आज महंगाई के कारण गरीब आदमी सपने में ही प्याज खा सकता है ः प्रो. कपिल कपूर
वाराणसी, 30 नवम्बर। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व पतिकुलपति प्रो. कपिल कपूर ने कहा कि नेतागण कहते हैं कि देश तरक्की कर रहा है तेजी से आगे बढ़ रहा है। तकनीकी के क्षेत्र के हमने बहुत सी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। जिसका परिणाम स्वरूप सीडी तो सस्ती हो गई है लेकिन दाल और प्याज 80 रुपए की हो गई है। 30 साल पहले जब कोई आदमी किसी ढाबे पर तंदूरी रोटी खाता था तो दाल मुफ्त में मिलती थी लेकिन इस तरक्की से वर्तमान में गरीब को दाल नहीं मिल पा रही है। गरीबों का भोजन प्याज और रोटी ही है लेकिन, आज महंगाई के कारण गरीब आदमी सपने में ही प्याज खा सकता है।
उक्त बातें श्री कपूर ने शनिवार को अभाविप की राष्ट्रीय परिषद के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने हिंदू धर्म के विरोध में किए जा रहे षडयंत्रों पर कहा कि जिस देश में गायों की पूजा होती थी, उन्हें माता की संज्ञा प्राप्त थी। उसी देश में उनका वध हो रहा है। बाजार में गौ-मांस धड़ल्ले से बिक रहा है। साथ ही हमारी भारतीय अस्मिता धर्म और अध्यात्म के खिलाफ लगातार साजिश की जा रही है।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीहरि बोरीकर ने कहा कि देश के नक्शे में जो सीमा हमें दिखाई देती है उस पर सरकार भी सशंकित है जिसके चलते सीमा विवाद बढ़ रहा है। भारत ही ऐसा देश है जिसकी सीमा सर्वाधिक विवादित है। यह सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है। वहीं दूसरी ओर केंद्र की भ्रष्ट सरकार चीन की विस्तारवादी नीति को भी गंभीरता से नहीं ले रही है। हम अपनी सीमाओं को जानते हुए भी उसकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पाकिस्तान और चीन हमें उलझाकर दूसरे पड़ोसी देशों को भी इस विवाद में शामिल कर रहे हैं। सीमा विवाद से अशांति बढ़ रही है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
उन्होंने महिला सुरक्षा को वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में स्वीकार किया। कहा कि देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ नैतिक मूल्यों को भी शामिल करना चाहिए। नैतिक मूल्यों के विघटन से ही समस्या बड़ी हो रही है। सरकार को स्कूली पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा पर विशेष जोर देने की जरूरत है।
भ्रष्टचार देश की आंतरिक समस्याओं में से एक है। केंद्र की भ्रष्ट सरकार ने गलत नीतियां बनाकर देश की जनता के साथ केवल छल करने का कार्य किया है। सरकार के प्रतिनिधियों ने छोटे और बड़े का भेद भूलकर भ्रष्टाचार के लिए रास्ते निकाले और देश की जनता की गाढ़ी कमाई को लूटा है। टूजी, कॉमनवेल्थ, कोलगेट सहित न जाने कितने घोटाले सामने आ गए हैं और न जाने कितने अभी दबे पड़े हैं। लाखों करोड़ों रूपए कालेधन के रूप में विदेशी बैंकों में जमा है। जानकारी होने के बाद भी सरकार उसे वापस नहीं ला रही है। बोरीकर ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए अन्ना हजारे को प्रेरणास्त्रोत माना।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी. मुरली मनोहर, प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, प्रदेश मंत्री प्रशांत केसरी, स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ. आरके चौधरी, महामंत्री सतीश राय ने कार्यक्रम का सुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया। सभी ने देश के विकास में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण माना।
नारायण कृष्णन को यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार
