काशी| भगवान शिव का अतिप्रिय क्षेत्र काशी मंगलवार को बम बम बोल रहा था| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाशिवरात्रि के महापर्व को अखिल भारतीय घोष दिवस के रूप में मनाता है| प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी दक्षिण की ओर से "स्वरान्जलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया| अस्सी घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने नाद के अधिष्ठाता भगवान शिव को घोष रूप में स्वरान्जलि प्रस्तुत की|
घोष कार्य विभाग की ओर से 60 की संख्या में पूर्ण गणवेश में उपस्थित स्वयंसेवको द्वारा विभिन्न वाद्य यंत्रो के द्वारा प्रस्तुति दी गयी| कार्यक्रम का प्रारम्भ बंशी पर भूप रचना का वादन हुआ| इसके बाद क्रमशः साइड ड्रम (आनक), बिगुल (शंख), ट्रम्पेट (तूर्य) इत्यादि वाद्य द्वारा शिवरंजनी, किरण, सोनभद्र, श्रीराम रचनाओं का वादन हुआ| इस दौरान अस्सी घाट के वातावरण में देशभक्ति एवं वीर रस घुल गया था| पूरा घाट भारत माता की जय के नारों से गूंज रहा था|
इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह, पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र संयोजक रामाशीष जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में घोष के उपादेयता और महत्त्व पर प्रकाश डाला| कार्यक्रम में अरविन्द, डॉ शुकदेव, अरुण, विभाग प्रचारक कृष्णचन्द्र, रामकुमारजी, वि.सं.केन्द्र काशी प्रमुख राघवेन्द्र, विपिन समेत प्रान्त एवं विभाग के अनेक अधिकारियों के साथ स्वयंसेवक उपस्थित थे|
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