भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू (आर) प्रगननंदा ने रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स
मास्टर्स के आठवें दौर में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हरा दिया.
यह ऑनलाइन टूर्नामेंट था. प्रगननंदा ने सोमवार की सुबह खेली गयी बाजी में काले
मोहरों से खेलते हुए कार्लसन को 39 चालों में हराया.
प्रगननंदा मैग्नस कार्लसन
को हराने वाले तीसरे भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं. उनसे पहले यह कमाल केवल विश्वनाथन आनंद और पी हरिकृष्णा ही कर पाए थे. कार्लसन पर विजय के साथ ही 16
साल की उम्र के भारतीय ग्रैंडमास्टर के प्रतियोगिता में अब आठ अंक
हो गए हैं और वह आठवें दौर के बाद संयुक्त रूप से 12वें
स्थान पर हैं.
पिछले दौर की बाजियों में
प्रगननंदा अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए थे. इस वजह से कार्लसन पर उनकी यह जीत
उत्साहित करने वाली है. इससे पहले उन्होंने टूर्नामेंट में केवल लेव आरोनियन के खिलाफ जीत दर्ज की थी. इसके अलावा प्रगननंदा ने
दो बाजियां ड्रॉ खेलीं, जबकि चार बाजियों में उन्हें हार का
सामना करना पड़ा था. उन्होंने अनीश गिरी और क्वांग लीम के खिलाफ बाजियां ड्रॉ
करायी थी, जबकि एरिक हैनसेन, डिंग
लिरेन, जान क्रिज़स्टोफ डूडा और शखरियार मामेदयारोव से
उन्हें हार झेलनी पड़ी थी.
कुछ महीने पहले नार्वे के
कार्लसन से विश्व चैंपियनशिप का मुकाबला हारने वाले रूस के इयान नेपोमनियाचची 19 अंक के साथ शीर्ष पर हैं. उनके बाद डिंग
लिरेन और हैनसेन (दोनों 15 अंक) का नंबर आता है. एयरथिंग्स
मास्टर्स में 16 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. इसमें खिलाड़ी को
जीत पर तीन अंक और ड्रॉ पर एक अंक मिलता है. प्रारंभिक चरण में अभी सात दौर की
बाजियां खेली जानी बाकी हैं.
ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू
प्रगननंदा तमिलनाडु के रहने वाले हैं. उन्होंने सात साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ
चैस चैंपियनशिप जीती थी. फिर नौ साल की उम्र में अंडर-10 टाइटल अपने नाम किया था. वे
ग्रैंडमास्टर बनने वाले दुनिया के पांचवें सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी हैं.
उन्हें साल 2018 में ग्रैंडमास्टर का दर्जा मिला था. तब उनकी
उम्र 12 साल 10 महीने और 13 दिन थी.
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