राष्ट्रीय परिषद के उद्घाटन अवसर पर समाजिक क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए तमिलनाडू के नारायण कृष्णन को यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार दिया गया। कृष्णन का चयन असहाय, बीमार, बेघर व मानसिक रूप से कमजोर निराश्रितों की देखभाल उनको स्वस्थ भोजन और उनके पुनर्वास के लिए किए जा रहे साहसिक कार्य के लिए दिया गया। यह पुरस्कार सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रत्येक वर्ष परिषद की इस राष्ट्रीय संरचना के मनीषी प्रो. यशवंत राव केलकर की स्मृति में दिया जाता है। कृष्णन के प्रतिनिधि के रूप में पी कृष्णमूर्ति ने पुरस्कार राशि 50 हजार, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्राप्त किया।
ध्वजारोहण के साथ शुरू हुई अभाविप की राष्ट्रीय परिषद
वाराणसी, 30 नवंबर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय परिषद शनिवार को ध्वाजारोहण के साथ अनौपचारिक शुरूआत हो गई। महामना पं. मदन मोहन मालवीय नगर में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी मुरली मनोहर और महामंत्री उमेशदत्त शर्मा ने ध्वजा रोहण किया। ध्वाजारोहण होते ही समारोह स्थल पर कार्यकर्ताओं ने पटाखे और गगन भेदी नारे लगाए। कार्यकर्ताओं के नारों में स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती की छाप भी दिखाई दी। पूरा वातावरण वन्देमातर्म्, भारत माता की जय, छात्र “ाक्ति-रा’ट्र “ाक्ति के अलावा नन्द के आनन्द की जय विवेकानन्द की नारे’ के साथ पूरा परिसर गुंजयमान रहा। इतना ही नहीं दे”ाभर के विभिन्न प्रान्तों से आये छात्र अपनी-अपनी भा’ाा में जयकारे लगा रहे थे। इनके गगनभेदी नारे से लग रहा था जैसे पूरे दे”ा की संस्कृति एक मंच पर उतर आयी हो। इस दौरान ‘अलग भा’ाा, अलग प्रान्त, फिर भी अपना एक दे”ा’ एक अद्भुत मि”ााल देखने को मिला। इस महामना परिसर में लघु भारत का दृ”य देखने को मिल रहा है।
इसके पूर्व परि’ाद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामनरेश सिंह और राष्ट्रीय मंत्री रवि भगत ने समारोह स्थल पर लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। प्रदर्शनी में पूर्वाेत्तर भारत में परिषद की गतिविधियों के बारे में विशिष्ट जानकारी दी गई है। इसके साथ ही धार्मिक नगरी काशी के वैशिष्ट्य के बारे में विशेष जानकारी देते हुए महामना मालवीय के शैक्षिक दर्शन के बारे में भी बताया गया है।
प्रो. पी. मुरली मनोहर अध्यक्ष व श्रीहरि बोरिकर अभाविप के महामंत्री निर्वाचित
वाराणसी, 30 नवम्बर। का”ाी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परि’ाद के “ानिवार से “ाुरु हुयी रा’ट्रीय परि’ाद की प्रथम प्रस्ताविकी सत्र में सत्र 2013-14 के लिए निर्वाचन अधिकारी व परि’ाद के रा’ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नरेन्द्र सिंह रयना ने रा’ट्रीय अध्यक्ष के रुप में दूसरी बार प्रो0 पी. मुरली मनोहर को तथा महामंत्री के पद पर श्रीहरि बोरिकर का निर्वाचन किया।
नवनिर्वाचित रा’ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मनोहर मूल रुप से हैदराबाद के रहने वाले है। ये उस्मानिया वि”वविद्यालय में अंग्रेजी के प्राध्यापक हैं। सामाजिक समरसता को लेकर भारतीय परिप्रेक्ष्य में इनका गहरा अध्ययन है। इसके पूर्व ये परि’ाद के रा’ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। जबकि महामंत्री श्री बोरिकर मूलतः महारा’ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं। ये पूर्व में परि’ाद के पूर्वोत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री तथा रा’ट्रीय मंत्री रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ’िाक्षा का कर रहा अनदेखी - श्रीहरि बोरीकर
