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Saturday, August 24, 2024

प्रयागराज : बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एवं हिंसा रोकने की मांग लेकर हिन्दू समाज ने दिखायी एकता


प्रयागराज। बांग्लादेश में हिंदुओं पर सामूहिक रूप से की जा रही लक्षित हिंसा एवं दमन चक्र से‌ क्षुब्ध हजारों हिन्दुओं ने सडक पर निकल कर हिंदू रक्षा समिति के तत्वावधान में आक्रोश रैली निकाली। वक्ताओं ने हिंसा तत्काल रोकने एवं हिंदुओं को पूर्ण सुरक्षा देने की जोरदार मांग की। सुभाष चौराहे पर आतंकवाद का पुतला फूंका तथा हिंदू रक्षा के लिए आवाज बुलंद की।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष कवीद्र प्रताप सिंह ने भारत सरकार से मांग की कि कूटनीतिक उपाय के अलावा हिंदुओं की रक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर सेना का उपयोग करें। जबकि कुछ संतों ने मांग की कि सीमाएं खोल दी जाए संत एवं हिंदू समाज मिलकर अपने हिंदू भाइयों की रक्षा करेंगे।

हल्की बूंदाबांदी के बीच केपी ग्राउंड से गुरुवार को आक्रोश रैली की शुरुआत हुई। रैली में हजारों हिंदू हाथों में तिरंगा एवं केसरिया ध्वज लिए ’बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार नहीं सहेगा। हाथों में ‘‘वी वांट जस्टिस, हिंदुओं को भी जीने का अधिकार है’’ आदि नारे लिखी तख्तियों को हाथों में पकडे हिंदुओं का यह समूह मेडिकल चौराहे से सी. ए. वी. कॉलेज के सामने से हनुमान मंदिर चौराहे पर पहुंचे। सुभाष चौराहे पर मूर्ति के समक्ष आतंकवाद का पुतला फूंका गया। आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में अधिवक्ता, शिक्षक, व्यापारी, छात्र तथा महिलाएं शामिल थी।

रैली में महापौर गणेश केसरवानी, जनप्रतिनिधि, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एवं अन्य कार्यकर्ताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राज बिहारी, शिक्षक डॉ. मुरारजी त्रिपाठी समेत विविध संगठनों के कार्यकर्ता अनेक संत महात्मा व्यापारी शिक्षक तथा छात्र-छात्राए उपस्थित थे।

सुभाष चौराहे पर संपन्न हुई विशाल जनसभा में आयोजकों ने संपूर्ण हिंदू समाज का आह्वान किया कि वे जेहादी तत्वों के विरुद्ध आगे आएं अन्यथा हिंदुस्तान में भी शांति के साथ हिंदुओं का रहना दूभर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ जिस प्रकार अत्याचार किये जा रहे हैं, उसे हम अब मौन होकर नहीं सहेंगे। उसके खिलाफ हिंदुओं का संघर्ष जारी रहेगा। सभी हिंदू भाई-भाई है, कोई भी ताकत हमें जाति पंथ मत में नहीं बांट सकती। मंच से उन्होंने हर जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है का उद्घोष किया। इस पर सभी ने तालियां बजाकर अपना समर्थन जताया। भारत में बांग्लादेश की घटना को दोहराए जाने की आशंका जताने वाले नेताओं को करारा जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लोग शांति के पुजारी हैं लेकिन कोई हमारी शांति व्यवस्था में खलल डालेगा तो हम इसका भरपूर जवाब देंगे। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेशी हिंदुओं एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ किए जा रहे अत्याचार को रोकने के लिए कूटनीतिक उपाय के साथ जरूरत पड़ने पर सेना का उपयोग करें तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से हस्तक्षेप करने का आग्रह करें। इस अभियान में संपूर्ण हिंदू समाज सरकार के साथ है।

