प्रतापगढ़| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रतापगढ़ के पट्टी खंड द्वारा स्नातकोत्तर
महाविद्यालय,पट्टी में बाबा साहब
डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर डॉ अंबेडकर और समरसता विषय पर एक
संगोष्ठी का आयोजन किया गया| संगोष्ठी में मुख्य
वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह डॉ राकेश
तिवारी ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर संपूर्ण समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की
विसंगतियों को दूर करने के लिए आजीवन संघर्ष किये और समरसता को स्थापित करने की
दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया| उन्होंने राष्ट्र के
संविधान का निर्माण करके राष्ट्रवाद एकता और अखंडता को स्थापित किया| उन्होंने समय-समय पर अपने व्यक्तित्व और
कृतित्व के माध्यम से समाज को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया| डॉ. राकेश ने कहा कि डॉ अम्बेडकर का स्पष्ट
अभिमत था कि भारत पूर्व में अपने ही लोगो के विश्वासघात के कारण पराधीन रहा| उन्होंने संविधान सभा के अपने भाषण में स्वाधीन
भारत को सशक्त बनाये रखने हेतु सामाजिक समरसता, बन्धुत्व, एकता और आपसी सहकार
का भाव सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया| विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर आर. डी. चौधरी ने कहा कि डॉ भीमराव
अंबेडकर भारत के सच्चे शिल्पी थे| उन्होंने राष्ट्रवाद
की भावना के आधार पर समाज में बंधुत्व का भाव स्थापित करने का कार्य किया है| वो महामानव थे| कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य
डॉ. अखिलेश पांडेय ने डॉ भीमराव अंबेडकर के समग्र व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश
डाला और कहा कि महापुरुषों के जीवन से संबंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में आते
हैं| इसलिए इनका वास्तविक जीवन चरित्र जानना चाहिए|
संगोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ भीमराव अंबेडकर एवं भारत माता की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया| कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यवाह डॉ. सौरभ पांडेय ने किया| कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. के.पी. सिंह, डॉ. आर.बी. अग्रहरि, डॉ. मिथिलेश त्रिपाठी, डॉ. अनिल यादव, नागेंद्र जी, विनय तिवारी, रामेन्द्र जी समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे|
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