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Saturday, February 26, 2022

१२ दिवसीय निःशुल्क नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

काशी। कला एवं साहित्य समर्पित संस्था संस्कार भारती, काशी प्रांत और सांस्कृतिक संस्था इंटरनेशनल परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल के संयुक्त संयोजन में बारह दिवसीय नि:शुल्क नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन समारोह संपन्न हुआ। सामनेघाट स्थित  सरस्वती शिशु मंदिर के सभागार में आयोजित कार्यशाला में प्रशिक्षकों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में काशी और आसपास के वीरों की कालजयी जीवन घटनाओं को रेखांकित किया।

कार्यशाला में  नौटंकी की सुविख्यात प्राचीन विधा का प्रशिक्षण प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षुओं को दिया गया। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कार भारती के प्रदेश अध्यक्ष सनातन दुबे ने कहा कि लोक विधाएं व्यक्ति को जीवंत बनाए रखती हैं और नौटंकी तो लोग जागरण की अप्रतिम मशाल है। अध्यक्षता करते हुए संस्कार भारती काशी प्रांत के अध्यक्ष गणेश प्रसाद अवस्थी ने कहा कि संसार एक रंगमंच है जहां व्यक्ति अपने किरदार का जब प्रमाणिकता के साथ निर्वाह करता है तब वह लोकप्रिय एवं इतिहास का व्यक्ति बन जाता है। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित आईपैफ के निर्देशक श्याम पांडेय ने कहा कि हमें भारतवर्ष की प्रतिभाओं को समय-समय पर कार्यशालाओं के माध्यम से अपनी लोक विधाओं से जोड़ने में सहयोग करना चाहिए।

कार्यशाला प्रशिक्षकों में डॉ. अष्टभुजा मिश्रा, पटकथा लेखक सुनील किशोर द्विवेदी, रंगकर्मी सुधीर पांडेय एवं अभिनेता बृजमोहन यादव ने नाटक "गदर बनारस" के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीर गाथाओं का बड़ी सहजता से उल्लेख किया।

मंचन के पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया। संस्कार भारती संस्कार भारती के देवी गीत के पश्चात सरस्वती वंदना एवं कथक नृत्यांजलि प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम गाकर किया गया|

इस दौरान प्रमोद पाठक, दिनेश श्रीवास्तव, डॉ वेद प्रकाश शर्मा, दयाराम यादव, सौरभ सिंह, ज्योति भट्टाचार्य एवं अभय सिंह समेत बड़ी संख्या में कला प्रेमी एवं संभ्रांत नागरिक उपस्थित थे।  धन्यवाद ज्ञापन सुधीर पांडेय एवं संचालन सुनील किशोर द्विवेदी ने किया|

1 comment:

Unknown said...

कलाकारों का नाम भी होना चाहिए था। इससे कलाकारों के लिए फ़ायदा हो जाता है।
धन्यवाद।