इसके पूर्व योगीराज राजकुमार ने मंच से कहा कि हिंदू जागेंगे तभी रक्षा कर पाएंगे। रैली में परशुराम महाराज ने सरकार से मांग की कि सरकार सीमा खोल दे संतों और हिंदुओं को लेकर हम लोग बांग्लादेश पहुंचकर हिंदुओं की रक्षा करेंगे। इसी दिन के लिए संतो के 13 अखाड़े स्थापित किए गए हैं। हिंदुओं की जान बचाने में कोई भी संत पीछे-पीछे नहीं रहेगा। सच्चा आश्रम के चंद्र देव महाराज ने कहा कि हिंदुओं की रक्षा के लिए नौजवानों को आगे आना होगा। पड़ोस की पीड़ा को हम समझेंगे तभी हिंदुस्तान में भी हिंदुओं की सुरक्षा हो पाएगी। वंदे मातरम के सामूहिक गायन के साथ जनसभा समाप्त हुई।



Friday, August 23, 2024

गाजीपुर/चन्दौली : बांग्लादेश की घटना से आहत हिन्दू रक्षा समिति ने हिन्दू जन आक्रोश रैली निकालकर राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

गाजीपुर/चन्दौली। बांग्लादेश सहित पूरे विश्व में हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उददेश्य से गुरूवार को राजकीय होम्योपैथक कालेज गुरूबाग रौजा से हिन्दू जन आक्रोश रैली निकाली गयी| रैली में वक्ता के रूप में सच्चिदानन्द राय, अधिवक्ता रणजीत सिंह, गायत्री शक्तिपीठ के सुरेन्द्र नाथ सिंह, आदित्य प्रकाश आर्य समाज, दिनेश चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि बांग्लादेश में हर जिले में यह वीभत्स कुकृत्य होने की सूचना है| कटटरपंथियों के निशाने पर शमशान तक नही बचे है| मंदिरो को भारी क्षति पहुचाई गयी है। निरंतर अंतराल पर होने वाले ऐसे दंगों का ही परिणाम है कि बांग्लादेश में हिन्दू जो विभाजन के समय 32 प्रतिशत से घटकर अब 8 प्रतिशत से भी कम बचे है और वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार है। देश की सरकार से हर सम्भव कदम उठाने की मांग करती है। वर्तमान में बांग्लादेश राजनैतिक षड़यत्र और अराजकता की दौर से गुजर रहा है जिसमें वहां  रहने वाले निर्दोष अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर धर्मान्धता के कारण अमानवीय अत्याचार किये जा रहे है। हिन्दुओ की सम्पत्ति को लूटा जा रहा है हिन्दू महिलाओं पर घिनौने अत्याचार किये जा रहे है। उनकी आबरू लूटकर हत्या की जा रही है, जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऐसे में हिन्दू वहां एक लावारिश की भांति अपने जीवन भीख जिहादियो से मांग रहे है। ऐसी परिस्थति में भारत का हिन्दू समाज मुख दर्शक नहीं बना रहेगा। अपने हिन्दू भाई बहनो की सुरक्षा के लिए हम सभी हर सम्भव प्रयास करेगे। बाग्ंलादेश की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए वहा शान्ति एवं सौहार्द कायम रखने हेतु भारत सरकार से अपेक्षा है। हिन्दु हमेशा शान्ति प्रिय रहा है| आज गाजीपुर के सभी हिन्दु संगठन जिसमें व्यापारिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनो द्वारा बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओ प्रति अत्याचार के विरूद्ध जनाक्रोष मार्च किया गया। आज हम भारत सरकार को इस ज्ञापन के माध्यम से निवेदन करते है कि बांग्लादेश के साथ साथ विश्व के हिन्दू समुदाय की सहायता व सुरक्षा के लिए जो आवश्यक कदम अतिशीघ्र उठाकर प्रभावी कार्यवाही करे। जिससे हिन्दू समाज की सुरक्षा हो सके। महामहिम राष्ट्रपति भारत गणराज्य को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर प्रखर उत्तम को सरयू पाण्डेय पार्क में दिया गया। इस अभियान के समर्थन में सिविल बार एसोसिएशन, अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी, श्री हंसयोग आश्रम, प्रजापति ब्रम्हकुमारी आश्रम, श्रीगुरूसंत आश्रम गुरूबाग, आर्यसमाज समिति, गायत्री शक्तिपीठ, बालदुर्गा पूजा समिति नबाबगंज, मानस समिति हनुमान मंदिर कोट, नव युवक दुर्गा पूजा समिति मारकीनगंज, संयुक्त दुर्गा पूजासमिति चीतनाथ, जिला उद्योग व्यापार मण्डल, बजरंग दल, हिन्दु जागरण मंच, भारत विकास परिषद, अधिवक्ता परिषद, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, वनवासी कल्याण आश्रम समिति रहा। रैली ओवरब्रिज विश्वेश्वरगंज होते हुए महुआबाग, ओपियम फैक्ट्री होते हुए कचहरी स्थित सरयू पाण्डेय पार्क मे आकर सभा का रूप लिया।


