काशी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी दक्षिण भाग के घोष वादकों द्वारा अखिल भारतीय घोष दिवस के उपलक्ष्य में अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस के मंच पर घोष वादन किया गया। आनक, पणव, बंशी, शंख आदि विभिन्न प्रकार के वाद्यों की सुमधुर ध्वनि से पूरा अस्सी घाट क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। बंशी पर नीरा, भूप, तिलंग, शिवरंजनी एवं श्रीपाद रचना का वादन हुआ। शंख पर किरण, सोनभद्र एवं श्रीराम रचना का वादन हुआ। इस अवसर पर काशी दक्षिण भाग के मा.संघचालक श्री अरुण कुमार ने कहा कि प्राचीन काल में युद्ध में जाने वाले सैनिकों के उत्साहवर्धन हेतु घोष वादन किया जाता था। बाद में विभिन्न देशों के सेना बैण्ड द्वारा घोष के रागों की रचना की गयी। वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोष विभाग द्वारा भी कई भारतीय रागां की रचना की गयी है और यह हर्ष का विषय है कि भारतीय सेना के सभी अंगों द्वारा इन भारतीय रागों को अपने सेना बैण्ड में वादन के लिए प्रयोग किया जाता है।
काशी
दक्षिण भाग के घोष प्रमुख शरद जी ने वादन दल का नेतृत्व किया। कार्यक्रम में विश्व
संवाद केन्द्र काशी के प्रमुख राघवेन्द्र जी, सह विभाग सेवा प्रमुख विनोद जी, भाग प्रचारक
विक्रान्त जी, सम्पर्क कृष्ण मोहन जी सहित बड़ी संख्या में
स्वयंसेवक एवं नागरिक उपस्थित रहे।
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