वाराणसी, 30 नवम्बर। ”िाक्षा के मूल्य में गिरावट, ”िाक्षा का व्यापारीकरण, बेरोजगारी, युवा पीढ़ी में नैतिक गिरावट, बढ़ते भ्र’टाचार, महिला सुरक्षा समेत अभाविप के समक्ष कई प्रकार की चुनौतियां है। इसका समाधान न होना, इसके लिए पूर्णतः जिम्मेदार भारत का मानव संसाधन विकास मंत्रालय है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ”िाक्षा का अनदेखी कर रहा है।
उक्त बातें परि’ाद के नवनिर्वाचित महामंत्री श्रीहरि बोरिकर ने एक साक्षात्कार में बतायी। उन्होंने कहा कि “ाुल्क संरचना की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो आमजन के बच्चे ”िाक्षा से वंचित रह जायेंगे। विद्यार्थी परि’ाद् के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती आमजन के परिवार के बच्चे को ”िाक्षा दिलाना तथा बेराजगार युवाओं को रोजगार दिलाना है।
श्री बोरिकर ने कहा कि विगत दस वर्’ाो में तकनीकी, मेडिकल, व्यवसायिक समेत सभी प्रकार की ”िाक्षा की “ाुल्क संरचना में बेतहासा वृद्धि हुयी है। “ाुल्क संरचना को लेकर दे”ाभर में असमानता को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि दे”ा में एक समान “ाुल्क संरचना लागु होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि एक दे”ा के भीतर कई प्रकार की “ाुल्क संरचना है, जो ठीक नहीं है।
उन्होंने दे”ाभर में छात्राओं व महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़खानी व अन्य अनैतिक घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि ”िाक्षा के मूल्य में गिरावट तथा लचर कानून व्यवस्था की देन है कि आये दिन इस प्रकार की घटनाएं घट रही है। बताया कि विद्यार्थी परि’ाद ने अक्टूबर माह मंे महिलाओं के सुरक्षा व सम्मान को लेकर दे”ाभर में एक अभियान चलाया। जिसका परिणाम रहा कि इन घटनाओं का सामना करने के लिए स्वयं मातृ”ाक्तियां आगे आ रहीं है।
परि’ाद के घटते संगठनात्मक ढांचा के एक सवाल को नकारते हुए कहा कि दे”ाभर में परि’ाद के सदस्यांे की संख्या एक्कीस लाख, एक्कासी हजार, एक सौ बीस है जबकि कालेज इकाईयां एक हजार, नौ सौ अठ्ठासी, महाविद्यालय इकाईयां पांच हजार, दौ सौ छियालिस, सम्पर्क इकाईयां तेरह सौ चौसठ तथा विस्तार केन्द्र सात सौ एक्कतालीस है। परि’ाद नेता ने बताया कि दे”ाभर में तकनीकी, मेडिकल तथा व्यासायिक ”िाक्षा परिसर में परि’ाद की पैठ बनाने के लिए दे”ाभर में एक अभियान चलाया जायेगा।
व्यक्ति निर्माण में बाधक है वर्तमान ”िाक्षा प्रणाली -प्रो0 मनोहर
वाराणसी, 30 नवंबर। किसी दे”ा की उन्नति के लिए ”िाक्षा की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर दे”ा की ”िाक्षा प्रणाली सर्वांगीण विकास करने में अक्षम हो तो उस दे”ा का विकास नहीं हो सकता। भारत की वर्तमान ”िाक्षा प्रणाली भी सर्वांगीण विकास करने में अक्षम है।
ये बातें परि’ाद के दोबरा नवनिर्वाचित रा’ट्रीय अध्यक्ष प्रो. पी. मुरली मनोहर ने एक साक्षात्कार में बताया। उन्होंने वर्तमान ”िाक्षा प्रणाली को व्यक्ति निर्माण में बाधक बताते हुए कहा कि वर्तमान ”िाक्षा की देन है कि हमारी पीढ़ी को भारत की विरासत पर गर्व नहीं है। जिस दे”ा की जनता को अपने अतीत पर गौरव न हो, उस दे”ा का सर्वांगीण विकास करना असंभव है। आजादी के बाद की पीढ़ी अपनी मातृभा’ाा, मातृभूमि को भी भूलती जा रही है। पा”चात्य संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन का अपने समाज पर प्रभाव बढ़ा है। जिससे दे”ा को भारी क्षति पहुंची है। हालांकि उन्होंने कहा कि प”िचम की तकनीक समृद्ध है उसे दे”ाहित में स्वीकार्य करना होगा। लेकिन पूरी की पूरी ”िाक्षा प्रणाली का अनुसरण करना भारत के लिए खतरा है। दे”ाभर में बढ़ते बेराजगारांे की लम्बी फौज पर चिंता जताते हुए कहा कि रोजपरक ”िाक्षा का न होना इसका कारण है।