चन्दौली में हिन्दू समाज ने किया आक्रोश प्रदर्शन, कहा – बांग्लादेश में हिन्दुओं-अल्पसंख्यकों की पीड़ा असहनीय  

चंदौली : बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे है अत्याचार के विरोध में चंदौली में हिन्दू समाज के साथ विभिन्न हिंदू संगठनों ने हिंदू रक्षा समिति द्वारा आयोजित रैली में सहभाग किया| वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं एवं अन्य अल्पसंख्यक समाज के साथ हो रहे अत्याचार और हिंसा को भारत का हिन्दू समाज सहन नही करेगा| बांग्लादेश में हिन्दू एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का घर जलाया जा रहा है, उनके साथ लूट, हत्या, महिलाओं-बच्चियों के साथ बलात्कार, उनकी हत्याएं की जा रही है| वहां पर अल्पसंख्यक समाज की पीड़ा असहनीय है| वंदेमातरम और भारत माता की जय के उद्घोष के साथ रैली चंदौली की यूनियन बैंक शाखा के सामने से प्रारंभ होकर कचहरी होते हुए लगभग 6 किलोमीटर यात्रा करके वापस उसी स्थान पर समाप्त हुई| रैली में चंदौली जनपद के विभिन्न हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सम्मिलित थे| बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में हाथों में तख्तियां एवं तिरंगा ध्वज लेकर लोगों ने रैली में सहभाग किया| रैली के पश्चात हिंदू रक्षा समिति के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा गया| अंत में समस्त हिंदू समाज द्वारा विश्व में अलग-अलग स्थानों पर रह रहे सभी हिंदू परिवारों की सुरक्षित रहने की भी कामना की गई| रैली में प्रमुख रूप से गुलाब सिंह, रामकिशोर पोद्दार, आशुतोष, डॉ अनिल यादव, शंभू गुप्ता, विकास चौधरी, संतोष उपाध्याय, भुवनेश्वर, रोहित जायसवाल, कृष्णा इत्यादि नागरिक उपस्थित थे|

बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे संयुक्त राष्ट्र संघ – स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती जी

 

वाराणसी. हिन्दू रक्षा समिति वाराणसी ने बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा व अत्याचार के विरुद्ध आक्रोश रैली का आयोजन किया. आक्रोश रैली में संयुक्त राष्ट्र संघ से बांग्लादेश के हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया.

रैली के प्रारम्भ में आयोजित जनसभा में अखिल भारतीय सन्त समिति एवं गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती जी ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलटने के बाद बांग्लादेश के कट्टरपंथी अराजक तत्वों ने हिन्दू, सिक्ख एवं अन्य अल्पसंख्यक धार्मिक स्थानों, दुकानों, घरों को नष्ट किया है. हिन्दू महिलाओं का अपहरण किया जा रहा है. हिन्दू बालिकाओं पर अत्याचार जारी है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार हो रहा है, उसे रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व मानवाधिकार आयोग और अल्पसंख्यक आयोग को तत्काल कार्रवाई करनि चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोस में हिन्दुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर भारत चुप नहीं रह सकता क्योंकि भारत की प्रतिबद्धता है कि दुनिया में शान्ति कायम रहे. पाकिस्तान और कुछ विदेशी ताकतें बांग्लादेश के माध्यम से भारत में भी अशान्ति फैलाने के लिए आतंकवादियों की घुसपैठ करा सकती है. हमें इसके प्रति भी सतर्क रहना होगा.

