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Friday, September 1, 2023

धर्म-संस्कृति तथा राष्ट्र रक्षा के संकल्पों का पर्व है रक्षाबंधन, संकल्प पर्व के रूप में ही मनायें - मुकुल जी

प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार टोली सदस्य मुकुल कानितकर जी ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि रक्षाबंधन का पावन पर्व धर्म, संस्कृति तथा राष्ट्र की रक्षा के संकल्पों का पावन पर्व है। यह राष्ट्रीय कर्तव्य के स्मरण का पर्व है। इसे संकल्प पर्व के रूप में ही मनायें। कार्यकर्ता भारत को विश्व गुरु के सर्वोच्च पद पर स्थापित करने के लिए तैयार रहें। वे बुधवार को मुख्य वक्ता के रूप में प्रयागराज के प्रयाग संगीत समिति में आयोजित रक्षाबंधन उत्सव को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत कहता है कि हम ईश्वर तक पहुंचने के सभी मार्गों का सम्मान करते हैं। इसीलिए विश्व को हिंसा से बचाने में हिंदुत्व ही समर्थ है। आगे कहा कि आज विश्व में परिवार बिखर रहे हैं जबकि भारत में परिवार का रूप बदल रहा है। आर्थिक आवश्यकताओं के अनुरूप उसमें विस्तार हो रहा है। परिवार प्रणाली भारत की विश्व को अनमोल देन है। विकसित देशों में विवाह से अधिक तलाक होते हैं। हमारी भारतीय भाषाओं में तलाक शब्द है ही नहीं।

शांति और समरसता का पथ प्रदर्शक भारत

अपने उद्बोधन में उन्होंने आगे कहा कि हमारे लिए पूरी वसुधा ही कुटुंब है, गाय माता है तो बिल्ली मौसी है। चन्दा मामा है। धरती चांद को राखी बांधती है। पूरे भारत में बिना संबंध के किसी को नहीं पुकारा जाता। सभी से आत्मीयतापूर्ण संबंध है। विश्व को समरसता के साथ जीवन जीने का मार्ग सिखाने के लिए हमारा जन्म हुआ‌ है। हिंसा और आतंक से ग्रस्त पूरे विश्व को भारत ही शांति एवं समरसता की राह दिखा सकता है क्योंकि भारत अनादिकाल से विश्व गुरु की भूमिका निभाता आ रहा है।

भारत जून 2015 में ही विश्व गुरु बन गया

उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाना नहीं है, जून 2015 में ओंकार ध्वनि के साथ विश्व के 115 देशों ने योग दिवस पर एक साथ सामूहिक सूर्य नमस्कार कर भारत के वैशिष्ट्य को स्वीकार करते हुए विश्व गुरु के रूप में अपनी मान्यता दे दी है। विश्व की सारी समस्याओं का निदान हिंदुत्व है। हिंदुत्व की पुनः प्रतिस्थापित करने का हमें संकल्प लेना होगा।

इस अवसर पर राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय कि कुलपति प्रो0 सीमा सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि रक्षाबंधन का पर्व सामाजिक समरसता और मेलजोल का पर्व है। यह हमें मिलजुल कर रहना सिखाता है। सब में एक ही चैतन्य का निवास है इसकी शिक्षा भी हमें भारतीय परंपरा से मिलती है।

इसके पूर्व उपस्थित कार्यकर्ताओं ने ध्वज तथा एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर रक्षाबंधन की बधाई दी और राष्ट्र रक्षा का संकल्प लिया। मंच पर काशी प्रान्त के मा. संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम, मा.विभाग संघचालक प्रो0 कृष्ण पाल सिंह की उपस्थिति रही।

इस अवसर पर प्रांत प्रचारक रमेश जी, सह प्रांत प्रचारक मुनीश जी, सह प्रांत कार्यवाह प्रो0 राज बिहारी, विभाग प्रचारक आदित्य जी, विभाग कार्यवाह डॉ संजय जी, घनश्याम जी,  प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. मुरारजी, विभाग प्रचार प्रमुख वसु जी के अतिरिक्त पूर्व कुलपति प्रो0 राजाराम यादव, महापौर गणेश केशरवानी समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं गणमान्य नागरिक तथा माताएं-बहनें उपस्थित रहीं।




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