उन्होंने कहा कि परि’ाद् का मत है कि भारत की ”िाक्षा प्रणाली भारत के अनुकूल हो। वि”वस्तर पर दो सौ वि”वविद्यालयों की रैकिंग में भारत के एक भी वि”वविद्यालय का न होना दे”ा के लिए “ार्मनाक है। बढ़ती बेरोजगारी से भारत का युवा आत्मवि”वास खो दिया है। युवाओं की मानसिक चिंताएं बढ़ती जा रही है। अब आव”यकता है कि युवाओं को ”िाक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक ”िाक्षा भी दी जाय। इसलिए विद्यार्थी परि’ाद् ने तय किया है आने वाले समय में स्वामी विवेकानन्द की 150वीं वर्’ागंाठ पर उनके बताये हुए संदे”ा को लेकर तकनीकी, मेडिकल, व्यवसायिक समेत सभी कैम्पस में जायेगी और उनके विचारों से वर्तमान छात्रों को अवगत करायेगी।
दे”ा में होने वाले 2014 के लोकसभा चुनाव में युवा गेम चेंजर साबित होगा। यह कहना है अखिल भारतीय विद्यार्थी परि’ाद् के रा’ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मनोहर की। कहा कि आने वाले भारत युवाओं का होगा। इस दे”ा का युवा जैसा भारत चाहेगा, वैसा ही सरकार व राजनीतिक पार्टियों को अपनी नीतियां बनाने पड़ेगीं।
आगामी कार्यक्रमों को लेकर एक सवाल पर कहा कि परि’ाद आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर दे”ाभर में मतदाता पंजीयन अभियान चलायेगी। इसका तीन चरण होगा। पहले चरण में दे”ाभर में करीब 10 करोड़ नये मतदाताओं का पंजीयन करने का अभियान होगा। इसकी “ाुरुआत महारा’ट्र से हो चुकी है। दूसरा चरण दे”ाभर की समस्याओं को लेकर युवाओं के बीच जनजागरण करना तथा तीसरा चरण प्रत्येक बूथ पर सौ प्रति”ात मतदान हो और यह मतदान दे”ा में परिवर्तन लायेगा। प्रस्तुति ः लोकनाथ, वि“व संवाद केन्द्र, का“ाी, 63 माधवकुंज, लंका, वाराणसी, 221005
वाराणसी, 30 नवम्बर। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व पतिकुलपति प्रो. कपिल कपूर ने कहा कि नेतागण कहते हैं कि देश तरक्की कर रहा है तेजी से आगे बढ़ रहा है। तकनीकी के क्षेत्र के हमने बहुत सी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। जिसका परिणाम स्वरूप सीडी तो सस्ती हो गई है लेकिन दाल और प्याज 80 रुपए की हो गई है। 30 साल पहले जब कोई आदमी किसी ढाबे पर तंदूरी रोटी खाता था तो दाल मुफ्त में मिलती थी लेकिन इस तरक्की से वर्तमान में गरीब को दाल नहीं मिल पा रही है। गरीबों का भोजन प्याज और रोटी ही है लेकिन, आज महंगाई के कारण गरीब आदमी सपने में ही प्याज खा सकता है।
उक्त बातें श्री कपूर ने शनिवार को अभाविप की राष्ट्रीय परिषद के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने हिंदू धर्म के विरोध में किए जा रहे षडयंत्रों पर कहा कि जिस देश में गायों की पूजा होती थी, उन्हें माता की संज्ञा प्राप्त थी। उसी देश में उनका वध हो रहा है। बाजार में गौ-मांस धड़ल्ले से बिक रहा है। साथ ही हमारी भारतीय अस्मिता धर्म और अध्यात्म के खिलाफ लगातार साजिश की जा रही है।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीहरि बोरीकर ने कहा कि देश के नक्शे में जो सीमा हमें दिखाई देती है उस पर सरकार भी सशंकित है जिसके चलते सीमा विवाद बढ़ रहा है। भारत ही ऐसा देश है जिसकी सीमा सर्वाधिक विवादित है। यह सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है। वहीं दूसरी ओर केंद्र की भ्रष्ट सरकार चीन की विस्तारवादी नीति को भी गंभीरता से नहीं ले रही है। हम अपनी सीमाओं को जानते हुए भी उसकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पाकिस्तान और चीन हमें उलझाकर दूसरे पड़ोसी देशों को भी इस विवाद में शामिल कर रहे हैं। सीमा विवाद से अशांति बढ़ रही है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