विश्व हिन्दू परिषद ने मांग की कि भारत सरकार बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. जम्बूद्वीप बौद्ध मठ के प्रभारी सुमेधा थेरो ने कहा कि बांग्लादेश राजनीतिक षड्यंत्र और अराजकता के दौर से गुजर रहा है और वहां के हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन सम्प्रदाय के नागरिकों पर अत्याचार किया जा रहा है. हम इसकी निंदा करते हैं. गुरुद्वारा गुरुबाग के मुख्य ग्रन्थी सरदार रंजीत सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में पाकिस्तान की गुप्तचर एजेन्सी आईएसआई के इशारे पर वहां के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और अन्य अधिकारियों से जबरन त्यागपत्र लिया जा रहा है. हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिक्ख आदि अल्पसंख्यकों से उनकी सरकारी नौकरियों से जबरन त्यागपत्र लिया जा रहा है. यह अत्याचार रूकना चाहिए. सन्त रविदास मन्दिर के महन्त भारत भूषण जी ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए हम भारत सरकार से यह अपेक्षा करते हैं कि कूटनीतिक, राजनीतिक और संयुक्त राष्ट्र संघ पर दबाव बढ़ाए. यदि आवश्यक हो तो बांग्लादेश में शान्ति स्थापना के लिए सैन्य हस्तक्षेप भी करे. भारत का पूरा हिन्दू सनातन समाज भारत सरकार के साथ खड़ा है.

वाराणसी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के अध्यक्ष ने भी संबोधित किया. वाराणसी व्यापार मण्डल के महामंत्री, वाराणसी उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष, काशी व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के महामंत्री, उत्तर प्रदेश स्वर्णकार संघ, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल, इस्कॉन मन्दिर के प्रतिनिधियों ने भी जनसभा को संबोधित किया तथा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग की.

जनसभा के अन्त में प्रस्ताव पारित किया गया कि आज धर्म एवं विद्या की राजधानी काशी में हिन्दू सिक्ख, बौद्ध, जैन सभी सनातनियों के संयुक्त प्रयास, वाराणसी के सभी व्यापारिक संगठन, समाज की सुरक्षा में सतर्क रहने वाले धार्मिक संगठन, महामहिम राष्ट्रपति एवं भारत सरकार से निवेदन करते हैं कि बांग्लादेश के साथ-साथ विश्व के उन सभी देशों में जहां हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध एवं जैन अल्पसंख्यक हैं, उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए. इसके लिए हिन्दू रक्षा समिति काशी और काशी के सामाजिक, व्यापारिक संगठन भारत सरकार के ऋणी होंगे.

इस आशय का ज्ञापन सौ से अधिक धार्मिक, सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से राष्ट्रपति को भेजा गया.

सभा के उपरान्त हिन्दू रक्षा समिति के नेतृत्व में विशाल हिन्दू आक्रोश रैली वाराणसी नगर निगम मुख्यालय से भारत सेवाश्रम संघ तिराहा, काशी विद्यापीठ, फूलमण्डी, मलदहिया चौराहा, सिगरा थाना, तिलक मूर्ति से चन्द्रिका नगर होते हुए नगर निगम मुख्यालय पर समाप्त हुई.






जौनपुर में गरजा हिन्दू समाज, बांग्लादेश में बंद हो हिन्दुओं पर हिंसा-अत्याचार

 

जौनपुर। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हिंसा और अत्याचार के विरोध में हिन्दू रक्षा समिति के तत्वावधान में हिन्दू समाज के लोगों ने आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में उपस्थित लोगों आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बांग्लादेश के अल्संख्यकों में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन पर होने वाला हिंसा बंद होना चाहिए। बांग्लादेश के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन सम्प्रदाय के नागरिकों पर अत्याचार किया जा रहा है और हत्याएं जारी हैं।  हम इसकी निंदा करते हैं। सभी ने अपने वक्तव्य में बांग्लादेश में हो रहे अत्यन्त पीड़ायुक्त नरसंहार का विरोध किया और सो रहे हिन्दुओं को एकजुट होकर जागृत होने का संदेश दिया। सनातन संस्कृति, हिन्दू समाज, मठों इस सबकी रक्षा करने का आह्वान किया। 

