comments

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