उन्होंने महिला सुरक्षा को वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में स्वीकार किया। कहा कि देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ नैतिक मूल्यों को भी शामिल करना चाहिए। नैतिक मूल्यों के विघटन से ही समस्या बड़ी हो रही है। सरकार को स्कूली पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा पर विशेष जोर देने की जरूरत है।
भ्रष्टचार देश की आंतरिक समस्याओं में से एक है। केंद्र की भ्रष्ट सरकार ने गलत नीतियां बनाकर देश की जनता के साथ केवल छल करने का कार्य किया है। सरकार के प्रतिनिधियों ने छोटे और बड़े का भेद भूलकर भ्रष्टाचार के लिए रास्ते निकाले और देश की जनता की गाढ़ी कमाई को लूटा है। टूजी, कॉमनवेल्थ, कोलगेट सहित न जाने कितने घोटाले सामने आ गए हैं और न जाने कितने अभी दबे पड़े हैं। लाखों करोड़ों रूपए कालेधन के रूप में विदेशी बैंकों में जमा है। जानकारी होने के बाद भी सरकार उसे वापस नहीं ला रही है। बोरीकर ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए अन्ना हजारे को प्रेरणास्त्रोत माना।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी. मुरली मनोहर, प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह, प्रदेश मंत्री प्रशांत केसरी, स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ. आरके चौधरी, महामंत्री सतीश राय ने कार्यक्रम का सुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया। सभी ने देश के विकास में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण माना।
नारायण कृष्णन को यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार
राष्ट्रीय परिषद के उद्घाटन अवसर पर समाजिक क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए तमिलनाडू के नारायण कृष्णन को यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार दिया गया। कृष्णन का चयन असहाय, बीमार, बेघर व मानसिक रूप से कमजोर निराश्रितों की देखभाल उनको स्वस्थ भोजन और उनके पुनर्वास के लिए किए जा रहे साहसिक कार्य के लिए दिया गया। यह पुरस्कार सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रत्येक वर्ष परिषद की इस राष्ट्रीय संरचना के मनीषी प्रो. यशवंत राव केलकर की स्मृति में दिया जाता है। कृष्णन के प्रतिनिधि के रूप में पी कृष्णमूर्ति ने पुरस्कार राशि 50 हजार, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्राप्त किया।
ध्वजारोहण के साथ शुरू हुई अभाविप की राष्ट्रीय परिषद
वाराणसी, 30 नवंबर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय परिषद शनिवार को ध्वाजारोहण के साथ अनौपचारिक शुरूआत हो गई। महामना पं. मदन मोहन मालवीय नगर में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी मुरली मनोहर और महामंत्री उमेशदत्त शर्मा ने ध्वजा रोहण किया। ध्वाजारोहण होते ही समारोह स्थल पर कार्यकर्ताओं ने पटाखे और गगन भेदी नारे लगाए। कार्यकर्ताओं के नारों में स्वामी विवेकानंद की 150 वीं जयंती की छाप भी दिखाई दी। पूरा वातावरण वन्देमातर्म्, भारत माता की जय, छात्र “ाक्ति-रा’ट्र “ाक्ति के अलावा नन्द के आनन्द की जय विवेकानन्द की नारे’ के साथ पूरा परिसर गुंजयमान रहा। इतना ही नहीं दे”ाभर के विभिन्न प्रान्तों से आये छात्र अपनी-अपनी भा’ाा में जयकारे लगा रहे थे। इनके गगनभेदी नारे से लग रहा था जैसे पूरे दे”ा की संस्कृति एक मंच पर उतर आयी हो। इस दौरान ‘अलग भा’ाा, अलग प्रान्त, फिर भी अपना एक दे”ा’ एक अद्भुत मि”ााल देखने को मिला। इस महामना परिसर में लघु भारत का दृ”य देखने को मिल रहा है।