    वन्देमातरम् और भारत माता की जय के उद्घोष के साथ यह प्रदर्शन यात्रा गांधी तिराहे से प्रारम्भ होकर कलेक्ट्रेट, शेषपुर, जोगियापुर, ओलन्दगंज, शाही पुल तथा कोतवाली से होते हुए सद्भावना पुल स्थित श्री नवदुर्गा शिव मन्दिर पहुंचकर समाप्त हुई। यात्रा के प्रारम्भ में हिन्दू समाज के डा. सन्दीप पाण्डेय, विमल सिंह, सुरेन्द्र सिंह, सन्तोष त्रिपाठी ने इस अत्याचार की घोर निंदा की। रैली में अजीत जी, रजत जी, रामचन्द्र जी, पुष्पराज सिंह, सीमा द्विवेदी, विधु प्रकाश शुक्ल, फलाहारी महाराज, सुशील मिश्र समेत हिन्दू महासभा व अनेक हिन्दू संगठनों के साथ व्यापार मण्डल, श्री दुर्गा पूजा महासमिति, जेसीआई, रोटरी, लायन्स सहित कई संगठनों के लोग उपस्थित रहे।

Wednesday, August 21, 2024

रक्षाबंधन के अवसर पर कृति, मन, आचरण, सनातन दर्शन के अनुकूल बनाने का संकल्प लें – डॉ. कृष्णगोपाल जी

काशी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी दक्षिण भाग द्वारा ज्ञानदीप अकादमी में आयोजित रक्षाबंधन उत्सव में सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि श्रावण पूर्णिमा को हिन्दू समाज की रक्षा का भाव लेकर हम सभी एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधते हैं. रक्षा सूत्र बांधते समय हमारी शिक्षा, हमारी डिग्री, हमारे एकत्व में बाधा नहीं आने देती है. भाषा, जाति, वर्ण, आर्थिक स्तर शैक्षणिक स्तर, सब गौण हो जाता है, केवल “हम एक हैं” यह भाव शेष रहता है. रक्षाबंधन के दिन स्वयंसेवक अपने मन, चिंतन एवं कृति से धर्म पालन का संकल्प लेता है.

उन्होंने कहा कि जब-जब भारत की शक्ति जागृत हुई है, तब तब ग्रीक, शक, हुण को हमने पराजित किया. जब भी देश विखंडित हुआ है, मुट्ठी भर चने लेकर आने वाले लोग भी यहां शासन करने लगे. हमें रक्षाबंधन के पर्व पर संकल्प लेना होगा कि हमारी कृति, मन, आचरण, व्यवहार सनातन दर्शन के अनुकूल होना चाहिए. संविधान ने भारत के लोगों को समरसता का अधिकार दिया है, परंतु संविधान के आधार पर ही नहीं अपितु हमारे मन में भी समरसता का भाव स्पष्ट दिखना चाहिए.

हिन्दू समाज का विगत 1000 वर्षों का संघर्ष हमें बताता है कि यदि हम संगठित नहीं रहेंगे तो जिस प्रकार पूर्वकाल से खंडित होते हमारे देश का स्वरूप हमें दिख रहा है, यदि भविष्य में लोग अपने देश और संस्कृति के बारे में सजग नहीं होंगे एवं अपनी जीवन शैली में शामिल नहीं करेंगे तो यह खंडित होता स्वरूप कहां तक जाएगा?

सह सरकार्यवाह ने कहा कि हमने नक्षत्र की गति नापी, नाड़ी देखकर रोग का निदान किया. मंदिर रचना, लौह स्तंभ रचना, व्याकरण, दर्शन, न्याय, गणित, बीजगणित, खगोल विज्ञान, बड़े जहाज द्वारा व्यापार, नालंदा-तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय यह हमारे गौरव के प्रतीक थे. प्राचीन भारत आध्यात्मिक एवं आर्थिक दोनों रूपों से विश्व का सिरमौर था. किंतु मात्र एकता के अभाव में हमें विगत एक हजार वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा.

