चंदौली| बाबा साहब के नाम में ही राम था इनका पूर्ण नाम डॉक्टर भीमराव राम आंबेडकर है, जिसे हमारे समाज की समरसता को प्रभावित करने की दृष्टि से षड्यंत्रपूर्वक हटाया गया| उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चन्दौली जिला द्वारा पर आयोजित डॉ. भीमराव राम अंबेडकर जयंती (समरसता दिवस) विषयक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रान्त प्रचारक श्रीमान रमेश जी ने व्यक्त किया|
पोदार
भवन कैलाशपुरी दीनदयालनगर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आगे
कहा कि समकालीन समाज में व्याप्त विष को पीकर बाबा साहब ने मानवता को अमृत प्रदान
किया। भारत को विश्व गुरु बनाना है तो सर्वप्रथम समाज में व्याप्त कुरीतियों को
मिटाना होगा। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर श्रेष्ठता का निर्धारण नहीं होता
है। बाबा साहब ने अपने जीवन में बौद्ध धर्म स्वीकार किया लेकिन सनातन धर्म को कभी
नहीं छोड़ा। डॉक्टर साहब ने कहा था कि अगर देश सेवा का अवसर मिले तो सर्वस्व न्यौछावर
करके सेवा करना चाहिए।
संगोष्ठी
की अध्यक्षता पूर्व सैन्य अधिकारी बसंत राम जी ने किया। इस अवसर पर गुलाब जी, रामकिशोर पोद्दार जी,
जयप्रकाश जी, जगदीश जी, शंभू जी, भुनेश्वर, रोहित, ऋषि, अखिलेश, राम बाबू समेत बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
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