इसके पूर्व परि’ाद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामनरेश सिंह और राष्ट्रीय मंत्री रवि भगत ने समारोह स्थल पर लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। प्रदर्शनी में पूर्वाेत्तर भारत में परिषद की गतिविधियों के बारे में विशिष्ट जानकारी दी गई है। इसके साथ ही धार्मिक नगरी काशी के वैशिष्ट्य के बारे में विशेष जानकारी देते हुए महामना मालवीय के शैक्षिक दर्शन के बारे में भी बताया गया है।
प्रो. पी. मुरली मनोहर अध्यक्ष व श्रीहरि बोरिकर अभाविप के महामंत्री निर्वाचित
वाराणसी, 30 नवम्बर। का”ाी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परि’ाद के “ानिवार से “ाुरु हुयी रा’ट्रीय परि’ाद की प्रथम प्रस्ताविकी सत्र में सत्र 2013-14 के लिए निर्वाचन अधिकारी व परि’ाद के रा’ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नरेन्द्र सिंह रयना ने रा’ट्रीय अध्यक्ष के रुप में दूसरी बार प्रो0 पी. मुरली मनोहर को तथा महामंत्री के पद पर श्रीहरि बोरिकर का निर्वाचन किया।
नवनिर्वाचित रा’ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मनोहर मूल रुप से हैदराबाद के रहने वाले है। ये उस्मानिया वि”वविद्यालय में अंग्रेजी के प्राध्यापक हैं। सामाजिक समरसता को लेकर भारतीय परिप्रेक्ष्य में इनका गहरा अध्ययन है। इसके पूर्व ये परि’ाद के रा’ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे। जबकि महामंत्री श्री बोरिकर मूलतः महारा’ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं। ये पूर्व में परि’ाद के पूर्वोत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री तथा रा’ट्रीय मंत्री रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ’िाक्षा का कर रहा अनदेखी - श्रीहरि बोरीकर
वाराणसी, 30 नवम्बर। ”िाक्षा के मूल्य में गिरावट, ”िाक्षा का व्यापारीकरण, बेरोजगारी, युवा पीढ़ी में नैतिक गिरावट, बढ़ते भ्र’टाचार, महिला सुरक्षा समेत अभाविप के समक्ष कई प्रकार की चुनौतियां है। इसका समाधान न होना, इसके लिए पूर्णतः जिम्मेदार भारत का मानव संसाधन विकास मंत्रालय है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ”िाक्षा का अनदेखी कर रहा है।
उक्त बातें परि’ाद के नवनिर्वाचित महामंत्री श्रीहरि बोरिकर ने एक साक्षात्कार में बतायी। उन्होंने कहा कि “ाुल्क संरचना की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो आमजन के बच्चे ”िाक्षा से वंचित रह जायेंगे। विद्यार्थी परि’ाद् के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती आमजन के परिवार के बच्चे को ”िाक्षा दिलाना तथा बेराजगार युवाओं को रोजगार दिलाना है।
श्री बोरिकर ने कहा कि विगत दस वर्’ाो में तकनीकी, मेडिकल, व्यवसायिक समेत सभी प्रकार की ”िाक्षा की “ाुल्क संरचना में बेतहासा वृद्धि हुयी है। “ाुल्क संरचना को लेकर दे”ाभर में असमानता को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा कि दे”ा में एक समान “ाुल्क संरचना लागु होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य है कि एक दे”ा के भीतर कई प्रकार की “ाुल्क संरचना है, जो ठीक नहीं है।
उन्होंने दे”ाभर में छात्राओं व महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़खानी व अन्य अनैतिक घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि ”िाक्षा के मूल्य में गिरावट तथा लचर कानून व्यवस्था की देन है कि आये दिन इस प्रकार की घटनाएं घट रही है। बताया कि विद्यार्थी परि’ाद ने अक्टूबर माह मंे महिलाओं के सुरक्षा व सम्मान को लेकर दे”ाभर में एक अभियान चलाया। जिसका परिणाम रहा कि इन घटनाओं का सामना करने के लिए स्वयं मातृ”ाक्तियां आगे आ रहीं है।