1905 में जब बंग भंग आंदोलन प्रारंभ हुआ, तब कवि रवींद्र नाथ टैगोर एवं उनके साथियों ने रक्षाबंधन के दिन बंगाल के लोगों को गंगा किनारे बुलाकर नदी में स्नान करवाया एवं वहां से सभी लोग जुलूस निकालते हुए एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधते हुए आगे बढ़े. यह आंदोलन इतना सफल रहा कि 1911 आते-आते बंग भंग का निर्णय समाप्त कर दिया गया. इस आंदोलन के प्रभाव से कोलकाता से राजधानी दिल्ली कर दी गई.

काशी की जीवन शैली में समरसता का भाव निहित

काशी का वर्णन करते हुए कहा कि यहां भारत एवं उसकी विभिन्न प्राचीन गौरवमयी संस्कृतियों का दर्शन होता है. यहां तीर्थंकरों, शंकराचार्य, महात्मा बुद्ध, संत रविदास एवं संत कबीर जैसे मुनियों के विचारों का भी दर्शन होता है. यहां पर सभी ने अपने विचारों का तत्व बोध कराया. विभिन्न प्रकार की उपासना पद्धति को काशी ने विशेष स्थान दिया है. इसी प्रकार संघ भी हिन्दू समाज में समन्वय को स्थापित करने का उद्देश्य लेकर कार्य कर रहा है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित विश्वनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर जो श्लोक वर्णित है, उसमें महामना के विचारों को स्पष्ट देखा जा सकता है – विश्वनाथ जी की कृपा प्रसाद से काशी में भागीरथी के किनारे पर एक महान विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है जो हिन्दू नाम के मान वर्धन करने के लिए हो रही है. संघ भी इस हिन्दू मान वर्धन हेतु कार्य कर रहा है.

जब तक हम सभी अपने आसपास के वंचित लोगों को अपने परिवार में बैठा कर उन्हें पवित्र हिन्दू समाज का अंग नहीं मानेंगे, तब तक समरसता केवल उद्बोधन में ही रहेगी.

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. वांगचुक दोरजी नेगी (कुलपति, तिब्बती अध्ययन उच्च संस्थान सारनाथ) ने कहा कि माता-पिता का दायित्व है कि बच्चों में संस्कार दें. बालकों में बौद्धिकता के विकास हेतु उन्हें किसी प्रकार के दबाव में नहीं डालना चाहिए. सेवा भाव के समर्पण को अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए.

कार्यक्रम के प्रारंभ में काशी विभाग के विभाग संघचालक प्रो. जेपी लाल एवं काशी दक्षिण भाग के संघचालक अरुण कुमार सहित मंचस्थ अतिथियों ने भगवा ध्वज को रक्षा सूत्र बांधा.

हनुमान प्रसाद पोद्दार महाविद्यालय से संबंधित पूर्वोत्तर भारत के बालक एवं बालिकाएं पारंपरिक वेशभूषा में आकर्षण का केंद्र रहे. कार्यक्रम का संचालन भाग कार्यवाह रामकुमार जी ने किया l

 इस अवसर पर काशी प्रांत के प्रान्त प्रचारक रमेश जी, प्रांत कुटुंब संयोजक शुकदेव त्रिपाठी, काशी प्रांत अभिलेखागार प्रमुख सत्य प्रकाश पाल, विभाग कार्यवाह राजेश, विभाग प्रचारक नितिन, भाग प्रचारक आदर्श सहित बड़ी संख्या में समाज के बंधु, माताएं एवं भगिनी उपस्थित रही l






समाज के सामर्थ्यवान और सम्पन्न वर्ग द्वारा निर्बल वर्ग की रक्षा ही रक्षाबन्धन का उद्देश्य – भय्याजी जोशी

