सोनभद्र| जिस प्रकार प्रभु श्रीरामचंद्र जी ने 14 वर्ष के वनवास के दौरान सारे समाज को संगठित किया और अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त की, ऐसे ही हमें भी इस समाज को पुनः अपने परम वैभव पर पहुंचने के लिए संगठित करना है। उक्त विचार स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह सोनभद्र नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सोनभद्र के मा.जिला संघचालक हर्ष अग्रवाल ने व्यक्त किया|
सोनभद्र जिला प्रचार प्रमुख के अनुसार मा.जिला संघचालक ने आगे कहा कि राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के छ उत्सव है जिसमें एक प्रमुख उत्सव विजयदशमी उत्सव है| संघ के
अपने प्रत्येक उत्सव के एक अपना उद्देश्य है। संगठन उद्देश्य विहीन कोई कार्य नहीं
करता। हिंदू साम्राज्य दिवस संघ का पहला उत्सव है जिसे मनाकर हम समाज को एक संदेश
देते हैं कि कितनी विषम परिस्थितियों में भी हिंदू साम्राज्य की स्थापना एक
व्यक्ति द्वारा की गई। उनका साहस उनका मनोबल उसको याद कर कर हम समाज में उत्साह
पैदा करते हैं। इसी प्रकार आज का पर्व समरसता के रूप में भी मनाया जाता है| समाज
के टूटे हुए लोगों को इकट्ठा करने एवं दबे, कुचले समाज को
संगठित करने के लिए जिस शक्ति की आवश्यकता
होती है उस शक्ति को
प्राप्त करने के उद्देश्य से आज के दिन हम विजयदशमी का उत्सव मनाते हैं। उत्सव
मनाने का एकमात्र उद्देश्य इतना ही है कि उत्सव से, उनकी कहानियों
से, उनके कार्यों से हम प्रेरणा लें व उनका अनुसरण
करते हुए हम समाज को परम वैभव पर ले जाने का प्रयास करें। प्रारम्भ में मा.जिला
संघचालक हर्ष अग्रवाल एवं सह जिला कार्यवाह पंकज पाण्डेय की उपस्थिति में
स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन किया गया।
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