परि’ाद के घटते संगठनात्मक ढांचा के एक सवाल को नकारते हुए कहा कि दे”ाभर में परि’ाद के सदस्यांे की संख्या एक्कीस लाख, एक्कासी हजार, एक सौ बीस है जबकि कालेज इकाईयां एक हजार, नौ सौ अठ्ठासी, महाविद्यालय इकाईयां पांच हजार, दौ सौ छियालिस, सम्पर्क इकाईयां तेरह सौ चौसठ तथा विस्तार केन्द्र सात सौ एक्कतालीस है। परि’ाद नेता ने बताया कि दे”ाभर में तकनीकी, मेडिकल तथा व्यासायिक ”िाक्षा परिसर में परि’ाद की पैठ बनाने के लिए दे”ाभर में एक अभियान चलाया जायेगा।
व्यक्ति निर्माण में बाधक है वर्तमान ”िाक्षा प्रणाली -प्रो0 मनोहर
वाराणसी, 30 नवंबर। किसी दे”ा की उन्नति के लिए ”िाक्षा की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर दे”ा की ”िाक्षा प्रणाली सर्वांगीण विकास करने में अक्षम हो तो उस दे”ा का विकास नहीं हो सकता। भारत की वर्तमान ”िाक्षा प्रणाली भी सर्वांगीण विकास करने में अक्षम है।
ये बातें परि’ाद के दोबरा नवनिर्वाचित रा’ट्रीय अध्यक्ष प्रो. पी. मुरली मनोहर ने एक साक्षात्कार में बताया। उन्होंने वर्तमान ”िाक्षा प्रणाली को व्यक्ति निर्माण में बाधक बताते हुए कहा कि वर्तमान ”िाक्षा की देन है कि हमारी पीढ़ी को भारत की विरासत पर गर्व नहीं है। जिस दे”ा की जनता को अपने अतीत पर गौरव न हो, उस दे”ा का सर्वांगीण विकास करना असंभव है। आजादी के बाद की पीढ़ी अपनी मातृभा’ाा, मातृभूमि को भी भूलती जा रही है। पा”चात्य संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन का अपने समाज पर प्रभाव बढ़ा है। जिससे दे”ा को भारी क्षति पहुंची है। हालांकि उन्होंने कहा कि प”िचम की तकनीक समृद्ध है उसे दे”ाहित में स्वीकार्य करना होगा। लेकिन पूरी की पूरी ”िाक्षा प्रणाली का अनुसरण करना भारत के लिए खतरा है। दे”ाभर में बढ़ते बेराजगारांे की लम्बी फौज पर चिंता जताते हुए कहा कि रोजपरक ”िाक्षा का न होना इसका कारण है।
उन्होंने कहा कि परि’ाद् का मत है कि भारत की ”िाक्षा प्रणाली भारत के अनुकूल हो। वि”वस्तर पर दो सौ वि”वविद्यालयों की रैकिंग में भारत के एक भी वि”वविद्यालय का न होना दे”ा के लिए “ार्मनाक है। बढ़ती बेरोजगारी से भारत का युवा आत्मवि”वास खो दिया है। युवाओं की मानसिक चिंताएं बढ़ती जा रही है। अब आव”यकता है कि युवाओं को ”िाक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक ”िाक्षा भी दी जाय। इसलिए विद्यार्थी परि’ाद् ने तय किया है आने वाले समय में स्वामी विवेकानन्द की 150वीं वर्’ागंाठ पर उनके बताये हुए संदे”ा को लेकर तकनीकी, मेडिकल, व्यवसायिक समेत सभी कैम्पस में जायेगी और उनके विचारों से वर्तमान छात्रों को अवगत करायेगी।
दे”ा में होने वाले 2014 के लोकसभा चुनाव में युवा गेम चेंजर साबित होगा। यह कहना है अखिल भारतीय विद्यार्थी परि’ाद् के रा’ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मनोहर की। कहा कि आने वाले भारत युवाओं का होगा। इस दे”ा का युवा जैसा भारत चाहेगा, वैसा ही सरकार व राजनीतिक पार्टियों को अपनी नीतियां बनाने पड़ेगीं।
आगामी कार्यक्रमों को लेकर एक सवाल पर कहा कि परि’ाद आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर दे”ाभर में मतदाता पंजीयन अभियान चलायेगी। इसका तीन चरण होगा। पहले चरण में दे”ाभर में करीब 10 करोड़ नये मतदाताओं का पंजीयन करने का अभियान होगा। इसकी “ाुरुआत महारा’ट्र से हो चुकी है। दूसरा चरण दे”ाभर की समस्याओं को लेकर युवाओं के बीच जनजागरण करना तथा तीसरा चरण प्रत्येक बूथ पर सौ प्रति”ात मतदान हो और यह मतदान दे”ा में परिवर्तन लायेगा। प्रस्तुति ः लोकनाथ, वि“व संवाद केन्द्र, का“ाी, 63 माधवकुंज, लंका, वाराणसी, 221005
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