काशी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी ने कहा कि व्यक्ति के मध्य स्नेह का सूत्र ऐसा हो कि सुख में, आनन्द में, समस्याओं में लोग एक दूसरे के साथ खड़े रहें. स्नेह के कारण किसी प्रकार के संघर्ष की गुंजाइश नहीं होती. रक्षाबन्धन वास्तव में स्नेह बन्धन है. समाज के सामर्थ्यवान और सम्पन्न वर्ग द्वारा निर्बल वर्ग की रक्षा करना ही रक्षाबन्धन का उद्देश्य है. भय्याजी जोशी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी मध्य भाग द्वारा सरोजा पैलेस में आयोजित रक्षाबन्धन उत्सव में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि जिस समाज के मन में दूसरों के प्रति स्नेह का भाव है, वही समाज स्थायी रहता है. श्रीमद्भगवत् गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि किसी के प्रति विद्वेष का भाव न हो, उसे ही मनुष्य कहते हैं. मित्रता, करुणा, वेदना-सम्वेदना, मनुष्यता के आवश्यक गुण हैं. द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरु जी ने कहा है कि अपने समाज के प्रति, विश्व के प्रति, प्रकृति के प्रति आत्मीय स्नेह यह अपने कार्य का आधार है. जिस चिंतन में सबको साथ लेकर चलने का विश्वास है, विश्व पर उसी चिंतन का प्रभुत्व रहेगा. ऐसे चिंतन को मानने वाला एक मात्र हिन्दू समाज ही है. जब कोई कहता है कि भारत विश्व गुरु बनेगा तो इसका अर्थ कदापि नहीं है कि बाकी राष्ट्र भारत के अधीन रहेंगे, बल्कि सभी राष्ट्र भारत का अनुकरण करेंगे. भारत से जो भी सन्त-महात्मा, दुनिया भर में गए वह शस्त्र लेकर नहीं, अपितु शास्त्र लेकर गए. भारत सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का चिंतन करता है.

उन्होंने वर्तमान समाज में व्याप्त चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान जीवन शैली में विकृति आ गयी है, इस देश में अपने आप को राष्ट्र की प्राचीन परम्परा का वाहक मानने वाला नागरिक चाहिए. प्रमाणिकता, एकता, न्याय, परस्पर सहयोग यह जीवन मूल्य हैं. कोई भी समाज, शत्-प्रतिशत स्वावलम्बी अथवा शत्-प्रतिशत परावलम्बी नहीं हो सकता. भारतीय मूल्य हमें परस्पर स्नेह बन्धन में बंधना सिखाते हैं.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सन्त निरंकारी मिशन के जोनल इंचार्ज सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि संत निरंकारी मिशन का संदेश पूरी दुनिया को एकता के सूत्र में बांधने का है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी एकता के भाव को लेकर आगे बढ़ रहा है. कार्यक्रम के प्रारम्भ में दीप प्रज्ज्वलन के बाद भगवा ध्वज को मंचस्थ अतिथियों ने रक्षासूत्र बांधा. कार्यक्रम के अंत में उपस्थित नागरिक बन्धु, माता-भगिनी ने एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का वचन दिया. 

इस अवसर पर मुख्य रूप से काशी मध्य भाग के मा0भाग संघचालक डा0 हेमन्त गुप्त, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य रामाशीष जी, पू0उ0प्र0क्षेत्र के क्षेत्र ग्राम विकास संयोजक चन्द्रमोहन जी, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0बिहारी लाल शर्मा, काशी प्रान्त प्रचारक रमेश जी, सह प्रान्त कार्यवाह राकेश जी, काशी विभाग प्रचारक नितिन जी, काशी मध्य भाग प्रचारक बृजेश जी सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक एवं मातृशक्ति उपस्थित रहीं।




Thursday, August 15, 2024

आरएसएस कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर मनाया स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस राष्ट्र की संस्कृति सभ्यता और धर्म की रक्षा का संकल्प दिवस - रामाशीष जी

काशी। काशी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भवनों एवं कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी कार्यालयों पर स्वयंसेवक, कार्यकर्ताओं ने ध्वज फहराकर राष्ट्रगान किया। वंदेमातरम एवं भारत माता के जयघोष के साथ राष्टधर्म निभाने का संकल्प लिया।

लंका के माधवकुंज भवन में विश्व संवाद केन्द्र काशी के कार्यालय पर प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य रामाशीष जी, पू00प्र0 क्षेत्र के क्षेत्र पर्यावरण संयोजक अजय जी, काशी विभाग प्रचारक नितिन जी ने संयुक्त रूप से ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर रामाशीष जी ने कहा कि 15 अगस्त 1947 में प्राप्त केवल स्वतंत्रता दिवस ही नही है बल्कि एक अरब चालीस करोड़ आबादी का संकल्प दिवस भी है। संकल्प इस बात का कि राष्ट्र की संस्कृति सभ्यता और धर्म की रक्षा होती रहे। आज के दिन भारत की अखंडता खंडित हुई थी। उन्होंने कहा कि जगह-जगह पाकिस्तान के झंडे फहराए जाने का दूरभाग्यपूर्ण समाचार प्राप्त होता रहता है। ऐसी शक्तियों को राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में रखकर कठोर दण्ड देने की सिद्धता दिखानी पड़ेगी। इनके समर्थकों को पहचानकर वोट के अधिकार से वंचित करने का अभियान लेना होगा। पाकिस्तान जिंदाबाद या पाकिस्तान का झंडा लहराना यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि देशद्रोही गतिविधि के अंदर आता है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार, मंदिर विध्वंश की घटना हमारी आंखें खोलने के लिए पर्याप्त हैं। संविधान-संविधान चिल्लाने वाले धूर्त न केवल हिंदू समाज बल्कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की आत्मा को दुख पहुंचाने वाले हैं। कॉमन सिविल कोड समय की मांग है। इस मांग को सरकार जितना शीघ्र मानकर कॉमन सिविल कोड लागू कर राष्ट्र की भावना का सम्मान करेगी, उतना ही राष्ट्र के लिए अच्छा होगा। इस अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र काशी के डा0अजय परमार, केन्द्र प्रमुख राघवेन्द्र जी, काशी दक्षिण भाग प्रचारक आदर्श जी समेत अन्य स्वयंसेवक, कार्यकर्ता उपस्थित रहें। सिगरा स्थित प्रान्तीय कार्यालय पर अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य गुणवन्त जी कोठारी ने ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण में वरिष्ठ प्रचारक अमरनाथ जी, गौरीशंकर जी उपस्थित रहे। गोदौलिया स्थित घटाटे राम मन्दिर कार्यालय पर पू00प्र0क्षेत्र व्यवस्था प्रमुख जय प्रकाश जी ने एवं माधव सेवा प्रकल्प लोहता पर पू00प्र0क्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर जी ने ध्वज फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस अवसर पर वरिष्ठ कार्यकर्ता सत्यनारायण पीपलवा जी, वरिष्ठ प्रचारक श्यामजी, ज्ञानेंद्र जी, प्रान्त सह सेवा प्रमुख पवन जी समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक स्वतंत्रता दिवस मनाया।




Friday, August 9, 2024

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह द्वारा बांग्लादेश की परिस्थिति पर वक्तव्य –

 
विगत कुछ दिनों से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के आंदोलन के दौरान हिन्दू, बौद्ध तथा वहाँ के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रही हिंसा की घटनाओं पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गंभीर चिंता व्यक्त करता है।

बांग्लादेश में हिन्दू तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लक्षित हत्या, लूटपाट, आगज़नी, महिलाओं के साथ जघन्य अपराध तथा मंदिर जैसे श्रद्धा स्थानों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय है, तथा  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसकी घोर निंदा करता है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपेक्षा है कि वह तुरंत सख़्ती से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाए और पीड़ितों के जान, माल व मान के रक्षा की समुचित व्यवस्था करे।

इस गंभीर समय में विश्व समुदाय तथा भारत के सभी राजनीतिक दलों से भी अनुरोध है कि बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार बने हिन्दू, बौद्ध इत्यादि समुदायों के साथ एकजुट होकर खड़े हों।

बांग्लादेश की परिस्थिति में एक पड़ोसी मित्र देश के नाते सुयोग्य भूमिका निभाने का प्रयास कर रही भारत सरकार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आग्रह करता है कि बांग्लादेश में हिन्दू, बौद्ध आदि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु हरसंभव प्रयास करे।

दत्तात्रेय होसबाले

सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

(9 अगस्त 2024, दिल्ली)